Rashifal 2022 : इन राशि वालों की सोने की तरह चमकेगी किस्मत, धन-धान्य में होगी वृद्धि

Rashifal 2022 1
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calendar02 Dec 2025 04:34 AM
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नया साल (New Year 2022)  शुरू होने में अब ज्यादा समय शेष नहीं बचा है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) अनुसार कुछ राशि वालों के लिए साल 2022 विशेष रूप से फलदायी साबित होने वाला है। नये साल में इनकी किस्मत के सितारे बुलंद रहेंगे। आर्थिक उन्नति मिलने के प्रबल आसार रहेंगे। इनकम अच्छी रहेगी। धन संबंधी दिक्कतें दूर होंगी। इन राशि के लोगों को हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। जानिए 2022 की तीन लकी राशियों के बारे में।

मेष राशि नया साल आपके लिए बेहद ही सकारात्मक दिखाई दे रहा है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। आपके कार्य समय से पूरे होंगे। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होगी। मेहनत का उचित फल प्राप्त होने के आसार हैं। कार्यस्थल पर आपकी इमेज अच्छी रहेगी। नये काम की शुरुआत कर सकते हैं। बिजनेस में तरक्की के आसार दिखाई दे रहे हैं। यात्राओं से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति पहले से कई गुना बेहतर रहेगी। परिवार का माहौल खुशनुमा रहेगा।

वृषभ राशि आपको जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलने के आसार रहेंगे। करियर के लिए ये साल काफी अनुकूल रहने वाला है। प्रोफेशनल लाइफ में अच्छी खासी तरक्की मिलेगी। आय के कई स्रोत उत्पन्न होंगे। धन संपत्ति का संचय करने में सफल रहेंगे। सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। अधिकारियों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे। निवेश से लाभ प्राप्त कर सकेंगे। कर्ज से छुटकारा मिलेगा। अचानक से धन की प्राप्ति हो सकती है।

सिंह राशि आपकी आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत रहेगी। जीवन में सकारात्मकता आएगी। कार्यक्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त करेंगे। आपको जीवन में भाग्य का साथ मिलेगा। जो लोग लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें अच्छी नौकरी प्राप्त हो सकती है। बिजनेस करने वाले जातकों के लिए भी समय अनुकूल दिखाई दे रहा है। नौकरी में पदोन्नति के प्रबल आसार रहेंगे। वेतन में भी बढ़ोतरी हो सकती है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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सफेद मूली से दूर होंगे आर्थिक संकट, एक बार जरुर आजमाएं ये उपाय

Radish or mooli
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calendar23 Nov 2021 07:41 AM
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आज के वक्त में अमूमन सभी लोग आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा भी कई तरह की परेशानियों से आज का मानव जूझ रहा है। लाल किताब में ऐसे कई टोटके हैं, जो परेशानियों से मुक्ति दिलाने में अद्भुत चमत्कार की तरह काम करते हैं।

आर्थिक संकट रात में साने से पहले अपने तकिए के नीचे सफेद मूली सुबह उठ कर स्नान आदि करने के बाद ये मूली शिव मंदिर में भगवान शिव को अर्पित कर दें। ये उपाय न केवल धन संकट को दूर करेगा बल्कि इससे राहु ग्रह से मिल रहे कष्ट भी कम होंगे। मूली राहु ग्रह से जुड़ा माना गया है।

तांबे के लोटे में जल अगर आप पर मिथ्या आरोप या झूठा केस लगा हो या आपके मान-सम्मान या धन की हानि हो रही हो तो आपको लाल किताब के इस उपाय से जरूर लाभ मिलेगा। इसके लिए रोज रात को सोने से पहले अपने सिराहने तांबे के लोटे में जल भर कर रख दें। अगले दिन भोर में उठ कर ये जल आप इसे सड़क के किनारे डाल दें। जल डालते हुए आपके पैर पर ये जल नहीं पड़ना चाहिए। इस उपाय से आपके रोग और लोगों से हुए मनमुटाव भी दूर होंगे।

एक बिस्तर पर सोएं यदि पति या पत्नी के बीच अनबन रहती हो या वैवाहिक जीवन सुखमय न हो तो अपने बिस्तर, चादर या गद्दे पर नजर डालें। यदि एक बेड न या गद्दे अलग-अलग हो या चादर ओढ़ने की अलग हो तो इसे बदल कर एक कर लें। अलग- अलग चादर, बिस्तर या गद्दा रिश्ते में अलगाव का कारण होता है। एक साथ सोने से रिश्ते मजबूत होते हैं।

संतान सुख के लिए यदि आपकी संतान नहीं हो रही तो आपको रोज रात में सोने से पहले दूध पीना चाहिए। इस दूध में शुद्ध चांदी के तार को डाल कर उबाले और तब इस दूध को पीएं। पति-पत्नी दोनों को ही ऐसा करना होगा। इससे संतान होने की संभावना बढ़ेगी और चांदी बांझपन को दूर करता है। वहीं पुरुषों में चांदी धातु संबंधी दोष दूर कर शुक्राणु को बलवान बनाता है।

बुरी बला के लिए यदि आपके ऊपर बुरी बला हो या किसी भूत-प्रेत का साया हो तो आप रात को सोने से पहले अपने सिराहने जटा वाला नारियल और कोयला रख दें और अगले दिन इसे किसी बहते जल में प्रवाहित कर दें। इससे आप पर आई बला टल जाएगी। ये उपाय शनि के कष्ट को भी दूर करता है।

नोट : कृपया एक बार में एक ही उपाय करें। सभी उपाय एकसाथ नहीं करने चाहिए।

यशराज कनिया कुमार, ज्योतिषी

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क्या होता है पितृ दोष, इससे क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं? यहां जानिए उपाय

Pitradosh
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calendar01 Dec 2025 03:33 PM
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पितृ दोष (Pitrdosha) के बारे में आपने कई बार सुना होगा लेकिन बहुत कम लोग इस दोष और इससे मिलने वाले कष्टों को जानते हैं। पितृदोष (Pitrdosha) कुंडली में होना बहुत ही कष्टकारी होता है। पितृदोष (Pitrdosha) किसी जातक की कुंडली में तब होता है जब सूर्य नीच राशिगत, शत्रुक्षेत्रीय या राहु केतु के साथ होता है। साथ ही बारहवें भाव में सूर्य और राहु का योग होने पर या राहु-शनि के साथ होने पर भी पितृ दोष लगता है। यदि किसी की कुंडली में पितृ दोष हो तो उस जातक को मानसिक तनाव, धन हानि, हर कार्य में असफलता, पूजा-पाठ में ध्यान न लगना, शारीरिक समस्याएं, रोजगार में दिक्क्त, दाम्पत्य जीवन में कष्ट, संतान कष्ट, समाज में प्रतिष्ठा का कम होना जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। जानें, क्यों होता है पितृ दोष? पितृदोष जरूरी नहीं कि जातक के इसी जन्म के कर्मो से हो बल्कि जातक के पूर्व जन्म या पूर्वजों के बुरे कर्म के कारण भी मिलते हैं। यदि जातक भूल और अज्ञानता वश भी अपने पूर्वजों को कष्ट देता है अथवा उनका अपमान करता है तो उसे पितृ दोष लगता है। पितृ दोष दूर करने के विशेष उपाय यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष हो तो आपको अपने पूर्वजों को कभी उपेक्षित नहीं करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी घर के दक्षिणी दीवार पर उनकी तस्वीर लगाएं और माला चढ़ाएं। साथ ही पितृपक्ष में उनके लिए श्राद्ध करें और उनकी मृत्यु तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र एवं दक्षिणा आदि जरूर दें। जिस किसी की कुंडली में पितृ दोष हो उसे अपने माता-पिता की खूब सेवा करनी चाहिए और अपने बड़े भाई-बहनों का आशीर्वाद लेना चाहिए और उनसे अपने संबंध मधुर रखने चाहिए। पितृदोष निवारण के लिए हर महीने की अमावस्या को अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल पर दही, गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और फूल आदि चढ़ाना चाहिए। साथ ही “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए और पितृ सूक्त का पाठ करें। हर अमावस्या पर दक्षिणी की ओर मुख कर आपको दिवंगत पितरों को तर्पण देना चाहिए और अमावस्या को पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्त का पाठ जरूर करना चाहिए। साथ ही त्रयोदशी के दिन नीलकंठ स्तोत्र का पाठ करें। पूर्णिमा के दिन श्री नारायण कवच का पाठ करके ब्राह्मणों को मीठा खिलाएं और दान दें। हर संक्रांति, अमावस्या और रविवार को सूर्यदेव को तांबे के लोटे में लाल चन्दन, गंगाजल, शुद्ध जल डालकर बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य दें। अर्घ्य देते हुए इस मंत्र का जाप करें : “एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते । अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर II” यदि पितृदोष मुक्ति के लिए आप बहुत कुछ न भी कर पाएं तो जब हो सके तब गाय, कौए, कुत्ते और भूखों को खाना खिलाएं। सोमवार के दिन आक के 21 पुष्पों, दही, बेलपत्र के साथ शिव जी की पूजा करें। पितृ दोष कष्ट दूर होगा। पितृदोष मुक्ति के लिए कुल देवता और इष्ट देव की सदैव पूजा करते रहें। किसी गरीब कन्या के विवाह में मदद करें या किसी की बिमारी में सहायता करें। पितृदोष के निवारण के लिए जातक को खुद प्रयास करना होगा, किसी और के किए प्रयास से कष्ट दूर नहीं होगा। यशराज कनिया कुमार, वैदिक ज्योतिषी