Punjab के CM मान ने ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना शुरू की

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calendar22 Jan 2023 02:34 AM
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Punjab News : मोहाली। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के लिए सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

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‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कायाकल्प और विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है ताकिव वह जिम्मेदार नागरिक बने।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, शिक्षाविद, मानव संसाधन प्रबंधन, खेल और सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियां तथा सामुदायिक जुड़ाव इसके पांच स्तंभ हैं।

‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ परियोजना के तहत 23 जिलों के 117 सरकारी स्कूलों का उन्नयन किया जाएगा जिसमें नौवीं से 12वीं कक्षा पर विशेष जोर रहेगा।

अधिकारी ने कहा कि कैरियर से संबंधित परामर्श के अलावा, नवीन शिक्षण पद्धतियों का पालन किया जाएगा और विद्यार्थियों को पेशेवर परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।

मान ने कहा कि ये स्कूल स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए जा रहे हैं जो विद्यार्थियों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेंगे और पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श बनाने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब ये सरकारी विद्यालय निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा देंगे।

मान ने कहा कि ऐसे स्कूलों ने पहले ही दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। अब पंजाब की बारी है जहां इस मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बताते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभानी है।

मान ने 36 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर भेजने के अपनी सरकार के फैसले के बारे में कहा कि इससे उन्हें दुनिया भर में मौजूद उन्नत कार्य प्रणाली सीखने में मदद मिलेगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने शिक्षा के क्षेत्र की उपेक्षा की और कई विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

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West Bengal: ISF प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, कई घायल

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 05:51 PM
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West Bengal: कोलकाता। मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में प्रदर्शन कर रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के सदस्यों की शनिवार को पुलिस के साथ जोरदार झड़प हुई। ये लोग तृणमूल कांग्रेस द्वारा दक्षिण 24 परगना जिले में आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर कथित हमले का विरोध कर रहे थे।

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प्रदर्शन से महत्वपूर्ण जवाहरलाल नेहरू रोड क्रॉसिंग के आसपास यातायात प्रभावित हुआ। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एकमात्र ISF विधायक नौशाद सिद्दीकी को हिरासत में ले लिया गया, वहीं कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने शहर के मध्य में एक मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उनसे जवाहरलाल नेहरू रोड को खाली करने और यातायात की अनुमति देने का अनुरोध किया।

हालांकि, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क खाली करने से इनकार कर दिया और मांग की कि भांगर में उसके कार्यकर्ताओं पर हमले में शामिल अपराधियों को पहले गिरफ्तार किया जाए। पार्टी का गठन 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था।

जैसे ही पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे लगभग 500 की संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारी पीछे हट गए, लेकिन पास की गलियों से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के कियोस्क और रेलिंग को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

इलाके में आरएएफ और सशस्त्र पुलिसकर्मियों सहित बड़ी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सड़क को खाली कराया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा, लेकिन कुछ देर तक पथराव की छिटपुट घटनाएं होती रहीं।

दुकानों के शटर नीचे कर छिपे हुए राहगीर हाथ उठाकर बाहर निकले।

सिद्दीकी ने अपनी नजरबंदी से पहले भांगर में पुलिस की ‘‘निष्क्रियता’’ और एस्प्लेनेड में ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर लोगों पर बलप्रयोग’’ की निंदा की।

एक दिन पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भांगर में आईएसएफ के पार्टी कार्यालयों में आग लगा दी थी। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने दावा किया कि आईएसएफ ने पिछले कुछ दिनों से हथियारबंद लोगों को लाकर और उनके समर्थकों पर हमला करके क्षेत्र में माहौल बिगाड़ने का काम किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अलावा आईएसएफ एकमात्र विपक्षी पार्टी है, जिसने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती है। इसके सहयोगी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस एक भी सीट हासिल करने में नाकाम रहे।

उसी वर्ष फरवरी में हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के एक प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने पार्टी का गठन किया था।

Election 2023: चुनाव में धार्मिक संस्थाओं का सहयोग न लें राजनीतिक दल : निर्वाचन आयोग

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Election 2023: चुनाव में धार्मिक संस्थाओं का सहयोग न लें राजनीतिक दल : निर्वाचन आयोग

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calendar01 Dec 2025 05:34 PM
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Election 2023: नयी दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव में राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक संस्थाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी कानून की याद दिलाई है।

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आयोग ने राजनीतिक दलों को उस कानून और आचार संहिता के प्रावधानों से अवगत कराया है जो धार्मिक संस्थाओं को ‘किसी भी तरह से चुनाव संबंधी दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।’

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को 19 जनवरी को भेजे गये एक पत्र में निर्वाचन आयोग ने उन्हें अपने वर्ष 2012 के उन निर्देशों की याद दिलाई जिनमें कहा गया है कि आदर्श आचार संहिता के मौजूदा प्रावधान धार्मिक स्थलों का ‘किसी भी तरह से चुनाव दुष्प्रचार का मंच बनाने पर रोक लगाता है।’

पत्र में लिखा गया है कि धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम-1988 की धाराओं 3, 5 और 6 किसी भी राजनीतिक गतिविधि के प्रचार-प्रसार के लिए या किसी राजनीतिक दल के लाभ के वास्ते धार्मिक संस्थानों के इस्तेमाल पर रोक लगाती है।

इसमें कहा गया कि इन धाराओं का उल्लंघन दंडनीय अपराध है और पांच साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। इस पत्र की प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दलों के नेताओं का भेजी गई है।

त्रिपुरा विधानसभा 16 फरवरी को और नगालैंड एवं मेघालय विधानसभा के लिए चुनाव 27 फरवरी को होगा जबकि मतगणना दो मार्च को होगी।

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