Hyderabad News : शिविर में नसबंदी कराने आई थी महिलाएं , गंवा दी जान, 4 की मौत

तेलंगाना नसबंदी शिविर में सर्जरी के बाद जटिलताओं से 4
Hyderabad News
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calendar31 Aug 2022 05:52 PM
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Hyderabad News :  परिवार कल्याण योजना के तहत लगाए गए शिविर में नसबंदी कराने पहुंची कई महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया। नसबंदी कराने के बाद हैदराबाद में अब तक चार महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि नौ महिलाएं अभी भी गंभीर हालत में हैं। नसबंदी का आपरेशन कराने के बाद महिलाओं के पेट से जुड़ी परेशानी हुई और उनकी मौत हो गई। खास बात यह है कि मरने वाली महिलाओं की उम्र 20 वर्ष के आसपास ही रही है।

मामला हैदराबाद के इब्राहिमपटनम सिविल अस्पताल का है। यहां पर 25 अगस्त को नसबंदी शिविर आयोजित किया गया था। जहां पर नसबंदी कराने के बाद बुधवार की दोपहर तक चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। और नौ महिलाओं की हालत अभी भी गंभीर बनी है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इन महिलाओं की मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से हुई। यानि नसबंदी कराने के बाद महिलाओं के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि हम फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और हर संभव कारणों की जांच करेंगे कि आखिर इन महिलाओं की मौत कैसे हुई। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऑपरेशन के दौरान भोजन, पानी, स्वच्छता और डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही इसका कारण हो सकता है।

Taj mahal : ताजमहल नहीं जनाब, अब कहिये तेजो महालय!

रिपोर्ट के अनुसार, इस शिविर में 22 से 36 साल की करीब 34 महिलाएं आई थीं। इनमें से ज्यादातर आदिवासी इलाकों से थीं। 4 महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अधिकारियों ने फौरन अन्य महिलाओं की देखभाल के लिए टीम को अस्पताल भेजा। 9 महिलाएं अब भी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। तेलंगाना के पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ. जी श्रीनिवास राव ने कहा कि फिलहाल सभी 9 महिलाओं की स्थिति बेहतर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में राज्य सरकार ने सिविल अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस नसबंदी शिविर में शामिल डॉक्टर्स के लाइसेंस को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है। सरकार ने चारों मृतक महिलाओं के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद और 2 बीएचके फ्लैट देने का ऐलान किया है।

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Taj mahal : ताजमहल नहीं जनाब, अब कहिये तेजो महालय!

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Aug 2022 05:09 PM
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Agra : आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार अब मोहब्बत की सबसे खूबसूरत और अनूठी इमारत का नाम बदलने की तैयारी है। इस बाबत नगर निगम में प्रस्ताव लाया गया है। ताजगंज के पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम तेजो महालय करने का प्रस्ताव दिया है। आज होने वाली बैठक में भाजपा पार्षद निगम के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पेश करेंगे। पार्षद शोभाराम राठौर का तर्क है कि नगर निगम में पिछले साढे़ चार साल में करीब 80 सड़क और चौराहों के नाम बदले गए हैं। ताजमहल का नाम बदलने की मांग भी लंबे समय से उठ रही है। जिस जगह ताजमहल है, वो उस क्षेत्र के पार्षद भी हैं। ताजमहल नगर निगम की सीमा में है। ताजमहल में हिंदू सभ्यता से जुडे़ कई चिह्न मिलने की बात कही जाती है। ऐसे में उन्होंने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। इस बाबत मेयर नवीन जैन का कहना है कि पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव सदन में पढ़ा जाएगा और इस पर चर्चा होगी। पार्षद शोभाराम ने ताजमहल का नाम बदलने के पीछे कई तर्क दिए हैं। उनका कहना है कि ताजमहल नाम एक विदेशी यात्री द्वारा दिया गया है, जो कि मूलनाम तेजो महालय का अपभ्रंश है। ऐतिहासिक और लिखित प्रमाण है कि यह परिसर राजा जयसिंह की संपत्ति थी, जिसे शाहजहां ने हथिया लिया था। शाहजहां की प्रेम कहानी काल्पनिक लगती है, क्योंकि शाहजहां की कई पत्नियां थीं। रानी मुमताज का असली नाम अर्जुमंद बानो था। कथित मुमताज की मृत्यु बुरहानपुर में इस स्मारक के निर्माण से 22 साल पहले हुई थी। इतने साल मुमताज के मृत शरीर को कैसे सुरक्षित रखा गया। इसका भी कोई स्प्ष्ट उल्लेख नहीं है।
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Srikant Tyagi Case : श्रीकांत त्यागी प्रकरण (Srikant Tyagi Case ) में वैश्य समाज व व्यापारी वर्ग अखिलेश यादव पर हुआ आग बबूला

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calendar30 Nov 2025 09:52 AM
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Noida : नोएडा। सभ्य समाज की एक प्रतिष्ठित महिला के साथ बदतमीजी करने वाले श्रीकांत त्यागी के प्रकरण में एक बार फिर पूरा वैश्य समाज आगबबूला है। वैश्य समाज व व्यापारी वर्ग का सीधा आरोप है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस प्रकरण में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के एनसीआर के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने गंभीर सवाल उठाए हैं। सुनील गुप्ता ने इस बाबत एक खुला पत्र जारी किया है। इसमें में ‘पूछता है वैश्य समाज’ हैसटैग से अखिलेश यादव पर आरोप लगाया गया है कि जो अखिलेश यादव पहले बनिया समाज को गाली देने की निंदा कर रहे थे, वे ही अब यू-टर्न लेते हुए गुंडागर्दी का पर्याय बन चुके श्रीकांत त्यागी के समर्थन में खड़े हो गए हैं। अपने खुले पत्र में सुनील गुप्ता ने लिखा है कि श्रीकान्त त्यागी ने सार्वजनिक रूप से वैश्य समाज की बेटी को बेहद गन्दी गालियां देते हुए समस्त बनिया समाज को भी अपशब्द कहे। खुद अखिलेश यादव ने भी बोला था कि बनिया समाज का नाम लेकर अभद्रता की और अब अखिलेश यादव एकदम यू-टर्न मार गए। श्रीकान्त की पत्नी बिना किसी सबूत के खुद ही मनगढं़त आरोप लगा रही है, ताकि उसके पति के आपराधिक इतिहास पर पर्दा डाला जा सके। उसके लिए तो अखिलेश यादव ने प्रतिनिधिमण्डल बना दिया। दूसरी ओर, श्रीकांत त्यागी ने वैश्य समाज की जिस बेटी के साथ सरेआम जातिसूचक शब्द कहकर बेहद गंदी गालियां देने के साथ ही हाथापाई भी की, जिसका वीडियो भी सबूत के तौर पर मौजूद है, उस बिटिया से मिलने या उसके पास प्रतिनिधिमण्डल भेजने की जरूरत महसूस नहीं हुई अखिलेश यादव को?