Ambedkar Jayanti 2022 दलित चेतना के प्रतीक से कहीं आगे थे डा. भीमराव अम्बेडकर, जाने अनजाने तथ्य

Dr B R Ambedkar
Ambedkar Jayanti 2022
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calendar14 Apr 2022 05:03 PM
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Ambedkar Jayanti 2022: बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की आज (Ambedkar Jayanti ) जयंती है। देशवासी हर साल अम्बेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) मनाते हैं। बार बार एक जैसी बातें दोहराई जाती हैं। कुछ लोग मानते हैं वह दलितों के नेता थे दलित चेतना के प्रतीक थे। लेकिन अगर आप भी ऐसा समझते हैं तो गलत हैं। आज हम आपको बता रहे हैं अम्बेडकर के बारे में ऐसी बातें जो शायद आप तक अब तक न पहुंची हों। हम उन्हें संविधान निर्माता के रूप में जानते हैं लेकिन ये नहीं जानते अम्बेडकर असली राष्ट्र निर्माता थे। रिजर्व बैंक उनकी देन हैं। आठ घंटे काम उनकी देन है। महिलाओं के अधिकार अम्बेडकर की देन हैं। आइये जानते हैं इस महापुरुष के बारे में। भारतीय राजनीति में भीमराव रामजी अम्बेडकर के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार, अम्बेडकर ने समाज से भेदभाव, गिरावट और अभाव को दूर करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया।

Ambedkar Jayanti 2022

14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में माता-पिता रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई मुरबडकर सकपाल के घर जन्मे अम्बेडकर शुरुआत से विनम्र थे, लेकिन अपनी मेधा के बल पर वह भारत के सबसे महान नेताओं में से एक बन गए। यह बात तो सबको पता है अम्बेडकर का असली नाम अंबावडेकर था। जो कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में उनके पैतृक गाँव 'अम्बावड़े' के नाम से लिया गया था। लेकिन अंबेडकर नाम उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर ने स्कूल के रिकॉर्ड में उनका उपनाम 'अंबावडेकर' से बदलकर अपने स्वयं के उपनाम 'अम्बेडकर' में बदल दिया था क्योंकि वे उनसे बहुत प्यार करते थे।

अम्बेडकर विदेश में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करने वाले पहले भारतीय थे। अम्बेडकर न केवल विदेश में अर्थशास्त्र डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे, बल्कि वे अर्थशास्त्र में पहले पीएचडी और दक्षिण एशिया में अर्थशास्त्र में पहले डबल डॉक्टरेट धारक भी थे। वह अपनी पीढ़ी के सबसे शिक्षित भारतीयों में भी थे। कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपने तीन वर्षों के दौरान, अम्बेडकर ने अर्थशास्त्र में उनतीस पाठ्यक्रम, इतिहास में ग्यारह, समाजशास्त्र में छह, दर्शनशास्त्र में पांच, नृविज्ञान में चार, राजनीति में तीन और प्राथमिक फ्रेंच और जर्मन में एक-एक पाठ्यक्रम का अध्ययन किया।

अम्बेडकर ने 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय रिजर्व बैंक की अवधारणा अंबेडकर द्वारा हिल्टन यंग कमीशन (जिसे भारतीय मुद्रा और वित्त पर रॉयल कमीशन के रूप में भी जाना जाता है) को अपनी पुस्तक, द प्रॉब्लम ऑफ द रुपी - इट्स ओरिजिन एंड इट्स सॉल्यूशन में प्रस्तुत दिशानिर्देशों के अनुसार दी गई थी। अम्बेडकर यह भी जानते थे कि रुपये की समस्या अंततः घरेलू मुद्रास्फीति की समस्या से जुड़ी हुई है। अपनी थीसिस की प्रस्तावना में, उन्होंने कहा: "... कुछ भी रुपये को तब तक स्थिर नहीं करेगा जब तक हम इसकी सामान्य क्रय शक्ति को स्थिर नहीं करते"।

1927 का महाड सत्याग्रह अम्बेडकर का पहला महत्वपूर्ण धर्मयुद्ध था। 1927 का महाड सत्याग्रह अम्बेडकर के राजनीतिक विचार और निर्णायक क्षणों में से एक था। महाराष्ट्र के छोटे से शहर महाड़ में आयोजित यह सत्याग्रह गांधी के दांडी मार्च से तीन साल पहले आयोजित किया गया था। जहां गांधी के अभियान के केंद्र में नमक था, वहीं अम्बेडकर के धर्मयुद्ध के मूल में पीने का पानी था। महाड में चावदार झील से पानी पीने के लिए दलितों के एक समूह का नेतृत्व करके, अम्बेडकर ने सार्वजनिक जल स्रोतों से पानी लेने के दलितों के अधिकार पर न सिर्फ जोर दिया, बल्कि दलित मुक्ति के बीज भी बोए। उन्होंने कहा, हम सिर्फ पानी पीने के लिए चावदार झील नहीं जा रहे हैं। हम यह कहने के लिए जा रहे हैं कि हम भी दूसरों की तरह इंसान हैं। यह सत्याग्रह समानता के मानदंड को स्थापित करने के लिए था।

अम्बेडकर ने भारत में काम के घंटों को 12 घंटे से बदलकर 8 घंटे कर दिया। 1942 से 1946 तक वायसराय की परिषद में श्रम के सदस्य के रूप में, डॉ अम्बेडकर ने कई श्रम सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नवंबर 1942 में नई दिल्ली में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में उन्होंने काम के घंटों को 12 घंटे से बदलकर 8 घंटे कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता, छुट्टी लाभ, कर्मचारी बीमा, चिकित्सा अवकाश, समान काम के लिए समान वेतन, न्यूनतम वेतन और वेतनमान में आवधिक संशोधन जैसे कई उपायों की भी शुरुआत की। उन्होंने ट्रेड यूनियनों को भी मजबूत किया और पूरे भारत में रोजगार एक्सचेंजों की स्थापना की।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में अम्बेडकर की आत्मकथा को पाठ्यपुस्तक के रूप में प्रयोग किया जाता है। 1935-36 में (अमेरिका और यूरोप से लौटने के बाद) अम्बेडकर द्वारा लिखी गई एक 20-पृष्ठ की आत्मकथात्मक कहानी, वेटिंग फॉर ए वीज़ा एक ऐसी पुस्तक है जो उनके बचपन से शुरू होने वाले अस्पृश्यता के अनुभवों से आकर्षित होती है। पुस्तक का उपयोग कोलंबिया विश्वविद्यालय में पाठ्यपुस्तक के रूप में किया जाता है।

अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 का विरोध किया था अम्बेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 370 (जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता है) का मसौदा तैयार करने से इस आधार पर इनकार कर दिया कि यह भेदभावपूर्ण और राष्ट्र की एकता और अखंडता के सिद्धांतों के खिलाफ है। अनुच्छेद 370 को अंततः जम्मू और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के पूर्व दीवान गोपालस्वामी अय्यंगार द्वारा तैयार किया गया था।

महिलाओं को अधिकार के लिए संघर्ष महिलाओं को कई महत्वपूर्ण अधिकार देने वाले व्यापक हिंदू कोड बिल को पारित कराने के लिए अम्बेडकर ने तीन साल तक संघर्ष किया। अम्बेडकर ने भारत के पहले कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया जब भारतीय संसद द्वारा व्यापक हिंदू कोड बिल को हटा दिया गया। इस विधेयक के दो मुख्य उद्देश्य थे - पहला, हिंदू महिलाओं को उनके उचित अधिकार देकर उनकी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाना और दूसरा, सामाजिक विषमताओं और जातिगत असमानताओं को समाप्त करना।

महिलाओं को अब पारिवारिक संपत्ति विरासत में मिल सकती है, तलाक और लड़कियों को गोद लेने की अनुमति, यदि विवाह अस्थिर था तो संहिता ने पुरुषों और महिलाओं दोनों को तलाक का अधिकार दिया। विधवाओं और तलाकशुदा को पुनर्विवाह का अधिकार दिया गया। बहुविवाह को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया, अंतर्जातीय विवाह और किसी भी जाति के बच्चों को गोद लेने की अनुमति होगी।

अम्बेडकर ने यह भी कहा, "मैं समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की डिग्री से मापता हूं। शादी करने वाली हर लड़की अपने पति के साथ खड़ी हो, अपने पति के दोस्त और बराबर होने का दावा करे, और उसकी दासी बनने से इंकार कर दे। मुझे यकीन है कि यदि आप इस सलाह का पालन करते हैं, तो आप अपने आप को सम्मान और महिमा लाएंगे।"

अम्बेडकर ने सबसे पहले बिहार और मध्य प्रदेश के विभाजन का सुझाव दिया था अपनी पुस्तक (1995 में प्रकाशित), थॉट्स ऑन लिंग्विस्टिक स्टेट्स में, अम्बेडकर ने मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करने का सुझाव दिया था। मूल रूप से पुस्तक लिखने के 45 साल बाद, विभाजन अंततः वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड और मध्य प्रदेश से बाहर छत्तीसगढ़ के गठन के साथ आया।

अम्बेडकर पानी और बिजली के लिए भारत की राष्ट्रीय नीति के विकास में अग्रणी थे। डा. अम्बेडकर ने दामोदर घाटी परियोजना, भाखड़ा नंगल बांध परियोजना, सोन नदी घाटी परियोजना और हीराकुंड बांध परियोजना की शुरुआत की। उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सिंचाई परियोजनाओं के विकास की सुविधा के लिए केंद्रीय जल आयोग की भी स्थापना की। अम्बेडकर ने जल और ताप विद्युत स्टेशनों की क्षमता का पता लगाने और स्थापित करने के लिए केंद्रीय तकनीकी शक्ति बोर्ड (सीटीपीबी) और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की भी स्थापना की। उन्होंने भारत में एक ग्रिड सिस्टम (जिस पर भारत अभी भी निर्भर है) और अच्छी तरह से प्रशिक्षित इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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Alia Ranbir Wedding Today: आज शादी के बंधन में बंध जायेंगे आलिया और रणबीर

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Alia Ranbir Wedding Today
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calendar30 Nov 2025 02:35 PM
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Alia Ranbir Wedding Today: बॉलीवुड की मोस्ट ब्यूटीफुल जोड़ी कहीं जाने वाली रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की जोड़ी आज याने 14 अप्रैल को शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं. आलिया आज रणबीर संग सात फेरे लेकर अपनी नई जिंदगी का आगाज करेंगे. लव बर्ड्स आलिया और रणबीर (Love Birds Alia And Ranbir) के लिए उनकी शादी का हर पल बेहद खास है, जिसे वो अपनी फैमिली की मौजूदगी में और यादगार बना रहे हैं. >> ये भी पढ़े:- 

रणबीर -आलिया शादी के बंधन में बंध जायेंगे

आज का दिन आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के लिए जिंदगी भर यादगार दिन रहेगा, क्योंकि आज ही के दिन ये कपल शादी के बंधन में बंधकर अपने प्यार को मुकम्मल करने जा रहा है. आज सुबह से ही #Ranalia के शादी शुरू हो जाएंगे. इसके बाद चूड़ा और पगड़ी की रस्में भी होंगी. आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के फेरों के लिए 2-3 बजे का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है. ऐसे में रणबीर और आलिया डे वेडिंग (Alia Ranbir Wedding Today) करके आज दोपहर में ही सिंगल से मैरिड कपल की लिस्ट में शुमार हो जाएंगे. >> ये भी पढ़े:- Amarnath Yatra Registration: अमरनाथ यात्रा का रजिस्‍ट्रेशन शुरू, यहां जानें जरुरी बातें

Alia Ranbir Wedding Today: रणबीर की बारात

आज का दिन बी टाउन से लेकर तमाम फैंस के लिए यादगार और खास होने वाला है, क्योंकि आज कपूर परिवार बड़ी धूम से अपने लाडले बेटे रणबीर की बारात लेकर निकलेगा. कहा जा रहा कि वास्तु और कृष्णा राज बंगले के बीच रणबीर की बारात निकलेगी. बारात कृष्णा राज से शुरू होकर वास्तु जाएगी, जहां आलिया भट्ट अपने पिया के आने का इंतजार कर रही होंगी. >> ये भी पढ़े:- Retail Inflation: दिन प्रति दिन बढ़ते महंगाई से आम आदमी का हुआ बुरा हाल

आलिया के हाथों पर रच चुकी है मेहंदी

आलिया अपने ड्रीम मैन रणबीर के नाम की मेहंदी से अपने हाथो पर सजा चुकी है. बीते दिन 13 अप्रैल को आलिया और रणबीर का मेहंदी का फंक्शन हुआ हैं, जिसे दोनो परिवारों ने अपनी मौजूदगी और खास बनाया. वहीं, रणबीर और आलिया की शादी (Alia Ranbir Wedding Today) की बात करें तो अब से कुछ ही घंटों में दोनों की शादी की रस्में शुरू हो रही हैं. रणबीर-आलिया की वेडिंग (Alia Ranbir Wedding Today) के खास मौके पर हम भी कपल को ढेर सारी  शुभकामनाएं देते हैं. >> ये भी पढ़े:- Lucknow News: 66 सरकारी स्कूलों की बिजली कटी, 1 करोड़ का बिजली बिल बकाया
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UP News सीजीएसटी टीम ने खोला बेड तो निकली 6.31 करोड़ की नकदी, जानें पूरा मामला

Hameerpur
UP News
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calendar28 Nov 2025 01:48 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश (UP News) के हमीरपुर में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग की टीम ने एक गुटखा व्यवसाई के मकान एवं फैक्ट्री में करीब 18 घंटे की छापेमारी करने के बाद 6 करोड़ 31 लाख से अधिक की नकदी बरामद की है। बरामद नकदी को भारतीय स्टेट बैंक हमीरपुर के सुपुर्द कर दिया गया है। टीम ने नोट गिनने के लिए स्टेट बैंक हमीरपुर की मशीनें तथा कर्मियों का सहयोग लिया। नोट गिनने के साथ ही टीम बगैर कुछ बताएं यहां से रवाना हो गई।

UP News

मामला मंगलवार की सुबह 6 बजे का है। कानपुर से पांच गाड़ियों में आई सीजीएसटी की टीम ने कस्बे की पुरानी गल्ला मंडी में गुटखा व्यवसाई जगत गुप्ता के आवास एवं फैक्ट्री में छापा मारा था। टीम के आने पर व्यवसाई ने आवास का गेट खोलने में आनाकानी की थी। लेकिन टीम ने जब कड़ा रुख अख्तियार किया तो कारोबारी ने आवास का गेट खोल दिया। गेट खुलते ही टीम फैक्ट्री और आवास में चारों तरफ फैल गए और कारोबारी के तीन मंजिला मकान के सबसे नीचे तलघर में गुटखा फैक्ट्री लगी हुई है। ऊपर के दो मंजिलों में आवास है।

>> Coal Crisis 2022 इन राज्यों में जल्द शुरु हो सकती है बिजली कटौती, ये है वजह

टीम ने नीचे से ऊपर तक कोना कोना खंगाला। बताया जाता है कि गुटखा व्यवसाई के बेडरूम के गद्दों के नीचे तथा अलमारी से 6 करोड 31 लाख से अधिक की नकदी के साथ सोना आदि बरामद हुआ है। टीम सुबह 6 बजे से रात साढे ग्यारह बजे तक यहां मौजूद रही। नगदी ज्यादा मिलने पर शाम को मुख्यालय से स्टेट बैंक की तीन मशीनों के साथ बैंक कर्मियों को लाकर बरामद नकदी की गिनती कराई गई। बताते हैं कि नकदी में बड़े नोटों के साथ छोटे नोट भी भारी मात्रा में शामिल थे। इस वजह से गिनती में काफी समय लगा।

चर्चा है कि करीब साढ़े छह करोड़ रुपए के साथ बड़ी मात्रा में सोना बरामद किया गया है। नोटों को टीम ने तीन बड़े बक्सों में भरकर हमीरपुर एसबीआई के अधिकारियों को सौंपा है। टीम इसके अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ लैपटॉप आदि सामग्री को बरामद कर के ले गई। इनमें बैंक पासबुक, बांड, शेयर प्रपत्र व प्रॉपर्टी के कागजात आदि बताए जा रहे हैं।

टीम के डिप्टी कमिश्नर बृजेंद्र कुमार मीणा ने मीडिया को बताया कि गुटखा व्यवसाई की आवास एवं फैक्ट्री से टैक्स चोरी संबंधित तमाम खामियां मिली हैं। साथ ही भारी मात्रा में नकदी व जेवरात सहित अन्य सामग्री प्राप्त हुई है। कहा कि बरामदगी का खुलासा कानपुर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाएगा। टीम जांच पड़ताल का कार्य पूर्ण कर चुकी है।

भारी मात्रा में नकदी सहित अन्य सामग्री बरामद होने के बाद सीजीएसटी टीम गुटखा व्यवसाई के खिलाफ टैक्स चोरी का मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर सकती है। यह कदम दस्तावेजों के मिलान के बाद टीम उठा सकती है। चर्चा है कि टीम को भारी मात्रा में सुपारी तंबाकू आदि के प्रपत्र कारोबारी की आवास से प्राप्त हुए है। कहां- कहां जाता है, कितना माल तैयार होता है, इसके भी महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों के मिलान के उपरांत टैक्स चोरी का मामला बनाकर व्यापारी के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है।