उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कर दी बड़ी अपील, भगवान शिव जैसा अनुशासन रखें

Kawariya
UP News
locationभारत
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calendar26 Nov 2025 03:54 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी अपील की है उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने यह अपील भगवान शिव की साधना करने वाले लाखों कांवड़ियों भाइयों से की है उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा है कि वह भगवान शिव की भक्ति करते समय भगवान शिव के जैसा ही अनुशासन बनाए रखें अनुशासन बनकर ही कावड़ यात्रा को सुगमता के साथ पूरा किया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी का बयान

प्रसिद्ध न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक बयान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, श्रावण मास प्रारंभ हो चुका है। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा जगविख्यात है। पूरे देश में और खास तौर पर उत्तर भारत में इस दौरान शिव भक्त महादेव के अनुष्ठान में लीन होकर सभी शिवालयों में जलाभिषेक के साथ अपनी असीम भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा, उनकी सुगम यात्रा के लिए अनेक प्रबंध किए हैं । कोई भी पर्व और त्योहार, कोई भी साधना बिना आत्मानुशासन के पूरी नहीं होती है...हम देख रहे हैं कि असीम श्रद्धा भाव के साथ विभिन्न समाज के लोग उनकी (कांवड़ यात्रियों की) सेवा में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, मैं सभी श्रद्धालुजनों से विनम्र अनुरोध करूंगा कि हम लोग भी शिव भक्त हैं। महादेव की असीम कृपा हमेशा बनी रही है और महादेव से यही प्रार्थना करते हैं कि उनकी कृपा हमेशा बनी रहे। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए हमें न केवल अंत:करण से बल्कि बाहरी रूप से भी उस पूरी प्रक्रिया से लीन होना पड़ेगा। शिव बनने के लिए शिव जैसी साधना भी चाहिए। उस प्रकार का आत्मानुशासन भी चाहिए। तब यह कांवड़ यात्रा न केवल श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक के रूप में बल्कि आम जन के व्यापक विश्वास के प्रतीक के तौर पर उभरेगी। जैसा कि हम आज माहौल देख रहे हैं। UP News

क्या आप जानते हैं कि कब बना था उत्तर प्रदेश, किस दिन हुआ था नामकरण

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क्या आप जानते हैं कि कब बना था उत्तर प्रदेश, किस दिन हुआ था नामकरण

Up nEWS
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:35 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत पुराना है। हम आपको उत्तर प्रदेश के इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश का पहले क्या नाम था? उत्तर प्रदेश नाम कब पड़ा? उत्तर प्रदेश नाम पड़ने से पहले इस प्रदेश का क्या नाम था? इन सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिल जाएंगे। वैदिक काल से ही अस्तित्व में उत्तर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र को वैदिक काल में ब्रहमर्षि देश कहा जाता था। कुछ अर्से तक इस क्षेत्र का नाम मध्य देश भी रखा गया था। मुगल काल आते-आते उत्तर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र को अलग-अलग भागों में विभाजित कर दिया गया था। वर्ष-1836 से लेकर वर्ष-1877 तक उत्तर प्रदेश का नाम उत्तर पश्चिम प्रांत था। वर्ष-1877 से लेकर वर्ष-1902 तक उत्तर प्रदेश का नाम अवध प्रदेश रहा। वर्ष-1902 से वर्ष 1937 तक उत्तर प्रदेश का नाम संयुक्त प्रांत रहा था। वर्ष-1950 में भारत के तत्कालीन गर्वनर जनरल ने प्रदेशों के नए नामकरण के लिए आल्टरेशन ऑफ नेम ऑर्डर 1950 पास किया। इस ऑर्डर के तहत संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रखा गया। 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश का विधिवत नामकरण उत्तर प्रदेश के तौर पर किया गया था। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश का विभाजन हुआ था। उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र के 13 जिलों को उत्तर प्रदेश से अलग करके अलग उत्तराखंड राज्य बना दिया गया था। UP News

उत्तर प्रदेश में 18 मंडल तथा 75 जिले हैं

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 18 मंडल तथा 75 जिले हैं। उत्तर प्रदेश के मंडलों के नाम लखनऊ, कानपुर, मेरठ, अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, देवीपाटन (मुख्य. गोंडा), बरेली, मुरादाबाद, प्रयागराज, चित्रकूट धाम (मुख्य. बांदा), मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, झांसी, सहारनपुर हैं। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के नाम लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई व खीरी लखीमपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज व औरैया, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, बागपत व हापुड़, अयोध्या, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अमेठी व अम्बेडकरनगर, अलीगढ़, एटा, हाथरस व कासगंज आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर व चन्दौली गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती व बहराइच, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर व पीलीभीत मुरादा., रामपुर, बिजनौर, अमरोहा व संभल प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशाम्बी चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर व महोबा, मिर्जापुर, सोनभद्र व भदोही आजमगढ़, मऊ, बलिया बस्ती, सिद्धार्थनगर व संत कबीरनगर झाँसी, ललितपुर व जालौन सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली हैं। UP News

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सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े जज का बड़ा फरमान, जमानत में ना करें देरी

Supreme Court
Supreme Court
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Jul 2024 07:40 PM
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UP News : भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े जज ने एक बड़ा फरमान सुनाया है। भारत के मुख्य न्यायधीश (सबसे बड़े जज) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत की सभी अदालतों से कहा है कि किसी भी अदालत को जमानत के मामले में बिना किसी कारण के देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने निचली अदालतों के जजों से साफ कहा कि वें बिना डरे बेझिझक होकर जमानत देने पर अपना फैसला सुनाएं।

क्या बोले भारत के सबसे बड़े जज ?

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश (सीजेआई) भारत के सबसे बड़े जज माने जाते हैं। भारत के सुप्रीम कोर्ट के जेजेआई रविवार को एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि जिन नागरिकों को निचली अदालतों में ही जमानत मिल जानी चाहिए दुर्भाग्य से उन्हें वहां जमानत नहीं मिल पाती है। मजबूरन जमानत के मामले हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास आते हैं। दरअसल ज्यादातर मामलों को सुप्रीम कोर्ट तक आने की जरूरत ही नहीं होती ट्रॉयल कोर्ट से ही जमानत मिल जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े जज ने साफ कहा कि निचली अदालतों के जजों को बेझिझक होकर बिना किसी डर के जमानत के मामलों में फैसला सुनाना चाहिए।

जमानत के मुददे पर खुलकर बोले सुप्रीम कोर्ट के मुखिया

भारत में सुप्रीम कोर्ट का मुखिया कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को ही कहा जाता है। रविवार को सुप्रीम कोर्ट के मुखिया डीवाई चन्द्रचूड ने बर्केले सेंटर के तुलनात्मक समानता और भेदभाव विरोधी 11वें वार्षिक सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि असल में अपराध के गंभीर मामलों में ट्रायल कोर्ट में जमानत मिलने में सबसे ज्यादा देरी होती है। क्योंकि कई बार शक होने पर भी न्यायाधीश यह सोचकर जमानत न देना ज्यादा बेहतर समझते हैं कि कहीं उनके फैसले को किसी संदेह की नजर से न देखा जाए। सीजेआई ने कहा कि हर मामला अलग होता है और ट्रायल कोर्ट न्यायाधीशों को अपनी समझ का इस्तेमाल कर उसकी बारीकियों को परखना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि यह भूसे में सुई ढूंढ़ने जितना ही जटिल काम है। UP News

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