Shukrawar Ke Upay: आज करें ये सरल काम, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

Maa laxmi 1
Shukrawar Ke Upay
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Nov 2022 04:14 PM
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Shukrawar Ke Upay: आज 2022 के नवंबर माह का तीसरा शुक्रवार है। ज्योतिष और पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन लक्ष्मी और वैभव-विलास का दिन माना जाता है। शुक्रवार के दिन यदि आप मां लक्ष्मी से जुड़े कुछ सरल काम करते हैं तो मां लक्ष्मी अपकी हर इच्छा को पूर्ण कर सकती है और आपको हर संकट से मुक्ति मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन दैत्य गुरु शुक्र देव को समर्पित है। वहीं शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की अराधना कभी सर्वश्रेष्ठ दिन बताया गया है। ऐसे में यदि आज के दिन आप कुछ सरल से उपाय करते हैं तो इससे न केवल मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है, ​बल्कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शुक्र ग्रह धन, वैभव, प्रेम और एश्वर्य प्रदान करने वाले ग्रह हैं।

Shukrawar Ke Upay / शुक्रवार के उपाय

घर में किसी भी समय लक्ष्मी जी आ सकती है लेकिन शाम का समय ऐसा होता है, जिस समय लक्ष्मी जी का आना संभव होता है इसलिए शाम के समय सारे घर की लाइट जला कर पूरे घर में रोशनी कर देना चाहिए। मां लक्ष्मी के समक्ष मोगरे का इत्र अर्पित करना चाहिए और रति और कामसुख के लिए गुलाब का इत्र चढ़ाना चाहिए। इसी के साथ देवी लक्ष्मी के सामने केवड़े का इत्र अर्पित करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। शुक्रवार के दिन सुबह के समय गो-माता को ताज़ी रोटी खिलाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और आप पर सदेव अपनी कृपा बनाये रखेंगी। घर में स्वच्छता का जरुर ध्यान दे क्योंकि इससे माता लक्ष्मी जरुर प्रसन्न होती है और साथ ही कभी शाम के समय घर में झाडू न लगाए इससे घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है। शुक्रवार के दिन उस जगह जाए जहां मोर नृत्य करते है और उसके बाद वहां की मिट्टी लाकर एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर पवित्र जगह में रख दें और उसकी रोज पूजा करें धनलाभ होगा।

और क्या करें (Shukrawar Ke Totke) घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें। श्वेत चंदन का तिलक करें। पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें। नहाते समय लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करें। ‘श्रीं जगतप्रसूते नमः’ मंत्र का जाप करें। लक्ष्मी-नारायण पर चढ़े चंदन से मस्तक पर तिलक करें। लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ी खीर किसी कन्या को खिलाएं। लक्ष्मी नारायण मंदिर में अथवा अपने घर के पूजाघर में लक्ष्मी-नारायण की पूजा करके उन पर गुलाबी फूल चढ़ाएं।

चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।

सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।

संतान प्राप्ति के लिए दंपति हरसिंगार का पौधा घर में लगाएं तथा उसको ऐसे सींचे, जैसे अपने छोटे बच्चे की देखभाल करते हैं।

मां लक्ष्मी के मंत्र पैसे की तंगी को खतम करने के लिए महालक्ष्मी का ध्यान करके इच्छानुसार देसी खंड और श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद चढ़ी हुई देसी खंड किसी सुहागन ब्राह्मणी को दान दें।

महाउपाय- अगर आपका धन मंदा पड़ गया है तो 12 बुधवार इस प्रयोग को अपनाएं। 12 कौड़ी जलाकर उसकी राख़ बना लें और उस राख को हरे कपड़े में बांधकर जल प्रवाह करें।

इनमें से कोई भी उपाय जो आप आसानी से कर सकते हैं, शुक्रवार को कर लें। फिर देखें कैसे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है।

मां लक्ष्मी के मंत्र 1- या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:

पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा

तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्.

2- विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं जगद्वते

आर्त हंत्रि नमस्तुभ्यं, समृद्धं कुरु मे सदा

नमो नमस्ते महांमाय, श्री पीठे सुर पूजिते

शंख चक्र गदा हस्ते, महां लक्ष्मी नमोस्तुते

3- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्

4- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

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Shukrawar Ke Upay: आज 2022 के नवंबर माह का तीसरा शुक्रवार है। ज्योतिष और पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन लक्ष्मी और वैभव-विलास का दिन माना जाता है। शुक्रवार के दिन यदि आप मां लक्ष्मी से जुड़े कुछ सरल काम करते हैं तो मां लक्ष्मी अपकी हर इच्छा को पूर्ण कर सकती है और आपको हर संकट से मुक्ति मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन दैत्य गुरु शुक्र देव को समर्पित है। वहीं शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की अराधना कभी सर्वश्रेष्ठ दिन बताया गया है। ऐसे में यदि आज के दिन आप कुछ सरल से उपाय करते हैं तो इससे न केवल मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है, ​बल्कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शुक्र ग्रह धन, वैभव, प्रेम और एश्वर्य प्रदान करने वाले ग्रह हैं।

Shukrawar Ke Upay / शुक्रवार के उपाय

घर में किसी भी समय लक्ष्मी जी आ सकती है लेकिन शाम का समय ऐसा होता है, जिस समय लक्ष्मी जी का आना संभव होता है इसलिए शाम के समय सारे घर की लाइट जला कर पूरे घर में रोशनी कर देना चाहिए। मां लक्ष्मी के समक्ष मोगरे का इत्र अर्पित करना चाहिए और रति और कामसुख के लिए गुलाब का इत्र चढ़ाना चाहिए। इसी के साथ देवी लक्ष्मी के सामने केवड़े का इत्र अर्पित करने से मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। शुक्रवार के दिन सुबह के समय गो-माता को ताज़ी रोटी खिलाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और आप पर सदेव अपनी कृपा बनाये रखेंगी। घर में स्वच्छता का जरुर ध्यान दे क्योंकि इससे माता लक्ष्मी जरुर प्रसन्न होती है और साथ ही कभी शाम के समय घर में झाडू न लगाए इससे घर की लक्ष्मी बाहर चली जाती है। शुक्रवार के दिन उस जगह जाए जहां मोर नृत्य करते है और उसके बाद वहां की मिट्टी लाकर एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर पवित्र जगह में रख दें और उसकी रोज पूजा करें धनलाभ होगा।

और क्या करें (Shukrawar Ke Totke) घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें। श्वेत चंदन का तिलक करें। पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें। नहाते समय लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करें। ‘श्रीं जगतप्रसूते नमः’ मंत्र का जाप करें। लक्ष्मी-नारायण पर चढ़े चंदन से मस्तक पर तिलक करें। लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ी खीर किसी कन्या को खिलाएं। लक्ष्मी नारायण मंदिर में अथवा अपने घर के पूजाघर में लक्ष्मी-नारायण की पूजा करके उन पर गुलाबी फूल चढ़ाएं।

चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।

सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।

संतान प्राप्ति के लिए दंपति हरसिंगार का पौधा घर में लगाएं तथा उसको ऐसे सींचे, जैसे अपने छोटे बच्चे की देखभाल करते हैं।

मां लक्ष्मी के मंत्र पैसे की तंगी को खतम करने के लिए महालक्ष्मी का ध्यान करके इच्छानुसार देसी खंड और श्रीसूक्त का पाठ करें। इसके बाद चढ़ी हुई देसी खंड किसी सुहागन ब्राह्मणी को दान दें।

महाउपाय- अगर आपका धन मंदा पड़ गया है तो 12 बुधवार इस प्रयोग को अपनाएं। 12 कौड़ी जलाकर उसकी राख़ बना लें और उस राख को हरे कपड़े में बांधकर जल प्रवाह करें।

इनमें से कोई भी उपाय जो आप आसानी से कर सकते हैं, शुक्रवार को कर लें। फिर देखें कैसे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती है।

मां लक्ष्मी के मंत्र 1- या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:

पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा

तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्.

2- विष्णुप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं जगद्वते

आर्त हंत्रि नमस्तुभ्यं, समृद्धं कुरु मे सदा

नमो नमस्ते महांमाय, श्री पीठे सुर पूजिते

शंख चक्र गदा हस्ते, महां लक्ष्मी नमोस्तुते

3- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्

4- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

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Nirankari Sant Samagam : रूहानियत और इंसानियत के संदेश संग निरंकारी सन्त समागम शुरू

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Nirankari Sant Samagam
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calendar30 Nov 2025 10:20 PM
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Nirankari Sant Samagam : ।   75वॉ वाषिक निरंकारी सन्त समागम का समालका के भङ्क्षडवाल माजरी में शुभारंभ हुआ। इस दौरान रूहानियत और इंसानियत के संदेश दिए गए। पहले दिन सेवादल के लिए समर्पित रहा। सेवादल की सेवाओं को सराहते हुए निरंकारी सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सानिध्य में निरंकारी आध्यात्मिक स्थल में भव्य सेवादल रैली निकाली गई। 75वॉ वाषिक निरंकारी सन्त समागम का शुभारंभ सदगुरू माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता रमित की पालकी शोभायात्रा के साथ हुआ।

Nirankari Sant Samagam :

सेवादल रैली में पधारने पर सदगुरू माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित का सेवादल के केंद्रीय अधिकारियों ने स्वागत किया। रैली में समागम के मुख्य विषय रूहानियत और इंसानियत पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इनमें व्यायाम, कविताएं, संपूर्ण अवतार वाणी, समूह गीत, शारीरिक व्यायाम, खेलकूद एवं मानव पिरामिड, मालखंभ, समूह गीत एवं लद्यु नाटिकाएं प्रस्तुत की गई। रैली में देश-विदेश के कोन- कोने से आए हजारों सेवादल भाई-बहनों ने खाकी-नीली वर्दियों में भाग लिया।   [caption id="attachment_41300" align="alignnone" width="622"]Nirankari Sant Samagam Nirankari Sant Samagam[/caption]