सीधी (मप्र)। भाजपा को झटका देते हुए मध्य प्रदेश के सीधी जिले के महामंत्री विवेक कोल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कह कर इस्तीफा दिया है कि जब तक भाजपा के स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला पार्टी में रहेंगे, तब तक वह पार्टी में घुटन महसूस करेंगे। वह अपने आदिवासी समुदाय के लिए खुलकर नहीं लड़ पाएंगे।
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पेशाब कांड से आहत हूं
बीते मंगलवार को एक वीडियो सामने आया था, जिसमें स्थानीय विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला सीधी जिले में एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाई दे रहा है। अगले दिन प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
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दो दिन पहले ईमेल से भेजा इस्तीफा
कोल से जब रविवार रात उनके इस्तीफे के बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन पर कहा कि मेरा इस्तीफा अंतिम है। मैंने दो दिन पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को अपना इस्तीफा ईमेल किया है। मैंने इसे भाजपा के पदाधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में भी डाला है। कोल ने मध्य प्रदेश की चुरहट सीट से बसपा उम्मीदवार के तौर पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह हार गये थे। भाजपा के सीधी जिला अध्यक्ष देवकुमार सिंह से कोल के इस्तीफे के संबंध में टिप्पणी के लिए बार-बार फोन करने पर भी संपर्क नहीं हो सका।
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विधायक कर रहे हैं सत्ता का दुरुपयोग, मचा रखा है आतंक
कोल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब भाजपा इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर को खत्म करके सीधी सहित विंध्य क्षेत्र की 30 में से अपनी 24 सीटों को बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। कोल ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि जब से मैं भाजपा में शामिल हुआ, तब से मैंने पार्टी के लिए पूर्ण निष्ठा से कार्य किया है। लेकिन, कुछ वर्षों से मैं लगातार सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के कृत्यों से आहत होता रहा हूं, क्योंकि उन्होंने हर तरफ सत्ता का दुरुपयोग करते हुए आतंक मचा रखा है।
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विधायक ने किया आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा और अत्याचार
उन्होंने आरोप लगाया कि हड़बड़ो एवं डोल के पास छिरहट के आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा कर आदिवासी भाइयों पर अत्याचार किया। सीधी के व्यापारी सुनील भूर्तिया का अपहरण कर जानलेवा हमला करवाया और बाद में उसी अपराधी धर्मेन्द्र शुक्ला को मंडल अध्यक्ष बनवाया। कोल ने यह भी आरोप लगाया कि सीधी के कलाकारों और पत्रकारों को नंगा करके थाने में पिटवाना तो चल ही रहा था, अब इनके प्रतिनिधि ने आदिवासी समाज के एक भाई के चेहरे पर पेशाब कर दिया। इस कारण से मैं पिछले तीन दिनों से बहुत व्यथित हूं और सो नहीं पा रहा हूं।
पुलिस ने भी नहीं की कोई कार्रवाई
कोल ने कहा कि मेरी बेचैनी बढ़ती ही जा रही है, क्योंकि किसी भी मामले में आज तक प्रशासन ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है, न ही इनके गुंडों के खिलाफ आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई की है। उन्होंने लिखा कि जब तक सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला भाजपा में रहेंगे, तब तक मेरा यहां दम घुटता रहेगा। इसलिए मैं आदिवासी भाइयों की लड़ाई बिना किसी दबाव के खुलकर लड़ना चाहता हूं और पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। वहीं, भाजपा के अंदरुनी सूत्रों के अनुसार, कोल ने सीधी में गुटबाजी के कारण पार्टी से इस्तीफा दिया है।
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