धर्म-अध्यात्म : ज्ञान ही है सच्चा गुरु!

Spritual 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar15 Oct 2021 04:37 AM
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 विनय संकोची

'जो दुनिया का गुरु बनता है वह दुनिया का गुलाम हो जाता है और जो स्वयं का गुरु बनता है वह दुनिया का गुरु बन जाता है' - यह शास्त्रों और संत महापुरुषों का वचन है। आज जो गुरु हमारे आसपास दिखाई पड़ते हैं उनमें अधिकांश दुनिया से गुरु बनने की जुगत में लगे हुए हैं, इसीलिए उसके गुलाम हुए जा रहे हैं। ऐसे गुरु का चित्त-हरण नहीं अपितु वित्त-हरण करने में जुटे हैं। शिष्यों को मोह माया से दूर रहने का पाठ पढ़ाने वाले तथाकथित गुरुओं का अधिकांश समय माया की गुलामी में व्यतीत होता है।

सच्चे गुरु अंत:करण के अंधकार को दूर करते हैं। सच्चे गुरु आत्मज्ञान की युक्ति बताते हैं। सच्चे गुरु मेघ की तरह ज्ञान वर्षा करके शिष्य को ज्ञानावृष्टि से नहलाते हैं। सच्चे गुरु ऐसे माली हैं, जो जीवन रूपी वाटिका को सुरभित करते हैं। सच्चे गुरु अभेद का रहस्य बता कर भेद में अभेद का दर्शन करने की कला सिखाते हैं। सच्चे गुरु शिष्य की सुषुप्त शक्तियों को जागृत करते हैं, ज्ञान की मस्ती देते हैं, भक्ति की सरिता में स्नान कराते हैं और कर्म में निष्कामता सिखाते हैं ऐसा शास्त्रों का स्पष्ट कथन है।

शास्त्रों का यह भी कथन है कि जो दूसरों को प्रमाद करने से रोकते हैं, स्वयं निष्पाप रास्ते से चलते हैं, हित और कल्याण की भावना रखने वाले को तत्व बोध कराते हैं, उन्हें गुरु कहा जाता है।

धर्म को जानने वाले, धर्म के अनुसार आचरण करने वाले, धर्म परायण और सब शास्त्रों में से तत्वों का आदेश करने वाले भी गुरु कहे गए हैं। धर्म में एकनिष्ठ अपने संसर्ग से शिष्यों के चित्त को शुद्ध करने वाले गुरु बिना स्वार्थ के दूसरों को भी तारते हैं और स्वयं भी तर जाते हैं। आजकल उपरोक्त शास्त्रोक्त परिभाषाओं पर खरा उतरने वाला गुरु मिल पाना असंभव नहीं, तो कठिन अवश्य है। भावी शिष्य की आर्थिक स्थिति देखकर अपना प्रिय चेला बनाने की परंपरा ने धर्म को धंधा बना कर रख दिया है।

शास्त्र सम्मत परिभाषाओं की कसौटी पर कसे जाने को आज का हर कोई गुरु तैयार नहीं होगा क्योंकि उन्हें पता है कि वे खरे साबित नहीं होंगे। आज के तथाकथित गुरुओं ने अपने शिष्यों को टकसाल समझना शुरू कर दिया है। इस टकसाल से प्राप्त धन से आश्रम, गौशाला, अनाथालय, विद्यालय, अस्पताल जैसी स्थाई संपत्ति बनाना आजकल के अनेक गुरुओं का सबसे बड़ा शौक, सबसे बड़ा व्यसन हो गया है।

शास्त्रों का वचन है कि चित्त की परम शांति गुरु के बिना मिलना दुर्लभ है। यह सत्य हो सकता है, यह सत्य तो होगा ही। लेकिन आजकल के गुरु तो शिष्यों की शांति का हरण कर उन्हें बेचैन बना देते हैं, परेशान कर देते हैं, विचलित कर डालते हैं।

गुरु की महानता से तमाम प्राचीन साहित्य और शास्त्र भरे पड़े हैं लेकिन उनके बीच कहीं यह भी लिखा है - वेषं न विश्वसेत प्राज्ञो वेषो दोषाय जायते। रावणो भिक्षुरूपेण जहार जनकात्मजाम् || अर्थात् - केवल वेश पर विश्वास नहीं करना चाहिए, वह दोष युक्त भी हो सकता है। रावण ने भिक्षु का रूप धर कर ही तो सीता का हरण किया था।

इस धरा धाम पर जितना भी ज्ञान विज्ञान है, वह श्रीगुरुमुख से प्राप्त होने पर ही फलित होता है। वस्तुतः ज्ञान ही गुरु है और गुरु ही ज्ञान है। अज्ञान रूपी अंधकार का अस्तित्व तब तक ही है, जब तक सद्ज्ञान का सवेरा न हो। गुरु के ज्ञान रूपी सूर्य की किरणें शिष्य के अंतःकरण पर पड़ती हैं, तो विकार, वासना और अज्ञान का अंधकार स्वयं भाग जाता है। गुरु, शिष्य के अंदर सोई पड़ी शक्ति को जागृत कर देते हैं सुप्त पड़ी चेतना को झकझोर कर जगा देते हैं और संवर जाता है शिष्य का जीवन, प्राप्त हो जाता है लक्ष्य, मिल जाता है किनारा। गुरु प्राप्ति शिष्य के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है, सबसे बड़ा सौभाग्य होता है।

अगर कोई गुरु शिष्य से कुछ भी चाहता है तो उसे गुरु कहलाने का अधिकार नहीं है। यह ठीक है कि आडंबर में लिपे-पुते तथाकथित गुरुओं ने लोगों की दृष्टि में गुरु तत्व की गरिमा को गिराया है, लेकिन कहीं ना कहीं आज भी कुछ तो ऐसे संत महापुरुष हैं, जो प्रत्येक शास्त्र सम्मत कसौटी पर खरे उतरते हैं और जिनकी शरण में जाकर व्यक्ति प्रभु प्राप्ति के राजपथ पर आगे और आगे बढ़ सकता है।

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 विनय संकोची

'जो दुनिया का गुरु बनता है वह दुनिया का गुलाम हो जाता है और जो स्वयं का गुरु बनता है वह दुनिया का गुरु बन जाता है' - यह शास्त्रों और संत महापुरुषों का वचन है। आज जो गुरु हमारे आसपास दिखाई पड़ते हैं उनमें अधिकांश दुनिया से गुरु बनने की जुगत में लगे हुए हैं, इसीलिए उसके गुलाम हुए जा रहे हैं। ऐसे गुरु का चित्त-हरण नहीं अपितु वित्त-हरण करने में जुटे हैं। शिष्यों को मोह माया से दूर रहने का पाठ पढ़ाने वाले तथाकथित गुरुओं का अधिकांश समय माया की गुलामी में व्यतीत होता है।

सच्चे गुरु अंत:करण के अंधकार को दूर करते हैं। सच्चे गुरु आत्मज्ञान की युक्ति बताते हैं। सच्चे गुरु मेघ की तरह ज्ञान वर्षा करके शिष्य को ज्ञानावृष्टि से नहलाते हैं। सच्चे गुरु ऐसे माली हैं, जो जीवन रूपी वाटिका को सुरभित करते हैं। सच्चे गुरु अभेद का रहस्य बता कर भेद में अभेद का दर्शन करने की कला सिखाते हैं। सच्चे गुरु शिष्य की सुषुप्त शक्तियों को जागृत करते हैं, ज्ञान की मस्ती देते हैं, भक्ति की सरिता में स्नान कराते हैं और कर्म में निष्कामता सिखाते हैं ऐसा शास्त्रों का स्पष्ट कथन है।

शास्त्रों का यह भी कथन है कि जो दूसरों को प्रमाद करने से रोकते हैं, स्वयं निष्पाप रास्ते से चलते हैं, हित और कल्याण की भावना रखने वाले को तत्व बोध कराते हैं, उन्हें गुरु कहा जाता है।

धर्म को जानने वाले, धर्म के अनुसार आचरण करने वाले, धर्म परायण और सब शास्त्रों में से तत्वों का आदेश करने वाले भी गुरु कहे गए हैं। धर्म में एकनिष्ठ अपने संसर्ग से शिष्यों के चित्त को शुद्ध करने वाले गुरु बिना स्वार्थ के दूसरों को भी तारते हैं और स्वयं भी तर जाते हैं। आजकल उपरोक्त शास्त्रोक्त परिभाषाओं पर खरा उतरने वाला गुरु मिल पाना असंभव नहीं, तो कठिन अवश्य है। भावी शिष्य की आर्थिक स्थिति देखकर अपना प्रिय चेला बनाने की परंपरा ने धर्म को धंधा बना कर रख दिया है।

शास्त्र सम्मत परिभाषाओं की कसौटी पर कसे जाने को आज का हर कोई गुरु तैयार नहीं होगा क्योंकि उन्हें पता है कि वे खरे साबित नहीं होंगे। आज के तथाकथित गुरुओं ने अपने शिष्यों को टकसाल समझना शुरू कर दिया है। इस टकसाल से प्राप्त धन से आश्रम, गौशाला, अनाथालय, विद्यालय, अस्पताल जैसी स्थाई संपत्ति बनाना आजकल के अनेक गुरुओं का सबसे बड़ा शौक, सबसे बड़ा व्यसन हो गया है।

शास्त्रों का वचन है कि चित्त की परम शांति गुरु के बिना मिलना दुर्लभ है। यह सत्य हो सकता है, यह सत्य तो होगा ही। लेकिन आजकल के गुरु तो शिष्यों की शांति का हरण कर उन्हें बेचैन बना देते हैं, परेशान कर देते हैं, विचलित कर डालते हैं।

गुरु की महानता से तमाम प्राचीन साहित्य और शास्त्र भरे पड़े हैं लेकिन उनके बीच कहीं यह भी लिखा है - वेषं न विश्वसेत प्राज्ञो वेषो दोषाय जायते। रावणो भिक्षुरूपेण जहार जनकात्मजाम् || अर्थात् - केवल वेश पर विश्वास नहीं करना चाहिए, वह दोष युक्त भी हो सकता है। रावण ने भिक्षु का रूप धर कर ही तो सीता का हरण किया था।

इस धरा धाम पर जितना भी ज्ञान विज्ञान है, वह श्रीगुरुमुख से प्राप्त होने पर ही फलित होता है। वस्तुतः ज्ञान ही गुरु है और गुरु ही ज्ञान है। अज्ञान रूपी अंधकार का अस्तित्व तब तक ही है, जब तक सद्ज्ञान का सवेरा न हो। गुरु के ज्ञान रूपी सूर्य की किरणें शिष्य के अंतःकरण पर पड़ती हैं, तो विकार, वासना और अज्ञान का अंधकार स्वयं भाग जाता है। गुरु, शिष्य के अंदर सोई पड़ी शक्ति को जागृत कर देते हैं सुप्त पड़ी चेतना को झकझोर कर जगा देते हैं और संवर जाता है शिष्य का जीवन, प्राप्त हो जाता है लक्ष्य, मिल जाता है किनारा। गुरु प्राप्ति शिष्य के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है, सबसे बड़ा सौभाग्य होता है।

अगर कोई गुरु शिष्य से कुछ भी चाहता है तो उसे गुरु कहलाने का अधिकार नहीं है। यह ठीक है कि आडंबर में लिपे-पुते तथाकथित गुरुओं ने लोगों की दृष्टि में गुरु तत्व की गरिमा को गिराया है, लेकिन कहीं ना कहीं आज भी कुछ तो ऐसे संत महापुरुष हैं, जो प्रत्येक शास्त्र सम्मत कसौटी पर खरे उतरते हैं और जिनकी शरण में जाकर व्यक्ति प्रभु प्राप्ति के राजपथ पर आगे और आगे बढ़ सकता है।

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दैनिक राशिफल 15 अक्टूबर 2021- जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे

PicsArt 10 10 10.45.39 1
Rashifal 6 December 2021
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar29 Nov 2025 06:04 PM
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Rashi15 अक्टूबर 2021-(शुक्रवार) (Rashifal 15 October 2021) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन-

मेष राशि -आज का दिन बेहद खास रहेगा। पुत्र अथवा पुत्री संबंधित लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत होगा। आपके खुशमिजाज व्यक्तित्व के कारण लोग आप के समीप आने की कोशिश करेंगे। किसी खास फैसले पर पहुंचने से पहले भली-भांति सोच विचार कर ले। सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। सायं काल का समय प्रिय जनों और परिवारजनों के साथ हास्य विनोद में गुजरेगा।

वृषक राशि - भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। कुछ ऐसे फैसले लेंगे जो भविष्य के लिये बहुत लाभदायक है। परिवार से के किसी सदस्य से धोखा मिल सकता है। दिन राजशाही में व्यतीत होगा। सायं काल किसी यात्रा पर जाने की संभावना है।

मिथुन राशि -दिन खुशहाल रहेगा। बहुमूल्य चीजों की प्राप्ति हो सकती है। ससुराल पक्ष से मान सम्मान मिलेगा। आपके सामने कुछ ऐसे खर्चे आ सकते हैं जिसे चाहते हुए भी आप टाल नहीं सकते। व्यवसाय में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। यदि किसी नई जगह पर निवेश करने का विचार बना रहे हैं तो अवश्य करें।

कर्क राशि- आज का दिन शुभ है। छात्रों के लिए आज का दिन बेहतर परिणाम लेकर आने वाला है। दान पुण्य एवं परोपकार की भावना में वृद्धि होगी। धार्मिक अनुष्ठानों के प्रति रुचि बढ़ेगी। पेट संबंधित छोटी-मोटी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अतः खानपान में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

सिंह राशि- दिन मिला जुला परिणाम लेकर आने वाला है। किसी कारण से मन दुखी व परेशान हो सकता है। व्यापार में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। धैर्य से क्या काम लेने की आवश्यकता है। संपत्ति संबंधित विवाद में पड़ सकते हैं।

कन्या राशि -आज किसी शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। भाग्य आपका साथ देगा। लोगों के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। अधिकार व संपत्ति में वृद्धि के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। मन प्रसन्न एवं शांत रहेगा।

तुला राशि - दिन खुशहाल व्यतीत होने वाला है। आज साहस पूर्वक कठिनताओं का सामना करेंगे।मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन जीवनसाथी के स्वास्थ्य में थोड़ी दिक्कत हो सकती है। आपकी भलाई वाली सोच को लोग आपकी मजबूरी और स्वार्थ समझेंगे। इसलिए बेवजह किसी की बातों में पड़ने से बचें।

वृश्चिक राशि -आज का दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। मन परेशान एवं खिन्न रहेगा। माता-पिता के सहयोग से सफलता हासिल होगी। ससुराल पक्ष से थोड़ी नाराजगी रहेगी। नेत्र संबंधी समस्या का अंत होगा। क्रोध व वाणी पर अत्यंत नियंत्रण रखने की आवश्यकता है अथवा संबंध खराब हो सकते हैं।

धनु राशि - आज का दिन उत्तम रहेगा। परिश्रम के मुताबिक परिणाम प्राप्त होंगे। ननिहाल पक्ष से प्रेम और सौहार्द की प्राप्ति होगी। दिल शानोशौकत में गुजरेगा। माता पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

मकर राशि -दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक मामलों में संभलने की आवश्यकता है। बेवजह के खर्च करने से बचें। स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।अचानक धन लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। सामाजिक कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। शाम के समय संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।

कुंभ राशि -दिन भागदौड़ से भरा हुआ होगा। आज काफी व्यस्तता रहेगी। जीवन से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं जो आगे चलकर बहुत ही लाभदायक साबित होने वाला है। किसी नए काम में यदि निवेश करने का अवसर प्राप्त हो तो अवश्य निवेश करें। शाम को किसी मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित हो सकते हैं। मन प्रसन्न रहेगा।

मीन राशि - दिन सामान्य रहेगा। कई कठिन निर्णय ले सकते हैं। आज यदि किसी से उधार लेने के बारे में सोच रहे हैं तो उससे बचे क्योंकि यदि आज आप किसी से उधार लेते हैं तो उसे उतारने में बहुत मुश्किल होगी। शासन द्वारा सम्मानित हो सकते हैं। किसी पुराने मित्र की मदद से सफलता हासिल होगी। जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा।

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