60 करोड़ ग्राहकों पर अंबानी की नजर, FMCG की दुनिया में आएगा नया तूफान

Mukesh Ambani
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calendar01 Dec 2025 12:59 PM
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Mukesh Ambani : देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) अब अपने एफएमसीजी कारोबार को पूरी तरह से नया रूप देने जा रही है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली यह कंपनी एक नई सहायक कंपनी New रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (New RCPL) की स्थापना कर रही है, जिसमें सभी FMCG ब्रांड्स को शामिल किया जाएगा। यह नई इकाई उसी तरह RIL की डायरेक्ट सब्सिडियरी होगी जैसे जियो प्लेटफॉर्म्स है। इस कदम का मकसद है FMCG कारोबार को और अधिक फोकस के साथ आगे बढ़ाना और ऐसे निवेशकों को आकर्षित करना जो कंज्यूमर ब्रांड्स के क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं।

क्या बदल रहा है?

इस समय रिलायंस के एफएमसीजी ब्रांड्स कैम्पा, इंडिपेंडेंस, रावलगांव, SIL, सोस्यो और वेलवेट्टे मुख्य रूप से RRVL (रिलायंस रिटेल वेंचर्स), RRL (रिलायंस रिटेल लिमिटेड) और RCPL (रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड) के तहत आते हैं। अब इन्हें समेटकर एक नई कंपनी बनाई जा रही है New RCPL, जो RIL की डायरेक्ट सहायक कंपनी होगी।

NCLT की मुहर

25 जून को NCLT मुंबई बेंच ने RIL के इस पुनर्गठन प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। आदेश में कहा गया है कि एफएमसीजी कारोबार की प्रकृति खुद में इतनी व्यापक और विशेषज्ञता-आधारित है कि इसे रिटेल से अलग रखना अधिक उचित होगा। यह कदम कंपनी की रणनीतिक स्वायत्तता और निवेशकों की स्पष्टता के लिए अहम माना जा रहा है।

चार चरणों में होगा पूरा पुनर्गठन

RRL के FMCG ब्रांड्स को स्लंप-सेल के जरिए RRVL को ट्रांसफर किया जाएगा। RCPL को RRVL में विलय किया जाएगा। फिर समेकित FMCG बिजनेस को Tira Beauty Ltd. (एक शेल कंपनी) में ट्रांसफर किया जाएगा। अंत में Tira Beauty का नाम बदलकर New RCPL कर दिया जाएगा।

60 करोड़ उपभोक्ताओं पर फोकस

RCPL के डायरेक्टर और FMCG प्रमुख टी कृष्णकुमार के अनुसार, कंपनी की रणनीति 60 करोड़ भारतीयों को टारगेट करने और किराना दुकानदारों से सीधे जुड़कर मार्केट में गहराई से उतरने की है। कंपनी का लक्ष्य मार्च 2027 तक राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड को मजबूत बनाना है। RCPL के उत्पाद कोका-कोला, मोंडेलेज और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे दिग्गज ब्रांड्स की तुलना में 20-40% सस्ते हैं, और इसमें ट्रेड मार्जिन भी अधिक मिलता है। यानी दुकानदारों के लिए मुनाफा भी ज्यादा।

 11,500 करोड़ का कारोबार और IPO की तैयारी

FY25 में कंपनी का एफएमसीजी कारोबार 11,500 करोड़ रुपये का रहा, जिसमें 60% से ज्यादा बिक्री जनरल ट्रेड (किराना स्टोर) से हुई। सूत्रों के मुताबिक, RRVL की वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा है। अंबानी पहले ही रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस के IPO लाने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में यह कदम आईपीओ के लिए जमीन तैयार करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। आज RCPL के प्रोडक्ट्स 3200 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटरों और 10 लाख से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स के जरिए बाजार में मौजूद हैं। कैम्पा जैसे ब्रांड्स ने कुछ इलाकों में डबल डिजिट मार्केट शेयर भी हासिल कर लिया है। Mukesh Ambani

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कुदरत का कहर: सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग टूटा, केदारनाथ यात्रा फिर ठप!

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 12:48 AM
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भारी बारिश के चलते फिर रोकी गई केदारनाथ यात्रा: उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है और इसका सीधा असर श्रद्धालुओं की आस्था पर पड़ रहा है। एक बार फिर से केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। वजह बनी है सोनप्रयाग और मुनकटिया के बीच का वह मार्ग जो भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते पूरी तरह ध्वस्त हो गया है।

अचानक मलबा गिरा, श्रद्धालु फंस गए

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना देर रात की है जब सोनप्रयाग-मुनकटिया के बीच अचानक भारी मलबा गिरा। इसके कारण उस समय वहां से गुजर रहे कई श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत राहत और बचाव दल को मौके पर भेजा गया।

SDRF और NDRF ने बचाई 40 ज़िंदगियाँ

घटना के बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने तेजी से मोर्चा संभाला। टीमों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मलबे के बीच रास्ता बनाते हुए करीब 40 फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। यह राहत कार्य त्वरित और साहसिक कार्रवाई का उदाहरण है।

हर साल दोहराई जाती है ऐसी स्थिति

यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा को बारिश के चलते रोका गया हो। हर साल जुलाई के महीने में पहाड़ों में लैंडस्लाइड और भारी बारिश की घटनाएं आम हो गई हैं। इसी वजह से प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हमेशा सतर्क रहती हैं। इस तरह की रोक यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाई जाती है ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।

यात्रियों से अपील: सावधानी बरतें

प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा पर निकलें और आपात स्थिति में धैर्य और सतर्कता बनाए रखें। लैंडस्लाइड की संभावना वाले क्षेत्रों में फिलहाल जाने से बचें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। अयोध्या को सुरक्षा का अभेद कवच : 8 एकड़ में बनेगा एनएसजी का हब, कैबिनेट से मिली मंजूरी
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INDIA गठबंधन में ‘ओवैसी फैक्टर’ का एंट्री टेस्ट, RJD खेलेगी बड़ा दांव !

INDIA गठबंधन में ‘ओवैसी फैक्टर’ का एंट्री टेस्ट, RJD खेलेगी बड़ा दांव !
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calendar01 Dec 2025 03:37 PM
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Bihar Assembly Election 2025 :  बिहार की राजनीति एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने महागठबंधन में शामिल होने की खुली पेशकश कर सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने इस बाबत आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखकर सहयोग का अनुरोध किया है और तेजस्वी यादव से भी संपर्क साधा गया है। हालांकि, अब तक आरजेडी की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इस बीच, INDIA गठबंधन, जिसमें पहले से छह दल शामिल हैं, सीट बंटवारे को लेकर असमंजस में हैऔर अब AIMIM, वीआईपी और झामुमो जैसी पार्टियों की दावेदारी ने इस गठबंधन के भीतर समीकरण और जटिल कर दिए हैं।

वहीं आम आदमी पार्टी ने इस बार अकेले चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने 2 जुलाई को लालू यादव को पत्र भेजकर आग्रह किया कि पार्टी को महागठबंधन में शामिल किया जाए ताकि सेक्युलर वोटों का बंटवारा न हो और NDA को सत्ता से बाहर किया जा सके। इस पत्र के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। लेकिन ये केवल दोस्ती का पैग़ाम नहीं है, यह रणनीतिक दांव भी है—वोट बैंक को साधने और विरोधियों को असहज करने का।

गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती

INDIA गठबंधन में पहले से ही छह पार्टियां सक्रिय हैं और अब तक करीब 196 सीटों पर दावेदारी हो चुकी है, जबकि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं। RJD खुद 138 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में AIMIM की एंट्री को लेकर एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या RJD और कांग्रेस अपने पुराने सहयोगियों की नाराज़गी झेलने को तैयार हैं? AIMIM लंबे समय से भाजपा की 'बी टीम' कहकर बदनाम की जाती रही है। अब जब ओवैसी खुद महागठबंधन में शामिल होने की बात कर रहे हैं, तो यह उनकी छवि को बदलने का प्रयास भी माना जा रहा है। सीमांचल में मुस्लिम वोटरों पर AIMIM की पकड़ है, और यह वही इलाका है जिसने 2020 में राजद को तगड़ा झटका दिया था।

गठबंधन के भीतर भी असहजता

महागठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा और वीआईपी जैसी पार्टियों की सीटों को लेकर नाराज़गी पहले से है। अब AIMIM की दावेदारी से यह असंतुलन और बढ़ सकता है। कांग्रेस साफ कह चुकी है कि AIMIM ने उन्हें कोई प्रस्ताव नहीं दिया है, जबकि RJD का कहना है कि अंतिम निर्णय लालू और तेजस्वी लेंगे। ओवैसी का साफ कहना है कि उनकी पार्टी सिर्फ ‘वोट ट्रांसफर’ के लिए नहीं बनी है। AIMIM सत्ता और नीति-निर्माण में भागीदारी चाहती है। उनके शब्दों में—"हम हिस्सेदारी की बात करते हैं, तेजस्वी गुलामी की बात करते हैं।

यदि AIMIM को महागठबंधन में जगह नहीं मिली, तो सीमांचल में वोटों का विभाजन तय है। इसका सीधा फायदा एनडीए को मिलेगा। जानकार मानते हैं कि ओवैसी इस रणनीति के तहत खुद को दोष से मुक्त दिखाकर कांग्रेस-राजद पर नैतिक दबाव बनाना चाहते हैं। बता दें कि साल  2020 में AIMIM ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 5 सीटें जीत ली थीं। हालांकि इनमें से चार विधायक बाद में RJD में चले गए। इसके बावजूद सीमांचल में AIMIM का असर बरकरार है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने 8 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और लगभग 3.8 लाख वोट हासिल किए।      Bihar Assembly Election 2025

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