वोटर्स पल्स, आज के युवा भारत की राजनीति से क्या चाहते हैं?

युवाओं की पहली प्राथमिकता - रोजगार
देश के युवाओं की सबसे बड़ी चिंता आज भी रोजगार है। डिग्री के बाद भी नौकरी का मिलना मुश्किल हो रहा है। युवा अब नेताओं से यही चाहते हैं कि वे केवल वादे न करें बल्कि नौकरी के वास्तविक अवसर उपलब्ध कराएं। स्टार्टअप्स के लिए सपोर्ट सिस्टम और स्किल डेवलपमेंट की मांग भी युवाओं में बढ़ रही है।शिक्षा में सुधार और डिजिटल इंडिया
युवाओं की सोच अब केवल किताबों तक सीमित नहीं है। वे चाहते हैं कि शिक्षा में प्रैक्टिकल नॉलेज, इनोवेशन और डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। ऑनलाइन लर्निंग, वर्चुअल क्लासेस और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना भी उनकी प्राथमिकता में है।राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी
युवाओं की एक और बड़ी मांग है कि राजनीति में भ्रष्टाचार खत्म हो और नेताओं की जवाबदेही तय हो। सोशल मीडिया के ज़माने में युवा हर चीज़ पर नज़र रखते हैं। उन्हें अब क्लीन पॉलिटिक्स चाहिए जिसमें जाति-धर्म से ज़्यादा विकास पर बात हो।माहौल और जलवायु की चिंता
युवा पर्यावरण के प्रति सजग है। वे चाहते हैं कि नेता क्लाइमेट चेंज, ग्रीन एनर्जी और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर गंभीर कदम उठाएं। जल संरक्षण और पेड़-पौधों की रक्षा उनके एजेंडे में है।महिलाओं की सुरक्षा और समानता
युवतियों के लिए सेफ्टी, जेंडर इक्वालिटी, और महिला सशक्तिकरण भी एक बड़ा मुद्दा है। वे चाहते हैं कि देश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़े और असल में उनके लिए सुरक्षित माहौल बने।युवाओं की राजनीति में भागीदारी
आज का युवा केवल वोट देना नहीं चाहता, वह राजनीति में खुद भी हिस्सेदारी चाहता है। युवाओं को लगता है कि अब पुरानी सोच से बाहर निकलकर नई सोच और नए नेतृत्व की ज़रूरत है। युवा भारत के लिए राजनीति अब केवल भाषणों और वादों का खेल नहीं रही। वे रोजगार, शिक्षा, ईमानदारी, पर्यावरण, महिला सुरक्षा और भागीदारी की राजनीति चाहते हैं। अगर राजनीतिक दल उनकी इन उम्मीदों को समझेंगे तो शायद आने वाला भारत और भी बेहतर बन सकेगा।अगली खबर पढ़ें
युवाओं की पहली प्राथमिकता - रोजगार
देश के युवाओं की सबसे बड़ी चिंता आज भी रोजगार है। डिग्री के बाद भी नौकरी का मिलना मुश्किल हो रहा है। युवा अब नेताओं से यही चाहते हैं कि वे केवल वादे न करें बल्कि नौकरी के वास्तविक अवसर उपलब्ध कराएं। स्टार्टअप्स के लिए सपोर्ट सिस्टम और स्किल डेवलपमेंट की मांग भी युवाओं में बढ़ रही है।शिक्षा में सुधार और डिजिटल इंडिया
युवाओं की सोच अब केवल किताबों तक सीमित नहीं है। वे चाहते हैं कि शिक्षा में प्रैक्टिकल नॉलेज, इनोवेशन और डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। ऑनलाइन लर्निंग, वर्चुअल क्लासेस और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना भी उनकी प्राथमिकता में है।राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी
युवाओं की एक और बड़ी मांग है कि राजनीति में भ्रष्टाचार खत्म हो और नेताओं की जवाबदेही तय हो। सोशल मीडिया के ज़माने में युवा हर चीज़ पर नज़र रखते हैं। उन्हें अब क्लीन पॉलिटिक्स चाहिए जिसमें जाति-धर्म से ज़्यादा विकास पर बात हो।माहौल और जलवायु की चिंता
युवा पर्यावरण के प्रति सजग है। वे चाहते हैं कि नेता क्लाइमेट चेंज, ग्रीन एनर्जी और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर गंभीर कदम उठाएं। जल संरक्षण और पेड़-पौधों की रक्षा उनके एजेंडे में है।महिलाओं की सुरक्षा और समानता
युवतियों के लिए सेफ्टी, जेंडर इक्वालिटी, और महिला सशक्तिकरण भी एक बड़ा मुद्दा है। वे चाहते हैं कि देश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़े और असल में उनके लिए सुरक्षित माहौल बने।युवाओं की राजनीति में भागीदारी
आज का युवा केवल वोट देना नहीं चाहता, वह राजनीति में खुद भी हिस्सेदारी चाहता है। युवाओं को लगता है कि अब पुरानी सोच से बाहर निकलकर नई सोच और नए नेतृत्व की ज़रूरत है। युवा भारत के लिए राजनीति अब केवल भाषणों और वादों का खेल नहीं रही। वे रोजगार, शिक्षा, ईमानदारी, पर्यावरण, महिला सुरक्षा और भागीदारी की राजनीति चाहते हैं। अगर राजनीतिक दल उनकी इन उम्मीदों को समझेंगे तो शायद आने वाला भारत और भी बेहतर बन सकेगा।संबंधित खबरें
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