धन और नौकरी की दिक्कत होगी दूर, ऐसे करें पंचमुखी हनुमानजी जी की पूजा

Hanuman
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Oct 2021 09:12 AM
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धर्म ग्रंथों के अनुसार कलियुग में हनुमानजी की पूजा से हर सुख मिल सकता है और परेशानियां दूर हो सकती हैं। हनुमानजी की पूजा भी कई स्वरूपों में की जाती है। इन सभी में हनुमानजी का पंचमुखी स्वरूप (Panchmukhi Hanumanji)  बहुत ही विशेष हैं। हनुमानजी के पंचमुखी अवतार (Panchmukhi Hanumanji)  में पहला मुख वानर, दूसरा गरूड़, तीसरा वराह, चौथा अश्व और पांचवां नृसिंह का है। इन पांच मुखों से हनुमान अपने भक्तों के जीवन की पांच तरह से समस्याएं दूर करते हैं, हर मुख का अपना एक अलग महत्व है।

प्रतिमा के पहले वानर मुख से सारे दुश्मनों पर विजय मिलती है। दूसरे गरुड़ मुख से सारी रुकावटों और परेशानियों का विनाश होता है। तीसरे उत्तर दिशा के वराह मुख से लंबी उम्र, प्रसिद्धि और शक्ति मिलती है। चौथे दिशा के नृसिंह मुख से डर, तनाव व मुश्किलें दूर होती हैं। प्रतिमा के पांचवें अश्व मुख से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पंचमुखी हनुमान के उपाय 1. पंचमुखी हनुमानजी की प्रतिमा या तस्वीर बहुत शुभ मानी जाती है। वास्तु में माना जाता है कि अगर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर या मूर्ति घर के दक्षिण-पश्चिमी कोने में रखी जाए तो इससे घर के कई वास्तुदोष अपने आप दूर होने लगते हैं। 2. एक नारियल के ऊपर से पूजा का धागा लपेटकर चावल ,सिंदूर और पीले फूल चढ़ाएं। ये नारियल पंचमुखी हनुमानजी को अर्पित करें। इससे आपको हर काम में सफलता मिल सकती है। 3. परीक्षा या इंटरव्यू में सफलता के लिए पंचमुखी हनुमानजी को अनार या लड्‌डू का भोग लगाएं। साथ ही केसरिया रंग का झंडा भी मंदिर में दान करें। 4. पंचमुखी हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इससे परिवार में शांति बनी रहेगी। 5. कोर्ट केस में सफलता पाने के लिए पंचमुखी हनुमान के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

यशराज कनिया कुमार

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Ahoi Ashtami 2021 : अहोई अष्टमी व्रत के इन नियमों का पालन करना भी है जरुरी

Ahoi ashtami 2021
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 10:53 AM
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Ahoi Ashtami 2021 :  संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।

इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।

अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से

अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर

अहोई अष्टमी व्रत नियम-

इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।

अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।

दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।

इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।

पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

 - ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़

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Ahoi Ashtami 2021 : अहोई अष्टमी व्रत के इन नियमों का पालन करना भी है जरुरी

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Ahoi Ashtami 2021 :  संतान (children) की मंगल कामना के लिए, अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami fast) का व्रत इस बार 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को विशेष संयोगों, सवार्थसिद्धि योग, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि तथा गजकेसरी योग में पड़ रहा है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास और लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन व्रत के अतिरिक्त सोना, चांदी, मकान, घरेलू सामान, विद्युत या इलैक्ट्रानिक सामान, कंप्यूटर या दीर्घ काल में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं खरीदने का भी अक्षय तृतीया या धन त्रयोदशी जैसा ही शुभ दिन होगा।

इस व्रत को विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती हैं। लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वे क्या नियम हैं, जो इस व्रत को सफल बनाते हैं।

अहोई अष्टमी 2021 शुभ मुहूर्त-

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी आरंभ- 28 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से

अष्टमी समापन- 29 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से

अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक है। पूजा का समय कुल मिलाकर 01 घंटा 17 मिनट रहेगा। तारों को देखने का संभावित समय- शाम को 06 बजकर 03 मिनट पर

अहोई अष्टमी व्रत नियम-

इस व्रत में किसी भी तरह से धारदार चीजों का उपयोग करना मना होता है जैसे व्रत रखने वाली महिला चाकू से सब्जी आदि भी नहीं काट सकती हैं।

अहोई के दिन बनाई गई चांदी के मोती की माला को महिलाएं दीपावली तक अपने गले में पहनती हैं।

दिवाली का पूजन करने के बाद अगले दिन इस माला को उतार कर संभाल कर रख देना चाहिए।

इस दिन व्रत पारण करते समय या दिन में, कोई सफेद चीज जैसे चावल, दूध, दही आदि का सेवन करना वर्जित माना जाता है।

पूजन के बाद किसी बुजुर्ग महिला को वस्त्र आदि भेंट करके आशीर्वाद लेना चाहिए।

 - ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़