Election 2024 : बात 1971 लोकसभा चुनाव की है। तब बर्न स्टैंडर्ड नाम की निजी कंपनी के अधीन धनबाद की कई कोयला खदानें चलती थीं। प्राण प्रसाद बर्न स्टैंडर्ड के मालिक थे। चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी राम नारायण शर्मा के खिलाफ प्राण प्रसाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हो गए। उस समय 15 प्रत्याशी मैदान में थे।
जब पम्फ़लेट गिराने के लिए मंगवाया था हेलीकॉप्टर
निर्दलीय प्राण प्रसाद ने चुना था प्रचार का अनोखा तरीका
प्राण प्रसाद जैसे अमीर उम्मीदवार के मैदान में उतरने से कांग्रेसी खेमा काफी चिंता में डूब गया। ऊपर से प्राण प्रसाद ने चुनाव क्षेत्र में पर्चा गिराने के लिए हेलीकॉप्टर मंगवा लिया। तब हेलीकॉप्टर दिखना भी अनोखा था और सफर करना तो सपना। पर्चा लेने के लिए हेलीकॉप्टर का लोग दिनभर इंतजार करते थे। हेलीकॉप्टर दिखने पर पूरे गांव के पुरुष, महिला और बच्चे घर से बाहर निकल जाते थे। तब प्राण प्रसाद ने कार्यकर्ताओं में राजदूत मोटरसाइकिल प्रचार के लिए यह कहकर बांटी थी कि जीत गए तो फटफटिया (मोटरसाइकिल) उनकी हो जाएगी।
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धनबाद चुनाव में धनबल सफल नहीं
हर कोई ये मानकर चल रहा था कि प्राण प्रसाद बड़े अंतर से जीतेंगे। उस समय कोयलांचल की कोल माइंस प्राइवेट कंपनियों के पास थीं। 1971 के बाद, इंदिरा गांधी की सरकार में कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण हुआ था। कहते हैं कि खदानें बंद कर मजदूरों को प्रचार में लगा दिया गया था। नतीजा सामने आया तो धनबल की हार हुई। कांग्रेस प्रत्याशी को सर्वाधिक वोट मिले। दूसरे नंबर पर बिनोद बिहारी महतो रहे थे। प्राण प्रसाद तीसरे स्थान पर रहे। आज भी प्राण प्रसाद को लेकर उदाहरण दिया जाता है कि धनबाद में कभी भी धनबल चुनाव में सफल नहीं हुआ।Election 2024
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