Ahoi Ashtami 2022: अहोई अष्टमी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Ahoyi
Ahoi Ashtami 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:49 AM
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Ahoi Ashtami 2022: त्योहारी सीजन का अहोई अष्टमी व्रत आज 17 अक्टूबर 2022 को है। (Ahoi Ashtami 2022) इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती है। (Ahoi Ashtami 2022) इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार अहोई अष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं।

शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 अक्टूबर, सोमवार की सुबह 09:30 से 18 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर 11:58 तक रहेगी। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र दिन भर रहेगा। इस दिन शिव और सिद्ध नाम के शुभ योग पूरे दिन रहेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा।

पूजा विधि सुबह उठकर स्नान करें और यह संकल्प लें- मैं अहोई माता का व्रत कर रही हूं, अहोई माता मेरी संतान को लंबी उम्र, स्वस्थ एवं सुखी रखें। संकल्प के बाद गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं। साथ ही सेह और उसके सात पुत्रों का चित्र भी बनाएं। (आजकल बाजार में ये चित्र बने हुए मिलते हैं।) दिन भर निराहार करें। यानी कुछ भी खाए-पीएं नहीं? शाम को इन चित्रों की सामने बैठकर अहोई माता की पूजा करें। अहोई माता को सुहाग की सामग्री व अन्य चीजें चढ़ाएं। सेह की पूजा रोली, चावल, दूध व चावल से की जाती है। पूजा में एक कलश में जल भर कर रख लें, जिसे बाद में तुलसी पर चढ़ा दें। पूजा के बाद अहोई माता की कथा सुनें। पूजा के बाद सास के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके बाद ही अन्न जल ग्रहण करें।

अहोई माता व्रत की कथा पौराणिक कथा के अनुसार, किसी नगर में चंपा नाम की एक महिला रहती थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। एक वृद्ध महिला ने उसे अहोई अष्टमी व्रत करने के लिए कहा। चंपा की एक पड़ोसन भी थी, जिसका नाम चमेली था। उसने भी चंपा को देख अहोई अष्टमी का व्रत किया। चंपा ने श्रद्धा से व्रत किया और चमेली ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए। व्रत से प्रसन्न होकर देवी ने चंपा और चमेली को दर्शन दिए। देवी ने उनसे वरदान मांगने को कहा- चमेली ने तुरंत एक पुत्र मांग लिया, जबकि चंपा ने कहा -आप बिना मांगे ही मेरी इच्छा पूरी कीजिए। तब अहोई माता ने कहा कि- उत्तर दिशा में एक बाग में बहुत से बच्चे खेल रहे हैं। तुम दोनों वहां जाओ और जो बच्चा तुम्हें अच्छा लगे, उसे अपने घर ले आना। यदि न ला सकी तो तुम्हें संतान नहीं मिलेगी। चंपा व चमेली दोनों बाग में जाकर बच्चों को पकड़ने लगी। बच्चे रोने लगे। चंपा से उनका रोना नहीं देखा गया। उसने किसी बच्चे को नहीं पकड़ा, लेकिन चमेली ने एक बच्चे को कसकर पकड़ लिया। तभी वहां अहोई माता प्रकट हुईं और चंपा की प्रशंसा करते हुए उसे पुत्रवती होने का वरदान दिया पर चमेली को मां बनने के लिए अयोग्य सिद्धि कर दिया। इस तरह अहोई माता की कृपा से चंपा की इच्छा पूरी हुई।

इन राशि वालों को हो सकता है धनलाभ 17 अक्टूबर को ही सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे यानि की गोचर करेंगे। वहीं इस दिन तीन शुभ योग भी बन रहा है। ऐसे में कई राशि के जातकों को धन लाभ, करियर में तरक्की और सफलता मिल सकती हैं। मिथुन राशि, सिंह राशि, धनु राशि सहित कई राशि के लोगों के लिए यह समय बेहद शुभ हो सकता है।

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Ahoi Ashtami 2022: त्योहारी सीजन का अहोई अष्टमी व्रत आज 17 अक्टूबर 2022 को है। (Ahoi Ashtami 2022) इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला उपवास रखती है। (Ahoi Ashtami 2022) इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार अहोई अष्टमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं।

शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 अक्टूबर, सोमवार की सुबह 09:30 से 18 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर 11:58 तक रहेगी। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र दिन भर रहेगा। इस दिन शिव और सिद्ध नाम के शुभ योग पूरे दिन रहेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा।

पूजा विधि सुबह उठकर स्नान करें और यह संकल्प लें- मैं अहोई माता का व्रत कर रही हूं, अहोई माता मेरी संतान को लंबी उम्र, स्वस्थ एवं सुखी रखें। संकल्प के बाद गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं। साथ ही सेह और उसके सात पुत्रों का चित्र भी बनाएं। (आजकल बाजार में ये चित्र बने हुए मिलते हैं।) दिन भर निराहार करें। यानी कुछ भी खाए-पीएं नहीं? शाम को इन चित्रों की सामने बैठकर अहोई माता की पूजा करें। अहोई माता को सुहाग की सामग्री व अन्य चीजें चढ़ाएं। सेह की पूजा रोली, चावल, दूध व चावल से की जाती है। पूजा में एक कलश में जल भर कर रख लें, जिसे बाद में तुलसी पर चढ़ा दें। पूजा के बाद अहोई माता की कथा सुनें। पूजा के बाद सास के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके बाद ही अन्न जल ग्रहण करें।

अहोई माता व्रत की कथा पौराणिक कथा के अनुसार, किसी नगर में चंपा नाम की एक महिला रहती थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। एक वृद्ध महिला ने उसे अहोई अष्टमी व्रत करने के लिए कहा। चंपा की एक पड़ोसन भी थी, जिसका नाम चमेली था। उसने भी चंपा को देख अहोई अष्टमी का व्रत किया। चंपा ने श्रद्धा से व्रत किया और चमेली ने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए। व्रत से प्रसन्न होकर देवी ने चंपा और चमेली को दर्शन दिए। देवी ने उनसे वरदान मांगने को कहा- चमेली ने तुरंत एक पुत्र मांग लिया, जबकि चंपा ने कहा -आप बिना मांगे ही मेरी इच्छा पूरी कीजिए। तब अहोई माता ने कहा कि- उत्तर दिशा में एक बाग में बहुत से बच्चे खेल रहे हैं। तुम दोनों वहां जाओ और जो बच्चा तुम्हें अच्छा लगे, उसे अपने घर ले आना। यदि न ला सकी तो तुम्हें संतान नहीं मिलेगी। चंपा व चमेली दोनों बाग में जाकर बच्चों को पकड़ने लगी। बच्चे रोने लगे। चंपा से उनका रोना नहीं देखा गया। उसने किसी बच्चे को नहीं पकड़ा, लेकिन चमेली ने एक बच्चे को कसकर पकड़ लिया। तभी वहां अहोई माता प्रकट हुईं और चंपा की प्रशंसा करते हुए उसे पुत्रवती होने का वरदान दिया पर चमेली को मां बनने के लिए अयोग्य सिद्धि कर दिया। इस तरह अहोई माता की कृपा से चंपा की इच्छा पूरी हुई।

इन राशि वालों को हो सकता है धनलाभ 17 अक्टूबर को ही सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे यानि की गोचर करेंगे। वहीं इस दिन तीन शुभ योग भी बन रहा है। ऐसे में कई राशि के जातकों को धन लाभ, करियर में तरक्की और सफलता मिल सकती हैं। मिथुन राशि, सिंह राशि, धनु राशि सहित कई राशि के लोगों के लिए यह समय बेहद शुभ हो सकता है।

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Noida News : सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का नोएडा में दिव्य आगमन से नोएडा की धरा पर गूंजेगा मानवता का संदेश

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Satguru Mata Sudiksha Ji Maharaj
locationभारत
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calendar14 Oct 2022 10:44 PM
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Noida News : अध्यात्मिकता के प्रकाश को विस्तृत स्वरूप प्रदान करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का नोएडा में दिव्य आगमन होने जा रहा है। इस सूचना से नोएडा एवं आसपास के श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गयी है। सभी अपने सत्गुरू के दिव्य दर्शनों के लिए अति उत्साहित है और इस पल की बेसब्ररी से प्रतीक्षा कर रहे है। इस विशाल निरंकारी संत समागम का आयोजन दिनांक 16 अक्तूबर, दिन रविवार, सायः 5.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक, सोम बाजार ग्राउंड, सैक्टर - 44, नोएडा में आयोजित होने जा रहा है जिसमें सभी प्रभु प्रेमी भक्त सम्मिलित होकर सत्गुरू के पावन आशीष प्रवचनों को श्रवण करेंगे।

Noida News :

नोएडा के स्थानीय संयोजक   शिंगारा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि संत समागम की तैयारियां पूरे उत्साह के साथ व्यापक स्तर पर चल रही है। सभी श्रद्धालु भक्तों एंव निरंकारी सेवादल के सदस्यों द्वारा समागम परिसर एंव उसके आसपास के क्षेत्रों की साफ सफाई की जा रही है जिसमें साध संगत को अपने सत्गुरू के पावन सानिध्य में बैठकर दिव्यता एंव आध्यात्म की अनुभूति हो। निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज, 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के अंतर्गत दिल्ली एंव एन सी आर की प्रचार यात्राओं के पड़ाव में ग्राउंड नम्बर-2, द्वारका, पटौदी, करनाल, इत्यादि के उपरांत नोएडा में पहुंच रहे हैं। इन प्रचार यात्राओं का उद्देश्य मानव में रूहानियत और इंसानियत के भाव को जाग्रत करना है। यह दिव्य संत समागम आध्यात्मिक ज्ञान के साथ ‘अनेकता में एकता’ का एक अदभूत उदाहरण है जो मानवता को एक वैश्विक परिवार के सूत्र में बाँधता है।