Basant Panchami 2022 बसंत पंचमी 5 फरवरी को, कामना पूर्ति के लिए करें ये काम

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Basant Panchami 2022
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calendar02 Dec 2025 04:33 AM
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Basant Panchami 2022 : बसंत पंचमी का पर्व बसंत ऋतु (Basant Panchami 2022) के आगमन का प्रथम दिवस है। पुरानी कहावत है कि] आया बसंत-जाड़ा उड़ंत। यह दिन ऋतु परिवर्तन का परिचायक भी है। भगवान कृष्ण इस उत्सव के अधिदेवता भी हैं। पक्षियों में कलरव, भौरों की गुंजन, पुष्पों की मादकता से युक्त वातावरण बसंत ऋतु की विशेषता है। पशु-पक्षियों तक में कामक्रीड़ा की अनुभूति होने लगती है। वस्तुतः यह मदनोत्सव का आरंभ है। इसी दिन, कामदेव के साथ साथ रति व सरस्वती का पूजन भी होता है। होली का प्रारंभ भी इस दिन से होता है और समापन फाल्गुन की पूर्णिमा पर होलिका दहन पर होता है। जैसे सावन में सब हरा हरा दिखता है, बसंत (Basant Panchami 2022) पर हर जगह पीला रंग दिखता है। पीली सरसों, पीले परिधान, पीली पतंगे, पीले मिष्ठान, वातावरण वासंती हो जाता है।

बसंत पंचमी पर विवाह के मुहूर्त इस वर्ष मार्च माह में विवाह के मुहूर्त नहीं हैं। हालांकि फरवरी में विवाह के कई मुहूर्त हैं, परंतु बसंत का दिन विवाह की दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन कई सामाजिक संस्थाएं सामूहिक विवाहों का आयोजन भी कर रही हैं। हिंदू पंचांगानुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी आती है जो इस बार 5 फरवरी को पड़ रही है। पूजा का शुभ समय शनिवार की प्रातः 4 बजे आरंभ हुई बसंत की पंचमी तिथि, रविवार की सुबह 4 बजे तक रहेगी। सरस्वती पूजा का मुहूर्तः सुबह 6 बजे से 9 बजे तक तथा दोपहर- 10ः30 से 12ः30 तक रहेगा।

क्या है पीले रंग का महत्व ? Basant Panchami 2022 पीला रंग ज्योतिष में गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है जो ज्ञान, विद्या, अध्ययन, विद्वता, बौद्धिक उन्नति आदि का प्रतीक है। इसलिए ज्ञान की देवी माता सास्वती की आराधना भी इसी दिन की जाती है। विज्ञान की बात करें तो पीला रंग के उपयोग से हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ता है। पीले रंग के परिधान सूर्य की उर्जा से मिलकर हमारे हमारे मस्तिष्क को और एक्टिव बनाते हैं। हमारे देश में ऋषि मुनि पीले रंग के परिधानों का उपयोग करते रहे हैं। यही नहीं पीले रंग के खाद्य पदार्थों के सेवन से भी शरीर अधिक हृष्ट पुष्ट रहता है, चाहे वह वासंती हलवा हो या स्वर्ण भस्म हो।

क्या क्या कर सकते हैं बसंत पंचमी पर ? Basant Panchami 2022 सगाई या विवाह कर सकते हैं। नया कारोबार आरंभ कर सकते हैं। गृह प्रवेश, मकान की नींव डाल सकते हैं। नया वाहन, बर्तन, सोना, घर, नए वस्त्र, आभूषण, म्युजिक सिस्टम आदि खरीदने का शुभ दिन है। किसी नए कोर्स में एडमिशन, विदेश जाने के लिए आवेदन या संबंधित परीक्षा। लॉंग अर्म इन्वेस्टमेंट, बीमा पालिसी, बैंक खाता आदि। कोई नवीन कार्य आरंभ करें, शिक्षा या संगीत से संबंधित।

क्यों खास है बसंत पंचमी ? Basant Panchami 2022

बसंत पंचमी के दिन को माता पिता अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की शुरुआत के लिए शुभ मानते हैं। इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से ए बनाना चाहिए इससे बच्चा ज्ञानवान होता है और शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है। बच्चों को उच्चारण सिखाने के लिहाज से भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। 6 माह पूरे कर चुके बच्चों को अन्न का पहला निवाला भी इसी दिन खिलाया जाता है। चूंकि बसंत ऋतु प्रेम की रुत मानी जाती है और कामदेव अपने बाण इस ऋतु में चलाते हैं, इस लिहाज से अपने परिवार के विस्तार के लिए भी यह ऋतु बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए बसंत पंचमी को परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है। बहुत से युगल इस दिन अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत करते हैं।

गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है। इस दिन कई लोग पीले वस्त्र धारण कर पतंगबाजी भी करते हैं। बसंत पंचमी के दिन पेन, काॅपी, किताबों की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से देवी सरस्वती वरदान प्रदान करती हैं। भारत देश के सरस्वती, विष्णु और शिव मंदिरों में इस त्योहार का उत्साह सर्वाधिक होता है। अधिकांश स्थानों पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जो मुख्यतः संबंधित देवी-देवता को ही समर्पित होते हैं।

कैसे करें बसंत पंचमी पूजा ? Basant Panchami 2022 बसंत पंचमी का पर्व भगवान विष्णु व सरस्वती जी की आराधना का पावन दिवस है। प्रातःकाल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहन कर धूप दीप, नैवेद्य व लाल रोली से दोनों की पूजा अर्चना की जानी चाहिए, परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य करना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। वाणी, शिक्षा एवं अन्य कलाओं की अधिष्ठात्री देवी मां की आराधना छात्रों को अवश्य करनी चाहिए। इस दिन सरस्वती सिद्ध करके मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए। कण्ठ में सरस्वती को स्थापित किया जाता है। स्वर, संगीत, ललित कला, गायन, वादन, लेखन आदि इस दिन आरंभ किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है।

कौन सा करें पाठ या मंत्र ? Basant Panchami 2022

यह मंत्र कमजोर विद्यार्थी या उनके अभिभावक भी मां सरस्वती के चित्र को सम्मुख रख के 5 या 11 माला कर सकते हैं। ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः

वाक सिद्धि हेतु ,यह मंत्र जाप करें- ओम् हृीं ऐं हृीं ओम् सरस्वत्यै नमः

आत्म ज्ञान प्राप्ति के लिए- ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्!!

रोजगार प्राप्ति व प्रमोशन के लिए- ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा !

परीक्षा में सफलता के लिए आज से ही इस मंत्र का जाप मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख करते रहें- ओम् एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:! सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रों विनायकः !!

राशियों पर असर : क्या करें खास

1. मेष राशि : बसंत पंचमी के दिन सरस्वती मां की पूजा के दौरान सरस्वती कवच पाठ जरूर करें। ऐसा करने से बुद्धि की प्राप्ति होगी। इसके अलावा एकाग्रता की कमी भी ठीक हो जाएगी।

2. वृषभ राशि : मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनको सफेद चंदन का तिलक लगाएं और फूल अर्पित करें। ऐसा करने से ज्ञान में बढ़ोतरी होने के साथ ही जो भी समस्याएं हैं, उनसे निजात मिलेगी।

3. मिथुन राशि : मां सरस्वती को हरे रंग का पेन (कलम) अर्पित करें और उससे ही अपनी सभी कार्यों को पूरा करें। ये कार्य आपकी लिखने संबंधी समस्याएं को समाप्त करने में मददगार होगा।

4. कर्क राशि : मां सरस्वती को खीर का भोग लगाना चाहिए। संगीत क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले छात्रों को ऐसा करने से बहुत अधिक फायदा होगा।

5. सिंह राशि : मां सरस्वती की पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें। ऐसा करने से विदेश में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की इच्छा पूरी हो जाएगी।

6. कन्या राशि : गरीब बच्चों में पढ़ने की सामाग्री बांटे, जिसमें पेन, पेंसिल किताबें आदि शामिल हों। अगर आप ऐसा करते हैं तो पढ़ाई में आ रही आपकी परेशानी को दूर किया जा सकता है।

7. तुला राशि : किसी ब्राह्मण को सफेद कपड़ें दान में दें। यदि छात्र ऐसा करते हैं तो उन्हें वाणी से जुड़ी किसी परेशानी से निजात मिल सकती है और आपकी वाणी में मधुरता आएगी।

8. वृश्चिक राशि : अगर याद्दाश्त से संबंधित कोई परेशानी है तो इसे आप मां सरस्वती की आराधना करके इसे दूर कर सकते हैं। मां सरस्वती की पूजा के बाद लाल रंग का पेन उन्हें अर्पित करें।

9. धनु राशि : पीले रंग की कोई मिठाई अर्पित करें। इससे आपकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाएगी। साथ ही आपकी उच्च शिक्षा की इच्छा भी मां सरस्वती अवश्य पूरी करेंगी।

10. मकर राशि : निर्धन व्यक्तियों को सफेद रंग का अनाज दान करें। ऐसा करने से मां सरस्वती आपके बुद्धिबल में विकास होगा।

11. कुंभ राशि : गरीब बच्चों में स्कूल बैग और दूसरी जरूरी चीजें दान करें। मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहेगी और आपका आत्म विश्वास भी बढ़ेगा।

12. मीन राशि : छोटी कन्याओं में पीले रंग के कपड़े दान करें। इससे आपके करियर में आने वाली समस्याओं का निवारण होगा। आपके ऊपर मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहेगा।

ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़

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Kacha Badam- वायरल 'कच्चा बादाम' गाने के पीछे की कहानी जानते हैं आप?

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कच्चा बादाम गाने की कहानी
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calendar01 Dec 2025 12:25 PM
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Kacha Badam Song- आप सभी ने इन दिनों 'कच्चा बादाम' गाने को ज़रूर सुना होगा। इसने इंटरनेट पर आग लगा दी है। इंस्टाग्राम के रील्स (Instagram reels) के दीवानों के लिए तो ये एक नया रील बनाने का ट्रेंड है। हर कोई फिर चाहे कोई आम व्यक्ति हो या फिर कोई बॉलीवुड सेलेब, सभी इसी गाने पर कमर हिलाते नज़र आ रहे हैं। लेकिन क्या आप सभी जानते हैं कि इस गाने को किसने गाया है या फिर यह गाना कैसे पॉपुलर हुआ है? अगर नहीं तो आगे हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

एक मूंगफली बेचने वाले ने गाया गाना;-

इस गाने को किसी बड़े सिंगर ने नहीं, बल्कि एक मूंगफली बेचने वाले ने गाया है। इस मूंगफली बेचने वाले का नाम भुबन बड्यकर है। भुबन बंगाल के बीरभूम जिले में रहते हैं और जब भी ये गांव में मूंगफली बेचने जाते हैं, तो लोगों को ये यही गाना गाकर अपने पास बुलाते हैं। दरअसल बंगाल (Bangal) में मूंगफली को 'बादाम' कहा जाता है। इसीलिए भुबन कच्ची मूंगफली को 'कच्चा बादाम' (Kacha Badam)कहकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। लोगों को वो गाना गाकर अपनी ओर खींचते हैं।
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भुबन कौन हैं और कैसे ये देशभर में छा गए;-

भुबन आज से नहीं, बल्कि काफी समय से कच्चा बादाम (Kacha Badam) गाते चले आ रहे हैं और मूंगफली बेचते हैं। उनका यह गाना 2021 में इंटरनेट (song popular on Internet) की दुनिया में पहुंच गया, लेकिन भुबन का कहना है कि उन्हें तो इसके बारे में कुछ भी पता ही नहीं है। भुबन ने बताया कि जब वो एक बार मूंगफली बेच रहे थे और गाना गाकर लोगों को बुला रहे थे, उस समय एक शख्स उनके पास आया था और उनका वीडियो बनाया था। उन्होंने तब उससे उसकी पहचान भी नहीं पूछी थी। उन्हें नहीं पता था कि आगे जाकर यह इतना ज्यादा पॉपुलर हो जाएगा कि हर कोई इस पर थिरकता नज़र आएगा। भुबन का सपना था कि वो सिंगर बनें मगर परिवार की जिम्मेदारियों की वजह से उनका सिंगर बनने का सपना कहीं पीछे ही छूट गया। लेकिन फिर भी उन्होंने अपने सपने को पीछे नहीं छोड़ा और मूंगफली बेचने के लिए उन्होंने अपनी सिंगिंग से ही लोगों को अपना दीवाना बना लिया।

'कच्चा बादाम' गाने का किया गया है रीमिक्स तैयार;-

नज़्मु रिचैट के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं, जो कि एक म्यूजिशियन और सिंगर हैं। उन्होंने इस गाने का रीमिक्स तैयार किया और फिर इसको उन्होंने इंटरनेट पर अपलोड भी कर दिया। इसके बाद लोगों ने इसको काफी ज्यादा पसंद किया, फिर शुरू हो गया 'कच्चा बादाम चैलेंज'। अब इस गाने ने धूम मचा रखी है और हर तरफ बस 'कच्चा बादाम' ही चल रहा है।
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Mirzapur:आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम से मिर्जापुर हुआ गौरवान्वित: रत्नाकर मिश्र

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calendar02 Dec 2025 02:28 AM
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Mirzapur : मिर्जापुर। हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 81वीं पुण्यतिथि पर बरौधा कचार स्थित उनके पार्क में आयोजित साहित्यिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर विधायक पं रत्नाकर मिश्र ने आचार्य शुक्ल को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे उच्च श्रेणी के साहित्यकार थे इसे सम्पूर्ण साहित्य जगत स्वीकार करता है और उन्हें बड़ी श्रद्धा व सम्मान के साथ याद करता है। यह हमारा सौभाग्य है कि इतने बड़े साहित्यकार के जीवन का प्रारम्भिक काल मिर्जापुर जनपद में व्यतीत हुआ। निश्चितरूप से यहाँ के जीवन व प्रकृति ने उनका निर्माण किया था क्योंकि यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य की चर्चा उनकी रचनाओं में मिलती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि आचार्य शुक्ल ने अनेक विधाओं में उत्कष्ट लेखन कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। कार्यक्रम के संयोजक आचार्य रामचंद्र शुक्ल स्मारक शिक्षण संस्थान के संस्थापक राकेश कुमार शुक्ल ने आचार्य शुक्ल की जीवन विकास यात्रा के विविध प्रसंगों की विस्तार से चर्चा करते हुए उनके विद्वत्तापूर्ण कार्यों ,सिद्धांतों व  स्वाभिमान की चर्चा की। इस दौरान अनुज प्रताप सिंह ने कहकि आचार्य शुक्ल ऐसे मनीषी थे जिनका लोहा पूरा हिंदी साहित्य जगत मानता है। डॉ अनुराधा ओस ने कहा कि उन्होंने हिंदी साहित्य का इतिहास लिख कर अभूतपूर्व व अद्भुत कार्य किया। जयराम वर्मा ने कहा कि आचार्य शुक्ल ने अपने लेखन से नया देने का कार्य किया। हौसिला प्रसाद मिश्र ने कह कि आचार्य शुक्ल मिर्जापुर की धरती के अमूल्य रत्न हैं। अनिल कुमार सिंह ग्रीन गुरू ने आचार्य शुक्ल की पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण किया। अमरनाथ सिंह व इम्तियाज अहमद गुमनाम ने काव्यपाठ किया। इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालों में कृष्ण गोपाल वर्मा, रामप्रवेश यादव भी थे। कार्यक्रम में शामिल हो ने वाले प्रमुख लोगों में सुनील कुमार पांडेय राजनेता आशीष चंद्र शुक्ल, रिषभ शुक्ल, मानस मोहिले, राजेश अग्रवाल, विजय कुमार गुप्ता, सुशील कुमार पांडेय,महेंद्र मिश्र, अंश दुबे, हर्षित खत्री, दीपक तिवारी आदि थे। आचार्य रामचंद्र शुक्ल स्मारक शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य आशीष चंद्र शुक्ल ने आभार व्यक्त किया।