धर्म - अध्यात्म : बदलाव संस्कृति में आते है, धर्म में नहीं!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Nov 2021 04:35 AM
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 विनय संकोची

धर्म वही है, जिससे इस लोक में अभ्युदय और भविष्य में परम कल्याण होता है और जिसके लक्षण भगवत आज्ञा से शास्त्रों में वर्णित हैं। धर्म की रक्षा करने से ही हम अपनी रक्षा करते हैं और यदि धर्म का नाश होता है तो हमारा नाश होता है।

हिंदू धर्म के लक्षण हिंदू धर्म शास्त्रों अर्थात् वेदों में वर्णित हैं, इसीलिए इसे वैदिक धर्म भी कहा गया है। जब भी हम वैदिक धर्म की कोई व्याख्या अथवा खोज करते हैं, तब हिंदू संस्कृति सामने आती है। वैदिक धर्म के अनुसार जो कुछ भी आचरण सामने आता है, वह हिंदू संस्कृति का अंग बन जाता है। इसीलिए हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म में सबको भ्रम रहता है। हिंदू धर्म बदलता नहीं है, जबकि हिंदू संस्कृति में समय-समय पर बदलाव आते ही रहते हैं। धर्म प्रेरणा से आता है। शास्त्रों में यह प्रेरणा निहित रहती है। मनुष्य, सामान्य पशु के समान नहीं होता है। पशु तो अपना आचरण जन्म से ही सीख कर आता है। उसे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, उसे सब सीखना नहीं होता। उसे परमात्मा ने बुद्धि इतनी ही दी है कि वो उस योनि को भोग सके, जो योनि उसे मिली है। परंतु मनुष्य जो सर्वोच्च विकास की सीढ़ी पर होता है, उसे बुद्धि भी दी गई है। बिना सिखाए वह कुछ नहीं जानता। उसे हानि लाभ का अर्थ वही समझ आता है, जो वह सीखता है, इसीलिए धर्म की आवश्यकता है।

हिंदू धर्म में सांसारिक सफलता से ज्यादा आत्मोन्नति पर ध्यान दिया गया है। हर कार्य अपने आत्मिक स्तर को उठाने के लिए किया जाता है साधन और साधना कर्तव्य और कर्म का निर्णय गुरु या शास्त्र करते हैं, जिसके लिए जो कार्य निश्चित है, उसका पालन ही कल्याणकारी है, ऐसा माना जाता है। हालांकि समय-समय पर शास्त्रों की व्याख्या अपने अपने स्वार्थ हेतु बदलकर शोषण किया गया। उसी से आज वर्ण व्यवस्था का रूप कुरूप को चला है और सारी की सारी सामाजिक व्यवस्था को सुधार की आवश्यकता पड़ गई है। समाज की व्यवस्था तभी रह सकती है जबकि सभी लोग अपने अपने कर्तव्य और अधिकार का पालन करें। दूसरे के अधिकार और कर्तव्य को लेकर परेशान न हों।

धर्म का अर्थ तो बस अनुशासन होता है। हिंदू धर्म का अर्थ है - 'वह अनुशासन जहां शासन होता है, ईश्वर का'। अर्थात् शासक माना जाता है, इस दृष्टि से नियंता को। जबकि अन्य धर्मों में अनुशासन मानते हैं, किसी गुरु का या प्रवर्तक का अर्थात् मानव का। यहीं पर अंतर हो जाता है क्योंकि अनुशासन संहिता में जहां एक ओर प्राकृतिक नियम आते हैं वहीं दूसरी और मानवीय नियम रहते हैं। पहला शाश्वत है दूसरा सामयिक रहता है।

हिंदू धर्म का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अंतर्मुख करना है। धर्म को जानना आवश्यक है, न जानने के कारण ही उसमें दोष आता है। हिंदू धर्म का आधार भाव होता है। विधि एवं फल को जानकर पूर्ण भाव से किए गए कार्य ही धर्म कार्य हैं। हमारे यहां कर्म को क्रिया की अपेक्षा उपयोग एवं भाव को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यही निष्काम कर्म का आधार है। यही धर्म का रहस्य है। ध्यान, मानसिक एकाग्रता आदि भाव प्रधान क्रियाएं हैं।

धर्म की परिभाषा में ही कहा गया है- जिससे अलौकिक उन्नति और पारलौकिक कल्याण की प्राप्ति हो, वही धर्म है। लौकिक उन्नति में समाज व व्यक्ति दोनों का अस्तित्व धर्म से ही होगा, क्योंकि बिना सत्य, दया, त्याग, परोपकार के कर्मों के मानव समाज की स्थापना भी संभव नहीं है, चलना तो अलग बात है। धर्म हमें कर्तव्य करने की प्रेरणा देता है। सनातन धर्म ही ईश्वरीय धर्म है। इसका कोई प्रतिद्वंदी नहीं है। यह तो मानव धर्म है।

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धर्म - अध्यात्म : बदलाव संस्कृति में आते है, धर्म में नहीं!

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 विनय संकोची

धर्म वही है, जिससे इस लोक में अभ्युदय और भविष्य में परम कल्याण होता है और जिसके लक्षण भगवत आज्ञा से शास्त्रों में वर्णित हैं। धर्म की रक्षा करने से ही हम अपनी रक्षा करते हैं और यदि धर्म का नाश होता है तो हमारा नाश होता है।

हिंदू धर्म के लक्षण हिंदू धर्म शास्त्रों अर्थात् वेदों में वर्णित हैं, इसीलिए इसे वैदिक धर्म भी कहा गया है। जब भी हम वैदिक धर्म की कोई व्याख्या अथवा खोज करते हैं, तब हिंदू संस्कृति सामने आती है। वैदिक धर्म के अनुसार जो कुछ भी आचरण सामने आता है, वह हिंदू संस्कृति का अंग बन जाता है। इसीलिए हिंदू संस्कृति और हिंदू धर्म में सबको भ्रम रहता है। हिंदू धर्म बदलता नहीं है, जबकि हिंदू संस्कृति में समय-समय पर बदलाव आते ही रहते हैं। धर्म प्रेरणा से आता है। शास्त्रों में यह प्रेरणा निहित रहती है। मनुष्य, सामान्य पशु के समान नहीं होता है। पशु तो अपना आचरण जन्म से ही सीख कर आता है। उसे क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, उसे सब सीखना नहीं होता। उसे परमात्मा ने बुद्धि इतनी ही दी है कि वो उस योनि को भोग सके, जो योनि उसे मिली है। परंतु मनुष्य जो सर्वोच्च विकास की सीढ़ी पर होता है, उसे बुद्धि भी दी गई है। बिना सिखाए वह कुछ नहीं जानता। उसे हानि लाभ का अर्थ वही समझ आता है, जो वह सीखता है, इसीलिए धर्म की आवश्यकता है।

हिंदू धर्म में सांसारिक सफलता से ज्यादा आत्मोन्नति पर ध्यान दिया गया है। हर कार्य अपने आत्मिक स्तर को उठाने के लिए किया जाता है साधन और साधना कर्तव्य और कर्म का निर्णय गुरु या शास्त्र करते हैं, जिसके लिए जो कार्य निश्चित है, उसका पालन ही कल्याणकारी है, ऐसा माना जाता है। हालांकि समय-समय पर शास्त्रों की व्याख्या अपने अपने स्वार्थ हेतु बदलकर शोषण किया गया। उसी से आज वर्ण व्यवस्था का रूप कुरूप को चला है और सारी की सारी सामाजिक व्यवस्था को सुधार की आवश्यकता पड़ गई है। समाज की व्यवस्था तभी रह सकती है जबकि सभी लोग अपने अपने कर्तव्य और अधिकार का पालन करें। दूसरे के अधिकार और कर्तव्य को लेकर परेशान न हों।

धर्म का अर्थ तो बस अनुशासन होता है। हिंदू धर्म का अर्थ है - 'वह अनुशासन जहां शासन होता है, ईश्वर का'। अर्थात् शासक माना जाता है, इस दृष्टि से नियंता को। जबकि अन्य धर्मों में अनुशासन मानते हैं, किसी गुरु का या प्रवर्तक का अर्थात् मानव का। यहीं पर अंतर हो जाता है क्योंकि अनुशासन संहिता में जहां एक ओर प्राकृतिक नियम आते हैं वहीं दूसरी और मानवीय नियम रहते हैं। पहला शाश्वत है दूसरा सामयिक रहता है।

हिंदू धर्म का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अंतर्मुख करना है। धर्म को जानना आवश्यक है, न जानने के कारण ही उसमें दोष आता है। हिंदू धर्म का आधार भाव होता है। विधि एवं फल को जानकर पूर्ण भाव से किए गए कार्य ही धर्म कार्य हैं। हमारे यहां कर्म को क्रिया की अपेक्षा उपयोग एवं भाव को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यही निष्काम कर्म का आधार है। यही धर्म का रहस्य है। ध्यान, मानसिक एकाग्रता आदि भाव प्रधान क्रियाएं हैं।

धर्म की परिभाषा में ही कहा गया है- जिससे अलौकिक उन्नति और पारलौकिक कल्याण की प्राप्ति हो, वही धर्म है। लौकिक उन्नति में समाज व व्यक्ति दोनों का अस्तित्व धर्म से ही होगा, क्योंकि बिना सत्य, दया, त्याग, परोपकार के कर्मों के मानव समाज की स्थापना भी संभव नहीं है, चलना तो अलग बात है। धर्म हमें कर्तव्य करने की प्रेरणा देता है। सनातन धर्म ही ईश्वरीय धर्म है। इसका कोई प्रतिद्वंदी नहीं है। यह तो मानव धर्म है।

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दैनिक राशिफल 9 नवंबर 2021- जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे

दैनिक राशिफल 9 नवंबर 2021- जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar02 Dec 2025 03:38 AM
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9 नवंबर 2021-(मंगलवार) (Rashifal 9 November 2021) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन-

मेष राशि -आज का दिन मिला जुला परिणाम लेकर आने वाला है। नौकरी पेशा लोगों को नई जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ सकता है। वाहन खरीदने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। छात्रों के लिए दिन में है महत्वपूर्ण है पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी सफलता के नए मार्ग खुलेंगे। भाई बंधुओं के साथ मेलजोल बढ़ेगा।

वृषक राशि - आज का दिन आत्मविश्वास से भरपूर रहेगा। कारोबार की वृद्धि के लिए कुछ खर्च हो सकते हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा और मन शांत रहेगा। यात्रा पर जा सकते हैं। मन विचलित रहेगा।

मिथुन राशि -मिश्रित परिणाम देखने को मिलेगा। नए वस्त्रों की खरीदारी कर सकते हैं। मानसिक तनाव की स्थिति देखने की मिलेगी। परिवार में कलह हो सकता है। भाइयों के साथ वैचारिक मतभेद की संभावना है। स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कर्क राशि- आज के दिन आपका मन अशांत रहेगा। यात्रा पर जाने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। छात्रों के लिए आज का दिन थोड़ा कठिन साबित हो सकता है। माता का आशीर्वाद मिलेगा। माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा।

सिंह राशि- दिन सामान्य रहेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नौकरी पेशा लोगों के लिए आज का दिन शुभ फलदायक है। अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। कार्यभार बढ़ेगा। स्वास्थ्य को लेकर मन थोड़ा चिंतित रहेगा।

कन्या राशि -आज का दिन कुछ खास नहीं रहेगा। मन निराश रहेगा और असंतोष की भावना रहेगी। मित्र का साथ मिलेगा जिससे आय के नए साधन खुल सकते हैं। जीवनसाथी के संदर्भ में चिंतित रहेंगे। बेवजह के तनाव से बचने का प्रयास करें।

तुला राशि - आर्थिक क्षेत्र में सुधार होगा। रोजगार में तरक्की के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। रुका हुआ धन वापस मिलेगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होंगी। परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। आज का दिन बेहद खुशहाल व्यतीत होने वाला है।

वृश्चिक राशि -आज का दिन मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। परिवार में शांति बनाए रखने के लिए आपको मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। पिता का आशीर्वाद मिलेगा। कारोबार में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहें है। अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। माता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा चिंतित रहेंगे।

धनु राशि - आज का दिन सामान्य रहेगा। छात्रों के लिए दिन बेहद महत्वपूर्ण है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। नौकरी में पदोन्नति की संभावना बन रही है। कृषि यंत्र करने की आवश्यकता है। माता का आशीर्वाद मिलेगा।

मकर राशि -आज का दिन खुशहाल व्यतीत होगा। मन आत्मविश्वास से भरा रहेगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कार्यक्षेत्र में थोड़ी कठिनाइयां आ सकती हैं। धन का अपव्यय हो सकता है। यात्रा पर जाने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं।

कुंभ राशि -आज का दिन शुभ फलदायक है। व्यापार की स्थिति में सुधार होगा। नौकरी पेशा लोगों का स्थानांतरण हो सकता है। नौकरी में तरक्की के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। शुभ समाचार सुनने को मिल सकते हैं।

मीन राशि - आज का दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। मानसिक शांति का अनुभव करेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। बेवजह के खर्चे हो सकते हैं। छात्रों के लिए आज का दिन शुभ फलदायक है। बेवजह के विवादों से बचें।

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