Hockey India : बांस के डंडो से सीखा हॉकी का ककहरा, अब खेलेंगे एस्ट्रो टर्फ पर

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:04 PM
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भारत के ओड़िशा में इस समय Hockey India की धूम देखने को मिल रही है लेकिन शायद आप यहां के एक गाँव में रहने वाले हॉकी खिलाड़ियों और उनके जज्बे से वाकिफ नहीं होंगे। ये हैं सोनामारा में रहने वाले आदिवासी परिवार जिनके बच्चे धूल से भरे हुए मैदान में भी ऐसे जोश के साथ खेलते हैं जैसे वे अपने देश के लिए किसी बड़े मंच पर खेल रहे हों। वैसे इस गाँव की प्रतिभा कोई नयी नहीं है बल्कि यहां से Hockey India के कई चुने हुए सितारे निकले हैं जैसे कि दिलीप टिर्की, अमित रोहिदास, दिप्सन टिर्की और महिला टीम की पूर्व कप्तान सुभद्रा प्रधान आदि। किन्तु इसके बाद भी गाँव के युवा कौशल पर इतना अधिक ध्यान नहीं दिया गया। पर अब सरकार के द्वारा गाँव के मैदान में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है जिसे आप एक कृत्रिम पिच भी कह सकते हैं।

इस नये निर्णय से ख़ुश हैं सोनामारा के पूर्व खिलाड़ी

दिलीप टिर्की जो कि इसी गाँव से निकल कर एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी (Hockey India) बने हैं उन्होंने कहा कि जब वे छोटे थे तब उनके यहां कोई खेलने का मैदान नहीं हुआ करता था तो उन्हें जहाँ जगह मिलती वे वहीं खेलना और सीखना शुरू कर देते थे। लेकिन अब जब उन्हें पता चला है कि उनके गाँव में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है तब वे अपने गांव के बच्चों के लिए काफ़ी ख़ुश हैं और उम्मीद करते हैं और बेहतर प्रतिभाएँ (Hockey India) निकल कर देश को गर्व महसूस कराएंगी।

ओड़िशा सरकार ने ली जिम्मेदारी

अगर आप अंतराष्ट्रीय मैच की बात करें तो वहाँ पर लगने वाली पिच की कीमत करोड़ों में होती है लेकिन यहां पर ओड़िशा सरकार के द्वारा फिलहाल रेत से भरी हुई पिच लगवाने का काम शुरू किया जा चुका है। ओड़िशा के सुन्दरगढ़ जिले में लगभग 17 ब्लॉक्स में ऐसी पिच बिछायी जाएंगी।

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Political News : मेघालय की जनता राज्य में सत्ता परिवर्तन चाहती है : ममता

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The people of Meghalaya want a change of government in the state: Mamta
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 03:46 AM
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि चुनावी राज्य मेघालय में जनता सत्ता परिवर्तन चाहती है। बनर्जी का बुधवार को मेघालय जाने का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि असम-मेघालय सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए।

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उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वारा के लिए रवाना होने से पहले यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मेघालय की जनता (सरकार में) बदलाव चाहती है। असम और मेघालय के बीच विवाद है। दोनों राज्यों के सीमा विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।

Noida News : ट्रक डाइवर (Truck Driver) ऐसे किसी को पास का नहीं दिखता तो किसी को दूर का

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी का पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ मेघालय के उत्तरी गारो हिल्स जिले में जनसभा करने का कार्यक्रम है। मेघालय विधानसभा के चुनाव इस साल कराये जाने हैं। बनर्जी ने पिछले साल दिसंबर में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन किया था।

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Supreme Court : अल्पसंख्यकों की पहचान के बाबत छह राज्यों के राय नहीं देने से सुप्रीम कोर्ट नाराज

तृणमूल कांग्रेस असम और त्रिपुरा के साथ मेघालय में भी अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में कई कांग्रेस विधायकों के पाला बदलकर ममता बनर्जी नीत पार्टी में आ जाने से तृणमूल मेघालय में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में अंतर सीमा विवाद के तहत हुई हिंसा में मेघालय के पांच आदिवासियों और एक असम वन गार्ड सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Supreme Court : अल्पसंख्यकों की पहचान के बाबत छह राज्यों के राय नहीं देने से सुप्रीम कोर्ट नाराज

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Supreme Court angry over six states not giving opinion regarding recognition of minorities
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Jan 2023 10:49 PM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर सहित छह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा केंद्र को अपनी राय नहीं देने पर मंगलवार को नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति एसके कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रही है कि इन राज्यों ने अपना जवाब क्यों नहीं दिया।

Supreme Court

पीठ ने कहा कि हम केंद्र सरकार को उनकी प्रतिक्रिया लेने का अंतिम अवसर देते हैं, ऐसा नहीं होने पर हम मान लेंगे कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कार्य मंत्रालय द्वारा दायर हालिया स्थिति रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि 24 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों ने अब तक इस संबंध में अपनी टिप्पणी दी है। पिछले सप्ताह सर्वोच्च अदालत में दायर स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, लक्षद्वीप, राजस्थान और तेलंगाना से अभी तक जवाब नहीं मिला है।

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जब वेंकटरमणी ने पीठ से कहा कि छह राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने अभी तक इस मुद्दे पर अपनी राय नहीं दी है, तो पीठ ने कहा कि वे लंबे समय तक ऐसा नहीं कर सकते और यह मान लिया जाएगा कि वे जवाब नहीं देना चाहते हैं।

Supreme Court

एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।पीठ ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों का शासन केंद्र द्वारा संचालित है। इस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय की है।

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केंद्र ने पिछले साल 22 नवंबर को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि उसने राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के मुद्दे पर सभी राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों और अन्य पक्षों के साथ बैठकें की हैं और अब तक 14 राज्यों ने इस संबंध में अपनी राय दी है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida