Loksabha Elections 2024: भूपेन्दर भटनागर, 28.June.2023 नोएडा, UP / पिछले दो बार के लोकसभा चुनावो मे भारतीय जनता पार्टी की भारी जीत को कोई नकार नहीं सकता और ये कहना भी पूर्णतः गलत होगा के पार्टी ने दो बार जनमत किसी धोखे से या झूठे वादे कर के जीता हो। धरातल पे पार्टी ने इन 9 सालो में काफी काम करके दिखाया है और बहुत ही कम मुद्दे छोड़े है, विपक्ष के पास जहां वो सरकार की आलोचना कर जनता की स्वीकृति पा सके। साथ मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश विदेश मे बढ़ती लोकप्रियता ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष की राहे कई गुना और मुश्किल कर दी है। ये बात सत्य है कि हिंदुस्तान की जनता दिल से सोचती है और जल्दी किसी भी नेता के वादो पे भरोसा कर अपना बहुमत दे सकती है परंतु ये भी सत्य है की दुनिया के इस सबसे युवा देश मे जनता 1947 के समय की तुलना में कई ज्यादा समझदारी और ज़िम्मेदारी से जांच परख के निर्णय लेती है, और दो बार कोई गलती करना ,ये बात पचाना मुश्किल है। निश्चय ही Loksabha Elections 2024 में भी किसी के भी झूठे वादे ओर गलत इरादे नहीं चलने वाले और किसी भी पार्टी के लिए बहुमत जीतना इतना आसान नहीं होगा।
तो सरदार वल्लभ भाई पटेल की अपोज़िशन को क्या जरूरत है?
लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने बड़ी चुनौतियों के बाद भी गृह मंत्री के रूप में भारत की आजादी के समय 560 से अधिक राज्यों को एकत्रित कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिस प्रकार आज़ादी के समय ये राज्य सुरक्षित स्वायत्तता का आनंद लेते थे और उन्हें भारत या पाकिस्तान से जुड़ने या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प था उसी प्रकार आज अपोज़िशन तितर-बितर होकर ही सही लेकिन अपने-अपने विकल्पो और अपने-अपने हितो के बारे मे सोचने के लिए स्वतंत्र है। जिस प्रकार पटेल ने एकीकृत भारत के विचार में विश्वास रखा और राजप्रमुखीय राज्यों को भारत में सम्मिलित होने के लिए मनाया और मनाने के लिए कड़ी मेहनत की ठीक उसी प्रकार अपोज़िशन को जरूरत है एक ऐसे ही चेहरे की जो बिखरे हुये दलो को एकत्रित कर जनता को भरोसा दिला सके के भारतीय जनता पार्टी के मुक़ाबले मे एक मजबूत अपोज़िशन खड़ा है जिसमे कई राज्यो के ऐसे प्रमुख शामिल है जो जनता के बीच कई वर्षो से ईमानदारी से काम करते आए है और धरातल की सच्चाई से पूर्णतः परिचित है।
अपोज़िशन को एक चेहरे की तलाश
अपोज़िशन को एक ऐसी शक्सियत की जरूरत है जो Loksabha Elections 2024 में न सिर्फ प्रधानमंत्री बनने का प्रबल दावेदार हो बल्कि एक ऐसा सरदार पटेल चाहिए जो सभी दलो के विभिन्न विचारो और मतभेदो को ध्यान मे रखते हुये उन्हे एकत्रित कर एक मंच पे ला सके। एक ऐसा वल्लभ जो कूटनीति, संपर्क और दृढ़ता के मिश्रण का उपयोग करके राज्यप्रमुखों को एक संघ में लाने में सफलता प्राप्त कर सके। जटिल संपर्कों को कुशलतापूर्वक संचालित कर सके और राज्यशासकों को एक साथ शामिल होने के लिए एकीकरण की संभावना दिखा कर प्रेरणा दे सके और वही दूसरी तरफ यदि आवश्यक हो तो कूटनीति का इस्तेमाल कर दबाव भी बना सके। साथ ही साथ आर्थिक और राजनीतिक प्रोत्साहन का भी उपयोग करना भले भांति जनता हो।
लौह पुरुष को ढूंडना होगा
जिस दिन कोई ऐसा नेता जो अपने सफल प्रयासों से विभिन्न नेताओ, दलो, क्षेत्रों, राज्यो, संस्कृतियों और समुदायों को एक समूहीकृत अपोज़िशन में एकत्र कर पाया और एक मजबूत विपक्ष बना पाया उस दिन ये कहना सही होगा के Loksabha Elections 2024 में भारतीय जनता पार्टी का विजयपथ आसान नहीं होने वाला। परंतु मौजूदा हालात इसके विपरीत है और क्यूकी 2024 के लोकसभा चुनावो मे समय कम बचा है, विपक्षी दलो को जल्दी ही इसपर मंथन कर उस लौह पुरुष को ढूंडना होगा।
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