कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार सख्त, हर कांवड़िए पर होगी डिजिटल नजर




UP News : उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई जारी है। अवैध आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में बड़ी एंट्री ले ली है। छांगुर बाबा पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की जा रही है। ईडी की लखनऊ यूनिट ने बीती शाम इस प्रकरण में औपचारिक रूप से मामला दर्ज कर लिया है। एजेंसी अब इस पूरे रैकेट में टेरेर फंडिंग, विदेशी फंड और पैसों के लेनदेन की कड़ियों को जोड़ने में जुट गई है।
सूत्रों की मानें तो इस केस में जल्द ही कई आरोपियों से पूछताछ शुरू होगी और विदेश से आए धन के स्रोतों की गहन जांच की जाएगी। बलरामपुर निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने संगठित तरीके से एक बड़े धर्मांतरण गिरोह को संचालित किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस गिरोह को 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली, जिसमें कई संदिग्ध स्रोत शामिल हैं। इन्हीं आर्थिक गतिविधियों को लेकर ईडी अब जांच के दायरे को और विस्तारित करने जा रही है।
यूपी एसटीएफ ने बीते दिनों छांगुर बाबा को उसकी महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह जाति आधारित ‘रेट लिस्ट’ बनाकर धर्मांतरण करवाता था। इसके अलावा नाबालिगों और लव जिहाद जैसे हथकंडों का भी इस्तेमाल किया जाता था। कई पीड़ितों ने सामने आकर अपनी आपबीती सुनाई है। गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ में 12 लोगों ने इस्लाम धर्म छोड़कर पुनः हिंदू धर्म में वापसी की थी। इन लोगों ने बताया कि उन्हें पैसे और सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था।
इनमें से कई लोगों ने छांगुर बाबा का नाम सीधे तौर पर लिया, जिससे जांच एजेंसियां हरकत में आईं। छांगुर बाबा को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से यूपी पुलिस, एटीएस और अब ईडी की टीम इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के मिशन में लग चुकी है। आने वाले दिनों में मनी ट्रेल और विदेशी नेटवर्क को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ एक के बाद एक कार्रवाई जारी है। अवैध आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में बड़ी एंट्री ले ली है। छांगुर बाबा पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की जा रही है। ईडी की लखनऊ यूनिट ने बीती शाम इस प्रकरण में औपचारिक रूप से मामला दर्ज कर लिया है। एजेंसी अब इस पूरे रैकेट में टेरेर फंडिंग, विदेशी फंड और पैसों के लेनदेन की कड़ियों को जोड़ने में जुट गई है।
सूत्रों की मानें तो इस केस में जल्द ही कई आरोपियों से पूछताछ शुरू होगी और विदेश से आए धन के स्रोतों की गहन जांच की जाएगी। बलरामपुर निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर आरोप है कि उसने संगठित तरीके से एक बड़े धर्मांतरण गिरोह को संचालित किया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस गिरोह को 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिली, जिसमें कई संदिग्ध स्रोत शामिल हैं। इन्हीं आर्थिक गतिविधियों को लेकर ईडी अब जांच के दायरे को और विस्तारित करने जा रही है।
यूपी एसटीएफ ने बीते दिनों छांगुर बाबा को उसकी महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह जाति आधारित ‘रेट लिस्ट’ बनाकर धर्मांतरण करवाता था। इसके अलावा नाबालिगों और लव जिहाद जैसे हथकंडों का भी इस्तेमाल किया जाता था। कई पीड़ितों ने सामने आकर अपनी आपबीती सुनाई है। गौरतलब है कि हाल ही में लखनऊ में 12 लोगों ने इस्लाम धर्म छोड़कर पुनः हिंदू धर्म में वापसी की थी। इन लोगों ने बताया कि उन्हें पैसे और सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था।
इनमें से कई लोगों ने छांगुर बाबा का नाम सीधे तौर पर लिया, जिससे जांच एजेंसियां हरकत में आईं। छांगुर बाबा को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से यूपी पुलिस, एटीएस और अब ईडी की टीम इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के मिशन में लग चुकी है। आने वाले दिनों में मनी ट्रेल और विदेशी नेटवर्क को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। UP News

UP News : उत्तर प्रदेश में आज यानी 9 जुलाई का दिन पर्यावरणीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ महाअभियान का भव्य आगाज़ अयोध्या और आजमगढ़ से होगा, जहां सीएम स्वयं पौधरोपण कर इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी में, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मेरठ में और ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधे लगाकर अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पर्यावरण संरक्षण के आह्वान को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत एक ही दिन में 37 करोड़ पौधों का रोपण कर प्रदेश को हरियाली से आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने 52.43 करोड़ पौधों की पूर्व व्यवस्था कर ठोस तैयारी का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यह महाअभियान मात्र एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी से संचालित एक जनांदोलन बने, जिसमें हर विभाग, जनप्रतिनिधि और नागरिक की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित हो।
यह महाअभियान प्रदेश के सभी 18 मंडलों और 75 जिलों में एक साथ संचालित किया जाएगा। लखनऊ मंडल में सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। समन्वयन की जिम्मेदारी जिला नोडल अधिकारियों, वरिष्ठ अफसरों और स्थानीय प्रतिनिधियों को दी गई है। पौधरोपण अभियान में वन, वन्यजीव और पर्यावरण विभाग सबसे आगे रहेगा। विभाग की ओर से 14 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश की नर्सरियों में पर्याप्त पौधों की पूर्व व्यवस्था की गई है।
इस अभियान की विशेषता थीम आधारित हरियाली स्थलों की स्थापना है, जिनमें शामिल हैं:
अटल वन – पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में
शौर्य वन – वीर सैनिकों को समर्पित
एकता वन – राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
त्रिवेणी वन – पवित्र नदियों के संगम से प्रेरित
इन स्थलों को भविष्य में पर्यावरण पर्यटन और जनजागरूकता का केंद्र बनाने की योजना है।
गरीब और वंचित वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 'सहजन भंडारा योजना' चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत पीएम और सीएम आवास योजनाओं के लाभार्थी दो-दो सहजन पौधे लगाकर अभियान में सहभागी बनेंगे। इस पहल से पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। गंगा, यमुना, सरयू, राप्ती और घाघरा जैसी 13 प्रमुख नदियों के किनारे 21,313 हेक्टेयर क्षेत्र में 3.56 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। यह जलग्रहण क्षेत्रों के संरक्षण और जैवविविधता को संबल प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है।
प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे और राजमार्गों के किनारे 1.14 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा, जिनमें से 2.5 लाख पौधे विशेष रूप से एक्सप्रेसवे के किनारे लगाए जाएंगे। यह न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने में भी कारगर होगा। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अफसरों को नोडल अधिकारी बनाकर जिलों में भेजा गया। सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। अभियान के दौरान मुख्यमंत्री योगी जनसंवाद भी करेंगे और पर्यावरणीय प्रयासों में भागीदार सात किसानों को ‘कार्बन क्रेडिट’ के तहत सम्मानित भी करेंगे। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में आज यानी 9 जुलाई का दिन पर्यावरणीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ महाअभियान का भव्य आगाज़ अयोध्या और आजमगढ़ से होगा, जहां सीएम स्वयं पौधरोपण कर इस ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी में, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मेरठ में और ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधे लगाकर अपनी भागीदारी दर्ज कराएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पर्यावरण संरक्षण के आह्वान को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत एक ही दिन में 37 करोड़ पौधों का रोपण कर प्रदेश को हरियाली से आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने 52.43 करोड़ पौधों की पूर्व व्यवस्था कर ठोस तैयारी का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यह महाअभियान मात्र एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी से संचालित एक जनांदोलन बने, जिसमें हर विभाग, जनप्रतिनिधि और नागरिक की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित हो।
यह महाअभियान प्रदेश के सभी 18 मंडलों और 75 जिलों में एक साथ संचालित किया जाएगा। लखनऊ मंडल में सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। समन्वयन की जिम्मेदारी जिला नोडल अधिकारियों, वरिष्ठ अफसरों और स्थानीय प्रतिनिधियों को दी गई है। पौधरोपण अभियान में वन, वन्यजीव और पर्यावरण विभाग सबसे आगे रहेगा। विभाग की ओर से 14 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश की नर्सरियों में पर्याप्त पौधों की पूर्व व्यवस्था की गई है।
इस अभियान की विशेषता थीम आधारित हरियाली स्थलों की स्थापना है, जिनमें शामिल हैं:
अटल वन – पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में
शौर्य वन – वीर सैनिकों को समर्पित
एकता वन – राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
त्रिवेणी वन – पवित्र नदियों के संगम से प्रेरित
इन स्थलों को भविष्य में पर्यावरण पर्यटन और जनजागरूकता का केंद्र बनाने की योजना है।
गरीब और वंचित वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 'सहजन भंडारा योजना' चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत पीएम और सीएम आवास योजनाओं के लाभार्थी दो-दो सहजन पौधे लगाकर अभियान में सहभागी बनेंगे। इस पहल से पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। गंगा, यमुना, सरयू, राप्ती और घाघरा जैसी 13 प्रमुख नदियों के किनारे 21,313 हेक्टेयर क्षेत्र में 3.56 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। यह जलग्रहण क्षेत्रों के संरक्षण और जैवविविधता को संबल प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है।
प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे और राजमार्गों के किनारे 1.14 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा, जिनमें से 2.5 लाख पौधे विशेष रूप से एक्सप्रेसवे के किनारे लगाए जाएंगे। यह न सिर्फ सौंदर्य बढ़ाएगा, बल्कि वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने में भी कारगर होगा। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अफसरों को नोडल अधिकारी बनाकर जिलों में भेजा गया। सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। अभियान के दौरान मुख्यमंत्री योगी जनसंवाद भी करेंगे और पर्यावरणीय प्रयासों में भागीदार सात किसानों को ‘कार्बन क्रेडिट’ के तहत सम्मानित भी करेंगे। UP News