UP News: बाढ़ से निपटने को स्थायी समाधान के लिए प्रयास कर रहा प्रदेश:योगी

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:20 AM
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UP News लखनऊ। प्रदेश सरकार बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए स्थायी प्रयास कर रही है। बाढ़ से हर साल कई लोगों की जान जाती है और लोगों को संपत्ति की हानि उठानी पड़ती है। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने कहा, कुछ समय पहले तक उत्तर प्रदेश के 38 जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित रहते थे। आज यह महज चार जिलों तक सीमित होकर रह गया है। आदित्यनाथ ने यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। इस सफलता के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि जब उन्होंने 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तो उन्हें बाराबंकी में एल्गिन ब्रिज से संबंधित 100 करोड़ रुपये का व्यय बिल मिला था। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए सिर्फ एक जगह पर हर साल इतनी बड़ी राशि खर्च की जा रही थी। आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने उक्त स्थल का दौरा किया और नदी से गाद निकालकर बाढ़ के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया। इसके परिणामस्वरूप बहराइच, गोंडा और बाराबंकी जिलों में बाढ़ की समस्या को नियंत्रित करने में सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च करने के बजाय केवल पांच करोड़ रुपये खर्च किए। उन्होंने कहा, आपदाओं से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाये जाने की जरूरत है। कर्मियों का समय पर प्रशिक्षण, बचाव के उपायों को सही इरादे से लागू एवं संचालित करने से ही आपदाओं से होने वाले नुकसान के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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New Delhi News: आम आदमी के फायदे के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग से जुड़ा डिजिटल इंडिया:मीनाक्षी

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New Delhi News
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 06:58 PM
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New Delhi News नयी दिल्ली। ‘डिजिटल इंडिया’ क्रियान्वयन किसी को भी बाहर छोड़ने की प्रक्रिया नहीं है। बल्कि, यह आम आदमी के फायदे के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग से जुड़ा है। यह बात केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को कही। कहा, प्रौद्योगिकी से शासन को चोरी में शामिल लोगों से निपटने की ताकत भी मिलती है। वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेखी ने उन आंकड़ों का उल्लेख भी किया, जहां सरकार को प्रौद्योगिकी के माध्यम से बड़ी संख्या में फर्जी खातों का ‘पर्दाफाश’ करने में मदद मिली। इनमें ऐसे लोग शामिल थे, जो पात्र नहीं होने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे थे ।

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विदेश राज्य मंत्री लेखी ने कहा कि डिजिटल इंडिया का क्रियान्वयन किसी को भी बाहर छोड़ने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आम आदमी के फायदे के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग से जुड़ा है । उन्होंने कहा कि यह ऐसी प्रक्रिया नहीं है, जिसके लिये आपको प्रौद्योगिकी को समझने के लिये तकनीक का जानकार होना जरूरी हो, बल्कि यह आम लोगों के फायदे के लिये तकनीक के उपयोग से जुड़ी है।

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लेखी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी सुशासन को पोषित करता है और यह वंचित लोगों तक पहुंच सुनिश्चित करता है, साथ ही चोरी में शामिल लोगों से निपटने की ताकत भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत के लिये ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘अंत्योदय’ लोगों की सेवा करने के दो महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिये भी हैं।
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Kashmir News: संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की अनुमति

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locationभारत
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calendar30 Nov 2025 12:29 AM
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Kashmir News नयी दिल्ली। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती को धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दिल्ली उच्च न्यायालय ने दे दी है । जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ से कहा कि उनकी मुवक्किल (महबूबा मुफ्ती) मार्च 2021 में दायर अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं। याचिका में धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से उन्हें जारी समन को भी चुनौती दी गयी थी तथा इस पर रोक लगाने की मांग की गयी थी, लेकिन अदालत ने इसे पहले ही ठुकरा दिया था।

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अदालत को अवगत कराया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गये मुद्दों का निपटारा उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में पहले ही कर दिया है। मुफ्ती ने अपनी याचिका में पीएमएलए की धारा 50 को अमान्य और निष्क्रिय घोषित करने की मांग करते हुए कहा था कि यह प्रावधान भेदभावपूर्ण, सुरक्षा उपायों से रहित और संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन है।

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अधिनियम की धारा-50 ईडी अधिकारी को सबूत देने या रिकॉर्ड पेश करने के लिए किसी भी व्यक्ति को तलब करने का अधिकार देती है। जिन्हें समन किया जाता है वह इसके तहत पूछे गये सभी सवालों का जवाब देने और ईडी अधिकारियों द्वारा मांगे गये आवश्यक दस्तावेज पेश करने के लिए बाध्य होते हैं तथा ऐसा न करने पर उन्हें दंडित किया जा सकता है।