वास्तुशास्त्र : पानी के इस तरह निकासी से घर में होगा लाभ

Water Drainage
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Oct 2021 04:55 AM
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घर छोटा हो या बड़ा उसमें जल की निकासी की व्यवस्था करना आवश्यक होता है। दैनिक दिनचर्या जैसे नहाने, कपड़े धोने, बर्तन साफ करने इत्यादि कार्यों में पानी के उपयोग के उपरांत निकले व्यर्थ जल की निकासी के लिए नाली अर्थात् ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाती है। ऐसा आपके घर में मौजूद वास्तु दोष की वजह से भी हो सकता है। पानी की तरह धन का बहना इसके लिए पानी की निकासी भी जिम्मेदार हो सकती है। अगर पानी की निकासी घर में सही होगी तो इंसान काफी तरक्की करता है और धन से संबंधित कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं कि पानी की निकासी घर में कैसी होनी चाहिए….

मान-प्रतिष्ठा में होती है वृद्धि

अगर पानी की निकासी और घर की ढलान उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो तो घर के सदस्यों का भाग्य हमेशा साथ देता है और मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। सभी सदस्य शांति से रहते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। इस दिशा में ढलान होने की वजह से लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है।

भाग्य हमेशा देता है साथ

अगर उत्तर दिशा की ओर पानी की निकासी और घर ढलान है तो यह शुभ माना जाता है। इस घर में वास करने वाले लोगों को भाग्य हमेशा साथ देता है और वंश वृद्धि भी होती है। साथ ही धन संबंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है और परिवार के सभी सदस्यों की तरक्की होती है।

ऐसे घर में हमेशा रहते हैं वाद-विवाद

अगर घर की ढलान उत्तर-पूर्व से नीची हो तो उस घर में रहने वाले सदस्यों को शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है और आए दिन चोरी होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी सही नहीं रहता। वहीं अगर घर की ढलान दक्षिण-पूर्व से नीची हो तब आग लगने का भय लगा रहता है। साथ ही महिलाओं और संतान के लिए यह घर शुभ फलदायी नहीं रहता। ऐसे घर में चोरी, धोखेबाजी, वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी के मामले बने रहते हैं।

आकस्मिक संकट का बना रहता है सामना

वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर घर की ढलान दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर है तो ऐसे घर में रहने वाले सदस्यों को बुरी आदतें जल्दी लगती हैं और कोई न कोई बीमारी लगी रहती है। ऐसे लोगों को आकस्मिक संकट और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा में ढलान होने से नकारात्मक शक्तियों की छाया बनी रहती है और इसमें रहने वाले लोगों का चरित्र भी दूषित होता है और उनके शत्रु भी हमेशा प्रबल रहते हैं।

घर में लक्ष्मी का होता है वास

अगर जमीन की ढलान और पानी की निकासी पूर्व दिशा की ओर हो तो उस जमीन पर बने घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर के सदस्यों की खूब तरक्की होती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस दिशा में पानी की निकासी विकास और विस्तार के लिए अच्छी मानी जाती है।

एस्ट्रोलोजर अनिल मिश्रा से बातचीत पर आधारित

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घर छोटा हो या बड़ा उसमें जल की निकासी की व्यवस्था करना आवश्यक होता है। दैनिक दिनचर्या जैसे नहाने, कपड़े धोने, बर्तन साफ करने इत्यादि कार्यों में पानी के उपयोग के उपरांत निकले व्यर्थ जल की निकासी के लिए नाली अर्थात् ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाती है। ऐसा आपके घर में मौजूद वास्तु दोष की वजह से भी हो सकता है। पानी की तरह धन का बहना इसके लिए पानी की निकासी भी जिम्मेदार हो सकती है। अगर पानी की निकासी घर में सही होगी तो इंसान काफी तरक्की करता है और धन से संबंधित कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। आइए जानते हैं कि पानी की निकासी घर में कैसी होनी चाहिए….

मान-प्रतिष्ठा में होती है वृद्धि

अगर पानी की निकासी और घर की ढलान उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो तो घर के सदस्यों का भाग्य हमेशा साथ देता है और मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। सभी सदस्य शांति से रहते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। इस दिशा में ढलान होने की वजह से लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है।

भाग्य हमेशा देता है साथ

अगर उत्तर दिशा की ओर पानी की निकासी और घर ढलान है तो यह शुभ माना जाता है। इस घर में वास करने वाले लोगों को भाग्य हमेशा साथ देता है और वंश वृद्धि भी होती है। साथ ही धन संबंधित समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है और परिवार के सभी सदस्यों की तरक्की होती है।

ऐसे घर में हमेशा रहते हैं वाद-विवाद

अगर घर की ढलान उत्तर-पूर्व से नीची हो तो उस घर में रहने वाले सदस्यों को शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है और आए दिन चोरी होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी सही नहीं रहता। वहीं अगर घर की ढलान दक्षिण-पूर्व से नीची हो तब आग लगने का भय लगा रहता है। साथ ही महिलाओं और संतान के लिए यह घर शुभ फलदायी नहीं रहता। ऐसे घर में चोरी, धोखेबाजी, वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी के मामले बने रहते हैं।

आकस्मिक संकट का बना रहता है सामना

वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर घर की ढलान दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर है तो ऐसे घर में रहने वाले सदस्यों को बुरी आदतें जल्दी लगती हैं और कोई न कोई बीमारी लगी रहती है। ऐसे लोगों को आकस्मिक संकट और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा में ढलान होने से नकारात्मक शक्तियों की छाया बनी रहती है और इसमें रहने वाले लोगों का चरित्र भी दूषित होता है और उनके शत्रु भी हमेशा प्रबल रहते हैं।

घर में लक्ष्मी का होता है वास

अगर जमीन की ढलान और पानी की निकासी पूर्व दिशा की ओर हो तो उस जमीन पर बने घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही घर के सदस्यों की खूब तरक्की होती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस दिशा में पानी की निकासी विकास और विस्तार के लिए अच्छी मानी जाती है।

एस्ट्रोलोजर अनिल मिश्रा से बातचीत पर आधारित

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शादी की है जल्दी तो इन 24 दिनों में करें, इसके बाद नहीं है शुभ मुहूर्त

Marriage 4 1
Vivah Muhurat 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Oct 2021 09:06 AM
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दीपावली (diwali( पर्व संपन्न होते ही शहनाईयां बजना शुरु हो जाएगी यानी शादी का सीजन (wedding season) शुरु हो जाएगा। यदि आपका भी रिश्ता हो चुका है या आप जल्द ही शादी (marriage) करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर फायदेमंद हो सकती है। क्योंकि दीपावली पर्व संपन्न होने के पंद्रह दिन बाद से शादी का सीजन (wedding season) शुरु हो रहा है। कुल 24 दिन का ही शादी का सीजन होगा और कुल 15 शुभ मुहूर्त होंगे। आपको बता दें कि 19 नवंबर 2021 से शादी का सीजन शुरु होगा और 13 दिसंबर 2021 तक रहेगा। इन 24 दिनों में केवल 15 मुहूर्त हैं। जिन मुहूर्तों को शुभ माना जाता है और ज्यादातर शादियां होती हैं। देवउठनी एकादशी से शादियां शुरू हो जाती हैं। 15 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी है और शुभकार्य प्रारंभ हो जाएंगे।

कितने दिनों के हैं मुहूर्त? इस सीजन में देवउठनी एकादशी 15 नंवबर की है। पहला शुभ मुहूर्त 19 नंवबर 2021 का है और आखिरी मुहूर्त 13 दिसंबर 2021 का है। इस हिसाब से इन आगामी 2 महीनों में सिर्फ 15 शुभ मुहूर्त ही हैं। इसके बाद अगले साल 15 जनवरी 2022 से शुभ मुहूर्त प्रारंभ होंगे। देवउठनी एकादशी पर अबूझ मुहूर्त की वजह से भी खूब विवाह होंगे।

यह रहेंगे शादी के मुहूर्त माह नवंबर 2021 महीने 19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30 को शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इसके अलावा दिसंबर के महीने में 8 शुभ मुहूर्त हैं जोकि 1, 2, 5, 6, 7, 11, 12 और 13 तारीख को बन रहे हैं।

By- Yashraj Kaniya kumar