उत्तर प्रदेश के स्कूल से आ रही थी रोने की आवाज, दरवाजा खोलते ही सहमे लोग

उत्तर प्रदेश के स्कूल से आ रही थी रोने की आवाज, दरवाजा खोलते ही सहमे लोग
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:26 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र (Sonbhadra) के एक स्कूल में ग्रामीणों की निगाह उस समय पड़ी जब स्कूल के अंदर से लगातार रोने-बिलखने की आवाज आ रही थी। स्कूल से रोने की आवाज आने से कई ग्रामीणों के पसीने छूट पड़े। जैसे-तैसे ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाते हुए आवाज का पीछा किया अचानक वहां का मंजर देखकर ग्रामीण सहम गए। दरअसल सोनभद्र के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के स्कूल से एक टीचर की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। सोनभद्र के एक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाली छात्रा क्लास रूम में ही रह गई और जिम्मेदार शिक्षक और स्टाफ स्कूल में ताला बंद कर अपने-अपने घर पहुंच गए। छुट्टी होने के बाद भी जब बच्ची घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने परेशान होकर बच्ची की छानबीन शुरू कर दी।

टीचर की बड़ी लापरवाही

बताया जा रहा है कि दूसरी क्लास में पढ़ने वाली एक छात्रा क्लास रूम में ही छूट गई और जिम्मेदार टीचर भी बिना चेक किए कमरे और स्कूल के मेन गेट में ताला लगाकर अपने-अपने घरों की ओर चलते बने। इस दौरान बच्ची काफी डर गई और जोर-जोर से रोने लगी। जब ग्रीामीणों ने बच्ची की रोने-बिलखने की आवाज सुनी तो ग्रामीण स्कूल के बाहर इकट्ठे हो गए और इसकी जानकारी ग्रामीण प्रधान को दी। गांव प्रधान के कहने पर ग्रामीणों ने तुरंत स्कूल का ताला तोड़ा और बच्ची को वहां से बाहर निकाला गया। जानकारी के मुताबिक हादसे के बाद से बच्ची काफी सहम गई थी।

दोषी के खिलाफ कार्यवाही की मांग

इधर स्कूल की छुट्टी होने के बावजूद बच्ची के घर ना पहुंचने तक परिजन काफी परेशान हो गए और उसे ढूढ़ने निकल पड़े। ग्रामीणों की सूचना पर आनन फानन में परिजन पहुंचे और बच्ची को लेकर घर चले गए। इस घटना से परिजनों और ग्रामीणों में काफी आक्रोश का माहौल पैदा हो गया है और उन्होंने दोषी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। UP News

घूसखोरी करने वालों की अब खैर नहीं, विजिलेंस टीम ने फिर कर दिखाया बड़ा कमाल

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घूसखोरी करने वालों की अब खैर नहीं, विजिलेंस टीम ने फिर कर दिखाया बड़ा कमाल

घूसखोरी करने वालों की अब खैर नहीं, विजिलेंस टीम ने फिर कर दिखाया बड़ा कमाल
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:33 PM
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UP News : विजिलेंस टीम ने एक बार फिर बड़ा कमाल कर दिखाया है। जिससे हर जगह विजिलेंस टीम की चर्चाएं चल रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश के अयोध्या के शिक्षा विभाग के घूसखोर सहायक लेखाकार को घूस लेना काफी महंगा पड़ गया है। शिकायत मिलने पर विजिलेंस टीम ने एक लाख रुपये लेते हुए सहायक लेखापाल को रंगेहाथ धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि जिस सहायक लेखापाल को घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा गया है वो कार्यालय खण्ड शिक्षा अधिकारी मसौधा ब्लाक में तैनात है।

BSA ऑफिस का बाबू रंगे हाथ गिरफ्तार

मामला अयोध्या का बताया जा रहा है जहां शिक्षा विभाग के बाबू को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। बताया जा रहा है कि रिश्वतखोर को पकड़ने के लिए विजिलेंस की टीम ने शुक्रवार को जाल बिछाया था। इस दौरान जैसे ही उसने पीड़ित से पैसे लिए वैसे की विजिलेंस की टीम ने हल्ला बोलते हुए बाबू को नोटों की गड्डी के साथ दबोच लिया। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है। इस कार्रवाई के बाद काफी लम्बे समय तक हडकंप मचा रहा।

एसपी ने क्या कहा?

जानकारी के मुताबिक घूसखोर अधिकारी ने एक मृतक अध्यापिका के परिजनों से जीपीएफ निकालने के लिए रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में विजिलेंस के एसपी मुख्‍यालय अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि, हसनू कटरा निवासी इरफान उल हक की पत्‍नी यासमीन फातिमा मसौधा के कंपोजिट विद्यालय भदोखर में प्रधानाध्‍यापिका थीं। उनके निधन के बाद उन्‍होंने जीपीएफ राशि निकलवाने के लिए सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह से संपर्क किया। उसने इसके लिए 1 लाख रुपये रिश्‍वत मांगी। इस पर इरफान ने विजिलेंस की अयोध्‍या यूनिट में शिकायत की।

विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ा घूसखोर बाबू

बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता को शुक्रवार को आरोपी को रिश्‍वत देने के लिए बीएसए कार्यालय के पास बुलवाया गया। जैसे ही पीड़ित ने अमरेंद्र सिंह को रिश्‍वत की रकम दी, विजिलेंस की टीम ने उसको दबोच लिया। फिलहाल आरोपी अमरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। UP News

यूपीसीडा ने बनाई है बड़ी योजना, होगा उत्तर प्रदेश का कायाकल्प 

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यूपीसीडा ने बनाई है बड़ी योजना, होगा उत्तर प्रदेश का कायाकल्प

यूपीसीडा ने बनाई है बड़ी योजना, होगा उत्तर प्रदेश का कायाकल्प
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 06:51 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास बहुत ही तेज गति से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने का काम उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानि कि यूपीसीडा कर रहा है। हाल ही में यूपीसीडा ने एक बड़ी योजना बनाई है। यूपीसीडा की इस योजना से उत्तर प्रदेश का बड़ा कायाकल्प होगा। यूपीसीडा से लखनऊ से कानपुर तक 85 गांवों की जमीन को एक शानदार औद्योगिक सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा।

क्या है यूपीसीडा की बड़ी योजना

उत्तर प्रदेश राज्य ओद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रवक्ता ने बड़ी योजना की जानकारी दी है। उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने एक्स-लीडा (लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण) क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति देने और प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व लीडा मास्टर प्लान 2041 का निर्माण किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में औद्योगीकरण को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र को एक प्रमुख आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित करना है। इस योजना के अंतर्गत लखनऊ जिले के 45 और उन्नाव जिले के 40 गांवों को अधिसूचित क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है, जो लगभग 300 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली को परामर्शदाता के रूप में नियुक्त किया गया है।

नेशनल हाईवे के साथ जोड़ा UP News

प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व लीडा मास्टर प्लान 2041 में राज्य की प्रमुख परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं जैसे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और लखनऊ रिंग रोड को मौजूदा एनएच-27 के साथ जोड़ा गया है। मास्टर प्लान में इन सभी परियोजनाओं को मल्टीमॉडल ट्रांजिट और लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने की योजना है, जो आपूर्ति श्रृंखला में विभिन्न परिवहन साधनों के बीच वस्तुओं के निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेंगे। मास्टर प्लान 2041 के तहत 5 ज़ोन बनाए गए हैं, जो वेयरहाउसिंग एग्लोमेरेशन, आवासीय विकास, और एक्सप्रेसवे तथा रिंग रोड जैसी आगामी अवसंरचनाओं पर आधारित हैं। इनमें लखनऊ- कानपुर हाईवे, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लखनऊ आउटर रिंग रोड और कानपुर रिंग रोड शामिल हैं, जो लखनऊ और कानपुर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर पिछले लॉजिस्टिक मुद्दों का समाधान करेंगे। मास्टर प्लान 2041 के प्रस्ताव पर विभिन्न राज्य सरकारी विभागों, जैसे यूपीईडा, यूपीडीआईसी, पंचायती राज कार्यालय, सीटीसीपी, राज्य पर्यटन विभाग, यूपीपीसीबी, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कमिश्रर-लखनऊ, और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के साथ विचार-विमर्श किया गया है। इन विभागों ने बेहतर औद्योगिक सुविधाओं, अवसंरचना विकास, और पर्यावरणीय संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही, मौजूदा चमड़ा उद्योगों के प्रभाव, नवाबगंज बर्ड सेंचुरी को पर्यटन स्थल के रूप में शामिल करने, और सडक़ों की चोड़ाई पर पुनर्विचार जैसे मुद्दों को भी उठाया गया है। सार्वजनिक सुझाव और आपत्तियाँ भी आमंत्रित की गई हैं, जिससे यह योजना और अधिक पारदर्शी और समावेशी बन सके।

स्टेट सेंट्रल रीजन है कमाल की योजना UP News

उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता ने बताया कि लखनऊ-एससीआर (स्टेट-सेंट्रल-रीजन) का विकास दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों का एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है। यह पहल न केवल निजी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि आस-पास के भीतरी इलाकों में भी महत्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव डालेगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, "एससीआर में शामिल जिलों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करके लखनऊ की भीड़भाड़ को कम किया जाएगा, जिससे बड़े शहरों की ओर युवाओं का प्रवास भी घटेगा।" इस पहल से क्षेत्र में परिवहन, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, जिससे स्थानीय कृषि और पारंपरिक उद्योगों को भी बल मिलेगा। लखनऊ और कानपुर को जोडऩे वाले हाई-स्पीड डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एकीकरण एससीआर के विकास के लिए मजबूत नींव रखेगा, और विस्तृत योजना लागू होने के बाद इस प्रगति को और भी गति मिलेगी। उत्तर प्रदेश को वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स का हब बनाने की दिशा में यूपीसीडा ने एक्स- लीडा मास्टर प्लान 2041 तैयार किया है, जो न केवल सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा। समावेशी विकास को प्रोत्साहित करते हुए प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीडा पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। UP News

आखिर खरीद ली गई मुशर्रफ की उत्तर प्रदेश वाली जमीन, हुआ खूब मुनाफा

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