भारतीय खेल जगत के लिए आज का दिन गहरे दुख का दिन है। 1972 म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य और टेनिस स्टार लिएंडर पेस के पिता वेस पेस का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे वेस पेस ने कोलकाता के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन ने खेल समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है। Vece Paes Passes Away
हॉकी से रग्बी तक, खेलों में अद्भुत बहुमुखी प्रतिभा
हॉकी टीम के मिडफील्डर के रूप में ओलंपिक पदक जीतने के अलावा वेस पेस ने फुटबॉल, क्रिकेट और रग्बी जैसे खेलों में भी अपनी पहचान बनाई। भारतीय खेलों से उनका नाता सिर्फ खिलाड़ी तक सीमित नहीं था—उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में मार्गदर्शन किया।
खेल प्रशासक और चिकित्सा विशेषज्ञ
1996 से 2002 तक वेस पेस ने भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष के रूप में खेल प्रशासन की कमान संभाली। एक स्पोर्ट्स मेडिसिन डॉक्टर के रूप में उन्होंने एशियाई क्रिकेट परिषद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और भारतीय डेविस कप टीम के साथ मेडिकल कंसल्टेंट के रूप में काम किया। इसके अलावा वेस पेस दुनिया के सबसे पुराने खेल क्लबों में से एक कलकत्ता क्रिकेट एंड फुटबॉल क्लब के अध्यक्ष भी रहे। खेल प्रशासन में उनकी दूरदर्शिता और संगठनात्मक क्षमता को आज भी मिसाल माना जाता है।
खेलों में पिता-पुत्र की ऐतिहासिक उपलब्धि
वेस पेस ने पूर्व भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी और कवि माइकल मधुसूदन दत्त की परपोती जेनिफर डटन से विवाह किया। उनके बेटे लिएंडर पेस ने 1996 अटलांटा ओलंपिक में टेनिस सिंगल्स में कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। इस तरह, वेस और लिएंडर पेस भारत के इतिहास में एकमात्र पिता-पुत्र बने, जिन्होंने अलग-अलग खेलों में ओलंपिक पदक जीते। Vece Paes Passes Away