सचिन-कोहली के बाद अब टीम इंडिया को मिला ये सुपरस्टार, दिख रही रनों की भूख

Gil
Indian Star
locationभारत
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calendar21 Feb 2025 08:06 PM
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Indian Star : आज विश्व में क्रिकेट का खेल बड़े चाव से देखा और सुना जाता है। सभी देशों में समय-समय पर बेहतरीन खिलाड़ियों का आगमन होता रहता है। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी एक से बढ़कर एक महान बल्लेबाजों ने अपनी खेल प्रतिभा से चमक बिखेरी है। पहले सुनील गावस्कर का जलवा हमने देखा उसके बाद सचिन तेंदुलकर और फिर विराट कोहली ने पूरी दुनिया में अपने खेल के बल पर अपना लोहा मनवाया है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब एक बार फिर टीम इंडिया को भविष्य का नया सुपर स्टार मिल गया है। भारत का यह नया सुपरस्टार बल्लेबाज कोई और नहीं बल्कि शुभमन गिल है। भारत का यह स्टार बल्लेबाज गेंदबाजों के लिए आतंक का पर्याय बन चुका है। भारत का ये बल्लेबाज गेंदबाजों की बड़ी बेरहमी से धुनाई करता है और इसका बल्ला रन मशीन बना हुआ है।

गिल ने शतक ठोककर दिखाया जलवा

शुभमन गिल ने इन दिनों अपने खेल कौशल के बल पर रनों और शतकों की आग उगल रहे हैं। अभी गुरुवार को शुभमन गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में अपने खेल का ऐसा जलवा दिखाया कि आखिर लोग उसे दुनिया के नंबर-1 वनडे बल्लेबाज मानने को मजबूर हो गए। इस मैच में शुभमन गिल ने बांग्लादेश के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में अपने खेल कौशल का ऐसा मुजाहिरा पेश किया कि लोग उसका खेल देखकर वाह वाह कर उठे और उसने शानदार शतक ठोककर टीम इंडिया को जीत दिला दी। शुभमन गिल ने अभी तक टीम इंडिया के लिए वनडे में अपने 8 शतक पूरे कर लिए हैं, गिल ने अपनी इस बेहतरीन पारी के दौरान 129 गेंदों में 101 रन बनाए। शुभमन गिल ने 78.29 के स्ट्राइक रेट से अपना शतक पूरा किया जिसमें 2 छक्के और 9 चौके उड़ाए भी शामिल हैं। शुभमन गिल को इस पारी के लिए 'प्लेयर आॅफ द मैच' अवॉर्ड भी दिया गया। किसी भी खिलाड़ी के इस तरह के खेल से बाकी साथियों पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

किसी भी क्रम में खेल सकता है यह बल्लेबाज

समय समय पर भारतीय टीम में एक से एक खिलाड़ियों का उदय होता रहा है। कभी गावस्कर फिर तेंदुलकर और उसके बाद विराट कोहली और अब शुभमन गिल को उनकी इस काबिलियत की वजह से भारत का अगला सुपरस्टार बल्लेबाज माना जा रहा है। शुभमन गिल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे किसी भी खेल के क्रम में ओपनिंग से लेकर मिडिल आॅर्डर में कहीं भी बल्लेबाजी करने में माहिर हैं। अपनी खेल प्रतिभा के बल पर शुभमन गिल किसी भी मैच का पासा पलट सकते हैं। 25 साल के इस बल्लेबाज शुभमन गिल की सबसे खासियत है उसका बेखौफ बल्लेबाजी करना। रोहित शर्मा के बाद अब 25 साल के शुभमन गिल को भारत के भविष्य में बनने वाले कप्तान के रूप में भी देखा जा रहा है।

भविष्य में कप्तान बनने के दिख रहे लक्षण

अपने खेल प्रतिभा के बल पर शुभमन गिल फिलहाल वनडे फॉर्मेट में भारत के उपकप्तान हैं। उनमें सीखने की ललक है, मैदान पर वह रोहित शर्मा से कप्तानी के गुर भी सीख रहे हैं। शुभमन गिल ने एक बार कहा था, 'मैदान पर मैं हमेशा जानना चाहता हूं कि रोहित भाई क्या सोचते हैं और मैं अपनी राय देता हूं। वह मुझसे कहते हैं कि अगर तुम मुझे मैच में कुछ भी बताना चाहो तो हिचकिचाओ मत, तभी कुछ सीख पाओगे। शुभमन गिल का भविष्य बहुत उज्ज्वल है, ऐसे में वह लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए कप्तानी का रोल भी निभा सकते हैं। महज 25 साल की उम्र में ही शुभमन गिल के अंदर कप्तानी की जिम्मेदारी उठाने की क्षमता देखी जा सकती है।

शुभमन गिल लंबी रेस के घोड़े

शुभमन गिल की बल्लेबाजी में विराट कोहली और रोहित शर्मा की झलक देखने को मिलती है। शुभमन गिल जिस तरह की बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसे देखते हुए वह अगले 10 से 15 साल तक भारत के लिए क्रिकेट खेल सकते हैं। शुभमन गिल ने अभी तक 51 वनडे मैचों में 62.51 की तूफानी औसत से 2688 रन बनाए हैं, जिसमें 1 दोहरा शतक, 8 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। शुभमन गिल भारत के लिए अभी तक 32 टेस्ट मैचों में 1893 रन बना चुके हैं, जिसमें 5 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं.।

रोहित शर्मा ने एक बड़ा रिकॉर्ड बनाया, धोनी को भी छोड़ा पीछे

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अमेरिका नहीं, रूस भारत का सबसे विश्वसनीय मित्र: लावरोव और जयशंकर की मुलाकात चर्चा में

Ppp
Politics
locationभारत
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calendar21 Feb 2025 08:06 PM
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Politics :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिका के कई दौरे करने और भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के प्रयासों के बावजूद, भारत की प्राथमिकता मित्रता के दृष्टिकोण से रूस ही बनी हुई है। भले ही भारत भविष्य में अमेरिका से हथियार खरीदने की योजना बना रहा हो, लेकिन रूस के साथ भारत के गहरे रिश्ते को नकारा नहीं जा सकता। हाल ही में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका की यात्रा पर थे, जहाँ उन्होंने कई उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया। अमेरिका से लौटने के कुछ ही दिनों बाद, उन्होंने एक और महत्वपूर्ण मुलाकात की, जो अब वैश्विक चर्चा का विषय बन गई है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भारत और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक ने विशेष ध्यान आकर्षित किया है। इस बैठक की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, जयशंकर के कॉलर को छूते हुए नजर आ रहे हैं। बॉडी लैंग्वेज यह संकेत देती है कि यह औपचारिक बैठक से अधिक एक अनौपचारिक और घनिष्ठ संवाद था।

रूस-भारत संबंधों पर प्रमुख चर्चा

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से यूक्रेन में युद्ध समाप्ति पर चर्चा करने के लिए रियाद में हुई बैठक के दो दिन बाद, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रियाद में हुई बैठक सहित "यूक्रेन संघर्ष से जुड़े घटनाक्रमों" पर विस्तार से चर्चा की और संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की। यह बैठक जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक के इतर हुई थी। जयशंकर ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर प्रगति की समीक्षा की और हालिया वैश्विक घटनाओं पर विस्तृत चर्चा की। रूस के विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि दोनों मंत्रियों ने जोहान्सबर्ग में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया।

भारत की भूमिका और यूक्रेन संकट पर रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया था कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति का समर्थक है। इसी संदर्भ में, विदेश मंत्री जयशंकर ने म्यूनिख में यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा से भी मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों ने संघर्ष समाधान के प्रयासों पर चर्चा की। सिबिहा ने इस मुलाकात के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत के साथ व्यापार, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की इच्छा जताई। साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति प्रयासों में भारत की मजबूत भूमिका की सराहना की।

भारत-रूस संबंधों की अनवरत प्रगति

भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और यह संबंध केवल सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ऊर्जा, व्यापार, अंतरिक्ष और रणनीतिक साझेदारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों तक फैले हुए हैं। हालिया बैठकें इस बात की पुष्टि करती हैं कि भले ही वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ बदल रही हों, भारत और रूस की मित्रता स्थिर और सुदृढ़ बनी हुई है। Politics :

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दिल्ली की नई सरकार के सामने खड़ा है चुनौतियों का पहाड़, इन पर करना होगा काम

Delhi Government
Delhi New Government
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:58 PM
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Delhi New Government : दिल्ली में नई सरकार का गठन हो चुका है। कल शपथ ग्रहण के बाद दिल्ली की नई सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक भी की। जिनमें से मुख्य रूप से शहर के प्रदूषण, यमुना की सफाई, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खराब सड़कें जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। वित्त विभाग द्वारा वित्तीय स्थिति में सुधार योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

शपथ के थोड़ी देर बाद ही की पहली बैठक

दिल्ली में कल नई सरकार ने शपथ ग्रहण के कुछ देर बाद ही अपनी पहली कैबिनेट बैठक भी की। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा की नई सरकार के सामने बहुत सारी चुनौतियां है जिनपर उन्हें काम करना पड़ेगा। बता दें कि दिल्ली सचिवालय में इस बैठक में शहर में बढ़ रहे प्रदूषण, यमुना की सफाई, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खराब सड़कें, साफ पानी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से उन मुद्दों के बारे में बताएंगे जो दिल्ली की नई सरकार के सामने एक चुनौती होगी।

आर्थिक स्थिति होगी बड़ी चुनौती

दिल्ली की नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली की खराब वित्तीय संकट है। पहले से ही मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए बस यात्रा जैसी योजनाओं पर काफी खर्च हो रहा है। इसके अतिरिक्त, डीटीसी और दिल्ली जल बोर्ड को भी बड़ी धनराशि अनुदान के रूप में सरकार द्वारा दी जाती है। पिछली आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा लिए गए कर्ज और वर्तमान योजनाओं की वजह से सरकार को सालाना कम से कम 24,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। ऐसे में सरकार को वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए गंभीर कदम उठाने होंगे।

प्रदूषण से निपटने की बनाने होगी योजना

दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले कुछ वर्षों में लगातार बिगड़ती जा रही है और सर्दियों में प्रदूषण का स्तर और भी खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। 2024 में, PM2.5 और PM10 का स्तर अत्यधिक बढ़ गया था, जो राष्ट्रीय और WHO मानकों से कई गुना अधिक था। नई सरकार की प्राथमिकता यह है कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस उपायों को लागू करे और इस दिशा में तत्काल कार्रवाई शुरू करे।

यमुना सफाई का किया वादा

यमुना नदी की सफाई को लेकर BJP ने बड़ा वादा किया है। सरकार का लक्ष्य है कि तीन वर्षों के भीतर यमुना का पानी इतना साफ हो जाए कि लोग बिना किसी बीमारी के उसमें नहा सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिशा में अपनी काम करने का वादा भी किया है और केंद्र की ओर से यमुना सफाई के लिए पहले ही कदम उठाए गए हैं।

कूड़े के पहाड़ का करना होगा समाधान

दिल्ली में तीन प्रमुख लैंडफिल – ओखला, गाजीपुर और भलस्वा पर अत्यधिक कचरा जमा हो गया है। इन लैंडफिल्स में 160 लाख टन से अधिक कचरा पड़ा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में इस समस्या को लेकर काफी चिंता भी जताई जा चुकी है, लेकिन इसे हल करने के लिए अब निर्णायक कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस कार्य के लिए केंद्रीय सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत महत्वपूर्ण राशि आवंटित की है और दिल्ली सरकार को इसे तेजी से पूरा करना होगा।

स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की आवश्यकता

दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना भी इस सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में है। रघुबीर नगर, मंगोलपुरी और मोती नगर में तीन नए अस्पतालों का निर्माण पहले ही निर्धारित किया गया है, लेकिन इन परियोजनाओं का काम धन की कमी के कारण रुका हुआ है। इन अस्पतालों को पूरा करने के लिए अगले तीन वर्षों में लगभग 10,250 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। साथ ही, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना भी सरकार के एजेंडे में है।

खराब सड़कों का भी जल्द करना होगा समाधान

दिल्ली की सड़कों की खराब हालत भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। खासकर मुख्य सड़कों और कॉलोनी की गलियों में गड्ढों की समस्याएं तो आम है। पिछले साल अक्टूबर में 6,000 गड्ढों वाली सड़कों की पहचान की गई थी जिनकी मरम्मत का काम काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, दिल्ली में कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचे परियोजनाएं भी लंबित हैं जैसे- बारापुल्ला फेज 3, नंद नगरी और आनंद विहार फ्लाईओवर और अन्य महत्वपूर्ण फ्लाईओवर परियोजनाएं। इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करना भी नई सरकार की प्राथमिकता होगी।

जानें कौन हैं दिल्ली की होने वाली नई CM रेखा गुप्ता? बचपन से ही…

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