ब्राजील में नहीं चलेगा ट्रंप का फरमान, टैरिफ दस्तावेज खारिज

ब्राजील में नहीं चलेगा ट्रंप का फरमान, टैरिफ दस्तावेज खारिज
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Jul 2025 06:49 AM
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International News :  अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों में इन दिनों अमेरिका और ब्राजील के बीच एक नया तनाव गहराता नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 50% आयात शुल्क—जिसे ‘बोल्सोनारो इफेक्ट टैरिफ’ को लेकर ब्राजील ने सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई पत्र यदि भौतिक रूप से ब्रासीलिया स्थित राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचता है, तो उसे बिना ग्रहण किए तत्काल लौटा दिया जाएगा।

टैरिफ के पीछे की राजनीतिक मंशा पर सवाल

ब्राजील का यह विरोध केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेतों से भी जुड़ा है। CBS न्यूज के अनुसार, राष्ट्रपति लूला का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप की यह टैरिफ नीति वस्तुतः ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के पक्ष में एक राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप बोल्सोनारो के साथ अपनी निकटता के चलते ब्राजील की न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा से यह दबाव बना रहे हैं।

राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि यदि ब्राजील पर यह टैरिफ लागू किया गया, तो ब्राजील भी ‘पारस्परिकता कानून’ के तहत जवाबी शुल्क लगाएगा। यह कानून वर्ष 2025 की शुरुआत में ब्राजील की संसद द्वारा पारित किया गया था और अब संभवतः पहली बार प्रभाव में लाया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम ने ब्राजील की राजनीति में असामान्य एकता पैदा कर दी है। सीनेट अध्यक्ष डेवी अल्कोलुम्ब्रे और चैंबर ऑफ डेप्युटीज़ के अध्यक्ष ह्यूगो मोट्टा ने भी लूला के रुख का समर्थन करते हुए कहा, "ब्राजील की संप्रभुता, अर्थव्यवस्था और रोज़गार की रक्षा के लिए हम संतुलन और कठोरता के साथ तैयार हैं।

ट्रंप की नीयत पर उठे सवाल

गौरतलब है कि मई 2025 में अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के लिए बिना कांग्रेस की अनुमति के आपातकाल की घोषणा करके अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया था। ओरेगन से डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वाइडन ने भी ट्रंप की नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे टैरिफ को निजी प्रतिशोध का हथियार बनाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

2022 में चुनाव हारने के बाद ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने सत्ता में बने रहने की कोशिश में वही राह अपनाई थी, जो ट्रंप ने 2020 में अमेरिका में अपनाई थी। अब जब बोल्सोनारो पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, तो कयास लगाए जा रहे हैं कि वे दोष सिद्ध होने की स्थिति में अमेरिका में शरण लेने का प्रयास कर सकते हैं। इस बीच, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो का कहना है कि अगर ब्राजील सरकार इस मुकदमे में किसी तरह का हस्तक्षेप करती है, तो वह देश की न्यायिक स्वतंत्रता के आत्मसमर्पण जैसा कदम होगा।          International News

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2009 में लिया होता एक फैसला, तो आज बन जाते 1 करोड़ के मालिक !

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Bitcoin
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 04:56 PM
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Bitcoin : Cryptocurrency की दुनिया का बेताज बादशाह Bitcoin एक बार फिर सुर्खियों में है। कभी कुछ पैसों में मिलने वाला यह डिजिटल टोकन अब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत पर ट्रेड कर रहा है। शुक्रवार को बिटकॉइन ने तेज़ी से छलांग लगाते हुए $1,16,906.22 का नया रिकॉर्ड बना दिया, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹1 करोड़ से अधिक है। निवेश के क्षेत्र में यह उछाल न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि यह दर्शाता है कि Bitcoin अब केवल एक डिजिटल संपत्ति नहीं, बल्कि आर्थिक संभावनाओं की नई परिभाषा बन चुका है।

एक Bitcoin = एक करोड़ रुपये से ज्यादा

कल्पना कीजिए, अगर आपने साल 2009 में महज ₹2.25 में एक बिटकॉइन खरीदा होता, तो आज आपके खाते में ₹1 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति होती। उस समय बिटकॉइन की कीमत थी सिर्फ $0.04865, और डॉलर-रुपया विनिमय दर थी लगभग ₹46 प्रति डॉलर। वहीं आज बिटकॉइन ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए ₹1,00,36,400 तक की कीमत छू ली है — मौजूदा डॉलर रेट ₹85.85 के अनुसार। यानी 15 वर्षों में इस डिजिटल करेंसी ने करीब 44.80 लाख गुना का रिटर्न दिया है। इसे प्रतिशत में देखें तो यह आंकड़ा 4,460,00,000% से भी ज्यादा बैठता है। ऐसे रिटर्न की उम्मीद न तो शेयर बाजार से की जा सकती है, न ही म्यूचुअल फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे पारंपरिक निवेश साधनों से। यही कारण है कि बिटकॉइन को आज ‘डिजिटल गोल्ड’ कहा जाने लगा है।

आखिर क्यों हो रही है इतनी तेजी?

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि Bitcoin की कीमतों में यह जबरदस्त उछाल सिर्फ तकनीकी पहलुओं या निवेशकों की भावना का नतीजा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वैश्विक कारक सक्रिय हैं । बाययूकॉइन के सीईओ शिवम ठकराल के अनुसार, बिटकॉइन को अब संस्थागत स्तर पर व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। क्रिप्टो मार्केट में भरोसे की वापसी के पीछे कई अहम वजहें हैं। मजबूत ETF फंडिंग का प्रवाह, बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों की सक्रिय भागीदारी, और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा क्रिप्टो के समर्थन में दिए गए सकारात्मक संकेतों ने निवेशकों की उम्मीदों को बल दिया है। वहीं, S&P ग्लोबल इंडेक्स में कॉइनबेस जैसी प्रमुख क्रिप्टो कंपनियों की एंट्री ने यह साफ कर दिया है कि डिजिटल करेंसी अब मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनती जा रही है। इन तमाम कारकों ने बिटकॉइन समेत पूरे क्रिप्टो बाजार में नई ऊर्जा भर दी है।

Pi42 के को-फाउंडर अविनाश शेखर का मानना है कि बाजार मंदी से निकल चुका है और तेजी का अगला दौर अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल की ट्रेडिंग गतिविधियों से यह स्पष्ट हो चुका है कि क्रिप्टो अब सिर्फ युवा निवेशकों का जुआ नहीं रहा, बल्कि यह एक गंभीर और दीर्घकालिक निवेश विकल्प बन चुका है। CoinMarketCap के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन की ट्रेडिंग वॉल्यूम में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। कुल मार्केट कैप 2.232 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े निवेश उत्पादों की कतार में खड़ा करता है।    Bitcoin

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कनाडा में कपिल शर्मा के कैफे में गोलीबारी से भारतीय उद्यमियों में दहशत

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Kapil Sharma
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:39 PM
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Kapil Sharma : भारत के सबसे चहेते हास्य कलाकार कपिल शर्मा के नाम से कनाडा के सरे शहर में हाल ही में शुरू हुआ 'कैप्स कैफे' उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब उस पर अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर दी। इस सनसनीखेज घटना ने न सिर्फ स्थानीय कारोबारियों को दहशत में डाल दिया है, बल्कि कनाडा में बसे भारतीय समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कपिल शर्मा, जो अपने हास्य के जरिए करोड़ों दिलों पर राज करते हैं, अब हिंसा के एक ऐसे साये से जूझ रहे हैं जो उनके सपनों के कैफे तक पहुंच चुका है। कैफे की ओर से इंस्टाग्राम पर जारी बयान में कहा गया है कि टीम इस घटना से आहत जरूर है, लेकिन डरने या झुकने को तैयार नहीं। हमारे इरादे पहले जैसे ही मजबूत हैं।

गोलीबारी की बढ़ती घटनाओं ने बढ़ाई

स्थानीय अखबार वैंकूवर सन के अनुसार, पिछले एक महीने में सरे शहर में दक्षिण एशियाई व्यापारिक समुदाय पर पांच बार गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। 11 जून को 56 वर्षीय व्यवसायी सतविंदर शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले, 7 जून को लक्ष्मी नारायण मंदिर के अध्यक्ष और ‘रिफ्लेक्शन बैंक्वेट हॉल्स’ के मालिक कुमार पर हमला हुआ था।

कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया, अब सरे में कारोबार करना खतरे से खाली नहीं। हर दिन गोलीबारी हो रही है, लोग डर के साए में जी रहे हैं। पुलिस ने भले ही कपिल के कैफे की घटना को जबरन वसूली से नहीं जोड़ा हो, लेकिन स्थानीय लोगों के लिए ये घटनाएं आपस में जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं।” कुमार ने यह भी घोषणा की कि जबरन वसूली से जुड़े मामलों में सुराग देने वाले को 100,000 कनाडाई डॉलर का इनाम दिया जाएगा।

अब सरे के कारोबारी वर्ग के बीच यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या समय आ गया है जब उन्हें अपना व्यवसाय किसी सुरक्षित इलाके में स्थानांतरित करने का फैसला लेना चाहिए। रिफ्लेक्शन बैंक्वेट हॉल के मालिक कुमार ने चिंता जताते हुए कहा, "हमारे परिवारों में डर बैठ गया है। ग्राहक भी अब हमारे हॉल में आने से कतराने लगे हैं। रोज़-रोज़ की ये घटनाएं मानसिक थकान और असुरक्षा को जन्म दे रही हैं। सवाल अब सिर्फ कारोबार का नहीं, जीवन की सुरक्षा का है। क्या कनाडा अब भारतीय समुदाय के लिए वही सुरक्षित देश रह गया है, जैसा कभी हुआ करता था?

खालिस्तानी एंगल की जांच जारी

सरे पुलिस के स्टाफ सार्जेंट लिंडसे ह्यूटन ने बताया कि उन्हें भारतीय मीडिया की उन रिपोर्ट्स की जानकारी है, जिनमें दावा किया गया है कि इस फायरिंग की जिम्मेदारी एक खालिस्तानी अलगाववादी ने ली है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है, हालांकि अब तक कोई पुष्टि नहीं की गई है। वहीं  सरे की स्थानीय निवासी मनिंदरदीप कौर ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह घटना परेशान करने वाली है। यह हमारे जैसे शांत समुदाय में नहीं होनी चाहिए थी।” वहीं, शारिन व्हिट्टी ने अफसोस जताते हुए कहा, “कपिल शर्मा एक अंतरराष्ट्रीय नाम हैं। उनका इस तरह निशाना बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पंजाबी समुदाय उन्हें गर्व से देखता है।   Kapil Sharma