गीजा पिरामिड के रहस्य से उठा पर्दा, वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Giza Pyramids
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calendar05 Jul 2025 08:08 PM
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Giza Pyramids : 4,500 साल पुराना गीजा का महान पिरामिड जिसे अब तक गुलामों द्वारा बनाए जाने का दावा किया जाता रहा, दरअसल कुशल और वेतनभोगी श्रमिकों की मेहनत का नतीजा था। यह खुलासा हुआ है एक ताजा पुरातात्विक खोज में। इस ऐतिहासिक खोज ने न केवल सदियों पुरानी मान्यता को चुनौती दी है बल्कि पिरामिड के निर्माण से जुड़े कई अनछुए रहस्यों को भी उजागर कर दिया है।

गुलामी की थ्योरी हुई फेल

मिस्र के प्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ. जाही हवास और उनकी टीम ने इमेजिंग तकनीक की मदद से पिरामिड के भीतर छिपे संकीर्ण कक्षों का अध्ययन किया। इनमें उन्हें ऐसे चिह्न, मूर्तियां और शिलालेख मिले जो बताते हैं कि निर्माण कार्य में शामिल लोग न केवल कुशल थे बल्कि उन्हें बाकायदा वेतन और विश्राम दिया जाता था। अब तक की धारणा थी कि फिरौन खुफू के आदेश पर लगभग एक लाख गुलामों ने पिरामिड को 20 साल तक 3-3 महीने की शिफ्ट में बनाया था। लेकिन पिरामिड के अंदर और उसके दक्षिणी हिस्से में मिली श्रमिकों की कब्रों, औजारों और चित्रों ने इस कहानी को उलट दिया है। डॉ. हवास का कहना है कि यदि निर्माण में गुलाम होते, तो उन्हें कभी भी पिरामिड के निकट कब्र नहीं दी जाती। इन कब्रों में ‘शिल्पकार’, ‘पर्यवेक्षक’ जैसे उपाधियों वाले पत्थर तोड़ते मजदूरों की मूर्तियां भी मिली हैं।

कैसे बना था पिरामिड?

शोधकर्ताओं ने पिरामिड निर्माण की तकनीकी प्रक्रिया का भी खुलासा किया है। इसका निर्माण नजदीक की खदान से लाई गई चूना पत्थर की भारी शिलाओं से हुआ, जिन्हें मिट्टी, पत्थरों और रेत से बनाए गए रैंप सिस्टम के ज़रिए ऊपर तक पहुंचाया गया। इस रैंप के अवशेष टीम ने C2 नामक स्थल से पाए हैं। इस खोज के दौरान शोधकर्ताओं को 45 फीट ऊपर चढ़ना पड़ा और बेहद तंग रास्तों से गुजरना पड़ा। इन कक्षों तक पहुंचना इतना मुश्किल था कि डॉ. हवास ने कहा, “अगर कोई कहे कि यह सब हाल में बनाया गया है तो यह नामुमकिन है।”

वास्तुकला का बेजोड़ नमूना

गीजा का महान पिरामिड आज भी मानव इतिहास की सबसे अद्भुत रचनाओं में गिना जाता है। यह चौथे राजवंश के फिरौन खुफू के शासनकाल में निर्मित हुआ था और यह साबित करता है कि प्राचीन मिस्र की इंजीनियरिंग कितनी उन्नत थी। Giza Pyramids

UNSC में भारत की दावेदारी को मिली मजबूती, कैरेबियाई देश ने दिया समर्थन

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UNSC में भारत की दावेदारी को मिली मजबूती, कैरेबियाई देश ने दिया समर्थन

PM Modi 29
PM Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:43 AM
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PM Modi :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैरेबियाई देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो की ऐतिहासिक यात्रा ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे का सबसे अहम पहलू रहा, त्रिनिदाद एवं टोबैगो द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे को स्पष्ट और पूर्ण समर्थन। यह न केवल भारत की वैश्विक भूमिका को मान्यता देने का संकेत है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र में बहुपक्षीय सुधारों की आवश्यकता पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव की भी पुष्टि करता है।

भारत-त्रिनिदाद सहयोग को मिला नया आयाम

यह यात्रा 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली त्रिनिदाद यात्रा है और इसका प्रभाव साफ तौर पर दिखाई देता है। बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI), औषधि और कृषि समेत छह क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को मजबूती मिली है, बल्कि मानवीय और सांस्कृतिक संबंधों को भी नई ऊर्जा मिली है। संयुक्त बयान में दोनों देशों ने एक-दूसरे की संयुक्त राष्ट्र सीटों के लिए समर्थन का आदान-प्रदान किया है। भारत ने त्रिनिदाद की 2027-28 की अस्थायी सीट की उम्मीदवारी का समर्थन किया है, जबकि त्रिनिदाद ने भारत के लिए 2028-29 की UNSC सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करने पर सहमति जताई। यह सामरिक सहयोग न केवल कूटनीतिक मजबूती का उदाहरण है, बल्कि विकासशील देशों की एकता को भी दर्शाता है।

UNSC में सुधार की मांग को  बल

दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए वैश्विक संस्थाओं को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और समावेशी बनाया जाना चाहिए। भारत की स्थायी सदस्यता की मांग वैश्विक मंच पर अब और अधिक तार्किक एवं समयोचित प्रतीत होती है। इस यात्रा की एक और उल्लेखनीय बात रही, आतंकवाद के विरुद्ध साझा लड़ाई का दोहराया गया संकल्प। प्रधानमंत्री मोदी ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले पर त्रिनिदाद की संवेदनाओं और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। दोनों देशों ने स्पष्ट किया कि आतंक के विरुद्ध कोई समझौता नहीं किया जाएगा और वैश्विक शांति के लिए मिलकर प्रयास किए जाएंगे।

त्रिनिदाद की संसद में मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की संसद को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों की चर्चा की। क्रिकेट से लेकर कैलिप्सो और चटनी संगीत तक भारतीय मूल के लोगों ने त्रिनिदाद की आत्मा में अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा, "भारतीय मूल के लोग त्रिनिदाद की विविधता का गर्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्होंने इस देश की सामाजिक संरचना को समृद्ध किया है।  PM Modi

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अमेरिका के टेक्सास में बाढ़ का कहर, जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त

America News 2
 America News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:42 AM
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America News :  अमेरिका के टेक्सास राज्य में मूसलधार बारिश के बाद आई बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। दक्षिण-मध्य क्षेत्र के केर काउंटी में हालात बेहद गंभीर हैं, जहां ग्वाडालूप नदी उफान पर है और उसके आसपास के इलाके जलमग्न हो चुके हैं। इस भीषण प्राकृतिक आपदा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इन लापता लोगों में विशेष रूप से ‘कैम्प मिस्टिक’ में शामिल 20 से अधिक किशोर लड़कियां भी शामिल हैं, जो नदी किनारे स्थित एक समर कैंप में भाग लेने आई थीं। प्रशासन ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है, जिसमें नावों के साथ-साथ हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है।

राहत व बचाव कार्य तेज

केर काउंटी के शेरिफ लैरी लीथा ने शुक्रवार देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि 237 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 167 को हेलिकॉप्टर के जरिए बचाया गया। उन्होंने आशंका जताई कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ इलाके अब भी बाढ़ के पानी से कटे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, "टेक्सास में जो हो रहा है, वह बेहद भयावह है।" ट्रंप ने यह भी बताया कि वे लगातार राज्यपाल से संपर्क में हैं और स्थिति की गंभीरता पर नजर बनाए हुए हैं।

परिजनों ने सोशल मीडिया पर की अपील

ग्वाडालूप नदी के पास स्थित क्रिश्चियन समर कैंप ‘कैम्प मिस्टिक’ की दर्जनों बच्चियां लापता हैं। यह कैंप हर साल गर्मियों में आयोजित होता है, जहां बच्चे आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। बाढ़ की वजह से संपर्क पूरी तरह कट गया है, जिससे परिजनों की बेचैनी बढ़ गई है। लापता लोगों के परिजन सोशल मीडिया के जरिए प्रशासन से तेजी से कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं। कई परिवारों ने अपने बच्चों की तस्वीरें साझा करते हुए जानकारी उपलब्ध कराने की अपील भी की है। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक केर काउंटी में करीब 10 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे ग्वाडालूप नदी में जलस्तर बेहद तेजी से बढ़ा। इलाके की सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।       America News

ग्रेटर नोएडा में अवैध संबंधों का खौफनाक अंजाम, प्रेमी ने प्रेमिका को उतारा मौत के घाट

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