राजेश बिंदल को बनाया गया इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायधीश

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calendar02 Dec 2025 01:40 AM
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प्रयागराज:राजेश बिंदल को इलाहाबाद हाई कोर्ट के नए चीफ जस्टिस के रुप नियुक्त किया गया है । न्यायलय में 26 जून 2021 से जस्टिस एमएन भंडारी इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस का कार्य संभाले हुए हैं। जस्टिस राजेश बिंदल इससे पहले जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्य कर रहे थे।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पूरी की कानून की पढ़ाई

जस्टिस राजेश बिंदल का जन्म 16 अप्रैल 1960 को हरियाणा के अंबाला शहर में के एक साधारण परिवार में हुआ था। जस्टिस राजेश बिंदल ने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। उन्होंने एक अधिवक्ता के रूप में करियर का आगाज़ सितंबर 1985 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से किया।

साल 2004 से करीब एक दशक तक केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में चंडीगढ़ प्रशासन का कामकाज देख रहे थे। पंजाब और हरियाणा में लगभग 80 हजार मामलों के निस्तारण का भला भांति जानने वाले जस्टिस राजेश बिंदल 1992 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में शामिल किए गए। उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मामले भी पंजाब और हरियाणा क्षेत्रों का देखने का अवसर मिल चुका है।

उन्होंने सतलुज यमुना जल से संबंधित विवाद के निपटारे को लेकर पंजाब राज्य के साथ एराडी ट्रिब्यूनल के समक्ष और सर्वोच्च न्यायालय में हरियाणा का पक्ष रखा था जिसको क्षेत्रीय लोग हमेशा याद करते हैं। इसके अलावा हरियाणा उच्च न्यायालय में आयकर विभाग हरियाणा का भी मुकदमा देख रहे थे।

2006 में बनाया गया पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का जस्टिस

जस्टिस राजेश बिंदल 22 मार्च 2006 को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जस्टिस कार्यभार संभाल रहे थे। साल 2016 में हुए मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन में इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मसौदा नियम तैयार करने हेतू जो समिति गठित की गई थी उसके अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

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शिवांगी जोशी और मोहसिन खान को बिग बाॅस से आया ऑफ़र, शो में आने के मिलेंगे 4 करोड़ रुपये

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calendar18 Sep 2021 03:56 PM
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मुंबई:स्टार प्लस का पॉपुलर शो 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' जल्द ही बन्द हो सकता है। हालांकि इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। टीवी सीरियल की मशहूर एक्टर्स शिवांगी जोशी और मोहसिन खान को ये जानकारी साझा होने के बाद कई ऑफ़र मिल रहे हैं। देश के जाने माने रियलिटी शो 'बिग बॉस' 15 में शिवांगी और मोहसिन दोनों को इस शो में आने के लिए बड़ा अमाउंट ऑफ़र किया गया है लेकिन इन दोनों ने अभी तक आफर को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है।

हाल ही में स्पॉटबॉय ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दिया कि 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' के फेम एक्टर मोहसिन खान और शिवांगी को बिग बॉस द्वारा ऑफ़र दिया गया है। दोनों ने कम उम्र में काफी नाम कमाया है और उनके काफी ज्यादा फैन हैं जिसके चलते मेकर्स ने दोनों को साइन करने का मन बना लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों को 4 करोड़ रुपए ऑफर हुए हैं जो शो के लिए काफी बड़ा अमाउंट है।

फिलहाल मेकर्स और मोहसिन-शिवांगी के बीच चर्चा चल रही है। 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' शो के इसी महीने बन्द होने की संभावना है। बिग बॉस सीजन 15 संभावित रुप से अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू होने जा रहा है। शो में हिस्सा लेने वाले सभी एक्टर्स को कोविड 19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए क्वारंटीन किया जाएगा जिसके चलते कोविड 19 का खतरा टल सके।

शो में करण कुंद्रा, रोनित रॉय, डोनल बिष्ट, अमित टंडन, अविका गौर,अफसाना खान, नेहा मारदा, सिंबा नागपाल, निधी भानुषाली, बरखा बिष्ट, मीरा देओस्थले, साहिल उप्पल जैसे कई सेलेब्स को इस सीजन में शामिल करने की घोषणा हुई है।

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Shradh 2021 : क्यों करवाते हैं पितृ पक्ष में कौओं को भोजन ?

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calendar18 Sep 2021 02:50 PM
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हिंदू धर्म में पितृपक्ष का काफी महत्व होता है, इस साल पितृपक्ष 20 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, इसके साथ ही इस दिन कौवों को भी भोजन कराया जाता है। इस दिन कौवों को भोजन कराना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना जरूरी माना जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे पितरों का श्राप लगता है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने के बाद जितना जरूरी भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराना होता है, उतना ही जरूरी कौवों को भोजन कराना होता है। माना जाता है कि कौवे इस समय में हमारे पित्तरों का रूप धारण करके पृथ्वीं पर उपस्थित रहते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है जो कि इस प्रकार है:- इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौवे का रूप धारण किया था, यह कथा त्रेतायुग की है। जब भगवान श्रीराम ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारा थी। तब भगवान श्रीराम ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी। जब उसने अपने किए की माफी मांगी, तब राम ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा, तभी से श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौवों को ही पहले भोजन कराया जाता है। इसी कारण कौवों को न तो मारा जाता है और न हीं किसी भी रूप से सताया जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे पितरों के श्राप के साथ- साथ अन्य देवी देवताओं के क्रोध का भी सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की कोई सुख और शांति प्राप्ति नहीं होती है।

पितर पक्ष के समय पंच बली जरूर निकाले 1. चींटी, 2. गाय, 3.कौआ, 4. कुत्ता, 5. देवादि बलि यह जरूर करनी चाहिए।

कौवे से जुड़े शकुन और अपशकुन का रहस्य? प्राचीन समय के ऋषियों मुनियों ने अपने शोध में बताया था कि प्रत्येक जानवर के विचित्र व्यवहार एवं हरकतों का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य होता है। जानवरों के संबंध में अनेकों बातें हमारे पुराणों एवं ग्रंथों में भी विस्तार से बताई गई है।

कौआ प्रजाति का रहस्य कौए के संबंध में पुराणों बहुत ही विचित्र बाते बताई गई है। मान्यता है की कौआ अतिथि आगमन का सूचक एवं पितरों का आश्रय स्थल माना जाता है। हमारे धर्म ग्रन्थ की एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने देवताओ और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत का रस चख लिया था। यही कारण है की कौए की कभी भी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती। यह पक्षी कभी किसी बिमारी अथवा अपने वृद्धा अवस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त नहीं होता। इसकी मृत्यु आकस्मिक रूप से होती है।

यह बहुत ही रोचक है कि जिस दिन कौए की मृत्यु होती है उस दिन उसका साथी भोजन ग्रहण नहीं करता। यदि आपने कभी यह सोचा हो तो यह बात गौर देने वाली है कि कौआ कभी भी अकेले में भोजन ग्रहण नहीं करता। यह पक्षी किसी साथी के साथ मिलकर ही भोजन करता है। कौआ की लम्बाई करीब 20 इंच होती है, तथा यह गहरे काले रंग का पक्षी है. जिनमें नर और मादा दोनों एक समान ही दिखाई देते है। यह बगैर थके मिलों उड़ सकता है। कौए के बारे में पुराण में बताया गया है कि भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास इसे पूर्व ही हो जाता है। पितरों का आश्रय स्थल श्राद्ध पक्ष में कौए का महत्व बहुत ही अधिक माना गया है। इस पक्ष में यदि कोई भी व्यक्ति कौआ को भोजन कराता है तो यह भोजन कौआ के माध्यम से उसके पितर ग्रहण करते है। शास्त्रों में यह बात स्पष्ट बताई गई है कि कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में विचरण कर सकती है। भादो माह के 16 दिन कौआ हर घर की छत का मेहमान बनता है। ये 16 दिन श्राद्ध पक्ष के दिन माने जाते हैं। कौए एवं पीपल को पितृ प्रतीक माना जाता है। इन दिनों कौए को खाना खिलाकर एवं पीपल को पानी पिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है।

कौवे से जुड़े शकुन और अपशकुन 1 . यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हो कौआ को भोजन करना चाहिए। 2 . यदि आपके मुंडेर पर कोई कौआ बोले तो मेहमान अवश्य आते है। 3 . यदि कौआ घर की उत्तर दिशा से बोले तो समझे जल्द ही आप पर लक्ष्मी की कृपा होने वाली है। 4 . पश्चिम दिशा से बोले तो घर में मेहमान आते है। 5 . पूर्व में बोले तो शुभ समाचार आता है। 6 . दक्षिण दिशा से बोले तो बुरा समाचार आता है। 7 . कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है।

श्री ज्योतिष सेवा संस्थान भीलवाड़ा (राजस्थान)