<span style="color: #4c83f5"> Delhi News: </span> केजरीवाल को बच्चों की शिक्षा की नहीं कालेधन की चिंता : भाजपा

07 4
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:53 AM
bookmark

Delhi News: भाजपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताओं पर सतर्कता निदेशालय की रिपोर्ट दर्शाती है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘बच्चों की शिक्षा की नहीं बल्कि केवल उनको मिल रहे कालेधन की चिंता है।’

Delhi News

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इस मामले में सतर्कता निदेशालय की रिपोर्ट का हवाला दिया और आरोप लगाया कि ‘भ्रष्ट गब्बर’ केजरीवाल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दिशानिर्देशों को धत्ता बताते हुए बिना निविदा निकाले कक्षाओं के निर्माण के लिए निजी कंपनी ‘बब्बर एंड बब्बर’ के साथ साथगांठ की।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिना निविदा निकाले विद्यालयों में निर्माण कार्य का दायरा बढ़ाया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसने (सरकार ने) विद्यालयों में शौचालय बनाये और उनकी गिनती कक्षाओं के तौर पर की।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ उन्हें बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। उन्हें बस एक चीज की चिंता है और वह है उनके पास आ रहा कालाधन।’’

भाजपा नेता ने दावा किया कि रिपोर्ट दर्शाती है कि निजी कंपनी ने सरकार के साथ साठगांठ कर कक्षाओं के निर्माण की शर्तें तय कीं। भाटिया ने कहा कि जो मंत्री जेल में हैं, उन्हें आपने बर्खास्त नहीं किया। सतर्कता रिपोर्ट ने शिक्षा विभाग में भी भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया है। सतर्कता निदेशालय दिल्ली सरकार का हिस्सा है। क्या आपके कमजोर कंधे इस बोझ को उठा सकते हैं? क्या आप भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त कर सकते हैं?

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली सरकार के विद्यालयों में कक्षाओं के निर्माण में कथित अनियमितताओं की ‘विशिष्ट एजेंसी’ द्वारा जांच की सिफारिश की है। उनके मुताबिक निदेशालय का दावा है कि इसमें ‘1300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।’

सूत्रों का कहना है कि जांच की सिफारिश संबंधी सतर्कता निदेशालय की यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी गयी है। सीवीसी ने 17 फरवरी, 2020 को एक रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के विद्यालयों में पीडब्ल्यूडी द्वारा 2400 कक्षाओं के निर्माण में ‘गंभीर अनियमितताओं’ का उल्लेख किया था। सीवीसी ने फरवरी, 2020 में यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय के पास भेजी थी और इस मामले पर उसकी टिप्पणी मांगी थी।

Political News:माकपा ने खोले तीन तरफा चुनावी युद्ध के द्वार

देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

<span style="color: #4c83f5;">Political News:</span>माकपा ने खोले तीन तरफा चुनावी युद्ध के द्वार

2022 11image 13 30 154609944salim ll
माकपा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Nov 2022 07:39 PM
bookmark

Political News: कोलकाता। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने तीन तरफा चुनावी युद्ध के द्वार खोले है। आरएसएस को वह कट्टर दुश्मन मानता है तो चुनावी मैदान में तृणमूल व भाजपा को टक्कर देने के लिए अपनी कमर कस ली है। साथ ही अपना खोया आधार प्राप्त करने में माकपा जुट गयी है।

Political News

इस बाबत पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव एवं पूर्व लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में फिर से अपना खोया आधार प्राप्त करने में जुटे मार्क्सवादी अपने ‘मुख्य शत्रु’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर ध्यान केंद्रित करेंगे । हालांकि माकपा का चुनावी मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों से होगा।

बकौल सलीम, हमने आरएसएस की पहचान देश के लिए सबसे बड़े खतरे के तौर पर की है, क्योंकि हमारा मानना है कि हमारा देश जिन दो सिद्धांतों पर खड़ा है, वे धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र है। आरएसएस ने नफरत के माहौल को बढ़ावा दिया है। छद्म विज्ञान और पौराणिक कथाओं के खतरनाक घालमेल को बढ़ावा दिया है। हमारी लड़ाई इसी के खिलाफ है।

सलीम ने कहा कि जहां तक चुनाव की बात है तो यह स्पष्ट है कि पार्टी भाजपा और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस दोनों को टक्कर देगी। हम केवल नाम का विपक्ष नहीं हैं। हम उन दोनों का विरोध करेंगे। राज्य में 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने से पहले तक 34 साल तक माकपा का शासन था। माकपा के मत प्रतिशत में भी लगातार गिरावट आई है । 2011 विधानसभा चुनाव में 30.1 प्रतिशत, 2016 के विधानसभा चुनाव में 19.75 और 2019 के लोकसभा चुनाव में यह घटकर 6.34 प्रतिशत रह गया था।

PM Modi बोले, : आजादी के बाद हमें वह इतिहास पढ़ाया गया जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था

अगली खबर पढ़ें

<span style="color: #4c83f5">PM Modi बोले, : </span>आजादी के बाद हमें वह इतिहास पढ़ाया गया जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था

PM Modi
PM Modi (File Photo)
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:06 AM
bookmark

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत का इतिहास वीरता का रहा है लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी वह इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड साजिशन रचा गया था। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जरूरत थी कि भारत को गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडे को बदला जाता लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

PM Modi

मोदी यहां स्थित विज्ञान भवन में पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने बोड़फूकन की 400वीं जयंती के उपलक्ष्य में यहां लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, राज्यपाल जगदीश मुखी और केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है, अत्याचारियों के विरूद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास वीरता की परंपरा का रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्य से हमें आजादी के बाद भी वही इतिहास पढ़ाया जाता रहा जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रचा गया था। देश के कोने-कोने में भारत के सपूतों ने आतताइयों का मुकाबला किया लेकिन इस इतिहास को जानबूझकर दबा दिया गया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जरूरत थी कि गुलाम बनाने वाले विदेशियों के एजेंडे को बदला जाता लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि ऐसे बलिदानियों को मुख्यधारा में ना लाकर जो गलती पहले की गई उसे सुधारा जा रहा है और लचित बोड़फूकन की जयंती को मनाने के लिए दिल्ली में किया गया यह आयोजन इसी का प्रतिबिंब है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है और भारत ना सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को भी गर्व से याद कर रहा है।

मोदी ने कहा कि बोड़फकून ऐसे वीर योद्धा थे, जिन्होंने दिखा दिया कि हर आतंकी का अंत हो जाता है लेकिन भारत की अमर ज्योति अमर बनी रहती है।

ज्ञात हो कि लचित बोड़फूकन के 400वें जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी साल फरवरी में असम के जोरहाट में किया था।

लचित बोड़फूकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें जाना जाता है। इस युद्ध में औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था।

इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।

UP cabinet meeting: यूपी के इन शहरों में भी लागू होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली, सरकार ने लगाई मुहर

देश दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।