Tariff :  ट्रंप का 26% टैरिफ भारत के लिए संकट या अवसर?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:41 PM
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Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर 10% से 49% तक का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत के लिए यह दर 26% तय की गई है, जिससे कई निर्यात आधारित उद्योग प्रभावित होंगे। हालांकि, कुछ क्षेत्रों को इस टैरिफ से फिलहाल राहत मिली है। आइए जानते हैं कि इस नए टैरिफ से भारतीय व्यापार पर क्या असर पड़ेगा और कौन से उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होंगे।

1. अमेरिकी Tariff  से भारत को होने वाला संभावित नुकसान

  • अमेरिका भारत के कई प्रमुख निर्यात उत्पादों पर 26% का टैरिफ लगाएगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न-आभूषण, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल सेक्टर इस टैरिफ के दायरे में आ सकते हैं।
  • भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में संभावित तनाव बढ़ सकता है।

2. किन क्षेत्रों को सबसे अधिक नुकसान होगा?

(क) इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर

  • भारत का लगभग 14 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अमेरिका जाता है।
  • इस टैरिफ से भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता घटेगी।

(ख) रत्न और आभूषण उद्योग

  • इस क्षेत्र का कुल निर्यात 9 अरब डॉलर से अधिक है।
  • अमेरिका में भारतीय आभूषणों की मांग प्रभावित हो सकती है।

(ग) ऑटोमोबाइल उद्योग

  • भारत के ऑटो पार्ट्स उद्योग पर पहले से 25% टैरिफ लागू था।
  • इस नए टैरिफ से निर्यात और उत्पादन लागत प्रभावित होगी।

(घ) फार्मास्यूटिकल सेक्टर

  • भारत से अमेरिका को होने वाला फार्मा निर्यात लगभग 12.2 अरब डॉलर है।
  • फिलहाल इसे टैरिफ से छूट मिली है, लेकिन भविष्य में स्थिति बदल सकती है।

3. किन सेक्टर्स को मिली राहत?

  • फार्मास्यूटिकल उत्पाद: भारतीय दवा कंपनियों को फिलहाल टैरिफ से छूट दी गई है।
  • ऊर्जा उत्पाद: इस पर फिलहाल कोई नया टैरिफ नहीं लगाया गया है।

4. अन्य एशियाई देशों पर प्रभाव

  • चीन पर 34% टैरिफ, जापान पर 24%, थाईलैंड पर 36%, बांग्लादेश पर 37% टैरिफ लगाया गया है।
  • वियतनाम पर 46% का भारी टैरिफ लगाया गया, जो अन्य देशों की तुलना में अधिक है।

5. भारत के लिए आगे की रणनीति

  • व्यापार समझौतों पर जोर: अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • नए बाजारों की खोज: यूरोप और एशिया में नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश की जा सकती है।
  • स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में निवेश बढ़ाना होगा।      Tariff :
   

Tariff : ट्रंप के नए टैरिफ से पाकिस्तान पर आर्थिक संकट गहराया

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पुंछ में पाकिस्तान की गोलीबारी, भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब !

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Indian Army : 
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:38 AM
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Indian Army : भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण सीमा विवाद हमेशा सुर्खियों में रहता है, और पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर पाकिस्तान ने भारतीय सेना (Indian Army ) की चौकियों को निशाना बनाते हुए पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में गोलीबारी की है। हालांकि, भारतीय सेना ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है और इस घटना में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई है।

पाकिस्तान की गोलीबारी का घटनाक्रम

पाकिस्तान ने बुधवार देर रात पुंछ जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर पर भारतीय सेना(Indian Army ) की अग्रिम चौकियों को हल्के हथियारों से निशाना बनाते हुए गोलीबारी की। यह गोलीबारी लगभग 20 मिनट तक चली। लेकिन भारतीय सेना(Indian Army ) की तत्परता के कारण किसी भी चौकी को कोई नुकसान नहीं हुआ। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, यह गोलीबारी बिना किसी उकसावे के की गई थी और पाकिस्तान का यह दुस्साहस फिर से सीमा पर तनाव पैदा करने का एक और प्रयास था।

भारतीय सेना (Indian Army )ने दिया मुंह तोड़ जवाब

पाकिस्तान की गोलीबारी के बाद भारतीय सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सेना ने अपनी स्थिति को मजबूत किया और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। 1 अप्रैल को भी इसी क्षेत्र में पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की थी। भारतीय सेना(Indian Army ) ने तब भी पाकिस्तान की हरकतों को मजबूती से जवाब दिया था और इस बार भी स्थिति संभाली।

सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि

पाकिस्तान का यह गोलीबारी घटना नई नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान ने कृष्णा घाटी सेक्टर में कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना हमेशा पाकिस्तान की इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब देती रही है, और इस बार भी उसे इसी तरह के जवाब का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना(Indian Army ) की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के पांच सैनिकों के हताहत होने की जानकारी मिली है, जबकि कई घायल भी हुए हैं।

कृष्णा घाटी में भारतीय सेना का अलर्ट मोड

पाकिस्तान की ओर से लगातार कृष्णा घाटी सेक्टर को निशाना बनाए जाने के कारण भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। भारतीय सेना ने अपनी चौकियों को और मजबूत किया है ताकि पाकिस्तान की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का जवाब दिया जा सके। भारतीय सेना की तैयारियों और तत्परता के कारण अब तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।Indian Army :

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PM Modi : पीएम मोदी थाईलैंड रवाना, BIMSTEC समिट में होगी चर्चा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:44 PM
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PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड के दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान वह विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं में शामिल होंगे और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस यात्रा के बाद पीएम मोदी श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर भी जाएंगे।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन और भारत की भूमिका

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां क्षेत्रीय सहयोग और आर्थिक समन्वय पर चर्चा की जाती है। इस सम्मेलन में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के शीर्ष नेता भाग लेंगे। पीएम मोदी इस अवसर पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग सहित अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और सुरक्षा जैसे विषयों पर वार्ता होगी।

थाईलैंड यात्रा के मुख्य पड़ाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न (रामा दसवें) और रानी सुथिदा से होगी। इसके अलावा, वे थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पीएम मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री वाट फो मंदिर का दौरा करेंगे, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और विशाल लेटे हुए बुद्ध प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर शिक्षा, विज्ञान और धर्म के अध्ययन के लिए भी जाना जाता है।

बिम्सटेक के लक्ष्यों पर विशेष ध्यान

इस शिखर सम्मेलन के दौरान 'बैंकॉक विजन 2030' को स्वीकार किए जाने की संभावना है। यह दस्तावेज़ बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगा। थाईलैंड के विदेश मामलों की स्थायी सचिव एक्सिरी पिंटारुची के अनुसार, इस वर्ष की थीम 'सक्रिय, लचीला और खुला बिम्सटेक' है। इस विजन का उद्देश्य:
  • क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना,
  • शांति और स्थिरता को मजबूत करना,
  • आर्थिक विकास को गति देना,
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक प्रयास करना है।

बिम्सटेक: एक परिचय

बिम्सटेक (BIMSTEC) यानी 'बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल' एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को जोड़ता है। इसके सात सदस्य देश हैं: भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है।  PM Modi :    

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