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विपक्ष बिखरा, कांग्रेस का साथ टीएमसी ने भी छोड़ा

EVM Row

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EVM Row : आजकल विपक्षी दल में जबरदस्त खींचतान मची हुई है। विपक्षी दलों के गठबंधन का अध्यक्ष पद कांग्रेस के पाले से निकालकर उसे खुद संभालने के लिए कुछ दलों के नेता काफी जोरआजमाइश कर रहे हैं। इसी क्रम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर विपक्ष के सवालों के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कांग्रेस से अलग रुख अपनाते हुए इसे बेहूदा आरोप तक बता डाला। उन्होंने कहा कि जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें चुनाव आयोग के सामने यह दिखाना चाहिए कि ईवीएम को हैक कैसे किया जा सकता है। इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस से अलग रुख अपना कर अपना बयान दिया था।

सिर्फ बयानबाजी करने से कुछ नहीं होगा

टीएमसी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, ईवीएम को लेकर सिर्फ बयानबाजी करने से कुछ नहीं होगा। जो लोग ईवीएम पर सवाल उठाते हैं, उन्हें चुनाव आयोग के पास जाकर यह दिखाना चाहिए कि इसे हैक कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम के रैंडमाइजेशन के समय सही प्रक्रिया अपनाई जाती है और बूथ पर मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान सही जांच होती है, तो ईवीएम को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उनमें कोई दम नहीं है। ईवीएम में जिन्हें गड़बड़ी लगती है उन्हें यह साबित करके दिखाना होगा कि गड़बड़ी कैसे हो सकती है। इससे पहले इसी मुद्दे पर सारा विपक्ष एक सुर में बोल रहा था। अब लगता है विपक्ष पूरी तरह से बिखर गया है, क्यों कि उसके नेताओं के बयान से यह साफ दिखाई पड़ रहा है।

कांग्रेस अपने पुराने रुख पर कायम

गठबंधन के अन्य दलों के किनारा करने के बावजूद कांग्रेस अपने पुराने रुख पर कायम है। कांग्रेस ने हाल ही में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर महाराष्ट्र के चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पूरी चुनावी प्रक्रिया में खामियां थीं और इसे जानबूझकर प्रभावित किया गया। उन्होंने कहा था कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। लेकिन अब इस मुद्दे पर भी पहले उमर अब्दुल्ला और अब टीएमसी ने भी किनारा कर लिया है। जो विपक्षी गठबंधन में होने वाले संग्राम की ओर इशारा कर रहे हैं।

फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधा

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, कांग्रेस जब भी चुनाव हारती है, आत्ममंथन करने के बजाय दूसरों पर आरोप लगाती है। जहां वे जीत जाते हैं तब ईवीएम में कोई समस्या नहीं होती है, हारने के बाद ही उन्हें सारी समस्याएं नजर आती हैं। जब वे कर्नाटक और झारखंड में सरकार बनाते हैं, तब ईवीएम ठीक काम कर रहा था। उसमें कोई समस्या नहीं थी, लेकिन जब वे महाराष्ट्र में हारते हैं, तो ईवीएम को दोषी ठहराने लगते हैं।

सहयोगी दलों ने भी अपना हाथ खींचा

विपक्षी गठबंधन में बिखराव होना तय है क्योंकि कांग्रेस को सहयोगी दलों का साथ भी नहीं मिल पा रहा है। ईवीएम मुद्दे पर भी कांग्रेस के आरोपों को उसके सहयोगी दलों का भी समर्थन नहीं मिला, ऊपर से उसके ही सहयोगी दल इसका सबूत उससे मांग रहे हैं। पहले उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस से अलग रुख अपनाया और उसके बाद अब टीएमसी ने भी कांग्रेस के रुख से किनारा कर लिया है। वहीं, भाजपा नेताओं ने इस मौके का फायदा उठाते हुए राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए। सही भी है कि अगर इस बिखराव का फायदा भाजपा नहीं उठाएगी तो कौन उठाएगा।

कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए

भाजपा ने मौके पर चौका लगाते हुए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी गलतियों को समझना और आत्ममंथन करना चाहिए। यह सच है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष की बहुत जरूरत होती है। हम यह नहीं चाहते कि विपक्ष कमजोर हो। क्योंकि विपक्ष जितना मजबूत होगा, लोकतंत्र उतना ही बेहतर होगा। लेकिन इस बात को कांग्रेस को समझना होगा। सहयोगी दलों का साथ न मिलना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। सहयोगी दल कांग्रेस का ईवीएम मुद्दे पर साथ तो नहीं ही दे रही साथ ही सबूत देने की बात भी कर रही हैं। इन सब बातों से इतना तो साफ है कि विपक्षी गठबंधन ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है।

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