Sawan Shivratri 2023: दुर्लभ योग लेकर आई है सावन शिवरात्रि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और जलाभिषेक का समय

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Sawan Shivratri 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:14 AM
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Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi : शिवभक्तों के लिए सावन मास काफी खास होता है। इसके साथ ही सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है। इसके साथ ही जलाभिषेक करने से शिव जी अति प्रसन्न होते हैं। इस साल की सावन शिवरात्रि काफी खास है, क्योंकि बार शनिवार के दिन पड़ने के साथ-साथ वृद्धि योग भी बन रहा है। जानिए सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जलाभिषेक का समय से लेकर मंत्र तक।

Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi

सावन शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 15 जुलाई को शाम 08 बजकर 32 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 16 जुलाई को शाम 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

सावन शिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा समय

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा निशिता काल में करने से अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जुलाई को रात 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक शिवरात्रि की पूजा का शुभ समय है।

चार प्रहर में भगवान शिव की पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन रात के समय शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कष्ट से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के चार प्रहर होते हैं। चारों प्रहर में निशिता काल समय शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- शाम 07 बजकर 21 मिनट से 09 बजकर 54 मिनट तक रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- रात 09 बजकर 54 मिनट 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट तक रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजे तक रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03 बजे से 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक

व्रत पारण का समय

16 जुलाई 2023 को शिवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 33 मिनट से शाम 03 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें शिव की पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा के साथ शिवलिंग में जल चढ़ाना काफी शउभ माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ पंचामृत, गंगाजल, दूध, दही आदि से भी अभिषेक कर सकते है। इसके बाद बेलपत्र, धूतरा, आक का फूल, भस्म, भांग आदि चढ़ा दें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिवलिंग की पूजा कर दें। दीपक नीचे रख दें। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव मंत्र का जाप कर लें और अंत में विधिवत आरती कर लें।

शिव के चमत्कारिक मंत्र

ॐ शिवाय नम: ॐ सर्वात्मने नम: ॐ त्रिनेत्राय नम: ॐ हराय नम: ॐ इन्द्रमुखाय नम: ॐ श्रीकंठाय नम: ॐ वामदेवाय नम:

कब है सावन की दूसरी शिवरात्रि ? श्रावण मास की दूसरी सावन शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 को पड़ रही है।

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Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi : शिवभक्तों के लिए सावन मास काफी खास होता है। इसके साथ ही सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि का हर किसी को बेसब्री से इंतजार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है। इसके साथ ही जलाभिषेक करने से शिव जी अति प्रसन्न होते हैं। इस साल की सावन शिवरात्रि काफी खास है, क्योंकि बार शनिवार के दिन पड़ने के साथ-साथ वृद्धि योग भी बन रहा है। जानिए सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जलाभिषेक का समय से लेकर मंत्र तक।

Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi

सावन शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 15 जुलाई को शाम 08 बजकर 32 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 16 जुलाई को शाम 10 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी।

सावन शिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा समय

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा निशिता काल में करने से अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जुलाई को रात 12 बजकर 06 मिनट से रात 12 बजकर 48 मिनट तक शिवरात्रि की पूजा का शुभ समय है।

चार प्रहर में भगवान शिव की पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन रात के समय शिव जी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कष्ट से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के चार प्रहर होते हैं। चारों प्रहर में निशिता काल समय शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- शाम 07 बजकर 21 मिनट से 09 बजकर 54 मिनट तक रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- रात 09 बजकर 54 मिनट 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट तक रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- 16 जुलाई को सुबह 12 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजे तक रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03 बजे से 16 जुलाई को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक

व्रत पारण का समय

16 जुलाई 2023 को शिवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 33 मिनट से शाम 03 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें शिव की पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा के साथ शिवलिंग में जल चढ़ाना काफी शउभ माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ पंचामृत, गंगाजल, दूध, दही आदि से भी अभिषेक कर सकते है। इसके बाद बेलपत्र, धूतरा, आक का फूल, भस्म, भांग आदि चढ़ा दें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिवलिंग की पूजा कर दें। दीपक नीचे रख दें। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव मंत्र का जाप कर लें और अंत में विधिवत आरती कर लें।

शिव के चमत्कारिक मंत्र

ॐ शिवाय नम: ॐ सर्वात्मने नम: ॐ त्रिनेत्राय नम: ॐ हराय नम: ॐ इन्द्रमुखाय नम: ॐ श्रीकंठाय नम: ॐ वामदेवाय नम:

कब है सावन की दूसरी शिवरात्रि ? श्रावण मास की दूसरी सावन शिवरात्रि 14 अगस्त 2023 को पड़ रही है।

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Kawad Yatra 2023 : मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग जलाभिषेक के साथ संपन्न होगी कांवड यात्रा 

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kawad yatra 2023 jal date and time
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:22 AM
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kawad yatra 2023 jal date and time : कांवड़ यात्रा अब अपने चरम पर पहुंच रही है। जैसे जैसे शिवरात्रि का समय नजदीक आ रहा है वैसे ही कांवड़ यात्रा के रंग में भी भक्ति का रंग चढ़ता नजर आ रहा है। इस वर्ष श्रावण दो महीने होने के कारण सावन शिवरात्रि दो बार मनाई जा रही है, लेकिन इसमें पहली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन कावंड यात्रा को पूरा करके भक्त कांवड़ का जल शिवलिंग पर चढ़ाएंगे। भक्त इस कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त कुछ नियमों का पालन करते हुए पवित्र नदियों से जल लाते हैं और अपने आराध्य भोले बाबा का जलाभिषेक करते हैं।

Kawad Yatra 2023

कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व शिवरात्रि पर पूरा हो जाता है। सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा शुरू हो जाती है, जो शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने के साथ समाप्त होती है। इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो गया है, जो 31 अगस्त को खत्म होगा। एक लम्बे अंतराल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब सावन माह में अधिक मास पड़ रहा है। ऐसे में इस महीने में 8 सावन सोमवार के साथ ही 2 सावन शिवरात्रि पड़ रही हैं। इन दोनों का ही महत्व अपने आप में विशेष होगा। आइये जानते हैं इस बार कब चढ़ाया जाएगा कांवड़ का जल शिवलिंग पर और कैसे मिलेगा इसका शुभ लाभ।

कांवड शिवलिंग जलाभिषेक

कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु भारत के गंगा घाटों से मुख्य रुप से हरिद्वार, काशी, ऋषिकेश और अन्य स्थानों से पवित्र जल लेकर आते हैं। इस यात्रा को बाबा भोलेनाथ के भक्तों के द्वारा बहुत ही उत्साह के साथ किया जाता है। इस यात्रा में भक्त कांवड़ में जल को भरते हैं और यात्रा करते हुए अपने शहर, गांव एवं प्रसिद्ध मंदिरों में इस जल को शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्त भिन्न भिन्न प्रकार की कांवड़ से अपनी यात्रा को करते हैं। भक्त सामान्य कांवड़, डाक कांवड़, खड़ी कांवड़, दांडी कांवड़ इत्यादि के रुप में अपने सामर्थ्य अनुसार कांवड़ का चयन करके अपनी यात्रा आरंभ करते हैं।

Kawad Yatra 2023  - कब चढ़ाया जाएगा कांवड़ का जल

धर्म शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानि सावन शिवरात्रि पर भक्तगण शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। इस साल कांवर यात्रा 4 जुलाई से शुरू हुई, जो 15 जुलाई को खत्म होगी। इसलिए इस साल 15 जुलाई 2023 को सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। सावन शिवरात्रि यानी 15 जुलाई को सुबह 8 बजकर 32 मिनट से 10 बजकर 8 मिनट तक भगवान का जलाभिषेक करना शुभ रहेगा। इस दिन मासिक शिवरात्रि के साथ साथ प्रदोष व्रत का लाभ भी भक्तों को प्राप्त होगा।

शिवरात्रि के दिन और रात्रि दोनों ही पक्ष शिवलिंग जलाभिषेक के लिए उत्तम रहते हैं। भक्त सुबह से शाम तक भगवान पर जलाभिषेक करके पुण्य फलों को पाने में सफल होते हैं।  Kawad Yatra 2023

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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