Kochi : कोच्चि में फिल्मों के सेट पर होगी पुलिस की तैनाती

Keral
Police will be deployed on the sets of films in Kochi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:56 PM
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कोच्चि (केरल)। मलयालम फिल्म उद्योग के कुछ अभिनेताओं द्वारा मादक पदार्थ का सेवन करने के दावों के बीच कोच्चि नगर पुलिस आयुक्त के सेतु रमन ने रविवार को कहा कि अब से कोच्चि में सभी फिल्मों के सेट पर पुलिस की तैनाती की जाएगी।

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मादक पदार्थों के सेवन पर सक्रिय हुई पुलिस

शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सभी शूटिंग स्थलों पर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा मादक पदार्थ के इस्तेमाल या बिक्री के बारे में सूचना मिलने पर छापे मारे जाएंगे। उन्होंने मादक पदार्थ के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों का स्वागत किया। कोच्चि में पत्रकारों से मुखातिब रमन ने कहा कि फिल्म उद्योग के लोगों द्वारा कुछ अभिनेताओं के खिलाफ मादक पदार्थ के सेवन के संबंध में शिकायत दर्ज कराए जाने के मद्देनजर हाल में आयोजित एक बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि शिकायतें मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। शुरू में संबंधित व्यक्ति को मादक पदार्थ का इस्तेमाल करने से रोकने की कोशिश की जाएगी।

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पुलिस के पास नहीं है सप्लायर की जानकारी

रमन ने कहा कि हमारे पास पूर्व में ऐसे मामलों में शामिल लोगों के आंकड़े हैं। हम जानते हैं कि कौन मादक पदार्थ का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन हमारे पास इन्हें बेचने वालों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम नशीले पदार्थ का इस्तेमाल करने वालों को गिरफ्तार करते हैं, तो हमें उनमें से अधिकांश को जमानत पर रिहा करना होगा। ऐसे लोगों को जागरूक करने और यह महसूस कराने की आवश्यकता है कि मादक पदार्थ का लगातार इस्तेमाल उनके लिए हानिकारक है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Manipur Violence : मणिपुर में कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील, पटरी पर लौटने लगा आम जनजीवन

Manipur 1
Curfew relaxed for a few hours in Manipur, normal life back on track
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 May 2023 07:42 PM
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इंफाल। मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में रविवार सुबह कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दिया गया। इसके साथ ही आम जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया। वहीं, सेना के ड्रोन और होलीकॉप्टर हवा में गश्त लगाकर क्षेत्र पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

Manipur Violence

सीआरपीएफ के 10 हजार जवान तैनात

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर इलाके में सुबह सात से 10 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई। इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले। सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील की मियाद खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शहर में फ्लैग मार्च किया। हिंसा प्रभावित राज्य में सेना के 120 से 125 कॉलम की तैनाती की गई है। सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों के करीब 10,000 जवानों को भी तैनात किया गया है।

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हिंसाग्रस्त इलाकों से जवानों ने 23 हजार लोगों को बचाया

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि शांति संबंधी पहल को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में शांति समितियों का गठन किया जाएगा। वहीं, रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अब तक विभिन्न समुदायों के लगभग 23,000 लोगों को बचाकर सैन्य छावनियों में स्थानांतरित किया गया है।

Manipur Violence

मेइती समुदाय को एसटी का दर्जा देने के विरोध में भड़की थी हिंसा

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था।

मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान

पुलिस के मुताबिक, तोरबंग में मार्च के दौरान हथियार थामे लोगों की भीड़ ने मेइती समुदाय के सदस्यों पर हमला किया। मेइती समुदाय के लोगों ने भी जवाबी हमले किए, जिससे पूरे राज्य में हिंसा फैल गई। मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 फीसदी हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है। वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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जवानों की कोशिशों से जागी उम्मीद की किरण

बयान में कहा गया है कि सभी समुदाय के लोगों को बचाने, हिंसा पर काबू पाने और सामान्य हालात बहाल करने के लिए पिछले 96 घंटे से बिना रुके काम कर रहे सेना और असम राफल्स के 120-125 कॉलम की कोशिशों की वजह से उम्मीद की किरण जगी है और हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। बयान में कहा गया है कि बीते 24 घंटे के दौरान सेना ने हवाई निगरानी को काफी बढ़ाया है, जिसके लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है, जबकि इंफाल घाटी में सेना के हेलीकॉप्टरों को फिर से तैनात किया गया है। चुराचांदपुर में कर्फ्यू में शनिवार को भी दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक दो घंटे की ढील दी गई थी। इसी इलाके में तीन मई को सबसे पहले हिंसा हुई थी।

शांति बहाली से खुशी

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार रात अधिसूचना की प्रति साझा करते हुए ट्वीट किया कि चुराचांदपुर जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होने और राज्य सरकार और विभिन्न हितधारकों के बीच बातचीत के बाद, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जाएगी। हिंसा प्रभावित राज्य की मौजूदा स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सिंह ने कहा था कि बैठक के दौरान, राज्य में शांति की अपील करने और सभी नागरिकों को किसी भी ऐसे कृत्य से बचने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया, जिससे हिंसा या अस्थिरता और बढ़ सकती है। इस बैठक में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह भी बैठक में मौजूद थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Business : अगले दो साल में ब्रिटेन में परिचालन पर फैसला करना होगा : टाटा स्टील

Tata
Will have to decide on UK operations in next two years: Tata Steel
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 May 2023 07:22 PM
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नई दिल्ली। टाटा स्टील को अगले एक या दो साल में ब्रिटेन में अपने परिचालन के भविष्य पर फैसला करना होगा। क्योंकि वहां उसकी परिसंपत्तियों का जीवनकाल समाप्त हो रहा है और यथास्थिति जारी नहीं रह सकती है। कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने यह बात कही है।

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टाटा स्टील ने ब्रिटेन सरकार से मांगा वित्तीय पैकेज

टाटा स्टील ने ब्रिटेन सरकार से दो ब्लास्ट फर्नेस को बदलने के लिए वित्तीय पैकेज मांगा है। इन ब्लास्ट फर्नेस की मियाद 12 से 24 माह में समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा कंपनी साउथ वेल्स के अपने पोर्ट टालबोट कारखाने में कॉर्बन उत्सर्जन में कमी के लिए भी वित्तीय पैकेज चाहती है। नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी को या तो वहां अपना परिचालन बंद करना होगा या ब्रिटेन सरकार के वित्तीय पैकेज की मदद से कॉर्बन उत्सर्जन को समाप्त करने की योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा। नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी ब्रिटेन सरकार से पैकेज के लिए बात कर रही है, क्योंकि वहां उसकी संपत्तियों की मियाद समाप्त होने को है। यथास्थिति जारी नहीं रह सकती। उन संपत्तियों को या तो बंद करना होगा या हमें एक नए प्रक्रिया मार्ग की ओर बदलाव करना होगा। ऐसे में अगले साल या दो साल में हमें ब्रिटेन के बारे में फैसला करना होगा।

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मौद्रिक सहायता के अभाव में कंपनी ब्रिटेन से बाहर निकल जाएगी

यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन सरकार से मौद्रिक सहायता के अभाव में कंपनी वहां से बाहर निकल जाएगी, उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में यह सरकार के साथ चर्चा का अधिक मामला है। सरकार हमारे साथ बातचीत कर रही है। यह देखना होगा कि वे हमें क्या समर्थन दे सकते हैं या क्या नहीं दे सकते। सरकार के साथ बातचीत के आधार पर हमें यह आकलन करना होगा। टाटा स्टील ने खुद को कॉर्बन मुक्त कंपनी बनाने के लिए ब्रिटेन सरकार से 1.5 अरब पाउंड की मांग की थी। इसके तहत वह कम कॉर्बन उत्सर्जन वाली नई संयंत्र मशीनरी लगाएगी। हालांकि, ब्रिटेन सरकार ने इस साल की शुरुआत में जवाबी पेशकश दी है, जो कंपनी की उम्मीदों से काफी कम है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।