saharanpur news : डेंगू-मलेरिया की रोकथाम को ‘गंबूजिया’ का सहारा

08 06 2016 08kur02
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:45 AM
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सहारनपुर। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को जनपदज में गतिमान किया जा रहा है। इसके अंर्तगत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के ठोस उपाय किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव मांगलिक ने मच्छर जनित रोगों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया इसी क्रम में जनपद के छह ब्लॉक एवं 20 गावों में मच्छर लार्वा भक्षी गंबूजिया मछलियों को तालाबों में डाला गया है।

जनपद के ब्लॉक-मुजफ्फराबाद के ग्राम बेहड़ा सन्दल सिंह, दतौली मुगल, खुजनावार, ब्लॉक- नागल के ग्राम बड़ेढ़ी कोली, खेड़ा मुगल, नागल एवं भाटखेड़ी, ब्लॉक-नकुड़ के ग्राम अबीर, खेड़ा अफगान, खारीबांस एवं टाबर, ब्लॉक- सरसावा के ग्राम पिलखनी, सौराना एवं गदरहेड़ी, ब्लॉक- सुनहटी खड़खड़ी के ग्राम बीतिया, शेरपुर कदीम, एवं नन्हेड़ा गुर्जर तथा ब्लॉक- गंगोह के ग्राम कुण्डा कलां, कलसी एवं बीराखेड़ी के तालाबों मंं गंबूजिया मछली डाल दी गई है। उधर, इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने बताया कि लार्वा भक्षी मछलियां जैसे गंबूजिया मछलियों के द्वारा जैविक विधि से मछरों पर नियंत्रण किया जा सकता है।

इस मछली का मुख्य भोजन मच्छर का लार्वा है। एक मछली एक दिन में मच्छरों के 80 से 100 लार्वा खा लेती है। पानी की सतह पर पड़े लार्वा को खा लेती है। इन मछलियों को मछरों के ब्रीडिंग स्थानों पर डाल दिया जाये तो लम्बे समय तक मच्छर के प्रजनन पर नियंत्रण रहता है। यह विधि रासायनिक विधियों द्वारा किये जाने वाले मछर नियंत्रण से सस्ती है। यह मछली इको फ्रेन्डली है। यह मछली उथले तालाबों में भी जीवित रहती है। यह मछली मच्छर लार्वा की अनुपस्थिति में अन्य पदार्थों पर जीवित रह सकती है। गंबूजिया अधिक तापमान और अधिक प्रकाश की तीव्रता पर भी जीवित रह सकती है, जिससे वेक्टर जनित रोगों से बचा जा सकता है। यह मच्छली परस्थित तन्त्र एवं पर्यावरण में सन्तुलन स्थापित करती है। शिवांका गौड़ ने बताया कि ग्राम वासियों को विभिन्न कैम्पों के द्वारा संक्रमण रोगों से बचने के लिए पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छतों पर रखे पुराने टायर, फ्रिज की ट्रे आदि जिनमें एक सप्ताह से ज्यादा पानी रुका रहता है उन्हें खाली करें, क्योंकि इन्हीं बर्तनों में मच्छर पनपते हैं। मलेरिया/डेंगू के लक्षण होने पर क्या करें:- तेज बुखार होने पर ठण्डे पानी से शरीर को पोंछे। डेंगू उपचार के लिये कोई खास दवा अथवा बचाव के लिये कोई वैक्सीन नहीं है। औषधियों का सेवन चिकित्सकों की सलाह से करें। गंभीर लक्षण (खून आना) होने पर चिकित्सालय में तुरन्त सम्पर्क करें। एसप्रीन व स्टीराइड दवा का सेवन कदापि न करें। डेंगू रोगी मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

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saharanpur news : बोले मंडलायुक्त बोले, जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे मॉडल केंद्र

Sre 3
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:49 AM
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सहारनपुर। सहारनपुर के मंडलायुक्त लोकेश एम. ने हकीकत नगर में आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में मांटेसरी स्कूल की तरह बच्चों को खेलकूद के सामान, कुर्सी मेज, खाने-पीने की सामग्री, खाने-पीने के बच्चों के लिए बर्तन, गैस सिलेंडर आदि व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्र एक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र में वह सारी सुविधाएं बच्चों को प्रदान की गई है, जो मांटेसरी स्कूल में होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही केंद्र सभी विकास खंडों में कम से कम 10 -10 बनाए जाएंगे।

आंगनबाड़ी केंद्र हकीकत नगर में मंडल आयुक्त और मुख्य विकास अधिकारी मुजफ्फरनगर आलोक यादव द्वारा गर्भवती महिला का गोद भराई की गई और बच्चों को केले और टॉफी का वितरण किया गया। इस भ्रमण के दौरान बच्चे काफी खुश दिखे और वह अपने खेलकूद में व्यस्त पाए गए। बैठक में सीडीओ मुजफ्फरनगर आलोक यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी, प्रभारी बाल विकास योजना अधिकारी सुनीता चौधरी, मुख्य सेविका अंजलि गर्ग, मुख्य सेविका रीता सैनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री कविता शर्मा, उमा देवी आदि मौजूद रहे।

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saharanpur news : सहारनपुर के डीएम और एसडीएम के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी

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calendar16 Sep 2021 04:54 PM
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सहारनपुर। सहारनपुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी के चांसलकर हाजी इकबाल को हाईकोर्ट इलाहाबाद से करीब 750 बीघा जमीन के मामले में राहत मिली है। कोर्ट ने जिला प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी की जमीन पर जब्तीकरण की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए है। हालांकि जिला प्रशासन को इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिले हैं। यहीं नहीं कोर्ट ने न्यायालय की अवमानना का वाद भी दर्ज कर लिया है। जिसमें डीएम, एडीएम ई व एसडीएम को पार्टी बनाया गया है। इसी के आधार पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी प्रबंधन संबंधित अधिकारियों पर 500 करोड़ रुपए का मानहानि का दावा करने की बात कर रहा है।

अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राजस्व परिषद न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया था। इस मामले में कोर्ट ने सहारनपुर के डीएम को नोटिस जारी किया था। यहीं नहीं इस संबंध में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा ट्रस्ट को नोटिस दिए गए थे। अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर अपने पक्ष रखें गए। कोर्ट ने 24 फरवरी 2020 को तीनों निगरानियों का निस्तारण करते हुए तथा डीएम के आदेश व अपर जिलाधिकारी के नोटिस को निरस्त कर वाद को स्वीकार कर लिया था। लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त वाद को जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से चलाया गया, जो कि न्यायालय डा.गुरदीप सिंह, सदस्य राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश के आदेश की अवहेलना है।

एडीएम एफ रजनीश मिश्र ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए 8 सितंबर 2021 को अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की 750 बीघा जमीन का कब्जा करने का आदेश दिया था। ट्रस्ट ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल की है। जिसका वाद नंबर 60695/2021 जारी हो गया है। जिसमें हाईकोर्ट ने डीएम, एडीएम एफ और एसडीएम बेहट को कोर्ट की अवमानाना का नोटिस भेजा है। अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने डीएम, अपर जिलाधिकारी वित्त व तहसीलदार को पद व व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि केस में जो भी व्यय होगा, वह संबंधित अधिकारी वहन करेंगे।

यह था मामला

बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो व अली अकबरपुर और रोशनपुर पेलो में सार्वजनिक उपयोग की लगभग 50 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) भूमि 1976 में अनुसूचित जाति के 115 लोगों के नाम पर पट्टे काटे गए थे। जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय त्यागी ने आवंटन नियमानुसार सही नहीं बताया था। अधिवक्ता ने सुरक्षित भूमि पर अधिकतम पांच वर्ष के पट्‌टे आवंटन और अधिकार व बिक्री न करने का दावा पेश किया गया था। गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था।

ग्लोकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एवं प्रभारी चांसलर डा.सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में देश-विदेश के छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त शिक्षक व स्टाफ एवं उनके परिवार के सदस्य, छोटे बच्चे आदि रहते हैं। उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों की आवाजाही से यूनिवर्सिटी में भय की स्थिति पैदा हो जाती है। आरोप है कि इस कारण यूनिवर्सिटी की छवि अकारण ही धूमिल की जा रही है। उनका कहना है कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी द्वारा जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, एवं तहसीलदार पर 500 करोड़ की मानहानि का दावा भी किया जाएगा।

क्या कहते हैं अधिकारी वहीं इस मामले में एडीएम एफ रजनीश मिश्रा का कहना है कि अभी हाईकोर्ट से कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुए है। यदि आदेश प्राप्त होते हैं तो कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा।