Bajaj Pulsar N 160 Launch: शानदार लुक वाली Bajaj Pulsar N 160 हो गई लॉन्च, TVS Apache RTR 160 और Yamaha FZS FI को देगी टक्कर




महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव सरकार का गिरना अब लगभग तय हो गया है। गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ तस्वीर जारी कर शक्ति प्रदर्शन किया है। उद्धव सरकार गिराने के लिए शिंदे को सिर्फ 37 शिवसेना विधायकों की जरूरत थी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र भाजपा में भी बैठक शुरू हो गई है। भाजपा ने शिंदे को महाराष्ट्र कैबिनेट में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है। साथ ही केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की पेशकश की है।
Maharashtra Politics : सरकार बनाने के लिए एकनाथ को चाहिए सिर्फ एक विधायक
इससे पहले, बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक चिट्ठी शेयर की है। चिट्ठी संजय शिरसाट ने लिखी है, मगर इसमें सभी विधायकों की भावनाएं बताईं गई है। चिट्ठी में लिखा है- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। वहीं शिंदे हमेशा विधायकों की सुनते थे और आगे भी सुनेंगे।
उद्धव को शिंदे खेमे की ओर से लिखी गई चिट्ठीकल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था। ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आए थे।
तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने का काम कर रहे थे। इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है। शिवसेना विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली। मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए। कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता। मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था। आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते। हमारा सवाल यह है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?
1. CM उद्धव ठाकरे की पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग शुरू हो गई। सांसद-विधायक सरकारी आवास पर पहुंचने लगे हैं। वर्षा में 12 विधायक अब तक पहुंचे हैं।
2. विधायकों की तरह ही शिवसेना के19 में से करीब 9 सांसद भी उद्धव का दामन छोड़ सकते हैं। इनमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे, वाशिम की सांसद भावना गवली और नागपुर की रामटेक सीट से सांसद कृपाल तुमाने के नाम सामने आए हैं। जैसे ही सत्ता में परिवर्तन होगा, कई और सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आएंगे।
3. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मुंबई पहुंची हैं। हालांकि, यह उनका निजी दौरा बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार वे महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से मुलाकात कर सकती हैं।
4. एनसीपी विधायकों की बैठक में शरद पवार ने विधायकों से कहा- हम शिवसेना के साथ हैं। सत्ता जाने के बाद संघर्ष के लिए सभी तैयार रहें।
5. सूत्रों के अनुसार, कुछ देर में बागी गुट विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को भेजेंगे। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास छोड़ने से NCP नाराज हो गई है।
महाराष्ट्र के सियासी घमासान में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की एंट्री हो गई है। 41 शिवसेना और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे जिस होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर TMC कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इसे रोका जाए। पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है।
पिछले 12 घंटे में शिवसेना के पांच और दो निर्दलीय विधायक महाराष्ट्र से गुवाहाटी पहुंचे। इनमें गुलाबराव पाटील, योगेश कदम, सदा सर्वंकर, योगेश पवार और मंगेश कुलांकर शामिल हैं। बाकी दो विधायक मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय हैं। सदा, योगेश और मंगेश गुरुवार सुबह गुवाहाटी की रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे।
सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में पार्टी के दिग्गज नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में इस्तीफा देने पर फैसला किया जा सकता है। इधर, महाराष्ट्र के कई जगहों पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को सीएम की शुभकामनाएं देते हुए पोस्टर लगाया गया है।
उद्धव के पास अब 2 विकल्प बचे हैं। पहला, शरद पवार की बात मान कर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दें। हालांकि, शिंदे ने महाविकास अघाड़ी के साथ सरकार में रहने से इनकार कर दिया है। दूसरा, फ्लोर टेस्ट का है। संजय राउत फ्लोर टेस्ट की बात कह चुके हैं।
महाराष्ट्र में सियासी बवाल का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। कांग्रेस नेता जय ठाकुर ने कोर्ट से कहा है कि जो विधायक बगावत करे, उसके चुनाव लड़ने पर 5 साल तक रोक लगे। ठाकुर की याचिका कोर्ट में पहले से लंबित है।महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव सरकार का गिरना अब लगभग तय हो गया है। गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) ने 42 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों के साथ तस्वीर जारी कर शक्ति प्रदर्शन किया है। उद्धव सरकार गिराने के लिए शिंदे को सिर्फ 37 शिवसेना विधायकों की जरूरत थी।
सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र भाजपा में भी बैठक शुरू हो गई है। भाजपा ने शिंदे को महाराष्ट्र कैबिनेट में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है। साथ ही केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की पेशकश की है।
Maharashtra Politics : सरकार बनाने के लिए एकनाथ को चाहिए सिर्फ एक विधायक
इससे पहले, बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक चिट्ठी शेयर की है। चिट्ठी संजय शिरसाट ने लिखी है, मगर इसमें सभी विधायकों की भावनाएं बताईं गई है। चिट्ठी में लिखा है- शिवसेना विधायकों के लिए आपका दरवाजा हमेशा बंद रहता था। आप इन विधायकों की सुनते नहीं थे। वहीं शिंदे हमेशा विधायकों की सुनते थे और आगे भी सुनेंगे।
उद्धव को शिंदे खेमे की ओर से लिखी गई चिट्ठीकल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। हमें ऐसे लोग चला रहे थे, जिन्हें लोगों ने नहीं चुना था। ये लोग विधान परिषद और राज्यसभा के माध्यम से आए थे।
तथाकथित (चाणक्य लिपिक) बडवे हमें हराने और राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति तय करने का काम कर रहे थे। इसका परिणाम सिर्फ महाराष्ट्र ने देखा है। शिवसेना विधायक के रूप में हमें वर्षा बंगले तक सीधी पहुंच नहीं मिली। मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर सभी से मिलते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई जगह ही नहीं थी, क्योंकि आप कभी मंत्रालय ही नहीं गए। कई बार निर्वाचन क्षेत्र के काम, अन्य मुद्दों, व्यक्तिगत समस्याओं के लिए सीएम साहब से मिलने का अनुरोध करने के बाद हमें बुलाया जाता और बंगले के गेट पर घंटों खड़ा रखा जाता। मैंने कई बार सीएम को फोन किया पर फोन रिसीव नहीं होता था। आखिरकार हम ऊब जाते और चले जाते। हमारा सवाल यह है कि अपने ही विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों? ऐसे विधायकों से इस तरह का व्यवहार जिन्हें तीन-चार लाख मतदाता चुनते हैं?
1. CM उद्धव ठाकरे की पार्टी के बड़े नेताओं के साथ मीटिंग शुरू हो गई। सांसद-विधायक सरकारी आवास पर पहुंचने लगे हैं। वर्षा में 12 विधायक अब तक पहुंचे हैं।
2. विधायकों की तरह ही शिवसेना के19 में से करीब 9 सांसद भी उद्धव का दामन छोड़ सकते हैं। इनमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे, वाशिम की सांसद भावना गवली और नागपुर की रामटेक सीट से सांसद कृपाल तुमाने के नाम सामने आए हैं। जैसे ही सत्ता में परिवर्तन होगा, कई और सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आएंगे।
3. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मुंबई पहुंची हैं। हालांकि, यह उनका निजी दौरा बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार वे महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से मुलाकात कर सकती हैं।
4. एनसीपी विधायकों की बैठक में शरद पवार ने विधायकों से कहा- हम शिवसेना के साथ हैं। सत्ता जाने के बाद संघर्ष के लिए सभी तैयार रहें।
5. सूत्रों के अनुसार, कुछ देर में बागी गुट विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को भेजेंगे। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास छोड़ने से NCP नाराज हो गई है।
महाराष्ट्र के सियासी घमासान में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की एंट्री हो गई है। 41 शिवसेना और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे जिस होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर TMC कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इसे रोका जाए। पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है।
पिछले 12 घंटे में शिवसेना के पांच और दो निर्दलीय विधायक महाराष्ट्र से गुवाहाटी पहुंचे। इनमें गुलाबराव पाटील, योगेश कदम, सदा सर्वंकर, योगेश पवार और मंगेश कुलांकर शामिल हैं। बाकी दो विधायक मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय हैं। सदा, योगेश और मंगेश गुरुवार सुबह गुवाहाटी की रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे।
सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में पार्टी के दिग्गज नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में इस्तीफा देने पर फैसला किया जा सकता है। इधर, महाराष्ट्र के कई जगहों पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को सीएम की शुभकामनाएं देते हुए पोस्टर लगाया गया है।
उद्धव के पास अब 2 विकल्प बचे हैं। पहला, शरद पवार की बात मान कर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दें। हालांकि, शिंदे ने महाविकास अघाड़ी के साथ सरकार में रहने से इनकार कर दिया है। दूसरा, फ्लोर टेस्ट का है। संजय राउत फ्लोर टेस्ट की बात कह चुके हैं।
महाराष्ट्र में सियासी बवाल का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। कांग्रेस नेता जय ठाकुर ने कोर्ट से कहा है कि जो विधायक बगावत करे, उसके चुनाव लड़ने पर 5 साल तक रोक लगे। ठाकुर की याचिका कोर्ट में पहले से लंबित है।
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव से अपने विधायकों से भावुक अपील की और मुख्यमंत्री आवास तक खाली कर दिया। लेकिन ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे की इस अपील का उनके विधायकों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है।
उधर, एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। असम के गुवाहाटी स्थित रैडिसन ब्लू होटल में चार और विधायक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही एकनाथ शिंदे उस आंकड़े के करीब पहुंच गए हैं जहां उनके खिलाफ दल बदल कानून लागू नहीं होगा और वह खुद को विधायक दल का नेता घोषित कर सकते हैं।
आपको बता दें कि शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं ऐसे में एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई विधायक यानि 37 होने चाहिए तभी उनके खिलाफ दल बदल का कानून लागू नहीं होगा और शिवसेना को फाड़ में बांट सकते हैं और खुद को विधायक दल का नेता भी घोषित कर सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो शिंदे के साथ गुवाहाटी में कुल 42 विधायक हैं, जिसमे शिवसेना के 34 और निर्दलीय 8 विधायक उनके साथ हैं।
माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के समर्थन में तीन और विधायक हैं जो मुंबई में हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 36 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो चुका है, लिहाजा सिर्फ एक और विधायक के साथ आने से वह जादुई आंकड़े के पास पहुंच सकते हैं।
विधायक दीपक केसकर, मंगेश कुडालकर, सदा सारवंकर आज सुबह की फ्लाइट से मुंबई से गुवाहाटी पहुंचे हैं। ऐसे में अब शिंदे को सिर्फ एक और विधायक के समर्थन की जरूरत है, जिसके बाद उनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सके। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और शिवसेना ने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं कि वह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं, ताकि महाराष्ट्र में सियासी संकट को खत्म किया जा सके।
शिवसेना के मुखपत्र में छपे लेख में कहा गया है कि विद्रोही विधायक शिवसेना के टिकट पर चुनाव जीते हैं, ऐसे में अगर वह वापस नहीं आते हैं तो वह हमेशा के लिए पूर्व विधायक हो जाएंगे।
Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव से अपने विधायकों से भावुक अपील की और मुख्यमंत्री आवास तक खाली कर दिया। लेकिन ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे की इस अपील का उनके विधायकों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है।
उधर, एकनाथ शिंदे के समर्थन में विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। असम के गुवाहाटी स्थित रैडिसन ब्लू होटल में चार और विधायक पहुंच गए हैं। इसके साथ ही एकनाथ शिंदे उस आंकड़े के करीब पहुंच गए हैं जहां उनके खिलाफ दल बदल कानून लागू नहीं होगा और वह खुद को विधायक दल का नेता घोषित कर सकते हैं।
आपको बता दें कि शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं ऐसे में एकनाथ शिंदे के पास दो तिहाई विधायक यानि 37 होने चाहिए तभी उनके खिलाफ दल बदल का कानून लागू नहीं होगा और शिवसेना को फाड़ में बांट सकते हैं और खुद को विधायक दल का नेता भी घोषित कर सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो शिंदे के साथ गुवाहाटी में कुल 42 विधायक हैं, जिसमे शिवसेना के 34 और निर्दलीय 8 विधायक उनके साथ हैं।
माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के समर्थन में तीन और विधायक हैं जो मुंबई में हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 36 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो चुका है, लिहाजा सिर्फ एक और विधायक के साथ आने से वह जादुई आंकड़े के पास पहुंच सकते हैं।
विधायक दीपक केसकर, मंगेश कुडालकर, सदा सारवंकर आज सुबह की फ्लाइट से मुंबई से गुवाहाटी पहुंचे हैं। ऐसे में अब शिंदे को सिर्फ एक और विधायक के समर्थन की जरूरत है, जिसके बाद उनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सके। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और शिवसेना ने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं कि वह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं, ताकि महाराष्ट्र में सियासी संकट को खत्म किया जा सके।
शिवसेना के मुखपत्र में छपे लेख में कहा गया है कि विद्रोही विधायक शिवसेना के टिकट पर चुनाव जीते हैं, ऐसे में अगर वह वापस नहीं आते हैं तो वह हमेशा के लिए पूर्व विधायक हो जाएंगे।