National News : वीजा के इंतजार में अफगानिस्तान में फंसा युवक, परिवार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई

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Youth trapped in Afghanistan waiting for visa, family appeals to Indian government for help
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Jan 2023 07:42 PM
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National News : तिरुवनंतपुरम। हर दिन अपने पिता को याद करती नौ साल की बच्ची ने भारत सरकार से उन्हें विदेश से वापस लाने की मार्मिक अपील की है। उसके पिता दो साल पहले अफगानिस्तान में फंस गए थे और अपने परिवार के पास लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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केरल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो गुलाबमीर रहमानी अपने वीजा के नवीनीकरण के अलावा अनुसंधान के संबंध में आंकड़े जुटाने के लिए वर्ष 2020 में अफगानिस्तान गए थे। दुर्भाग्य से 2020 में ही अमेरिकी सरकार ने वहां तैनात अपनी सेना को वापस बुलाना शुरू कर दिया और तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया।

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वीजा नवीनीकरण की नियमित कवायद रहमानी के परिवार के लिए दु:स्वप्न साबित हुई, क्योंकि भारत सरकार ने भूराजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के मद्देनजर अफगानिस्तान में रह रहे लोगों का वीजा रद्द कर दिया और इसके परिणामस्वरूप रहमानी वहां फंस गए। उन्होंने ईरान के रास्ते भी भारत लौटने की कोशिश की, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह तेहरान में करीब एक साल से वीजा हासिल करने का इंतजार कर रहे हैं। रहमानी ने ईरान से व्हाट्सएप कॉल पर कहा कि मेरे शोध का विषय अफगानिस्तान से संबंधित था। मैं वहां आंकड़े एकत्रित करने के लिए गया था। मुझे अपने वीजा का नवीनीकरण भी कराना था। हालांकि, अफगानिस्तान में राजनीतिक हालात बदल गए और मैं वहां फंस गया। उन्होंने कहा कि बाद में मुझे ईरान का वीजा मिल गया और मैं वहां चला गया, ताकि भारत लौट सकूं। लेकिन, मैं करीब एक साल से तेहरान में फंसा हूं, क्योंकि भारतीय दूतावास मुझे वीजा जारी करने से इनकार कर रहा है।

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केरल विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फॉर ग्लोबल एकेडेमिक्स’ (सीजीए) के निदेशक प्रोफेसर साबू जोसेफ ने बताया कि रहमानी के विदेश में फंसे होने के कारण तिरुवनंतपुरम में उनकी पत्नी और तीन बच्चों को कठिन हालातों का सामना करना पड़ रहा है। रहमानी की पत्नी जमजमा ने कहा कि मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी। मुझे घर पर पृथकवास में रहना पड़ा, क्योंकि मेरे बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। मुझे घर के सारे काम निपटाने होते हैं, जरूरत पड़ने पर बच्चों को अस्पताल लेकर जाना पड़ता है। घर का सामान खरीदकर लाना पड़ता है, यह सब मैं अपनी पढ़ाई के साथ करती हूं। मैं घर से शोध कार्य नहीं कर सकती हूं, क्योंकि मेरे पास प्रयोगशाला से जुड़ा काम भी है।

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रहमानी की नौ साल की बच्ची ने रोते हुए कहा कि हम उन्हें बहुत याद करते हैं। हम यहां इंटरनेट की दिक्कत के कारण उनसे ठीक तरह से बात भी नहीं कर पाते। हमारी मां अपने बलबूते हमारी देखभाल नहीं कर सकती। हम चाहते हैं कि वह जल्द आ जाएं, ताकि हम खुशी-खुशी जी सकें। प्रोफेसर जोसेफ ने कहा कि रहमानी की ओर से एक अनुरोध विश्वविद्यालय ने केरल सरकार को भेजा था, जिसने पुलिस सत्यापन के बाद केंद्र से उन्हें वीजा जारी करने की सिफारिश की थी। रहमानी की पत्नी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से भी मुलाकात की थी।जोसेफ ने कहा कि लेकिन इसके बाद भारत सरकार से कोई जवाब नहीं आया। इस बीच, रहमानी कह रहे हैं कि तालिबान से उनकी जान को खतरा है।
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International News : चीन ने पृथक-वास संबंधी नियम हटाने के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का स्वागत किया

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China welcomes international travelers after lifting quarantine rules
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:14 AM
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बीजिंग। चीन ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बावजूद रविवार को तीन साल में पहली बार पृथक-वास की आवश्यकता के बगैर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और देश लौट रहे नागरिकों का स्वागत किया। चीन में सख्त शून्य कोविड नीति को अचानक वापस लिए जाने के बाद से ही संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।

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सरकारी टीवी सीजीटीएन ने बताया कि चीन के नए ‘कोई पृथक-वास नहीं’ नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर पहुंचीं पहली उड़ानें रविवार सुबह दक्षिणी ग्वांगडोंग प्रांत में ग्वांग्झू और शेनझेन हवाई अड्डों पर उतरीं। अधिकारियों ने बताया कि टोरंटो तथा सिंगापुर से आए दोनों विमानों में 387 यात्री सवार थे।

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रविवार को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र ने चीन के मुख्य भूभाग के साथ सीमा पार यात्रा बहाल की। चीन की सीमा के साथ लगते कई अन्य क्षेत्रों में भी सीमा पार यात्रा फिर से शुरू हो गई। चीन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए न्यूक्लिक एसिड जांच कराने और पृथक-वास करने संबधी कोविड-19 पाबंदियों को हटा रहा है। देशभर में शून्य कोविड नीति के विरोध में कई प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इस्तीफा देने की भी मांग की थी।

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चीन सरकार ने कोरोना वायरस संबंधित घटनाओं को लेकर हिरासत में लिए गए कई लोगों को रिहा करने का आदेश दिया था। पृथक-वास संबंधी सभी नियमों को हटाने की घोषणा का देश में स्वागत किया जा रहा है लेकिन इसके समय को लेकर अन्य देशों में चिंता पैदा हो गई है क्योंकि यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब 22 जनवरी को देश में वार्षिक वसंत उत्सव मनाया जाना है जिस दौरान लाखों चीनी नागरिक दुनियाभर में यात्रा करते हैं।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि चीन देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, इजराइल, मलेशिया, मोरक्को, कतर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जापान, अमेरिका और यूरोपीय संघ के कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों से 48 घंटे पहले की गई पीसीआर जांच रिपोर्ट दिखाने को कहा है जबकि मोरक्को ने कोविड-19 फैलने की आशंका से चीनी यात्रियों के देश में आने पर प्रतिबंध ही लगा दिया है।
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National News : लंदन के उप महापौर ने कहा, एफटीए को लेकर ब्रिटेन और भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति

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National News : UK and India have strong will for FTA, says Deputy Mayor of London
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 01:00 PM
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National News : भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार को मजबूत करार देते हुए लंदन के उप महापौर (कारोबार) राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने को लेकर ब्रिटेन और भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, पेशेवर सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं।

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अग्रवाल रविवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंदौर आए हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा,‘‘एफटीए को अंतिम रूप देकर द्विपक्षीय भागीदारी बढ़ाने को लेकर ब्रिटेन और भारत के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। एफटीए को लेकर दोनों तरफ से इच्छाशक्ति बहुत मजबूत है।’’ अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही रक्षा, पेशेवर सेवाओं, विधिक सेवाओं, जीवन विज्ञान और नव उद्यमों (स्टार्ट-अप) के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच भागीदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच के आर्थिक रिश्तों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले लंदन शहर में भारतीय कंपनियां करीब 80,000 नौकरियां दे रही हैं, जिनमें टाटा समूह और अलग-अलग आईटी फर्म शामिल हैं। अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के भीषण प्रकोप के दौरान भी भारतीय कंपनियों ने दुनियाभर में अपना कारोबार बढ़ाया, जो देश की आर्थिक तरक्की का सूचक है। वैश्विक मंदी की आहट पर उन्होंने कहा, ‘‘भारत का स्थानीय बाजार बहुत मजबूत है और देश की अर्थव्यवस्था तमाम झटकों को झेलने में सक्षम है। वैश्विक परिघटनाओं का हालांकि हर देश पर कुछ असर तो पड़ता ही है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत इससे (आर्थिक मंदी के खतरे से) काफी हद तक सुरक्षित है।’’ अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और दवा निर्माण में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है और यहां औद्योगिक उत्पादन की गतिविधियां भी तेज हो रही हैं। लंदन के उप महापौर ने कहा, “पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि भारत सबसे तेज रफ्तार से बढ़ती अर्थव्यवस्था और आर्थिक वृद्धि का वैश्विक इंजन है।’’ अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रतिभा संपन्न भारत में सरकार निवेश और उद्यमशीलता बढ़ाने में इच्छाशक्ति से लैस नजर आती है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका लोकतंत्र है और पश्चिमी देश भारत की ओर दोस्ताना नजरिया रखते हैं।’’ भारत के विकास में भारतवंशियों के योगदान को रेखांकित करते हुए लंदन के उप महापौर ने कहा कि प्रवासी भारतीय हर साल करीब 90 अरब डॉलर अपनी मातृभूमि भारत भेजते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन एकदम सटीक है कि प्रवासी भारतीय देश और विश्व के बीच एक जीवंत पुल की तरह हैं। प्रवासी भारतीय दुनिया में भारत के अनौपचारिक राजदूत हैं और वे भारत के ब्रांड को मजबूत कर रहे हैं।’’ इंदौर में जन्मे और पले-बढ़े अग्रवाल भारतीय मूल के पहले ऐसे शख्स हैं, जो लगातार दूसरी बार लंदन के उप महापौर बने हैं। उन्होंने कहा, “लंदन में भारतीय मूल के करीब 6.5 लाख लोग रहते हैं और इस शहर की राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला और संस्कृति में उनका बहुत बड़ा योगदान है।” अग्रवाल ने कहा कि उनका गृहनगर इंदौर भारत के सबसे साफ शहर के रूप में पहले ही अपनी वैश्विक पहचान बना चुका है और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में सोयाबीन, मोटे अनाज और डेयरी उत्पादों के प्रसंस्करण में निवेश की काफी संभावनाएं भी हैं।