Lok Sabha News: सरकार से अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार का अनुरोध

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सदन में शून्यकाल में शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर ने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने का वादा किया था, उसके बाद आंदोलन वापस लिया गया। उन्होंने दावा किया कि पिछले साल दिसंबर में सरकार के पत्र में दिये गये एक भी आश्वासन को पूरा नहीं किया गया है और किसान फिर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के लिए आने को मजबूर हैं, इसलिए केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 को बिना किसानों से रायशुमारी के सदन में पेश किया जिस पर पुनर्विचार होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस की परणीत कौर ने भी एमएसपी के मुद्दे को उठाया और बिजली विधेयक पर किसानों से बात कर पुनर्विचार करने का अनुरोध सरकार से किया। कांग्रेस सदस्य अमर सिंह ने शून्यकाल में दावा किया कि पंजाब में मनरेगा योजना के तहत 50 प्रतिशत से भी कम धन का उपयोग हो रहा है और श्रमिकों को भुगतान नहीं हो रहा। सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का आरोप है कि पंजाब की नयी सरकार 25 दिन का भी वेतन नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत निर्णय लेने का अधिकार पंचायतों को है जिसमें राज्य सरकार का अधिक इस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। शूल्यकाल में ही भाजपा की रमा देवी ने भी बिहार में अपने संसदीय क्षेत्र शिवहर में मनरेगा में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया और सरकार से ध्यान देने का अनुरोध किया। द्रमक की के. कनिमोझी केंद्र से माचिस उद्योग के संरक्षण के लिए उस पर जीएसटी को नहीं बढ़ाने, एक बार इस्तेमाल योग्य प्लास्टिक से बने लाइटर पर प्रतिबंध लगाने और माचिस उत्पादन से जुड़े कच्चे माल के मूल्य पर लगाम लगाने का आग्रह किया। भाजपा के उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सहारा इंडिया में अपनी मेहनत की कमाई को जमा करने वाले और अब उसे वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की याचिकाएं ‘‘अदालत में विचाराधीन हैं, लेकिन न्यायिक विलंब के कारण’’ लोगों को पैसा वापस नहीं मिल रहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वित्त मंत्रालय और विधि मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि न्यायिक प्रक्रिया त्वरित हो और लोगों को उनका जमा धन वापस मिले। कुछ अन्य सदस्यों ने भी सिंह की मांग का समर्थन किया। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने अग्निपथ योजना के तहत संविदा भर्ती के केंद्र सरकार के निर्णय को ‘‘किसी भी दृष्टि से सही नहीं’’ बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई। उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि पहले की तर्ज पर सेना भर्ती रैलियां आयोजित की जाएं और कोरोना महामारी के मद्देनजर अभ्यर्थियों को आयु सीमा में दो साल की छूट दी जाए। भाजपा के जयंत सिन्हा ने झारखंड की ‘सोहराई कला’ की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि 2020 में इसे जीआई टैग मिल चुका है और इस साल गणतंत्र दिवस परेड में इस कला को शामिल किया गया। उन्होंने सरकार से इस कला से जुड़ीं महिला कारीगरों को और अधिक प्रोत्साहित करने तथा स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया। शून्यकाल में केरल से कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने सरकार को उनके क्षेत्र के इलायची किसानों के लिए एमएसपी की घोषणा करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि मसाला बोर्ड इस दिशा में कुछ नहीं कर पा रहा। बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र ने डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर छह दिसंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने अल्प सेवा आयोग, आपातकालीन आयोग और महिला विशेष प्रविष्टियों के तहत सैन्य अधिकारियों के लिए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (ओआरओपी) को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेनाओं में ऐसे करीब 10,000 अधिकारी हैं और उन्हें पेंशन तथा स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलते जो स्थायी कमीशन के तहत भर्ती अधिकारियों को मिलते हैं। तिवारी ने सरकार से अनुरोध किया कि इन अधिकारियों को भी ओआरओपी के तहत लाभ मिलने चाहिए। शिवसेना सदस्य श्रीरंग अप्पा बारणे ने शून्यकाल में कोविड से पहले तक सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलती रही रेल किराया छूट को बहाल करने की मांग की।Water News: समूचे देश में के 85 प्रतिशत स्कूलों में नल से जल की व्यवस्था : पटेल
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सदन में शून्यकाल में शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर ने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने का वादा किया था, उसके बाद आंदोलन वापस लिया गया। उन्होंने दावा किया कि पिछले साल दिसंबर में सरकार के पत्र में दिये गये एक भी आश्वासन को पूरा नहीं किया गया है और किसान फिर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के लिए आने को मजबूर हैं, इसलिए केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्युत संशोधन विधेयक, 2022 को बिना किसानों से रायशुमारी के सदन में पेश किया जिस पर पुनर्विचार होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस की परणीत कौर ने भी एमएसपी के मुद्दे को उठाया और बिजली विधेयक पर किसानों से बात कर पुनर्विचार करने का अनुरोध सरकार से किया। कांग्रेस सदस्य अमर सिंह ने शून्यकाल में दावा किया कि पंजाब में मनरेगा योजना के तहत 50 प्रतिशत से भी कम धन का उपयोग हो रहा है और श्रमिकों को भुगतान नहीं हो रहा। सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का आरोप है कि पंजाब की नयी सरकार 25 दिन का भी वेतन नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत निर्णय लेने का अधिकार पंचायतों को है जिसमें राज्य सरकार का अधिक इस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। शूल्यकाल में ही भाजपा की रमा देवी ने भी बिहार में अपने संसदीय क्षेत्र शिवहर में मनरेगा में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया और सरकार से ध्यान देने का अनुरोध किया। द्रमक की के. कनिमोझी केंद्र से माचिस उद्योग के संरक्षण के लिए उस पर जीएसटी को नहीं बढ़ाने, एक बार इस्तेमाल योग्य प्लास्टिक से बने लाइटर पर प्रतिबंध लगाने और माचिस उत्पादन से जुड़े कच्चे माल के मूल्य पर लगाम लगाने का आग्रह किया। भाजपा के उदय प्रताप सिंह ने कहा कि सहारा इंडिया में अपनी मेहनत की कमाई को जमा करने वाले और अब उसे वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे लोगों की याचिकाएं ‘‘अदालत में विचाराधीन हैं, लेकिन न्यायिक विलंब के कारण’’ लोगों को पैसा वापस नहीं मिल रहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वित्त मंत्रालय और विधि मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि न्यायिक प्रक्रिया त्वरित हो और लोगों को उनका जमा धन वापस मिले। कुछ अन्य सदस्यों ने भी सिंह की मांग का समर्थन किया। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने अग्निपथ योजना के तहत संविदा भर्ती के केंद्र सरकार के निर्णय को ‘‘किसी भी दृष्टि से सही नहीं’’ बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई। उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि पहले की तर्ज पर सेना भर्ती रैलियां आयोजित की जाएं और कोरोना महामारी के मद्देनजर अभ्यर्थियों को आयु सीमा में दो साल की छूट दी जाए। भाजपा के जयंत सिन्हा ने झारखंड की ‘सोहराई कला’ की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि 2020 में इसे जीआई टैग मिल चुका है और इस साल गणतंत्र दिवस परेड में इस कला को शामिल किया गया। उन्होंने सरकार से इस कला से जुड़ीं महिला कारीगरों को और अधिक प्रोत्साहित करने तथा स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया। शून्यकाल में केरल से कांग्रेस के डीन कुरियाकोस ने सरकार को उनके क्षेत्र के इलायची किसानों के लिए एमएसपी की घोषणा करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि मसाला बोर्ड इस दिशा में कुछ नहीं कर पा रहा। बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र ने डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर छह दिसंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की। कांग्रेस सदस्य मनीष तिवारी ने अल्प सेवा आयोग, आपातकालीन आयोग और महिला विशेष प्रविष्टियों के तहत सैन्य अधिकारियों के लिए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ (ओआरओपी) को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सेनाओं में ऐसे करीब 10,000 अधिकारी हैं और उन्हें पेंशन तथा स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलते जो स्थायी कमीशन के तहत भर्ती अधिकारियों को मिलते हैं। तिवारी ने सरकार से अनुरोध किया कि इन अधिकारियों को भी ओआरओपी के तहत लाभ मिलने चाहिए। शिवसेना सदस्य श्रीरंग अप्पा बारणे ने शून्यकाल में कोविड से पहले तक सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मिलती रही रेल किराया छूट को बहाल करने की मांग की।Water News: समूचे देश में के 85 प्रतिशत स्कूलों में नल से जल की व्यवस्था : पटेल
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