MP NEWS: पहली बार हाथों का अंगदान, 18 वर्षीय युवती को मिली नई जिंदगी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:22 PM
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MP NEWS: इंदौर। समूचे मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इंदौर में सोमवार को हाथों का अंगदान किया गया और 52 साल की दिवंगत महिला के इन हाथों के प्रत्यारोपण से 18 वर्षीय युवती को नई जिंदगी मिलने की उम्मीद है। अंगदान की प्रक्रिया से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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अधिकारियों ने बताया कि इंदौर निवासी विनीता खजांची (52) को अचानक मस्तिष्क संबंधी गंभीर समस्या के चलते शहर के एक निजी अस्पताल में 13 जनवरी की सुबह भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल में खजांची की हालत बिगड़ती चली गई और चिकित्सकों ने उन्हें 15 जनवरी (रविवार) को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि शोक में डूबे होने के बावजूद खजांची के परिजन उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनके मरणोपरांत अंगदान के लिए खुद आगे आए और इसके बाद शल्य चिकित्सकों ने 52 वर्षीय महिला के मृत शरीर से उनके दोनों हाथ, दोनों फेफड़े, यकृत (लिवर) और दोनों गुर्दे (किडनी) एकत्र कर लिए। ‘इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन’ के सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने बताया, यह राज्य के इतिहास में पहली बार है, जब दिमागी रूप से मृत किसी व्यक्ति के हाथों का अंगदान किया गया है। यह घटना अंगदान के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है। दीक्षित, शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन भी हैं। उन्होंने बताया कि खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों हाथों को विशेष उड़ान से मुंबई भेजा गया। दीक्षित ने बताया कि मुंबई के एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण के जरिये इन हाथों को 18 वर्षीय युवती के शरीर में लगाया जाएगा। दीक्षित ने कहा, मुझे बताया गया है कि जन्म से ही इस युवती के दोनों हाथ नहीं हैं। अंगदान से मिले हाथों की प्रत्यारोपण सर्जरी से उसे नयी जिंदगी मिलने की उम्मीद है। खजांची की दो बेटियां हैं और उनके पति सुनील खजांची ट्रांसपोर्ट कारोबार चलाते हैं। उनकी बड़ी बेटी निरीहा ने कहा, मेरी मां के दिल में लड़कियों के लिए हमेशा से प्रेम और हमदर्दी का खास स्थान रहा है। यह संयोग है कि मरणोपरांत अंगदान के बाद उनके दोनों हाथ 18 साल की लड़की के शरीर में लगने जा रहे हैं। अंगदान को बढ़ावा देने वाली गैर सरकारी संस्था "मुस्कान ग्रुप" के स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने बताया कि खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों फेफड़े विशेष उड़ान से चेन्नई भेजे गए और ये अंग वहां के एक निजी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे। आर्य ने बताया कि इस अंगदान से हासिल यकृत और दो गुर्दे इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों के शरीर का हिस्सा बनकर उन्हें नई जिंदगी देंगे। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क संबंधी गंभीर समस्या के चलते दम तोड़ने वाली महिला की त्वचा और आंखें भी दान की गई हैं।

RAJSTHAN NEWS: कोटा में जेईई-मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र ने की आत्महत्या

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RAJSTHAN NEWS: कोटा में जेईई-मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र ने की आत्महत्या

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RAJSTHAN NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jan 2023 11:34 PM
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RAJSTHAN NEWS: कोटा। राजस्थान के कोटा में जेईई-मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे 17 वर्षीय एक छात्र ने अपने छात्रावास के कमरे में पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना रविवार शाम कोटा के महावीर नगर थाना क्षेत्र में हुई। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, आत्महत्या करने से पहले छात्र करीब एक महीने से कक्षा में नहीं जा रहा था।

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पुलिस अवर निरीक्षक अवधेश सिंह ने बताया, रविवार की शाम जब लड़के ने अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो छात्रावास के ‘केयरटेकर’ ने पुलिस को इसकी सूचना दी। उनके अनुसार, जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ा और लड़के को पंखे से लटका हुआ पाया गया। छात्र ने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जेईई-मेन्स के लिए प्रयास किया था लेकिन असफल रहा। फिर उसने पिछले साल जुलाई में कोटा के एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि छात्र द्वारा इतना बड़ा कदम उठाए जाने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, क्योंकि उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। पुलिस अधिकारी ने बताया शव को पोस्टमॉर्टम के लिए न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शवगृह में रखा गया है। परिवार के सदस्यों के आने के बाद छात्र का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्रों को तैयार करने वाले कोचिंग संस्थानों का गढ़ है। यहां पिछले साल कम से कम 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी।

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Political News : न्यायपालिका पर कब्जे के लिए धमका रही है सरकार : कांग्रेस

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Government is threatening to capture the judiciary: Congress
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Jan 2023 11:17 PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार, न्यायपालिका पर ‘कब्जा करने के इरादे’ से उसे ‘धमका’ रही है। पार्टी ने यह आरोप कानून मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र के मद्देनजर लगाया, जिसमें उन्होंने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया है।

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रिजीजू ने प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि इससे न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही लाने में मदद मिलेगी।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि उपराष्ट्रपति ने हमला बोला। कानून मंत्री ने हमला किया। यह न्यायपालिका के साथ सुनियोजित टकराव है, ताकि उसे धमकाया जा सके और उसके बाद उसपर पूरी तरह से कब्जा किया जा सके। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम में सुधार की जरूरत है, लेकिन यह सरकार उसे पूरी तरह से अधीन करना चाहती है। यह उपचार न्यायपालिका के लिए विष की गोली है। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को लिखे पत्र को सही ठहराते हुए रिजीजू ने ट्वीट किया कि सीजेआई को लिखे गए पत्र की सामग्री उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ की टिप्पणी और निर्देश के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सुविधा की राजनीति सही नहीं है, खासतौर पर न्यायपालिका के नाम पर। भारत का संविधान सर्वोच्च है और उससे ऊपर कोई नहीं है।

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रिजीजू ने कहा कि सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम में केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम (एनजेएसी) को रद्द करने के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार की गई कार्रवाई है।

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रिजीजू ने यह टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए की। केजरीवाल ने केंद्र सरकार की ओर से कॉलेजियम में अपने प्रतिनिधियों को शामिल करने की उच्चतम न्यायालय से की गई मांग को ‘बेहद खतरनाक’ करार दिया है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मुझे उम्मीद है कि आप अदालत के निर्देश का सम्मान करेंगे। यह उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद्द किए जाने के दौरान दिए गए सुझाव के अनुसार की गई कार्रवाई है। उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने कॉलेजियम प्रणाली के प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) में संशोधन करने का निर्देश दिया था। इससे पहले, केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘यह बहुत ही खतरनाक है। न्यायिक नियुक्तियों में सरकार का निश्चित तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में रिजीजू ने कहा था कि न्यायिक नियुक्तियों के लिए कॉलेजियम प्रणाली संविधान से ‘बिलकुल अलग व्यवस्था’ है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी दावा किया था कि न्यायपालिका, विधायिका की शक्तियों में अतिक्रमण कर रही है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida