Friday, 8 November 2024

Hardik Pandya:कभी नहीं होते थे खाने के पैसे,आईपीएल ऑक्शन में इनको 15 करोड़ की मिली रकम

आईपीएल ऑक्शन के दौरान गुजरात टाइटंस ने हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को 15 करोड़ देकर खरीद लिया था। जो काफी…

Hardik Pandya:कभी नहीं होते थे खाने के पैसे,आईपीएल ऑक्शन में इनको 15 करोड़ की मिली रकम

आईपीएल ऑक्शन के दौरान गुजरात टाइटंस ने हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को 15 करोड़ देकर खरीद लिया था। जो काफी भरी भरकम रकम है। हालांकि हार्दिक पंड्या का पिछले सीजन में कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा था। उनको गुजरात टीम ने खरीदा ही नहीं बल्कि गुजरात टाइटंस टीम का कप्तान भी बना दिया। इस बार के आईपीएल (IPL Auction) में 10 टीम शामिल हो रही हैं।

इससे पहले हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) ने जीवन में काफी संघर्ष किया है। उनका जीवन में काफी संघर्ष रहा है। हार्दिक एक साधारण परिवार से आते हैं, उनके पापा फाइनेंसिंग का काम कर रहे थे। 2010 में उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। खराब होती सेहत की वजह से वे नौकरी नहीं कर सके और हाल ही में उनका देहांत हो गया। उनको हार्दिक पंड्या अकसर याद कर सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हैं।

उस वक्त हार्दिक की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जिसकी वजह से उनका परिवार किराए के मकान में दिन गुज़ार रहा था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान भी बताया था कि वे केवल मैगी खाकर गुजारा कर रहे थे। उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वो भर पेट खाना खा सके।

पढ़ाई में नहीं लगता था मन

हार्दिक पंड्या पढ़ाई लिखाई में कुछ खास नहीं थे। इसकी वजह से वे 9वी क्लास में फेल भी हो गए थे। कुछ समय बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट पर ही ध्यान देना शुरू कर दिया था। उनका क्रिकेट करियर शुरू होने के बाद हार्दिक पंड्या को कई अच्छे मौके मिले जिसमे उन्होंने अपनी स्किल्स पर खूब काम किया। उनको किरण मोरे (Kiran More) ने 2013 में अपनी क्रिकेट एकेडमी में मुफ्त ट्रेनिंग भी दिया था। घरेलू क्रिकेट में हार्दिक बड़ौदा की तरफ से खेलते थे।

500 रुपए के लिए दूसरे गांव में खेलते थे क्रिकेट

हार्दिक के बड़े भाई कुणाल भी पेशे से क्रिकेटर है। और उन्होंने ने भी क्रिकेट में नाम कमाने के लिए खूब मेहनत किया। शुरुआती दिनों में हार्दिक और उनके भाई क्रुणाल 400-500 रुपये कमाने के इरादे से पास के गांव में क्रिकेट खेला करते थे। गांव का नाम ‘पालेज’ था।उन्हें हर मैच के 400-500 रुपये मिलते थे।

 

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