यहां बेटियों की नहीं होती विदाई, शादी के बाद बेटे होते हैं पराये

Janjati
Khasi Community System
locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Apr 2024 06:35 PM
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Khasi Community System:  पूरी दुनिया में ऐसी कई जनजातियां हैं, जिनके अपने अलग रिवाज है। लेकिन मेघालय, असम और बांग्‍लादेश के कुछ इलाकों में रहने वाली एक ऐसी जनजाति भी है, जिसके रीति-रिवाज जानकर आप हैरान ही रह जाएंगे। दरअसल इस जनजाति बेटों के मुकाबले अपने बेटियों को ज्यादा तरजीह दी जाती है। एक तरफ जहां बेटियों को पराया धन कहकर विदा कर दिया जाता है, उधर इस जनजाति में एक अजीब ही पंरपरा है। यहां लड़की नहीं बल्कि लड़के की बिदाई कर दी जाती है। आइए जानते है पूरी कहानी।

Khasi Community System

दऱअस हम बात कर रहे है खासी जनजाति की, जहां बेटियों को विदा नहीं की जाता, बल्कि दुल्हे कि विदाई होती है। इस जनजाति में घर परिवार के सदस्यों का बोझ पुरुषों की जगह महिलाओं के कंधे पर होता है। खास बात है कि इस जनजाति में लड़कियों के पैदा होने पर जश्न मनाया जाता है। यह जनजाति पूरी तरह से बेटियों के प्रति समर्पित है। यह जनजाति उन तमाम समुदायों और क्षेत्रों के लिए एक बेहतर मिसाल है, जो बेटियों के जन्‍म पर दुखी रहते है और उन्हें बोझ समझते है। बता दें कि खासी जनजाति में लड़कियों को लेकर कई ऐसी परंपराएं और प्रथाएं हैं, जो बाकी भारत के उलट हैं।

सबसे छोटी बेटी को मिलती है ज्‍यादा संपत्ति

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खासी जनजाति में शादी के बाद लड़के लड़कियों के साथ ससुराल में जाकर रहते है, लड़किया विदा होकर नहीं जाती। असान भाषा में कहें तो लड़कियां जीवनभर अपने माता-पिता के साथ रहती है, जबकि लड़के अपना घर छोड़कर लड़की के घर जमाई बनकर रहते है। इसके अलावा खासी जनजाति में बाप-दादा की जायदाद लड़कों के बजाय लड़कियों के नाम की जाती है। एक से ज्‍यादा बेटियां होने पर सबसे छोटी बेटी को जायदाद का ज्यादा हिस्सा दिया जाता है। खासी समुदाय में सबसे छोटी बेटी को विरासत का सबसे ज्यादा हिस्सा मिलने के कारण उसे ही माता-पिता, अविवाहित भाई-बहनों और संपत्ति का पूरी तरीके से ख्याल रखना है।

Khasi Community System

महिलाओं को एक से ज्‍यादा शादी की छूट

इतना ही नहीं खासी जनजाति में महिलाएं कई शादियां कर सकती है। उन्हें इसके लिए पूरी तरीके से छूट मिली हुई है। यहां के पुरुषों ने कई बार इस प्रथा को बदलने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि वे महिलाओं को नीचा नहीं दिखाना चाहते और ना ही उनके अधिकार कम करना चाहते हैं, बल्कि वे अपने लिए बराबरी का अधिकार चाहते हैं। खासी जनजाति में परिवार के सभी छोटे-बड़े फैसलों में महिलाओं की सबसे ज्यादा चलती है। यहां महिलाएं ही बाजार और दुकान चलाती हैं। इस समुदाय में छोटी बेटी का घर हर रिश्तेदार के लिए हमेशा खुला रहता है। आपको बता दें इस जनजाति में छोटी बेटी को खातडुह कहा जाता है।

तलाक के बाद संतान पर पिता नहीं रहता अधिकार

इसके अलावा खासी समुदाय में शादी के लिए कोई खास रस्म नहीं होती है। यहां लड़की और माता पिता की सहमति होने पर लड़का ससुराल में आना-जाना तथा रुकना शुरू करने लगता है। इसके बाद संतान होते ही लड़का स्थायी तौर पर अपनी ससुराल में रहना शुरू करता है। कुछ खासी लोग शादी करने के बाद विदा होकर लड़की के घर रहना शुरू कर देते हैं। शादी से पहले बेटे की कमाई पर माता-पिता का और शादी के बाद ससुराल पक्ष का सबसे ज्यादा अधिकार होता है।Khasi Community System

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गंदा धंधा : नेस्ले कम्पनी कर रही है बच्चों की जिंदगी से खिलवाड

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Nestle Products
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:07 AM
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Nestle Products : पैसा कमाने के लालच में गंदा धंधा चलाने का एक मामला सामने आया है। खबर यह है कि चर्चित नेस्ले ( Nestle) कंपनी शिशु के दूध में चीनी मिलाकर बेच रही है। इस खबर का भारत सरकार ने संज्ञन लिया है। भारत सरकार ने नेस्ले ( Nestle) कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले शिशु दूध के सैंपल लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सरकार का काहना है कि यदि नेस्ले कंपनी दोषी पाई जाती है तो नेस्ले के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

भारत सरकार के सामने आई है रिपोर्ट

नेस्ले कंपनी किस प्रकार बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह पूरा मामला भारत सरकार के सामने आ गया है। भारत सरकार में उच्च अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हमने Nestle के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और मामले की जांच करेंगे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नेस्ले के शिशु आहार के नमूनों की जांच करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करेगी। साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे।

शिशु दूध में चीनी

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 के दौरान नेस्ले की बिक्री $250 मिलियन से ऊपर हो गई थी. इसके सभी सेरेलैक बेबी अनाज में अतिरिक्त चीनी एवरेज 3 ग्राम प्रति सर्विंग मिलाई जाती है. यह पैटर्न दक्षिण अफ्रीका में भी स्पष्ट है, जो अफ्रीका का प्राथमिक बाजार है, जहां सभी सेरेलैक बेबी अनाज उत्पादों में प्रति सर्विंग में 4 ग्राम या अधिक अतिरिक्त चीनी होती है। इसी तरह, 2022 में लगभग 150 मिलियन डॉलर की बिक्री के साथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार ब्राजील में, तीन-चौथाई सेरेलैक बेबी अनाज (जिसे म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है) में प्रति सर्विंग औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है। यह मामला तेजी से चर्चा का विषय बन रहा है।

पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ धार्मिक खेला ,रामनवमी के जुलूस पर हुआ पथराव

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पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ धार्मिक खेला ,रामनवमी के जुलूस पर हुआ पथराव

West Bengal News
West Bengal News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:11 AM
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West Bengal News : पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले धार्मिक खेला शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी हो या विपक्ष दोनों तरफ से धार्मिक ध्रुवीकरण के प्रयास शुरू हो गए हैं। इस बीच रामनवमी के जुलूस पर पत्थर बाजी से पूरे पश्चिम बंगाल में बवाल मचा हुआ है। झड़प के दौरान सात लोग घायल हो गए, जिन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि सभी घायलों को मामूली चोटें आई हैं। इस बीच इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भी मौके पर तैनात कर दिया गया है। आपको बता दें यह घटना पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई थी।

इलाके में लगी धारा 144

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई इस झड़प के बारे में पुलिस ने बताया कि यह झड़प पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में हुई थी। इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। तनाव की स्थिति के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हालांकि, रात में झड़प की कोई नई घटना नहीं हुई। फिलहाल स्थिति को नियंत्रण कर लिया गया है।

क्या था पूरा मामला?

मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में 17 अप्रैल को रामनवमी शोभायात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिससे रामनवमी शोभायात्रा के दौरान बवाल हो गया। देखते ही देखते बवाल इस कदर हुआ कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान एक धमाका भी हुआ जिसमें एक महिला घायल हो गई।

कई इलाकों में हुई थी झडप

आपको बता दें रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर में भी झड़प की घटना हुई है। यहां रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई झड़प में चार लोग घायल हो गए। वहीं इस झडप को लेकर बीजेपी का आरोप है कि शोभायात्रा पर पथराव किया गया था। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। साथ ही बीजेपी का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने पार्टी के पांचकार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच बीजेपी की उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल मौके पर पहुंची और पार्टी कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की। पॉल की अगुवाई में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टायर जलाए और बेल्डा-कांठी राजमार्ग को ब्लॉक कर रातभर प्रदर्शन किया। वहीं, नंदीग्राम में बीजेपी दफ्तर जलाने का भी आरोप है। West Bengal News

दुकानों में भी की गई तोड़फोड़

इसके अलावा बंगाल बीजेपी की ओर से आरोप है कि रामनवमी शोभायात्रा की रैली पर पथराव किया गया और रास्तों पर मौजूद दुकानों में तोड़फोड़ की गई। बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद शांतिपूर्ण ढंग से रामनवमी की शोभायात्रा निकाली जा रही थी। लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में शोभायात्रा पर पथराव किया। लेकिन हैरान करने की बात यह है कि इस बार ममता सरकार की पुलिस भी इन शरारती तत्वों के साथ मिल गई और रामभक्तों पर आंसू गैस के गोले दागने लगी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि इस रामनवमी की शोभायात्रा को रोका जा सके। https://twitter.com/SuvenduWB/status/1780806213883797946?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1780806213883797946%7Ctwgr%5Ed35c14ef1bded042ef15407ea6f1250441f298ac%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.aajtak.in%2Findia%2Fnews%2Fstory%2Fram-navami-procession-murshidabad-west-bengal-stone-pelting-many-injured-mamta-banerjee-ntc-1923215-2024-04-18 वहीं इस मामले को लेकर सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करने और रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के भड़काऊ भाषण की वजह से पश्चिम बंगाल के इलाकों में रामनवमी शोभायात्रा पर हमला किया गया। सीएम के भड़काऊ भाषण की वजह से कुछ शरारती तत्वों को इतना हौंसला मिल रहा है। इन लोगों को ये भरोसा मिल गया कि प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। मैंने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर उनसे तत्काले मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है और घटना की एनआईए जांच की मांग की है। साथ ही मैंने चुनाव आयोग से भी आग्रह किया है कि वे इस तरह के भड़काऊ भाषण को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई करे।

ममता बनर्जी ने दी थी पहली ही चेतावनी

आपको बता दें यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी के कुछ दिनों बाद हुई है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि रामनवमी के मौके पर राज्य में दंगे भड़काने की साजिश रची जा रही है। ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि वे आज दंगे में शामिल होंगे। दंगा होने की संभावना है और वे दंगा करके और वोट लूटकर चुनाव जीतेंगे। पिछले साल बंगाल में रामनवमी समारोह में भी हिंसा हुई थी, जिससे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच बड़े पैमाने पर टकराव हुआ था। इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि आज भी, सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के DIG को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को लेनी होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं। West Bengal News

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