धर्म-अध्यात्म : स्वास्थ्य से ज्यादा स्वाद की चिंता?

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calendar23 Oct 2021 04:50 AM
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 विनय संकोची

जब तक व्यक्ति के मन में जिज्ञासा का वास रहता है, तब तक वह अंधकार से प्रकाश की यात्रा में रहता है, ज्ञान प्राप्त करता है और उस ज्ञान को वितरित भी करता है। जिज्ञासा के प्रति उदासीनता का भाव जागना मनुष्य की उपलब्धि प्राप्ति में बाधा बनता है। जिज्ञासु रहें, जागरूक रहें, ज्ञान अर्जित करें तो जीवन जीने का आनन्द बढ़ जाता है। प्रस्तुत हैं उत्तर सहित कुछ प्रश्न, जो आपके ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।

दिव्य युग से क्या तात्पर्य है, यह कितने समय का होता है?: दिव्य युग सत्ययुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग चारों को मिलाने पर होता है। यह देवताओं का युग है, इसलिए दिव्य युग कहलाता है। देवताओं के समय का परिमाण हमारे समय के परिमाण से 360 गुना अधिक कहा गया है। अर्थात् हमारे 30 वर्ष देवताओं का एक महीना और हमारे 360 वर्ष उनका एक दिव्य वर्ष होता है। ऐसे 12000 दिव्य वर्षों का एक दिव्य युग कहा गया है। इसे 'चतुर्युगी' कहते हैं। इस संख्या का योग हमारे 43,20,000 वर्ष होते हैं। दिव्य वर्षों के हिसाब से 1200 दिव्य वर्षों का हमारा कलियुग, 2400 दिव्य वर्षों का द्वापर, 3600 वर्षों का त्रेता और 4800 वर्षों का सत्ययुग होता है। इन चारों युगों के दिव्य वर्षों का योग होता है 12000 दिव्य वर्ष, जिनसे एक दिव्य युग बनता है। ऐसे 1000 दिव्य युगों का ब्रह्मा का एक दिन होता है और उतने ही युगों की एक रात्रि होती है। हमारे चारों युगों का परिमाण है 43,20,000 मानव वर्ष जिसमें 4,32,000 वर्ष का कलियुग, 8,64,000 वर्ष का द्वापर, 12,96,000 वर्ष का त्रेता और 17,28,000 वर्ष का सत्ययुग कहा गया है।

सोने जागने का उचित विधान क्या है?: आजकल की भागदौड़ और आपाधापी की जिंदगी में सोने जागने का कोई नियम बचा ही नहीं। सोना - जागना सुविधानुसार हो गया है। दिन के समय जागते रहना, रात के प्रथम तथा अंतिम प्रहर में जागना और बीच के दो पहर में सोना इसी को उचित सोना जागना माना गया है। यद्यपि यह नियम नहीं है कि सबको रात्रि के प्रथम और अंतिम पहर के मध्य के 6 घंटे ही सोना चाहिए। आहार, विहार, कर्म, सोना और जागना उतनी ही मात्रा में उचित है, जितना जिसकी प्रकृति स्वास्थ्य और रुचि के अनुकूल हो। बाकी वैसे तो अब खाने-पीने, सोने-जागने का कोई पैमाना किसी पर लागू नहीं होता है।

आहार-विहार किस प्रकार का श्रेष्ठ कहा गया है?: खाने पीने की चीजों को आहार कहा गया है और चलने फिरने की क्रिया विहार कहलाती है। आज इनका भी कोई आधार या नियम शेष नहीं है। होने को तो खाने पीने की वस्तुओं ऐसी होनी चाहिएं, जो अपने वर्णाश्रम और धर्म के अनुसार सत्य एवं न्याय द्वारा प्राप्त हों, सात्विक व शास्त्रानुकूल हों, रजोगुण और तमोगुण को बढ़ाने वाली ना हों, पवित्र हों, अपनी प्रकृति, स्थिति और रुचि के प्रतिकूल न हों तथा योग साधन में सहायक हों। लेकिन आजकल आहार के इस नियम को मानने वाले लोगों की संख्या बहुत कम रह गई है। लोग स्वास्थ्य से ज्यादा स्वाद को महत्व देने लगे हैं। अधिकांश लोगों को अपने स्वास्थ्य की चिंता ही नहीं है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है, रोगियों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि, भांति-भांति के रोगों का मानव जाति पर आक्रमण। विहार अर्थात् घूमना फिरना भी उतना ही होना चाहिए, जितना अपने लिए आवश्यक, अनिवार्य और हितकर हो। लोगों को समझना चाहिए कि उचित और नियमित आहार विहार से सत्व गुण में वृद्धि होती है, जिससे स्वाभाविक प्रसन्नता बढ़ती है।

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असली टी-20 वर्ल्ड कप की आज से हो रही शुरुआत, सुपर 12 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच होगा पहला मुकाबला

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Oct 2021 04:43 AM
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अबु धाबी: टी-20 वर्ल्ड कप (World Cup) में आज सुपर 12 के मुकाबले शुरु होने जा रहे हैं। इस वर्ल्ड कप का असली रोमांच आज से ही शुरु हो गया है। ग्रुप-1 (Group 1) के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया (Australia) का सामना साउथ अफ्रीका से होगा। यह मुकाबला दिन में 3:30 बजे से शुरु हो जाएगा। दोनों ही टीमें अब तक एक बार भी टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में सफल नहीं हुई हैं।

कैसी होगी पिच और कंडीशन्स

इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश के अलावा अन्य टीमें भी मौजूद हैं। छठी टीम श्रीलंका भी बन सकती है। 6 टीमों में से टॉप-2 को सेमीफाइनल में एंट्री मिलने जा रही है। लिहाजा यह मैच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अधिकतम तापमान (Temperature) 33 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। इस वर्ल्ड कप के चार क्वालिफायर मुकाबले अबुधाबी में हो चुके हैं। इनमें से तीन में बाद में बैटिंग करने वाली टीम को जीत हासिल हुई है। यहां हुए तमाम टी-20 मुकाबलों को मिलाकर बात करें तो पहले बैटिंग करने वाली ज्यादा मुकाबले जीती है।

मैक्सवेल के खिलाफ रबाडा का रहा है शानदार रिकाॅर्ड

आज की टी-20 क्रिकेट में मैच में एक के खिलाफ दूसरे प्लेयर्स के आंकड़े का काफी महत्व होता है। इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल के खिलाफ साउथ अफ्रीका (South Africa) की टीम तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा को गेंदबाजी करने का मौका मिल सकता है। रबाडा ने टी-20 क्रिकेट में मैक्सवेल को 27 गेंदें फेंकी हैं और तीन बार आउट कर चुके हैं। 2019 में हुए वनडे वर्ल्ड कप में रबाडा ने मैक्सवेल को बाउंसर पर आउट कर दिया था।

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दांपत्य जीवन में आई दरार को दूर करने के लिए करवा चौथ पर करें ये विशेष उपाय

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Oct 2021 09:46 AM
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यदि आपके वैवाहिक जीवन (married life) में कुछ परेशानियां हैं या ‘पति -पत्नी के मध्य किसी "वो" के आगमन से विस्फोटक स्थिति बन गई है तो इस करवा चौथ (Karva Chauth 2021) के अवसर पर हमारे ये प्रयोग करने से न चूकें। ये उपाय सरल ,सफल अहिंसक एवं सात्विक हैं जिससे किसी को शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचेगा और आपके दांपत्य जीवन (married life) में मधुरता भी लौट आएगी।

1. जीवनसाथी का सान्निध्य पाने के लिए, एक लाल कागज पर अपना व जीवन साथी का नाम सुनहरे पैन से लिखें। एक लाल रेशमी कपड़े में दो गोमती चक्र, 50 ग्राम पीली सरसों तथा यह कागज मोड़ कर एक पोटली की तरह बांध लें। इस पोटली को कपड़ों वाली अलमारी में कहीं छिपा कर करवा चौथ पर रख दें। अगले करवा पर इसे प्रवाहित कर दें।

2. यदि पति या पत्नी का ध्यान कहीं और आकर्षित हो गया हो तो आप जमुनिया नग ‘परपल एमीथीस्ट’ 10 से 15 रत्ती के मध्य चांदी या सोने के लॉकेट में बनवा कर, शुद्धि के बाद करवा चौथ पर धारण कर लें।

3. यदि आप अपने जीवन साथी से किसी अन्य के कारण उपेक्षित हैं तो करवा चौथ के दिन 5 बेसन के लडडू, आटे के चीनी में गूंधे 5 पेड़े, 5 केले, 250 ग्राम चने की भीगी दाल, किसी ऐसी एक से अधिक गायों को खिलाएं जिनका बछड़ा उनका दूध पीता हो। करवा चौथ पर इस समस्या को दूर करने के लिए अपने ईष्ट से विनय भी करें।

4. यदि पति या पत्नी के विवाहेत्तर संबधों की आशंका हो तो एक पीपल के सूखे पत्ते या भोजपत्र पर ‘उसका’ नाम लिखें । किसी थाली में इस पत्र पर तीन टिक्कियां कपूर की रख कर जला दें और इस संबंध विच्छेद की प्रार्थना करें।

करवा चौथ के दिन राशि के अनुसार वस्त्र पहनने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।

1. मेष - गोल्डन रंग की साड़ी, लहंगा या सूटकर पूजा करें।

2. वृषभ - सिल्वर रंग के वस्त्र धारण करना शुभ रहेगा।

3. मिथुन - हरे रंग के वस्त्र धारण करें।

4. कर्क - शुभ रंग लाल है।

5. सिंह -लाल, ऑरेंज या गोल्डन रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं।

6. कन्या - लाल, हरी या गोल्डन रंग की साड़ी पहनें।

7. तुला -लाल, गोल्डन या सिल्वर रंग के वस्त्र धारण करें।

8. वृश्चिक - लाल रंग सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन आप महरून या गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर पूजा कर सकती हैं।

9. धनु - आसमानी या पीले रंग के वस्त्र धारण करने की सलाह दी जाती है।

10. मकर - नीला रंग शुभ माना जाता है।

11. कुंभ - नीले रंग या सिल्वर कलर के वस्त्र धारण कर सकती हैं।

12. मीन -पीले या गोल्डन कलर के कपड़े पहनकर पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

- ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू, चंडीगढ़