लंग्स कैंसर का 40% खतरा घटेगा, जीवन बढ़ेगा! बस उठाना होगा यह एक कदम

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Lungs Cancer
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:06 PM
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Lungs Cancer: आपने अक्सर सुना होगा कि धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों से फेफड़ों को गंभीर नुकसान होता है। लंग्स कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो फेफड़ों की कोशिकाओं में उत्पन्न होता है। यह तब होता है जब फेफड़ों की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं, जिससे एक ट्यूमर बनता है। लंग्स कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। फेफड़े में दो स्पंजी अंग होते हैं जो सांस लेने को नियंत्रित करते हैं। लंग्स कैंसर विश्व भर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने वाले लोगों को लंग्स कैंसर का सबसे ज़्यादा जोखिम होता है। धूम्रपान की अवधि और सिगरेट की संख्या के साथ फेफड़े के कैंसर का जोखिम बढ़ता है। कई सालों तक धूम्रपान करने के बाद भी धूम्रपान छोड़ने से फेफड़े के कैंसर के विकसित होने की संभावना काफी कम हो जाती है। लंग्स कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया हो।

भारत में तंबाकू से लाखों लोगों की मौत

2021 में भारत में तंबाकू से लगभग 10 लाख लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 17.8 प्रतिशत है। इनमें से 79.8 प्रतिशत मौतें सीधे धूम्रपान के कारण और 21.0 प्रतिशत सेकेंड हैंड धुएं से हुई हैं। अमेरिकी कैंसर सोसायटी के अनुसार, धूम्रपान के कारण हर साल वहां 5 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु होती है। द लैंसेट पब्लिक हेल्थ में पब्लिश रिसर्च अनुसार, यदि 2050 तक दुनिया भर में धूम्रपान की बिक्री को मौजूदा स्तर से 5 प्रतिशत घटाया जाए, तो पुरुषों की जीवन में 1 साल और महिलाओं की में 0.2 साल की वृद्धि होगी। हालिया रिसर्च में पता चला है कि 2006 से 2010 के बीच जन्मे लोगों के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से, वैश्विक स्तर पर 70 वर्षों में 12 लाख फेफड़ों कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।

रिसर्च का क्या है कहना?

"द लैंसेट पब्लिक हेल्थ" में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अगर तंबाकू को खत्म किया जाए, तो 2095 तक इस उम्र वर्ग में फेफड़ों कैंसर से होने वाली मौतों को 40 प्रतिशत तक रोका जा सकता है। स्पेन के सैंटियागो डे कंपोस्टेला विश्वविद्यालय की शोधकर्ता जूलिया रे ब्रांडारिज ने कहा है कि फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोगों की जान लेता है, जिनमें से लगभग दो तिहाई मौतें तंबाकू और धूम्रपान से जुड़ी हैं। उनकी रिसर्च इस बात पर ध्यान केंद्रित करती है कि तंबाकू का उपयोग खत्म करना कितना लाभकारी सकता है। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि 2050 तक यदि धूम्रपान की बिक्री को मौजूदा स्तर से 5 प्रतिशत भी घटाया जाए, तो पुरुषों की जीवन में 1 साल और महिलाओं में 0.2 साल की वृद्धि होगी। रिसर्च टीम का अंदाजा है कि इस पतरह के बदलावों से वैश्विक औसत आयु (Life Expectancy) , जो 2022 में 73.6 वर्ष है, 2050 तक बढ़कर 78.3 वर्ष हो जाएगी। अनुमान यह है कि 2050 में उम्र के अनुसार 21 प्रतिशत पुरुष और 4 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करेंगी, जो जगहों के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। रिसर्चर्स का कहना है कि अगर पिछले साल धूम्रपान पूरी तरह खत्म कर दिया गया होता,  तो 2050 तक पुरुषों की जीवन में 1.5 साल और महिलाओं में 0.4 साल की वृद्धि हो सकती थी।

13 से 18 साल के युवाओं पर रिसर्च

रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने 2006 और 2010 के बीच जन्मे लोगों पर रिसर्च इसलिए कि है क्योंकि ये लोग वर्तमान में 13 से 18 वर्ष की आयु के हैं, और ज्यादातर देशों में तंबाकू उत्पाद खरीदने की कानूनी उम्र 18 साल है। उन्होंने कहा, "इससे न केवल बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकती है, बल्कि धूम्रपान से प्रभावित लोगों के इलाज और देखभाल के लिए स्वास्थ्य प्रणाली पर पड़ने वाले दबाव को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।"

PCOD कैसे बन रहा हार्ट अटैक का कारण, यहां जानें

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PCOD कैसे बन रहा हार्ट अटैक का कारण, यहां जानें

PCOD
Heart Attack
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:52 PM
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Heart Attack : आजकल हार्ट अटैक (Heart Attack) और दिल से संबंधित बीमारियों के खतरे का सिलसिला रफ्तार पकड़ रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को हार्ट अटैक और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा बना रहता है लेकिन रीसेन्ट स्टडी के मुताबिक ऐसे कई कारक हैं, जो महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहे हैं। PCOD आजकल महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे कॉमन समस्या है। यही वजह है कि आजकल महिलाओं में होने वाली मौतों में से 17 फीसदी मामले हार्ट अटैक से संबंधित पाए जा रहे हैं और ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। महिलाओं में हार्ट अटैक आने का एक कारण पीसीओडी (PCOD) को भी माना जा रहा है। पीरियड्स की अनियमितता के चलते हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा महिलाओं में बढ़ रहा है, जिसमें पीसीओडी, मोटापा और वायु प्रदूषण जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में महिलाओं में होने वाली हार्ट अटैक से मृत्यु के आंकड़े देखने मिले हैं। अगर आप PCOD के बारे में नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल के जरिए आसानी से जान जाएंगे।

क्या है PCOD?

पीसीओडी का पूरा नाम ‘पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिसीज’ है। पीसीओडी महिलाओं में होने वाला एक हॉर्मोनल विकार है। पीसीओडी के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स नहीं आना, दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द, प्रेगनेन्सी में कठिनाई होना है। हॉर्मोन असंतुलन होने की वजह ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो गांठ के रूप में पहचानी जाती हैं। पीसीओडी एक हार्मोनल डिजीज है जिसमें कई कारणों के चलते महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बाहर का जंक फूड ज्यादा खाना, कम नींद, स्ट्रेस और मोटापा ये सभी महिलाओं में पीसीओडी को आमंत्रित करने के मुख्य कारण बताए गए हैं। जिनकी वजह से पीसीओडी की समस्या होती है। यही वजहें आगे चलकर हार्ट अटैक को बुलावा देने का कारण बनती हैं।इन सभी वजहों से बैड कॉलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ता है, जो कि हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनता है। पीसीओडी आजकल महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे कॉमन समस्या बनकर उभर रही है जिसमें वजन बढ़ना, इंसुलिन रेजिस्टेंस, प्री-डायबिटीज से लेकर डायबिटीज की स्थिति, एंड्रोजन का ज्यादा होना जैसे लक्षण काफी आम हैं। साथ ही एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि पीसीओडी में रक्त वाहिकाओं (नसों) और हृदय पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ के अनुसार, हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियां भारतीय महिलाओं में मौत की एक बड़ी वजह हैं जिसमें 17 प्रतिशत से ज्यादा मौतें हार्ट अटैक की वजह से होती हैं। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरूण बंसल बताते हैं कि पहले ये समझा जाता था कि जो प्रेमेनोपजल वुमेन है जिनमें ओवरी से एस्ट्रोजन हार्मोन निकल रहा है वो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से सुरक्षित रहती थी लेकिन अब रिस्क फैक्टर्स दिन पर दिन बदलते जा रहे हैं क्योंकि महिलाओं में मोटापे की समस्या बढ़ गई है।

खुद का ऐसे रखें ख्याल

PCOD के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं और साथ ही वायु प्रदूषण के चलते ऐसी स्थिति बन गई है कि फेफड़े ऐसा महसूस करते है जैसे कि वो एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग कर रहे हों। इस आर्टिकल में ऊपर दिए गए फैक्टर्स के चलते युवा महिलाएं हॉस्पिटल्स में ज्यादा नजर आ रही हैं। फिलहाल पीसीओडी का उपचार नहीं है। इस बीमारी से खुद को बचाए रखने के लिए अपना बेहद ध्यान रखें व रोजाना एक्सरसाइज करें, स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योगा या मेडिटेशन करें, रोज 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें, अपने वजन को कंट्रोल में रखें साथ ही स्मोकिंग और ड्रिंकिंग ना करें। ऐसा करने से आप इस बिमारी से होने वाले खतरे को खुद से दूर भी रख पाएंगे और हार्ट से जुड़ी हुई बीमारियों का खतरा भी कम कर पाएंगे।

मोटापे के कारण दिखने लगे हैं भद्दे, डाइट में शामिल करें ये चीजें

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Healthy Food
Fat Problems
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 02:33 PM
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Fat Problems : आजकल की दौड़-भाग भरी दुनिया में लोग काफी व्यस्त हो गए हैं। ऐसे में लोग पूरी तरह से अपना ध्यान रखना भूल चुके हैं। लोग अपने काम से आते हैं और थकावट के कारण कुछ भी बनाना पसंद नहीं करते। ऐसे में ज्यादातर लोग लगातार बाहर के खाने को अपनी आदत में शामिल कर लेते हैं। जिससे एक समय के बाद उन्हें मोटापे का सामना करना पड़ता है। आजकल ऐसे कई लोग है जो मोटापे से जूझ रहे हैं जिसके चलते उन्हें कई बार शर्मिंदा भी होना पड़ता है। लोग मोटापे से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें निराश होना पड़ता है। अगर आप भी मोटापे से परेशान हो गए हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आपको अपने डाइट में ऐसी किन-किन चीजों को शामिल करनी चाहिए, जिससे आप मोटापा से छुटाकारा पा सकते हैं। चलिए जाने लेते हैं।

नाश्ते में शामिल करें पोहा

अगर आप मोटापे से परेशान हो गए हैं और अपने बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं तो आपको नाश्ते में पोहे का सेवन करना चाहिए। पोहे में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसके अलावा पोहा आयरन, फाइबर, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का भी अच्छा स्रोत है। पोहे का सेवन करने से आपको लम्बे समय तक भूख का एहसास नहीं होता और क्रेविंग्स कम हो जाती है। जिससे आप ज्यादा कैलोरी लेने से बच जाते हैं।

मूंग दाल का चीला

मूंग दाल के चीले का सेवन करने से आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते हैं। मूंग दाल के चीले में कम कैलोरी पाई जाती है। जिसे खाने से लम्बे समय तक आपको पेट भरा हुआ महसूस होता है। इसके अलावा मूंग दाल में प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है।

उपमा रहेगा बेस्ट

अगर आपको बढ़ते वजन ने परेशान कर रखा है तो आपको उपमे का सेवन रोजाना करना चाहिए। सूजी का उपमा हेल्दी ब्रेकफास्ट होता है जिसमें आप अपनी मनपसंद सब्जियां भी डालकर खा सकते हैं। उपमा खाने से आपको भूख नहीं लगती साथ ही धीरे-धीरे आपका वजन भी कम हो सकता है।

दलिया या ओट्स Fat Problems

दलिया या ओट्स भी बढ़ते वजन को कम करने की शक्ति रखता है। यूं तो दलिया ओट्स के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें ओट्स के मुकाबले कम कैलोरी पाई जाती है लेकिन ओट्स का सेवन करने से भी वजन को कम किया जाता है। ओट्स में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में मिलता है, जिससे काफी देर तक भूख नहीं लगती है। इसे खाने से ओवरईटिंग से बच सकते हैं, जिससे वजन तेजी से कम होता है।

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