ब्राजील में नहीं चलेगा ट्रंप का फरमान, टैरिफ दस्तावेज खारिज

International News : अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों में इन दिनों अमेरिका और ब्राजील के बीच एक नया तनाव गहराता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 50% आयात शुल्क—जिसे ‘बोल्सोनारो इफेक्ट टैरिफ’ को लेकर ब्राजील ने सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई पत्र यदि भौतिक रूप से ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचता है, तो उसे बिना ग्रहण किए तत्काल लौटा दिया जाएगा।
टैरिफ के पीछे की राजनीतिक मंशा पर सवाल
ब्राजील का यह विरोध केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेतों से भी जुड़ा है। CBS न्यूज के अनुसार, राष्ट्रपति लूला का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप की यह टैरिफ नीति वस्तुतः ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के पक्ष में एक राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप बोल्सोनारो के साथ अपनी निकटता के चलते ब्राजील की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा से यह दबाव बना रहे हैं।
राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यदि ब्राजील पर यह टैरिफ लागू किया गया, तो ब्राजील भी ‘पारस्परिकता कानून’ के तहत जवाबी शुल्क लगाएगा। यह कानून वर्ष 2025 की शुरुआत में ब्राजील की संसद द्वारा पारित किया गया था और अब संभवतः पहली बार प्रभाव में लाया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने ब्राजील की राजनीति में असामान्य एकता पैदा कर दी है। सीनेट अध्यक्ष डेवी अल्कोलुम्ब्रे और चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा ने भी लूला के रुख का समर्थन करते हुए कहा, "ब्राजील की संप्रभुता, अर्थव्यवस्था और रोज़गार की रक्षा के लिए हम संतुलन और कठोरता के साथ तैयार हैं।
ट्रंप की नीयत पर उठे सवाल
गौरतलब है कि मई 2025 में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए बिना कांग्रेस की अनुमति के आपातकाल की घोषणा करके अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया था। ओरेगन से डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडन ने भी ट्रंप की नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे टैरिफ को निजी प्रतिशोध का हथियार बनाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
2022 में चुनाव हारने के बाद ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने सत्ता में बने रहने की कोशिश में वही राह अपनाई थी, जो ट्रंप ने 2020 में अमेरिका में अपनाई थी। अब जब बोल्सोनारो पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि वे दोष सिद्ध होने की स्थिति में अमेरिका में शरण लेने का प्रयास कर सकते हैं। इस बीच, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो का कहना है कि अगर ब्राजील सरकार इस मुकदमे में किसी तरह का हस्तक्षेप करती है, तो वह देश की न्यायिक स्वतंत्रता के आत्मसमर्पण जैसा कदम होगा। International News
International News : अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों में इन दिनों अमेरिका और ब्राजील के बीच एक नया तनाव गहराता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 50% आयात शुल्क—जिसे ‘बोल्सोनारो इफेक्ट टैरिफ’ को लेकर ब्राजील ने सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई पत्र यदि भौतिक रूप से ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचता है, तो उसे बिना ग्रहण किए तत्काल लौटा दिया जाएगा।
टैरिफ के पीछे की राजनीतिक मंशा पर सवाल
ब्राजील का यह विरोध केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेतों से भी जुड़ा है। CBS न्यूज के अनुसार, राष्ट्रपति लूला का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप की यह टैरिफ नीति वस्तुतः ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के पक्ष में एक राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप बोल्सोनारो के साथ अपनी निकटता के चलते ब्राजील की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा से यह दबाव बना रहे हैं।
राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यदि ब्राजील पर यह टैरिफ लागू किया गया, तो ब्राजील भी ‘पारस्परिकता कानून’ के तहत जवाबी शुल्क लगाएगा। यह कानून वर्ष 2025 की शुरुआत में ब्राजील की संसद द्वारा पारित किया गया था और अब संभवतः पहली बार प्रभाव में लाया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने ब्राजील की राजनीति में असामान्य एकता पैदा कर दी है। सीनेट अध्यक्ष डेवी अल्कोलुम्ब्रे और चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा ने भी लूला के रुख का समर्थन करते हुए कहा, "ब्राजील की संप्रभुता, अर्थव्यवस्था और रोज़गार की रक्षा के लिए हम संतुलन और कठोरता के साथ तैयार हैं।
ट्रंप की नीयत पर उठे सवाल
गौरतलब है कि मई 2025 में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए बिना कांग्रेस की अनुमति के आपातकाल की घोषणा करके अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया था। ओरेगन से डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडन ने भी ट्रंप की नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे टैरिफ को निजी प्रतिशोध का हथियार बनाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
2022 में चुनाव हारने के बाद ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने सत्ता में बने रहने की कोशिश में वही राह अपनाई थी, जो ट्रंप ने 2020 में अमेरिका में अपनाई थी। अब जब बोल्सोनारो पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि वे दोष सिद्ध होने की स्थिति में अमेरिका में शरण लेने का प्रयास कर सकते हैं। इस बीच, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो का कहना है कि अगर ब्राजील सरकार इस मुकदमे में किसी तरह का हस्तक्षेप करती है, तो वह देश की न्यायिक स्वतंत्रता के आत्मसमर्पण जैसा कदम होगा। International News







