दैनिक राशिफल 26 अक्टूबर 2021- जानिए क्या कहते हैं आज आपके सितारे





करवाचौथ पर्व संपन्न होने के बाद अब 28 अक्टूबर को अहोई अष्टमी व्रत किया जाएगा। इसके साथ ही अब दीपावली की तैयारी शुरु हो जाएगी। पंचदिवसीय महापर्व का आगाज 2 नवंबर 2021 से होगा। जी हां 2 नवंबर को धनतेरस ( Dhanteras 2021) है। धनतेरस ( Dhanteras 2021) से ही पंचदिवसीय पर्व की शुरुआत होती है।
भारतीय ज्योतिष पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस पर्व ( Dhanteras 2021) पड़ता है। वैसे तो धनतेरस पर सोना, चांदी खरीदने का विधान है, लेकिन आप इस दिन अन्य कोई भी वस्तु क्रय कर सकते हैं। इस दिन बर्तनों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि का जन्म होता है इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के देवता हैं। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को धन त्रयोदशी भी कहते हैं।
पौराणिक कथाओं में ‘धनत्रयोदशी’ को शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी, धन के देवता भगवान कुबेर के साथ, समुद्र के मंथन के दौरान समुद्र से निकली थीं। तब से लोगों ने एक सफल जीवन जीने के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर से दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया। धनतेरस के दिन सोना या चांदी जैसी कीमती धातु खरीदना भी घर में देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के संकेत के रूप में शुभ माना जाता है। धनतेरस का दिन नया व्यवसाय शुरू करने या घर, कार और गहने खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
मुहूर्त और पूजा का समय त्रयोदशी तिथि आरंभ - 02 नवंबर, 2021 11:31 त्रयोदशी तिथि समापन - 03 नवंबर, 2021 09:02
पूजा विधि धनतेरस की पूजा के लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान के सामने घी का दिया जलाएं। धूप और अगरबत्ती लगाएं। इसके बाद भगवान को लाल रंग के फूल अर्पित करें। इस दिन आप जो भी धातु, आभूषण या बर्तन खरीदें उसे चौकी पर रखें। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करें। लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- यशराज कनिया कुमार, न्यूमरोलॉजिस्ट
करवाचौथ पर्व संपन्न होने के बाद अब 28 अक्टूबर को अहोई अष्टमी व्रत किया जाएगा। इसके साथ ही अब दीपावली की तैयारी शुरु हो जाएगी। पंचदिवसीय महापर्व का आगाज 2 नवंबर 2021 से होगा। जी हां 2 नवंबर को धनतेरस ( Dhanteras 2021) है। धनतेरस ( Dhanteras 2021) से ही पंचदिवसीय पर्व की शुरुआत होती है।
भारतीय ज्योतिष पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस पर्व ( Dhanteras 2021) पड़ता है। वैसे तो धनतेरस पर सोना, चांदी खरीदने का विधान है, लेकिन आप इस दिन अन्य कोई भी वस्तु क्रय कर सकते हैं। इस दिन बर्तनों की सबसे ज्यादा बिक्री होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि का जन्म होता है इसलिए इस दिन धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है। जब भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के देवता हैं। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को धन त्रयोदशी भी कहते हैं।
पौराणिक कथाओं में ‘धनत्रयोदशी’ को शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी, धन के देवता भगवान कुबेर के साथ, समुद्र के मंथन के दौरान समुद्र से निकली थीं। तब से लोगों ने एक सफल जीवन जीने के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर से दिव्य आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया। धनतेरस के दिन सोना या चांदी जैसी कीमती धातु खरीदना भी घर में देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के संकेत के रूप में शुभ माना जाता है। धनतेरस का दिन नया व्यवसाय शुरू करने या घर, कार और गहने खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
मुहूर्त और पूजा का समय त्रयोदशी तिथि आरंभ - 02 नवंबर, 2021 11:31 त्रयोदशी तिथि समापन - 03 नवंबर, 2021 09:02
पूजा विधि धनतेरस की पूजा के लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान के सामने घी का दिया जलाएं। धूप और अगरबत्ती लगाएं। इसके बाद भगवान को लाल रंग के फूल अर्पित करें। इस दिन आप जो भी धातु, आभूषण या बर्तन खरीदें उसे चौकी पर रखें। पूजा के दौरान “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का जाप करें। धनवंतरि स्तोत्र का पाठ करें। लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- यशराज कनिया कुमार, न्यूमरोलॉजिस्ट