Uttrakhand News: उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी विधयेक का संतों ने किया स्वागत

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calendar01 Dec 2025 02:11 AM
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Uttrakhand News: उत्तराखंड में कठोर प्रावधानों वाला जबरन धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित होने का स्वागत करते हुए प्रमुख साधु-संतों ने अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करने को कहा है।

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रविंद्र पुरी ने कहा कि धामी ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित कराके एक ऐतिहासिक काम किया है। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य सरकारों को भी ऐसा ही कानून अपने राज्यों में बनाना चाहिए।’’

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि धर्मांतरण आत्मा का व्यापार व अमानवीयता की पराकाष्ठा है और धर्मांतरण के विरुद्ध प्रभावी कानून बनाकर उसे रोकने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रयास सराहनीय हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘बलात और हठात, भय, लोभ, छल-कपट या प्रपंच द्वारा धर्मांतरण व्यक्ति की निजता, स्वतंत्रता और स्वछंदता पर प्रहार है जिसके खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शंखनाद किया है। इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है।’’

जगतगुरु शंकराचार्य और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने बलात धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है जो प्रदेश, देश और समाज के लिए हितकारी है।

हिंदू धर्म प्रचारक और विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने कहा कि धामी ने जबरन धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल की सजा वाला विधेयक पारित कर एक बहुत अच्छी पहल की है।

राज्य विधानसभा में बुधवार को पारित उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 में जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए 10 साल तक की सजा का सख्त प्रावधान किया गया है।

विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाते हुए इसके दोषी के लिए न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान है।

इसके अलावा, इसके तहत दोषी पाये जाने पर कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के तहत अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करना पड़ सकता है जो पीडि़त को देय होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक पारित होने को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि धर्मांतरण पर रोक के लिए बने कठोर कानून को प्रदेश में दृढ़ता से लागू किया जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण जैसी चीजों को 'बहुत घातक' बताते हुए धामी ने कहा, ‘‘सरकार ने यह निर्णय लिया था कि प्रदेश में धर्मांतरण पर रोक के लिए कठोर से कठोर कानून बने। इस कानून को पूरी दृढ़ता से प्रदेश में लागू किया जाएगा।’

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Uttrakhand News: छात्र को निर्वस्त्र कर बनाया वीडियो और की पिटाई

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calendar01 Dec 2025 02:11 AM
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Uttrakhand News: उत्तराखंड के देहरादून में एक विश्वविद्यालय से बीबीए की पढ़ाई कर रहे छात्र को एक निजी छात्रावास के कमरे में साथ रहने वाले उसके सहपाठी और दो वरिष्ठ छात्रों द्वारा शराब पीने तथा निर्वस्त्र होने के लिए मजबूर किये जाने का कथित मामला प्रकाश में आया है।

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प्रेमनगर के पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने बताया कि छात्रों ने पीड़ित का एक वीडियो भी बनाया है जिसमें वह निर्वस्त्र है। पुलिस के मुताबिक आरोपी छात्रों ने पीड़ित को धमकी दी कि यदि वह उन्हें 60,000 रुपये नहीं देगा, तो वे वीडियो प्रसारित कर देंगे। पीड़ित ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित द्वारा गत मंगलवार को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गयी थी, जिसके आधार पर तीनों आरोपी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान पीड़ित के सहपाठी आकाश गुप्ता तथा दो वरिष्ठ छात्रों विशाल मलिक और सैम संजय के रूप में की गयी है।

बिष्ट ने बताया कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को घटना का एक वीडियो भी उपलब्ध कराया है जिसमें आरोपी छात्रों के अलावा दो अन्य छात्र भी दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पहचान के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

आपको बता दें कि, ऋषिकेश निवासी पीड़ित देहरादून के पैट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय में बीबीए प्रथम वर्ष का छात्र है। इस बीच, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मनीष मदान ने कहा कि घटना में शामिल पाए जाने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Uttrakhand: सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण!

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calendar29 Nov 2025 08:11 PM
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Uttrakhand: उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने वाला विधेयक पारित कर दिया। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन ने उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) 2022 विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

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महिलाओं के लिए सामाजिक न्याय, अवसर की समानता, जीवन स्तर में सुधार तथा लोक नियोजन में लैंगिक समानता के उददेश्य से लाए गए इस विधेयक को उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को सदन में पेश किया था।

विधेयक पर सदन में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के ​सदस्यों ने इस विधेयक के लिए सरकार की जमकर पीठ थपथपाई।

विकासनगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि महिला आरक्षण को उच्च न्यायालय से नकार दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में इसके पक्ष में मजबूत पैरवी कर उसे बरकरार रखवाया जिसके लिए उसकी प्रशंसा करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस आरक्षण से प्रदेश की मातृ शक्ति को मजबूती मिलेगी।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस विधेयक को एक अच्छा कदम बताया लेकिन कहा कि विधेयक के अध्ययन के लिए और समय दिया जाना चाहिए जिससे इसे और मजबूत बनाया जा सके।

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