Pashmina Shawl : अतीत बन सकता है विश्व प्रसिद्ध पश्मीना शॉल

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Past can become world famous Pashmina Shawl
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Feb 2023 05:02 PM
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श्रीनगर। सरकार ने अगर घाटी की पश्मीना शॉल बुनाई की विधा को जीवित रखने के​ लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया तो विश्व प्रसिद्ध यह कला अतीत बन सकती है। कम मजदूरी के कारण निकट भविष्य में विश्व प्रसिद्ध कानी पश्मीना शॉल बुनने वाले कारीगरों का अभाव हो सकता है। कई कारीगर अपने बच्चों को शिल्प की इस विधा से दूर रखने का निर्णय कर रहे हैं।

Pashmina Shawl

कश्मीरी ऊन से बनी कानी शॉल को स्थानीय रूप से पश्मीना शॉल के रूप में जाना जाता है। इसकी कताई लकड़ी की सुइयों का उपयोग करके हथकरघे पर की जाती है। एक कानी शॉल को पूरा होने में तीन महीने से लेकर तीन साल तक का समय लग सकता है, जो उसकी डिजाइन की जटिलता और गहनता पर निर्भर करता है।

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कारीगर अर्शीद अहमद ने बताया कि हम कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दो दशक पहले हमें एक शॉल के बदले 60 हजार रुपये मिल जाया करते थे, लेकिन अब यह रकम घटकर प्रति शॉल 25 हजार रुपये रह गई है। मेरे जैसे कारीगरों को औसत रूप से बेहद मामूली रकम मिल रही है। हम प्रतिदिन 200 से 300 रुपये कमाते हैं। हालांकि, कश्मीर में अकुशल श्रमिकों की प्रतिदिन की कमाई 650 रुपये है। कारीगर जब देखते हैं कि सेलेब्रिटी उनके कठिन कार्य का प्रदर्शन कैमरों के सामने कर रहे हैं, तो उनके बीच नाराजगी का पनपना कोई असामान्य बात नहीं है, क्योंकि वे इस शॉल को मामूली मजदूरी पर बनाने के लिए मजबूर हैं।

Pashmina Shawl

एक अन्य कारीगर जहूर अहमद कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन और अभिनेता शाहरुख खान समेत अन्य मशहूर हस्तियां इस शॉल का उपयोग करती हैं। दो कारीगर लगातार काम करके एक शॉल को दो महीने में बनाते हैं। उन्हें इसके बदले 40 हजार रुपये मिलते हैं। जहूर ने कहा कि कानी शॉल बनाने में बहुत से लोग शामिल थे, लेकिन अब कम मजदूरी के कारण केवल कुछ ही कामगार रह गये हैं। जहूर और अर्शीद, दोनों ही नहीं चाहते कि उनके बच्चे गुजर-बसर के लिए कानी शॉल की बुनाई करें।

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एक हथकरघा के मालिक मुस्ताक ने कानी शॉल की गिरती मांग पर अलग राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कश्मीर में 50,000 हथकरघे हैं, जबकि इसके पहले इनकी संख्या केवल 5000 थी। ऐसे में आप कानी शॉल की मांग का अंदाजा लगा सकते हैं। अहमद ने कहा कि शॉल की कीमत और कारीगर की मजदूरी डिजाइन के आधार पर तय होती है। हस्तशिल्प विभाग के निदेशक महमूद शाह ने कहा कि भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग की शुरुआत के साथ कारीगरों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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G-20 : अनिश्चितताओं से घिरी वैश्विक अर्थव्यवस्था : शक्तिकांत दास

Shaktikant
Global economy surrounded by uncertainties: Shaktikanta Das
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:33 AM
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बेंगलुरु। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चितताओं से घिरी है। उन्होंने जी20 देशों से वित्तीय स्थिरता के प्रति उत्पन्न होने वाले खतरों और ऋण संकट जैसी वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों का दृढ़ता से समाधान करने का आह्वान किया।

G-20

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जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की शुक्रवार को बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए परिदृश्य हाल के महीनों में बेहतर हुआ है। अब अधिक आशा है कि दुनिया एक गहरी मंदी से बच सकती है। उसे केवल धीमी वृद्धि या नरम मंदी का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी हमारे सामने अनिश्चितताएं हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें अपने सामने मौजूद चुनौतियों का मिलकर और दृढ़ता से सामना करना होगा। इन चुनौतियों में कुछ मध्यम अवधि से लेकर लंबे समय तक टिकने वाली हैं, जिनमें वित्त स्थिरता के लिए जोखिम, कर्ज संकट, जलवायु वित्त, वैश्विक व्यापार में आए व्यवधान और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं पर दबाव पड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि हमें व्यापक वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत, टिकाऊ, संतुलित तथा समावेशी वृद्धि के मार्ग पर बढ़ाना होगा।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्घाटन सत्र में कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी20 में जो संवाद होगा, वह सबसे कठिन वैश्विक चुनौतियों के लिए पूर्ण समाधानों की तलाश पर केंद्रित होगा। सीतारमण ने कहा कि जी20 अपने सदस्यों की पूरक ताकतों का फायदा उठाकर दुनियाभर के लोगों की जिंदगियों को बदल सकता है, जिसमें देश विशेष की जरूरतों और परिस्थितियों का भी खयाल रखा जाएगा। यह नए विचारों का पोषण कर सकता है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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G-20 : वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों की मजबूती जरूरी : मोदी

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Strengthening of multilateral development banks is necessary to deal with global challenges: Modi
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 08:09 PM
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बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों विशेषकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शुक्रवार को बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

G-20

वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की जी20 बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए स्थिरता, भरोसा और वृद्धि प्रदान करना समूह के लिए बहुत अधिक आवश्यक है। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत पहला महत्वपूर्ण कार्यक्रम वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की यह बैठक है।

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मोदी ने कहा कि वैश्विक वित्त एवं अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व आप ऐसे समय कर रहे हैं, जब दुनिया गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना कर रही है। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को जो झटका दिया है, वह एक सदी में एक बार होने वाला घटनाक्रम है। इसके बाद के प्रभावों से अनेक देश, विशेषकर विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अब भी उबर नहीं पाई हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की जनसंख्या आठ अरब को पार कर चुकी है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि सतत विकास लक्ष्यों को लेकर प्रगति धीमी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ऋण के उच्च स्तरों जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने की खातिर हमें बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करना होगा और इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मोदी ने यह भी कहा कि भविष्य को लेकर भारत के उपभोक्ता तथा उत्पादक आश्वस्त एवं आशावादी हैं। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप समान सकारात्मक भावना को वैश्विक अर्थव्यवस्था तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।