Income Tax Department : सावधान!इन कारणों से आ सकता है Income Tax Notice

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Income Tax Department: Caution! Income Tax Notice can come for these reasons
locationभारत
userचेतना मंच
calendar09 Mar 2023 08:08 PM
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  Income Tax Department :  Income tax department आपको कई कारणों से नोटिस भेज सकता है। यदि आपने अपने इनकम टैक्स रिटर्न (IT Return) में कुछ गलती की हो,आय की सही जानकारी न दी हो, या फिर कोई नुकसान हुआ है तो उसके विवरण देने में कुछ गड़बड़ी की हो। आइए, जानते हैं कि किन कारणों से आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है-

Income Tax Department :

  • इनकम टैक्स रिटर्न ( IT Return) में अपनी संपत्ति या आय के सम्बन्ध में गलत जानकारी देना अगर आपको टैक्स विभाग से ऐसा कोई नोटिस मिले जिसमें आपसे अपनी संपत्ति और इनकम सही-सही बताने को कहा जाए। अगर आपने गलती से अपने आईटीआर (ITR) में इसकी सही जानकारी नहीं दी है तो आप समस्या में पड़ सकते हैं। इसके साथ ही अपनी बेसिक पर्सनल डिटेल यानी नाम, पता, पैन नंबर जैसे विवरण भी सही भरे होने चाहिए। • असल आय और डिक्लेयर की गई आय का में अंतर अगर आयकर विभाग को लगता है कि आपने अपनी किसी संपत्ति की जानकारी ITR में नहीं डाली है, आपने अपनी एक्चुअल इनकम की जानकारी नहीं दी है तो भी आपको नोटिस आ सकता है। आपके ITR फॉर्म मे निवेश से होने वाली कमाई, आय, संपत्ति आदि सबकी जानकारी पूरी होनी चाहिए। • इनकम या ट्रांजैक्शन में ज्यादा अंतर अगर आयकर विभाग यह नोटिस करता है कि आपकी इनकम अचानक घट गई है या फिर अचानक से बढ़ गई है, तो वो इसपर आपसे विधिवत जानकारी मांग सकता है। साथ ही अगर आपने कई हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन किए हैं, या हाई वैल्यू संपत्ति या ऐसे ही दूसरे किसी असेट में पैसे लगाए हैं लेकिन आपके Tax Return में इसका विस्तृत विवरण नहीं है तो भी विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। • TDS क्लेम में कुछ गड़बड़ी करने पर TDS (tax deducted at source) में विवरण भरते वक्त यह Forms 26AS और 16 या 16A की जानकारी के अनुसार होना चाहिए। अगर ये त्रुटिपूर्ण है तो आयकर विभाग आपको IT Act के सेक्शन 143 (1) के तहत नोटिस भेज सकता है। • पहले कभी टैक्स चोरी का आरोप लगा हो आयकर विभाग जरूरत पड़ने पर पहले के Tax Return का आकलन भी कर सकता है और अगर ऐसा मामला निकलकर आता है कि ITR में टैक्सेबल इनकम की जानकारी सही नहीं दी गई है तो सेक्शन 147 के तहत आयकर विभाग टैक्सपेयर को नोटिस दे सकता है और री-असेसमेंट हो सकता है। • टैक्स रिटर्न देरी फाइल करने में देरी हर असेसमेंट वर्ष में दी गई तय तारीख के पहले तक आपको अपना Tax return फाइल कर देना चाहिए। ध्यान दें कि टैक्स भरना और टैक्स रिटर्न फाइल करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। आप भले ही टैक्स की सीमा में नहीं आते हों, लेकिन आपको फिर भी अपना रिटर्न जरूर ही फाइल करना चाहिए। IT Act का सेक्शन 142(1)(i) आपसे इनकम टैक्स रिटर्न अनिवार्य रूप से मांग सकता है। • यदि आप FD (Fixed Deposit) के लिए एक वर्ष में 10 लाख से ज्यादा की रकम बैंक में जमा करते हैं। •यदि आप 2 लाख या उससे अधिक की रकम कैश में प्राप्त करते हैं। •यदि आप 30 लाख या उससे अधिक की सम्पत्ति कैश में खरीदते या बेचते हैं। •शेयर, MF (म्यूचुअल फंड) या बॉन्ड में 10 लाख से अधिक का लेन-देन करने पर। ध्यान दें कि अगर आपको आयकर विभाग से नोटिस (Income Tax Notice) मिला है तो उसका जल्द से जल्द जवाब दें, अन्यथा आप पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

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Kochi News : सोने की तस्करी के आरोप में एयर इंडिया का पायलट गिरफ्तार

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Kochi News : Air India pilot arrested for smuggling gold
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:25 AM
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Kochi News : सीमा शुल्क विभाग ने कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 1.4 किलोग्राम से अधिक सोने की तस्करी करने के आरोप में एअर इंडिया एक्सप्रेस के एक विमान के चालक दल के सदस्य को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बहरीन-कोझिकोड-कोच्चि एअर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान के चालक दल के सदस्य के पास से बुधवार को सोना बरामद हुआ था, जिसके बाद सीमा शुल्क अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

UP Breaking News : टिकैत परिवार को बम से उड़ाने की धमकी

Kochi News :

  एअर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा कि गिरफ्तार कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।विमानन कंपनी ने कहा कि इस तरह का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जांच अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उसे बर्खास्त भी किया जा सकता है।

Derek O’Brien : तृणमूल संसद में एलआईसी, एसबीआई के जोखिम भरे निवेश, मूल्य वृद्धि आदि मुद्दे उठाएगी: ओब्रायन

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Derek O'Brien : तृणमूल संसद में एलआईसी, एसबीआई के जोखिम भरे निवेश, मूल्य वृद्धि आदि मुद्दे उठाएगी: ओब्रायन

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डेरेक ओ'ब्रायन सस्पेंड
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:07 AM
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Derek O'Brien : तृणमूल कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के जोखिम भरे निवेश, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी और केंद्रीय एजेंसियों के 'दुरुपयोग' जैसे मुद्दों को संसद में उठाएगी।

Derek O'Brien :

  राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संसद के दोनों सदनों में पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक में सदन को लेकर पार्टी की रणनीति तय की। सुदीप बंदोपाध्याय लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं। ओब्रायन ने कहा कि एलआईसी का जोखिम भरा निवेश और मूल्य वृद्धि आम आदमी के जीवन और उनकी बचत को प्रभावित करते है और इस मुद्दे को उठाया जाना जरूर है। ओब्रायन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस संसद में गैर-भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का मुद्दा भी उठाएगी और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) जैसी योजनाओं के लिए धन रोकने को लेकर केंद्र सरकार से सवाल भी करेगी। उन्होंने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले जल्द ही अन्य विपक्षी दलों के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा।एलआईसी और एसबीआई द्वारा अडाणी समूह को दिए गए कर्ज को लेकर विभिन्न विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के पहले चरण में कई बार हंगामा किया था। कांग्रेस जहां अडाणी समूह से जुड़े आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी, वाम दलों और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) जैसे अन्य दलों ने संघीय ढांचे पर कथित हमले और संस्थानों के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हाल ही में अडानी समूह के शेयरों में उस समय गिरावट आई थी, जब अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे। गौतम अडाणी इस समूह के अध्यक्ष हैं।समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा है कि वह सभी कानूनों और आवश्यकताओं का पालन करता है। संसद में दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की अपनी मांग को फिर से शुरू कर दिया है।लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधेयक 2010 में राज्यसभा में पारित हो गया था, लेकिन लोकसभा में इस पर चर्चा नहीं होने के कारण यह निष्प्रभावी हो गया था।