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फडणवीस ने मुस्लिम नेता को बनाया मंत्री, जानें कौन है वो

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Mumbai News : कोल्हापुर जिले के कागल विधानसभा सीट से हसन मुश्रीफ छठी बार विधायक बने हैं। हसन मुश्रीफ एनसीपी के दिग्गज नेता हैं और मराठी मुस्लिम हैं। हसन ऐसे इकलौते मुस्लिम नेता हैं जिन्हें महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणीवस के अगुवाई में बनी महायुति सरकार में मुस्लिम चेहरे के तौर पर जगह दी गई है। जबकि भाजपा और उसके नेताओं को मुस्लिम विरोधी माना जाता है ऐसे में महायुति सरकार मेंं मंत्री के रूप में जगह मिलना मायने रखता है।

कैबिनेट में हिस्सेदारी देकर सियासी बैलेंस बनाने की कवायद

महायुति में घटक दलों की ताकत के हिसाब से उन्हें कैबिनेट में हिस्सेदारी देकर फडणवीस ने सियासी बैलेंस बनाने की कवायद की है। महाराष्ट्र में फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार के गठन के बाद रविवार को आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। फडणवीस मंत्रिमंडल में 39 मंत्रियों को रविवार को शपथ दिलाई गई, जिसमें बीजेपी कोटे से 19, शिंदे की शिवसेना से 11 और अजित पवार की एनसीपी से 9 मंत्री बनाए गए हैं। इस तरह से फडणवीस ने सियासी बैलेंस बनाने की कोशिश की है, सबसे खास बात यह है कि मुस्लिम समाज से सिर्फ एक नेता हसन मुश्रीफ को मंत्री बनाया गया है। इसे भी बैलेंस बनाने की एक कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

पूरी सरकार में इकलौता मुस्लिम चेहरा हैं हसन मुश्रीफ

महाराष्ट्र में पिछले एकनाथ शिंदे सरकार में दो मुस्लिम मंत्री बनाए गए थे। जबकि शिंदे कोटे से ढाई साल तक मंत्री रहे अब्दुल सत्तार को फडणवीस कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी है। इस बार महायुति की फडणवीस सरकार में हसन मुश्रीफ के तौर पर सिर्फ एक मात्र मुस्लिम चेहरे को मंत्री बनाया गया है। ऐसे में लोगों में उत्सुकता है कि फडणवीस सरकार के एकलौते मुस्लिम मंत्री हसन मुश्रीफ आखिर कौन हैं और उनका सियासी सफर कैसा रहा है।

हसन मुश्रीफ का सियासी सफर

महायुति सरकार में फडणवीस ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर हसन मुश्रीफ को जगह दी है। हसन मुश्रीफ एनसीपी के दिग्गज नेता हैं और मराठी मुस्लिम हैं। कोल्हापुर जिले के कागल विधानसभा सीट से हसन मुश्रीफ छठी बार विधायक बने हैं। अजित पवार के साथ साल 2023 में एनसीपी के जिन 40 विधायकों ने बगावत किया था, उसमें हसन मुश्रीफ भी शामिल थे। इसीलिए उनको पहले शिंदे सरकार में मंत्री बनाया गया था और अब फडणवीस कैबिनेट में भी उन्हें जगह मिली है। हालांकि उनके अलावा और किसी मुस्लिम को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

लगातार कागल सीट से विधायक चुने जा रहे हसन

एक समय में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के करीबी विश्वासपात्र और वफादार रहे हसन मुश्रीफ मराठावाड़ा इलाके के दिग्गज नेता माने जाते हैं। महाराष्ट्र में उनकी विधानसभा क्षेत्र कागल राज्य के सबसे अमीर इलाकों में से एक है। चीनी मील की गढ़ है और गन्ने की खेती से समृद्ध बना हुआ है। हसन 1999 से लगातार कागल सीट से विधायक चुनकर आ रहे हैं। शिंदे सरकार में शिक्षा मंत्री थे और उससे पहले महाराष्ट्र में मंत्री रह चुके हैं। अजित पवार ने अपने कोटे से इस बार उन्हें मंत्री बनाकर महाराष्ट्र में अपने मुस्लिम वोटबैंक को सियासी संदेश दिया है। देखना होगा कि आगे वे इसे वोट के रूप में कैसे बदलते हैं। Mumbai News

बीजेपी राज में बहुत कम हैं मुस्लिम मंत्री

बीजेपी को वैसे तो आमजन में मुस्लिम विरोधी माना जाता है। लेकिन उसके द्वारा शासित राज्यों में कुछ राज्यों में एक-एक मुस्लिम नेता को ही कैबिनेट में शामिल किया गया है। जहां देश के जिन 13 राज्यों में बीजेपी के सीएम हैं, उसमें महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में कागल सीट से विधायक हसन मुश्रीफ को शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश में दानिश अंसारी एकमात्र मुस्लिम सदस्य हैं। बीजेपी सहयोगी दलों के नेतृत्व वाले राज्य आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नसीम मोहम्मद फारूक और बिहार में जेडीयू के जमा खान कैबिनेट मंत्री हैं। बीजेपी शासित राज्यों में कैबिनेट में मुस्लिमों की कुल मिलाकर यही संख्या है। वैसे महाराष्टÑ की बात करें तो मुस्लिम प्रतिनिधित्व वहां की कैबिनेट में लगातार घटता जा रहा है। Mumbai News

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