दाएं कान की लाइन पर आउट, आउट… क्या बाउंसर ने पकड़ ली अभिषेक शर्मा की नस?
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न में उन्होंने 68 रन की दमदार पारी खेली, बाकी 6 पारियों में शुरूआती पावर हिटिंग के बाद जल्दी विकेट गंवा बैठे। यानी फॉर्म, टाइमिंग और इंटेंट सब दुरुस्त, लेकिन कहीं न कहीं एक तकनीकी कमी उन्हें लंबी पारी से रोक रही है।

Abhishek Sharma : टी20 क्रिकेट में इस वक्त अगर किसी बल्लेबाज के छक्कों की सबसे ज्यादा चर्चा है, तो वो नाम है अभिषेक शर्मा। नंबर-1 टी20 बल्लेबाज के रूप में जब वो क्रीज पर उतरते हैं तो पहली ही गेंद से बॉलर पर हावी होने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनकी इसी धुआंधार बैटिंग के बीच अब एक ऐसी तकनीकी कमजोरी साफ नजर आने लगी है, जिसे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने खूब भुनाया और अब वही ‘फॉर्मूला’ साउथ अफ्रीकी पेसर भी अपनाने लगे हैं।
सात पारियां सिर्फ एक बड़ी पारी
आंकड़ों पर नजर डालें तो तस्वीर और साफ हो जाती है। पिछली 7 टी20 पारियों में अभिषेक शर्मा ने हर मैच में तेज शुरुआत तो की, लेकिन बड़ी पारी में उन्हें सिर्फ एक बार ही तब्दील कर पाए। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न में उन्होंने 68 रन की दमदार पारी खेली, बाकी 6 पारियों में शुरूआती पावर हिटिंग के बाद जल्दी विकेट गंवा बैठे। यानी फॉर्म, टाइमिंग और इंटेंट सब दुरुस्त, लेकिन कहीं न कहीं एक तकनीकी कमी उन्हें लंबी पारी से रोक रही है।
दाएं कान की ओर आती गेंद पर क्यों फंस रहे हैं अभिषेक?
पिछले कुछ मुकाबलों में एक पैटर्न बिल्कुल साफ़ दिखने लगा है – हेलमेट के आस–पास उठती शॉर्ट गेंदें अभिषेक शर्मा की रफ्तार पर सीधा ब्रेक लगा रही हैं।
ऑफ स्टंप के बाहर पिच होने वाली शॉर्ट बॉल पर वो बेखौफ कट, पुल और हुक से रन लूट लेते हैं, मानो सब कंट्रोल में हो। लेकिन जैसे ही गेंद सीधी दाएं कान की लाइन पकड़कर चढ़ती है, वहां उनका गेम अचानक लड़खड़ाता नजर आता है। शरीर को निशाना बनाती, दाएं कान की ऊंचाई के आसपास फटने वाली गेंदों पर कभी उनका फुटवर्क धीमा पड़ जाता है, कभी बैलेंस बिगड़ जाता है, तो कई बार शॉट लेट हो जाने या टाइमिंग गड़बड़ाने की वजह से गेंद सीधी फील्डर के हाथों में जा पहुंचती है। यानी, इसी एक एंगल पर आने वाली शॉर्ट गेंदें अभी अभिषेक की पूरी धुआंधार बैटिंग के बीच सबसे बड़ा सवाल बनकर खड़ी हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने खोजी साउथ अफ्रीका ने अपना ली ‘कुंजी’
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में कंगारू पेसर्स ने अभिषेक शर्मा के लिए बाकायदा ‘शिकार प्लान’ तैयार किया हुआ था। पूरी सीरीज़ के दौरान एक ही पैटर्न बार–बार दिखा बाउंसर जो सीधे हेलमेट की तरफ उठती और लगभग हर बार गेंद की ट्रैजेक्टरी दाएं कान के इर्द–गिर्द घूमती। कुछ मौकों पर अभिषेक ने इन गेंदों पर रन जरूर बटोरे, लेकिन जैसे–जैसे ओवर आगे बढ़े, यही रणनीति उनकी लय तोड़ने लगी। अब हालत ये है कि कंगारू गेंदबाज़ों का ये टेस्टेड प्लान साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाज़ भी हूबहू कॉपी कर रहे हैं और हर मैच में उन्हें उसी ‘हॉटस्पॉट’ पर परखने उतर जाते हैं।
कटक टी20 में फिर उजागर हुई पुरानी कमजोरी
कटक टी20 में भी अभिषेक शर्मा की यही कमजोरी दुश्मन टीम के लिए तैयार प्लान बनकर सामने आई। सातवें ओवर में सिपामला ने उन्हें एक सोची-समझी स्लोअर शॉर्ट गेंद थमाई। अभिषेक ने फाइन लेग की दिशा में फ्लिक तो लगाया, लेकिन शॉट पर उनका दबदबा दिखा ही नहीं। गेंद हवा में तैरती हुई गई और मार्को यानसन ने डाइव लगाकर ऐसा कैच लपका कि अभिषेक की पारी फिर से अच्छी शुरुआत के बाद बीच राह में रुक गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जो कहानी बाउंसरों से शुरू हुई थी, कटक में वह दोबारा रिप्ले हो गई – छोटी गेंद, दाएं कान के पास आती लाइन और विकेट हवा में उड़ता हुआ। यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज़ उमर गुल भी पहले ही इस तकनीकी खामी की तरफ इशारा कर चुके हैं। उनके मुताबिक – अभिषेक बल्ले को काफ़ी ऊपर से पकड़ते हैं, लॉन्ग हैंडल ग्रिप की वजह से उनका बैलेंस शॉर्ट बॉल पर थोड़ा गड़बड़ा जाता है,खासकर जब गेंद सीधे दाएं कान की तरफ उठती है, तो उनके शॉट पर कंट्रोल ढीला पड़ जाता है। अब हालात ये हैं कि दुनिया भर के तेज गेंदबाज उमर गुल की इसी ऑब्ज़र्वेशन को ताकतवर हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं और अभिषेक शर्मा की परीक्षा लगातार बाउंसरों से ले रहे हैं। Abhishek Sharma
Abhishek Sharma : टी20 क्रिकेट में इस वक्त अगर किसी बल्लेबाज के छक्कों की सबसे ज्यादा चर्चा है, तो वो नाम है अभिषेक शर्मा। नंबर-1 टी20 बल्लेबाज के रूप में जब वो क्रीज पर उतरते हैं तो पहली ही गेंद से बॉलर पर हावी होने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनकी इसी धुआंधार बैटिंग के बीच अब एक ऐसी तकनीकी कमजोरी साफ नजर आने लगी है, जिसे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने खूब भुनाया और अब वही ‘फॉर्मूला’ साउथ अफ्रीकी पेसर भी अपनाने लगे हैं।
सात पारियां सिर्फ एक बड़ी पारी
आंकड़ों पर नजर डालें तो तस्वीर और साफ हो जाती है। पिछली 7 टी20 पारियों में अभिषेक शर्मा ने हर मैच में तेज शुरुआत तो की, लेकिन बड़ी पारी में उन्हें सिर्फ एक बार ही तब्दील कर पाए। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मेलबर्न में उन्होंने 68 रन की दमदार पारी खेली, बाकी 6 पारियों में शुरूआती पावर हिटिंग के बाद जल्दी विकेट गंवा बैठे। यानी फॉर्म, टाइमिंग और इंटेंट सब दुरुस्त, लेकिन कहीं न कहीं एक तकनीकी कमी उन्हें लंबी पारी से रोक रही है।
दाएं कान की ओर आती गेंद पर क्यों फंस रहे हैं अभिषेक?
पिछले कुछ मुकाबलों में एक पैटर्न बिल्कुल साफ़ दिखने लगा है – हेलमेट के आस–पास उठती शॉर्ट गेंदें अभिषेक शर्मा की रफ्तार पर सीधा ब्रेक लगा रही हैं।
ऑफ स्टंप के बाहर पिच होने वाली शॉर्ट बॉल पर वो बेखौफ कट, पुल और हुक से रन लूट लेते हैं, मानो सब कंट्रोल में हो। लेकिन जैसे ही गेंद सीधी दाएं कान की लाइन पकड़कर चढ़ती है, वहां उनका गेम अचानक लड़खड़ाता नजर आता है। शरीर को निशाना बनाती, दाएं कान की ऊंचाई के आसपास फटने वाली गेंदों पर कभी उनका फुटवर्क धीमा पड़ जाता है, कभी बैलेंस बिगड़ जाता है, तो कई बार शॉट लेट हो जाने या टाइमिंग गड़बड़ाने की वजह से गेंद सीधी फील्डर के हाथों में जा पहुंचती है। यानी, इसी एक एंगल पर आने वाली शॉर्ट गेंदें अभी अभिषेक की पूरी धुआंधार बैटिंग के बीच सबसे बड़ा सवाल बनकर खड़ी हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने खोजी साउथ अफ्रीका ने अपना ली ‘कुंजी’
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में कंगारू पेसर्स ने अभिषेक शर्मा के लिए बाकायदा ‘शिकार प्लान’ तैयार किया हुआ था। पूरी सीरीज़ के दौरान एक ही पैटर्न बार–बार दिखा बाउंसर जो सीधे हेलमेट की तरफ उठती और लगभग हर बार गेंद की ट्रैजेक्टरी दाएं कान के इर्द–गिर्द घूमती। कुछ मौकों पर अभिषेक ने इन गेंदों पर रन जरूर बटोरे, लेकिन जैसे–जैसे ओवर आगे बढ़े, यही रणनीति उनकी लय तोड़ने लगी। अब हालत ये है कि कंगारू गेंदबाज़ों का ये टेस्टेड प्लान साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाज़ भी हूबहू कॉपी कर रहे हैं और हर मैच में उन्हें उसी ‘हॉटस्पॉट’ पर परखने उतर जाते हैं।
कटक टी20 में फिर उजागर हुई पुरानी कमजोरी
कटक टी20 में भी अभिषेक शर्मा की यही कमजोरी दुश्मन टीम के लिए तैयार प्लान बनकर सामने आई। सातवें ओवर में सिपामला ने उन्हें एक सोची-समझी स्लोअर शॉर्ट गेंद थमाई। अभिषेक ने फाइन लेग की दिशा में फ्लिक तो लगाया, लेकिन शॉट पर उनका दबदबा दिखा ही नहीं। गेंद हवा में तैरती हुई गई और मार्को यानसन ने डाइव लगाकर ऐसा कैच लपका कि अभिषेक की पारी फिर से अच्छी शुरुआत के बाद बीच राह में रुक गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जो कहानी बाउंसरों से शुरू हुई थी, कटक में वह दोबारा रिप्ले हो गई – छोटी गेंद, दाएं कान के पास आती लाइन और विकेट हवा में उड़ता हुआ। यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज़ उमर गुल भी पहले ही इस तकनीकी खामी की तरफ इशारा कर चुके हैं। उनके मुताबिक – अभिषेक बल्ले को काफ़ी ऊपर से पकड़ते हैं, लॉन्ग हैंडल ग्रिप की वजह से उनका बैलेंस शॉर्ट बॉल पर थोड़ा गड़बड़ा जाता है,खासकर जब गेंद सीधे दाएं कान की तरफ उठती है, तो उनके शॉट पर कंट्रोल ढीला पड़ जाता है। अब हालात ये हैं कि दुनिया भर के तेज गेंदबाज उमर गुल की इसी ऑब्ज़र्वेशन को ताकतवर हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं और अभिषेक शर्मा की परीक्षा लगातार बाउंसरों से ले रहे हैं। Abhishek Sharma












