Atiq murder case अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

Atiq murder case :नई दिल्ली। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या (Ateeq-Ashraf murder case) मामले में जांच के लिए एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें उत्तर प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटर की भी जांच कराए जाने की मांग की गई है।
Atiq murder case
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया जाए। कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज करें। यह कमेटी अतीक और अशरफ की हत्या की जांच करे। इसके साथ ही 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटर की भी पड़ताल की जाए।
यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह CBI को यूपी में हुए फर्जी मुठभेड़ों का पता लगाने का निर्देश दे। 2020 में हुए कानपुर बिकरू एनकाउंटर केस की भी निष्पक्ष जांच कराई जाए। याचिका में कहा गया है, "उत्तर प्रदेश पुलिस ने डेयरडेविल्स बनने की कोशिश की है।" विशाल तिवारी ने कहा कि उन्होंने UP पुलिस की बर्बरता और कानून के शासन के उल्लंघन के खिलाफ दायर की है। इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड में कोर्ट में पेश करने के लिए जेल से लाई थी। प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाए जाने के दौरान हॉस्पिटल के बाहर तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर हमला किया था। अतीक की कनपटी में बेहद करीब से गोली मारी गई। इसके बाद तीनों हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर गोलियों की बौछार कर दी थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
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Atiq murder case
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया जाए। कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज करें। यह कमेटी अतीक और अशरफ की हत्या की जांच करे। इसके साथ ही 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटर की भी पड़ताल की जाए।
यह याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह CBI को यूपी में हुए फर्जी मुठभेड़ों का पता लगाने का निर्देश दे। 2020 में हुए कानपुर बिकरू एनकाउंटर केस की भी निष्पक्ष जांच कराई जाए। याचिका में कहा गया है, "उत्तर प्रदेश पुलिस ने डेयरडेविल्स बनने की कोशिश की है।" विशाल तिवारी ने कहा कि उन्होंने UP पुलिस की बर्बरता और कानून के शासन के उल्लंघन के खिलाफ दायर की है। इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड में कोर्ट में पेश करने के लिए जेल से लाई थी। प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाए जाने के दौरान हॉस्पिटल के बाहर तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर हमला किया था। अतीक की कनपटी में बेहद करीब से गोली मारी गई। इसके बाद तीनों हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर गोलियों की बौछार कर दी थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।







