नयी दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष हैं। उसके मद्देनजर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को उप मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की। पार्टी की नई दिल्ली में हुई बैठक में चुनावी रणनीति और तैयारियों पर गहन चर्चा की गई।
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खरगे ने दी डिप्टी सीएम के प्रस्ताव को मंजूरी
उल्लेखनीय है कि राज्य में 2018 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही सिंह देव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सत्ता की लड़ाई में एक दूसरे के आमने सामने रहे हैं। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर चर्चा करने के लिए दोनों नेता राष्ट्रीय राजधानी में हैं। कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की। देर रात यहां जारी पार्टी के एक बयान के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने छत्तीसगढ़ में सिंह देव को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
देर रात तक चला मंथन का दौर
दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल, राज्य के वरिष्ठ नेता, राज्य प्रभारी कुमारी शैलजा और महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ मामलों की प्रभारी और पार्टी महासचिव कुमारी शैलजा ने सिंह देव को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे पार्टी प्रमुख खरगे ने मंजूरी दे दी। रणनीतिक बैठक के बाद बघेल और सिंह देव ने खरगे से उनके आवास पर जाकर भी मुलाकात की।
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बघेल और सिंह देव ने कहा, हम तैयार हैं
बघेल ने बाद में अपनी और सिंह देव की एक तस्वीर के साथ ट्वीट कर कहा कि हम तैयार हैं। महाराज साहेब को उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के सदस्य मिलकर काम करेंगे और छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाते रहेंगे। खरगे ने एक ट्वीट में कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़, ये हमारे लिए केवल कोई नारा नहीं है, छत्तीसगढ़ की उन्नति व सामाजिक न्याय के लिए एक ध्येय है। छत्तीसगढ़ की जनता और कांग्रेस पार्टी में उनका अटूट विश्वास, विकास की अविरल धारा को आगे बढ़ाता रहेगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा कि सिंह देव कांग्रेस के वफादार नेता हैं और कुशल प्रशासक हैं। राज्य को उपमुख्यमंत्री के रूप में उनकी सेवाओं से काफी फायदा मिलेगा। हमें विश्वास है कि छत्तीसगढ़ के लोग खरगे जी तथा राहुल गांधी जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से कांग्रेस को सत्ता में बरकरार रखेंगे।
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कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाएं कार्यकर्ता
पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान कांग्रेस की आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि गांधी ने बैठक में नेताओं से कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें यह भी बतायें कि वह उनके लिए और क्या करने का इरादा रखती है। सूत्रों ने कहा कि सभी ने एकजुट होकर काम करने पर सहमति व्यक्त की और महसूस किया कि यह एकजुटता कहीं और की तुलना में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखी गई है।
संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है : शैलजा
बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शैलजा ने कहा कि खरगे ने पार्टी नेताओं से कहा कि संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा भाजपा के पास धार्मिक मुद्दों के अलावा कोई एजेंडा नहीं है। वे धर्म और जाति के नाम पर नकारात्मक राजनीति करते हैं। लेकिन, हमारा एजेंडा काम करना और लोगों को एकजुट करना है और हमारी अपनी विचारधारा है तथा हम उसके अनुसार काम करेंगे। राहुल ने समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की जरूरत पर जोर दिया।
राहुल हमेशा लोगों को जोड़ना और प्रेम एवं सद्भाव फैलाना चाहते हैं। सभी ने एक ही बात कही कि हम साथ मिलकर काम करेंगे। हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। बैठक में कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख मोहन मरकाम और टीएस सिंह देव सहित अन्य मंत्री भी शामिल हुए।
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सीएम पद के लिए अड़ गए थे सिंह देव
छत्तीसगढ़ में सिंह देव को मुख्यमंत्री बघेल का विरोधी माना जाता है। सिंह देव के समर्थकों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद सिंह देव से ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने का वादा किया था। राज्य में बघेल सरकार के ढाई वर्ष होने के बाद सिंह देव जब आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंचे थे, तब बघेल के समर्थन में पार्टी के विधायक भी दिल्ली पहुंच गए थे। माना जाता है कि इसके बाद सिंह देव और बघेल के बीच दूरी और बढ़ गई। सिंह देव की नाराजगी तब और खुलकर सामने आ गई, जब उन्होंने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर पिछले वर्ष पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था।
सिंह देव की मां थीं एमपी सरकार में मंत्री
तीन बार के विधायक सिंहदेव को 2013 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना था। माना जाता है कि राज्य में 2018 में पार्टी को सत्ता में वापस लाने में कांग्रेस के घोषणापत्र का महत्वपूर्ण योगदान था, जिसके पीछे सिंह देव ही थे। सिंह देव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को इलाहाबाद में सरगुजा के राज परिवार में हुआ है। उनके पिता एमएस सिंह देव प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे तथा तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां देवेन्द्र कुमारी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री थीं।
पूर्व सीएम रमन सिंह का तंज
वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि डूबने लगी कश्ती तो कप्तान ने कुछ यूँ किया, सौंप दी है पतवार आधी दूसरे के हाथ में। बाकी चार महीने के लिए महाराज जी को बधाई।
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