भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए जर्मनी बना बढ़िया ठिकाना! अमेरिका की नीति पर ली चुटकी

भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए जर्मनी बना बढ़िया ठिकाना! अमेरिका की नीति पर ली चुटकी
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calendar02 Dec 2025 04:56 AM
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अमेरिका की बदलती वीजा नीतियों से परेशान भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए राहत भरी खबर आई है। यूरोपीय देश जर्मनी ने भारत के कुशल युवाओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। H-1B वीजा पर अमेरिका द्वारा भारी शुल्क लगाने के फैसले पर जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने अप्रत्यक्ष रूप से चुटकी लेते हुए कहा है, "हम भरोसेमंद हैं हम अचानक नियम नहीं बदलते।" International News

अमेरिका की सख्ती के बीच जर्मनी की नरमी

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा पर सालाना $100,000 (करीब ₹88 लाख) का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस फैसले से न सिर्फ हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स प्रभावित होंगे बल्कि अमेरिका की टेक इंडस्ट्री भी संकट में आ सकती है जो बड़ी संख्या में भारतीयों पर निर्भर करती है। ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत लगातार वीजा नियमों को सख्त किया जा रहा है जिससे भारतीय युवाओं के लिए अमेरिका में काम करना और भी मुश्किल होता जा रहा है।

अमेरिका की तरह नहीं बदलते रातों-रात नियम

इसी बीच जर्मनी के भारत स्थित राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीय टैलेंट को जर्मनी आने का खुला न्योता दिया है। उन्होंने कहा, “जर्मनी की प्रवासन नीति जर्मन कार की तरह है भरोसेमंद, आधुनिक और अनुमानित। हम अमेरिका की तरह रातों-रात नियम नहीं बदलते।” उन्होंने आगे कहा कि आईटी, साइंस, मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जर्मनी को कुशल प्रोफेशनल्स की जरूरत है और भारतीय इसमें सबसे आगे हैं। यहां न सिर्फ अवसर हैं बल्कि एक स्थिर और सुरक्षित माहौल भी है।

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जर्मनी में बढ़ रहा है भारतीयों का दबदबा

राजदूत ने जानकारी दी कि वर्तमान में जर्मनी में करीब 2.5 से 3 लाख भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं जिनमें से अधिकांश उच्च शिक्षित हैं और अच्छी नौकरियों में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि जर्मनी में कई भारतीयों की औसत आय वहां के नागरिकों से भी ज्यादा है जो इस बात का संकेत है कि भारतीय टैलेंट को यहां कितना सम्मान और अवसर मिलता है। अमेरिका की नई नीति से लगभग 2 लाख से अधिक भारतीय H-1B वीजा धारक सीधे प्रभावित हो सकते हैं। भारतीय आईटी कंपनियां, जो अमेरिकी प्रोजेक्ट्स पर काम करती हैं, उन्हें अब अतिरिक्त आर्थिक दबाव झेलना पड़ सकता है। जर्मनी जैसे देशों की ओर से भारतीय टैलेंट को खुला निमंत्रण मिलना इस समय और भी ज़्यादा अहम हो जाता है। International News
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calendar24 Sep 2025 11:21 AM
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आज का युग सूचना का युग है। तेजी से बदलती दुनिया में हर व्यक्ति चाहता है कि उसे दुनिया भर की बड़ी और ताजा खबरें तुरंत, सीधे और अपनी भाषा में मिलें। अब सोचिए, अगर सारी महत्वपूर्ण खबरें, हर पल की हलचल और अहम अपडेट्स सिर्फ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हों, तो यह खबरों की असली क्रांति नहीं तो और क्या होगी। चेतना मंच आपके लिए लाया है यही सुविधा—विश्वभर की ताजा घटनाओं और महत्वपूर्ण समाचारों का संपूर्ण संग्रह, अब पूरी तरह हिंदी में।  International News

1. BRGS का बड़ा हमला: क्वेटा में ट्रेन विस्फोट, सेना को निशाना बनाय

मंगलवार को बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा के पास जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाकर किए गए धमाके की जिम्मेदारी बलोच रिपब्लिकन गार्ड्स (बीआरजीएस) ने ली है। संगठन ने दावा किया कि इस हमले में पाकिस्तान सेना के कई जवान मारे गए और कई घायल हुए। फिलहाल संघीय सरकार ने इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।    International News

आईईडी से किया हमला, ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतरे

बीआरजीएस के प्रवक्ता दोस्तिन बलोच ने मीडिया को बताया कि मंगलवार शाम मस्तुंग के रेगिस्तान में उनके लड़ाकों ने आईईडी लगाकर रिमोट कंट्रोल के जरिए जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान सेना अक्सर अपने सैनिकों और परिवहन के लिए यात्री रेलगाड़ियों का उपयोग करती है, और इसी को निशाना बनाया गया।  International News

घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट मस्तुंग जिले के दश्त इलाके में हुआ। विस्फोट में एक दर्जन यात्री घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों को क्वेटा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जिनमें कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पटरी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, जिसके कारण रेल सेवाएं फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं। रेलमंत्री हनीफ अब्बासी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है।

पूर्व घटनाएं: जाफर एक्सप्रेस पर पिछले हमले की याद

11 मार्च को आतंकवादियों ने नौ बोगियों में सवार 400 से अधिक यात्रियों को ले जा रही जाफर एक्सप्रेस का अपहरण किया था। निकासी अभियान शुरू होने से पहले ही 21 यात्रियों की हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान सेना ने सभी 33 हमलावरों को मार गिराने का दावा किया। उस समय की जांच में सामने आया था कि हमलावर अफगानिस्तान में अपने आकाओं के संपर्क में थे।  International News

प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आत्मघाती दस्ते मजीद ब्रिगेड से जुड़े गुल रहमान उर्फ़ उस्ताद मुरीद ने ट्रेन के अपहरण की साजिश रची थी। मजीद ब्रिगेड ने उस समय जाफर एक्सप्रेस, कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास और ग्वादर स्थित पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल पर हमलों की जिम्मेदारी भी ली थी।  International News

2. आयरलैंड में असम की संस्कृति का जादू, कविताओं से सजी शाम

डबलिन स्थित भारतीय दूतावास ने पहली बार असम राज्य को समर्पित विशेष सांस्कृतिक संध्या का आयोजन कर एक यादगार अनुभव प्रस्तुत किया। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश से प्रेरित यह कार्यक्रम दूतावास की राज्य-सांस्कृतिक-कार्यक्रम-शृंखला का हिस्सा था और उपस्थित दर्शकों के लिए असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रदर्शन साबित हुआ।  International News

असम की विरासत से सजी सांस्कृतिक संध्या

कार्यक्रम में असम की ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक परंपरा, पाक कला और पर्यटन की झलक पेश की गई। पारंपरिक नृत्य, असमिया कविता पाठ और असम की खूबसूरत वस्त्र एवं शिल्प प्रदर्शनी ने शाम को और भी आकर्षक बना दिया। मल्टीमीडिया प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित लोगों को असम की विविधताओं से परिचित कराया गया। इस आयोजन को असम एसोसिएशन ऑफ आयरलैंड के अध्यक्ष दिगंत मालाकार और उनके सदस्यों के उत्साही समर्थन से सफल बनाया गया।

राजदूत की उपस्थिति और संदेश

आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्र ने कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए इसकी सफलता पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने बताया कि यह आयोजन आयरलैंड में सक्रिय, लेकिन अपेक्षाकृत छोटे असमिया समुदाय (लगभग 200 सदस्य) की भागीदारी और ऊर्जा के कारण ही संभव हुआ। राजदूत ने यह भी कहा कि भारत के प्रत्येक राज्य की अपनी विशिष्ट भाषायी, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पहचान है। इस तरह के कार्यक्रम भारतीयों को अपने विभिन्न राज्यों में रहने वाले भाइयों और बहनों की सांस्कृतिक समृद्धि से परिचित कराते हैं और पारस्परिक सीख और सहयोग को बढ़ावा देते हैं।

राज्य-सांस्कृतिक कार्यक्रम शृंखला का उद्देश्य

अखिलेश मिश्र ने याद दिलाया कि दूतावास की राज्य-सांस्कृतिक-कार्यक्रम-शृंखला के माध्यम से अब तक 16 राज्यों को प्रस्तुत किया जा चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य आयरलैंड में प्रवासी भारतीयों और स्थानीय लोगों को भारत की विविधता में विद्यमान एकता का अनुभव कराना है। असम पर यह पहली प्रस्तुति निश्चित ही भारतीय संस्कृति के अंतरराष्ट्रीय प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।  International News

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3. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में वैश्विक दक्षिण देशों की उच्चस्तरीय बैठक की मेजबानी की

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें उच्चस्तरीय सत्र के अवसर पर आज न्यूयॉर्क में समान विचारधारा वाले वैश्विक दक्षिण देशों की बैठक का आयोजन किया। उन्होंने बैठक की तस्वीरें और विवरण अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा करते हुए कहा कि सभी प्रतिनिधियों का स्वागत कर उन्हें खुशी हुई।  International News

वैश्विक दक्षिण की साझा चिंताओं पर जोर

जयशंकर ने कहा कि बढ़ती वैश्विक चुनौतियों और जोखिमों के बीच, यह आवश्यक है कि वैश्विक दक्षिण बहुपक्षवाद के माध्यम से समाधान खोजे। उन्होंने बैठक में चार प्रमुख प्रस्ताव रखे:

  1. संपर्क और सहयोग को मजबूत करना: वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच परामर्श और सहयोग को बढ़ाने के लिए मौजूदा मंचों का अधिकतम उपयोग।

  2. विशेष क्षमताओं और उपलब्धियों को साझा करना: डिजिटल, शिक्षा, कृषि, लघु एवं मध्यम उद्यम जैसे क्षेत्रों में विकसित अनुभव और तकनीकों को साझा करना, जिससे अन्य देशों को लाभ मिल सके।

  3. जलवायु कार्रवाई और न्याय: जलवायु बदलाव और जलवायु न्याय के लिए ऐसी पहल जो वैश्विक दक्षिण के हित में हों।

  4. भविष्य की तकनीक और बहुपक्षवाद: कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी उभरती तकनीकों के अवसरों पर चर्चा करना और संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद के ढांचे को और मजबूत करना।  International News

द्विपक्षीय बैठकों का दौर

बैठक के दौरान जयशंकर ने नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील, जमैका की विदेश मंत्री, सेंट लूसिया के विदेश मंत्री अल्वा बैप्टिस्ट, मॉरीशस के विदेश मंत्री रितेश रामफूल, सूरीनाम के विदेश मंत्री मेल्विन बौवा, डेनमार्क के विदेश मंत्री और श्रीलंका के विदेश मंत्री से भी द्विपक्षीय चर्चा की। विदेशमंत्री जयशंकर ने कल अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से भी अहम बातचीत की थी। उन्होंने पुष्टि की कि 27 सितंबर को वे यूएनजीए के मंच से भारत का वक्तव्य देंगे।

4. ट्रंप का नाटो को संदेश: रूसी विमान घुसें तो मार गिराओ, यूक्रेन को सीमाएं वापस मिल सकती हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यूक्रेन रूस के आक्रमण से पहले की अपनी सीमाओं को दोबारा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने नाटो सदस्य देशों की हवाई सीमा में किसी भी रूसी विमान की घुसपैठ पर उन्हें मार गिराने की वकालत की।    International News

ट्रंप का रूख: रूसी विमानों पर सख्ती, यूक्रेन को समर्थन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान और बाद में ट्रुथ सोशल पर अपनी पोस्ट में ट्रंप ने यूक्रेन की सीमाओं और रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन 2014 से रूस द्वारा कब्जाए गए क्षेत्रों को जीतने में सक्षम है। इससे पहले ट्रंप शांति समझौते के तहत कुछ क्षेत्रों को छोड़ने का सुझाव दे चुके थे, लेकिन अब उनका बयान नाटो को रूस के साथ सीधे संघर्ष में शामिल करने की दिशा में एक निर्णायक संकेत देता है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान नाटो के हमलों के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, "हां, मैं ऐसा चाहता हूं।" ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि यूरोपीय संघ के समर्थन से यूक्रेन पूरे देश को मूल स्वरूप में वापस लाने में सक्षम है। उन्होंने रूस को "कागज़ी शेर" बताते हुए कहा कि मॉस्को को भारी आर्थिक हानि हो रही है और उसे पेट्रोल की आपूर्ति भी मुश्किल हो रही है।  International News

आर्थिक और सैन्य दबाव: रूस संकट में

ट्रंप ने लिखा, "समय, धैर्य और नाटो के वित्तीय सहयोग से यूक्रेन अपने देश की मूल सीमाएं वापस पा सकता है। पुतिन और रूस बड़े आर्थिक संकट में हैं और यही समय है कि यूक्रेन निर्णायक कदम उठाए। जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप के विचार में "एक बड़ा बदलाव" आया है और उन्होंने अमेरिकी नेता को "गेमचेंजर" करार दिया। उन्होंने मीडिया को बताया कि ट्रंप पूरी स्थिति से अवगत हैं और यह उनके लिए सकारात्मक संकेत है।

अमेरिका का आधिकारिक रुख: रुबियो का अंतर

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ट्रंप की पोस्ट के कुछ घंटे बाद स्पष्ट किया कि युद्ध का समाधान सैन्य नहीं बल्कि कूटनीतिक माध्यमों से ही संभव है। उन्होंने कहा, "यह युद्ध बातचीत की मेज पर समाप्त होगा। अमेरिका शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।  International News

नाटो और रूस: पहले सीधे टकराव की संभावना

पोलैंड, एस्टोनिया और अन्य देशों में रूसी विमानों की हालिया घुसपैठ ने नाटो और मॉस्को के बीच सीधे टकराव की संभावना बढ़ा दी है। नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने कहा कि किसी भी विमान को मार गिराने का निर्णय केवल खुफिया जानकारी और खतरे के मूल्यांकन के बाद ही लिया जाना चाहिए।    International News

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1 करोड़ की फीस भी पड़ी कम! ट्रंप सरकार H-1B वीजा पर फिर से चला रही है कैंची

1 करोड़ की फीस भी  पड़ी कम! ट्रंप सरकार H-1B वीजा पर फिर से चला रही है कैंची
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calendar24 Sep 2025 11:03 AM
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने एक बार फिर से H-1B वीजा को लेकर कड़ा रुख अपना लिया है। पहले जहां वीजा फीस को बढ़ाकर $100,000 (करीब 1 करोड़ रुपये) करने की घोषणा ने हलचल मचाई थी अब एक और बड़ा बदलाव सामने आया है। ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा की चयन प्रक्रिया को पूरी तरह से बदलने की योजना बना रहा है। H-1B Visa 

स्किल और सैलरी होगी प्राथमिकता

नए प्रस्ताव के तहत, H-1B वीजा अब रैंडम लॉटरी सिस्टम से नहीं बल्कि उम्मीदवार की स्किल लेवल और ऑफर की गई सैलरी के आधार पर दिया जाएगा। यानी जिन्हें ज्यादा वेतन का ऑफर है और जिनका स्किल लेवल ऊंचा है उन्हें वीजा मिलने की संभावना ज्यादा होगी। वेतन के अनुसार उम्मीदवारों को चार स्तरों में बांटा जाएगा। उच्चतम वेतन स्तर वालों को चार बार सिलेक्शन पूल में शामिल किया जाएगा जबकि सबसे कम वेतन स्तर के उम्मीदवार केवल एक बार इसमें आएंगे। इससे साफ है कि शुरुआती करियर के प्रोफेशनल्स और नए ग्रैजुएट्स की राह मुश्किल हो सकती है।

H-1B के दुरुपयोग पर सख्ती

अमेरिकी श्रम विभाग ने ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ नाम से एक अभियान भी शुरू किया है जिसका मकसद H-1B वीजा के दुरुपयोग को रोकना है। अब H-1B उल्लंघनों की जांच खुद श्रम मंत्री करेंगे और दोषी पाए गए नियोक्ताओं को वीजा कार्यक्रम से अस्थायी रूप से बैन किया जा सकता है। टेक इंडस्ट्री और कमर्शियल संगठनों ने चेतावनी दी है कि यह वेतन आधारित प्रणाली हाल ही में कॉलेज से पास हुए छात्रों की भर्ती पर सीधा असर डालेगी। साथ ही, उन्होंने श्रम विभाग की वेतन रैंकिंग को स्किल लेवल के पैमाने के रूप में इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई है।

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$100,000 की फीस और लीगल चुनौतियां

हाल ही में व्हाइट हाउस ने H-1B वीजा के लिए $100,000 की आवेदन फीस तय की है, जो 21 सितंबर से लागू हो चुकी है। हालांकि बाद में ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क केवल नए आवेदनों पर ही लागू होगा। इस फैसले और नई चयन प्रक्रिया को लेकर कानूनी चुनौतियों की भी संभावना है। लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह प्रस्ताव इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट का उल्लंघन कर सकता है, जो वीजा आवंटन को “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर आधारित करता है।

क्यों है H-1B इतना अहम?

H-1B वीजा अमेरिका में खासतौर पर टेक कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है, जिससे वो भारत और अन्य देशों से कुशल प्रोफेशनल्स को हायर कर पाते हैं। हर साल इस वीजा के तहत 85,000 नए स्लॉट तय होते हैं, जिनमें से 20,000 पोस्टग्रेजुएट्स के लिए आरक्षित होते हैं। रिसर्च और उच्च शिक्षा संस्थानों को इस लिमिट से छूट दी जाती है। H-1B Visa