Israel Iran War : ईरान और इज़रायल के बीच 12 दिनों तक चले खूनी संघर्ष के बाद अचानक शांति की घोषणा हुई। इस अप्रत्याशित विराम के पीछे जिसने सबसे अहम भूमिका निभाई, वह था एक छोटा-सा खाड़ी देश — कतर। धनी, शांत और कूटनीति में माहिर कतर ने एक बार फिर अपनी 'सॉफ्ट पावर' का उपयोग कर वैश्विक मंच पर अपनी विश्वसनीयता का लोहा मनवाया है। जब दुनिया के तमाम बड़े राष्ट्र इस संकट को सुलझाने में चुप्पी साधे थे, तब कतर ने फिर से 'डिप्लोमैटिक फायरफाइटर' की भूमिका निभाई।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले इज़रायल को संघर्ष विराम के लिए मनाया और फिर कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से संपर्क कर ईरान पर दबाव बनाने को कहा। इसके बाद महज़ एक कॉल में शेख ने तेहरान को सीजफायर के लिए मना लिया।
क्यों कतर बनता जा रहा है भरोसेमंद चेहरा?
1. अमेरिका-तालिबान समझौता: दोहा की ऐतिहासिक मेज़बानी
2001 के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में युद्ध शुरू किया, तब दो दशक तक युद्ध चलता रहा। लेकिन जब अमेरिका को बाहर निकलने का रास्ता चाहिए था, तब कतर ने दोहा में तालिबान को राजनीतिक दफ्तर खोलने की अनुमति दी। यहीं बैठकर महीनों तक बातचीत चली और 29 फरवरी 2020 को अमेरिका-तालिबान शांति समझौता हुआ।
2. रूस-यूक्रेन युद्ध में बच्चों की रिहाई
2023 में रूस और यूक्रेन के बीच चले युद्ध के दौरान जब कोई भी तीसरा पक्ष हस्तक्षेप करने को तैयार नहीं था, तब कतर की मध्यस्थता से बंदी बनाए गए 15 से अधिक बच्चों को रिहा कराया गया। यही नहीं, इन बच्चों को सुरक्षा और देखभाल भी कतर ने ही मुहैया कराई।
3. हमास-इज़रायल संघर्ष: कई बार बनी 'बातचीत की पुल'
कतर के लिए इज़रायल और हमास दोनों ही दरवाज़े खुले हैं। 2023 में जब हमास ने 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया, तो कतर ने कुछ बंदियों की रिहाई सुनिश्चित कराई। इससे पहले भी 2011 में गिलाद शालित की रिहाई में कतर ने इज़रायल और हमास के बीच समझौता कराने में मदद की थी।
4. 2008 लेबनान संकट: गृहयुद्ध खत्म कराने वाला 'दोहा समझौता'
जब हिज़्बुल्ला और लेबनानी सरकार के बीच गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए थे, तब कतर ने दोहा समझौते के ज़रिए शांति स्थापित की थी। यह इस बात का प्रमाण था कि कतर सिर्फ अरब देशों में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य-पूर्व में 'संतुलनकारी' भूमिका निभा सकता है।
कतर पर भरोसा क्यों करता है विश्व समुदाय?
तटस्थता और संतुलन का उदाहरण
कतर की सबसे बड़ी ताकत है उसका तटस्थ रुख। उसने शिया और सुन्नी दोनों गुटों से संतुलित संबंध बनाए हैं। साथ ही, अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों और ईरान जैसे पश्चिम-विरोधी राष्ट्रों से भी संवाद की खुली खिड़की रखी है।
सॉफ्ट पावर और रणनीतिक निवेश
कतर की आर्थिक शक्ति—तेल और गैस भंडार—उसे दुनिया की सबसे अमीर अर्थव्यवस्थाओं में शुमार करती है। वह जिस देश में मध्यस्थता करता है, वहाँ अक्सर उसके भारी-भरकम निवेश भी होते हैं। यही निवेश उसकी कूटनीति को प्रभावशाली बनाते हैं।
राजनयिक प्रभाव का प्रसार
कतर ने उन पक्षों से भी रिश्ते बनाए हैं जिनसे अन्य देश कतराते हैं। तालिबान, ईरान, हमास—सभी से उसके सक्रिय संपर्क हैं। यही संपर्क कतर को बातचीत का मंच उपलब्ध कराते हैं, जहाँ अन्य देश केवल बाहरी दर्शक रह जाते हैं। Israel Iran War
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